ब्रोकर फीस

इसके अलावा ग्रो में कोई भी अकाउंट ओपनिंग फीस नहीं है। यहां पर डीमैट खाता खोलना बिल्कुल फ्री है। और ग्रो में डिमैट अकाउंट खोल कर आप केवल ₹500 महीना से भी SIP के माध्यम से निवेश शुरू कर सकते हैं। यानी आप ₹500 महीना से भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं। ग्रो अन्य डिस्काउंट ब्रोकर की तरह AMC चार्जेस भी नहीं लेता है। यानी ग्रो सालाना ब्रोकर फीस रखरखाव की फीस भी नहीं लेता है।
तीसरा बाजार
” ओवर-द-काउंटर ” शब्द आमतौर पर प्रतिभूतियों के व्यापार को संदर्भित करता है जो व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों जैसे कि न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) में सूचीबद्ध नहीं हैं । इन प्रतिभूतियों का व्यापार ब्रोकर-डीलर नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है, क्योंकि प्रतिभूतियां एक केंद्रीकृत विनिमय की लिस्टिंग आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती हैं। तीसरे बाजार के मामले में, प्रतिभूतियां विनिमय-सूचीबद्ध हैं, लेकिन वे विनिमय के माध्यम से कारोबार नहीं कर रहे हैं।
चाबी छीन लेना
- एक तीसरे बाजार के साथ, एक्सचेंज-लिस्टेड प्रतिभूतियों को ब्रोकर-डीलरों और संस्थागत निवेशकों के एक नेटवर्क के माध्यम से एक केंद्रीकृत एक्सचेंज के बाहर काम करने वाले निवेशकों द्वारा कारोबार किया जाता है।
- संस्थागत निवेशक, जैसे निवेश फर्म और पेंशन योजना, तीसरे बाजार में भाग लेते हैं, जैसा कि ओवर-द-काउंटर बाजारों में व्यापारी करते हैं।
- ओवर-द-काउंटर बाजारों के साथ, पारंपरिक एक्सचेंजों ब्रोकर फीस पर सूचीबद्ध होने के लिए योग्य प्रतिभूतियों को ब्रोकर-डीलरों के नेटवर्क के माध्यम से खरीदा और बेचा नहीं जाता है।
- सिक्योरिटीज को अक्सर तीसरे बाजार में कम कीमतों पर खरीदा जा सकता है क्योंकि कोई ब्रोकर फीस नहीं है।
तीसरा बाजार कैसे काम करता है
वित्तीय बाजारों के बारे में समाचार सुनते समय, अधिकांश निवेशकों ने प्राथमिक और द्वितीयक बाजारों के बारे में सुना है, लेकिन एक तीसरा बाजार भी है। प्राथमिक बाजार इस तरह के एक के रूप में नई प्रतिभूतियों, जारी करने का वर्णन करता आईपीओ या आरंभिक सार्वजनिक पेशकश ब्रोकर फीस के लिए एक नया स्टॉक या सुरक्षा की। माध्यमिक बाजार पारंपरिक रूप से जहां शेयर और प्रतिभूतियों कारोबार कर रहे हैं, जो बाजार अधिकांश निवेशकों से परिचित हैं और उनके लेनदेन को अंजाम है।
तीसरा बाजार एक बाज़ार या स्थल है जिसमें ब्रोकर और संस्थागत निवेशक, जैसे कि फंड मैनेजर, प्रतिभूतियों का व्यापार कर सकते हैं जो एक्सचेंज-सूचीबद्ध हैं और आमतौर पर एनवाईएसई जैसे औपचारिक एक्सचेंज में कारोबार किया जाता है। जब इन विनिमय-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों और शेयरों को तीसरे बाजार में कारोबार किया जाता है, तो निवेशक द्वितीयक बाजार और एक्सचेंजों को बायपास करते हैं।
तीसरा मार्केट मेकर्स
तीसरे-बाजार निर्माता वित्तीय बाजारों में तरलता जोड़ते हैं ताकि खरीद या बिक्री के आदेशों को सुविधाजनक बना सकें, भले ही लेनदेन के दूसरे पक्ष के लिए कोई खरीदार या विक्रेता तुरंत उपलब्ध न हो। तीसरे-बाजार निर्माता कम और उच्च बिक्री करके बिचौलियों के रूप में अपनी भूमिकाओं से ब्रोकर फीस लाभ कमाते हैं। वे दलालों के लिए ट्रेडों को एक्सचेंजों पर भी रखते हैं, जो ब्रोकर सदस्य नहीं हैं।
एक तीसरा-बाज़ार निर्माता एक खरीदार के रूप में कार्य कर सकता है जब कोई निवेशक बेचना चाहता है लेकिन सिर्फ एक अनुकूल कीमत पर एक सुरक्षा खरीदने और दूसरे निवेशक को अधिक कीमत पर बेचने से एक छोटा, अल्पकालिक लाभ कमाना चाहता है। तीसरे-बाजार निर्माता कभी-कभी दलालों को अपने तरीके से सीधे आदेश देने के लिए प्रति शेयर एक या दो प्रतिशत की मामूली फीस देते हैं। कभी-कभी दलाल और तीसरे-बाजार निर्माता एक समान होते हैं।
How to open Groww Demat Account ग्रो डिमैट अकाउंट केसे बनाएं।
2016 में ग्रो के आने के बाद भारत में म्युचुअल फंड निवेश में एक क्रांति सी आई है। क्योंकि ग्रो (Groww) ने म्युचुअल फंड में निवेश बहुत ही ज्यादा आसान और सस्ता कर दिया है। अगर आप केवल म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो ग्रो आप की सबसे पहली पसंद होगी। क्योंकि ग्रो ही पहला ऐसा डिस्काउंट ब्रोकर था,जिसने (Direct Mutual funds) डायरेक्ट म्युचुअल फंड में निवेश की शुरुआत की थी। जिससे हम म्यूच्यूअल फंड पर लगने वाली फीस बचा सकते हैं। आज मार्केट में चाहे और भी डिस्काउंट ब्रोकर आ गए हैं। जो डायरेक्ट म्युचुअल फंड में निवेश करवाते हैं। लेकिन ग्रो में जो आपके पुराने रेगुलर म्यूच्यूअल फंड है। उन्हें भी आप डायरेक्ट में बदल सकते हैं। ग्रो के द्वारा उन्हें भी आप रेगुलर से डायरेक्ट म्युचुअल फंड में बदल सकते हैं। ग्रो ने म्यूचुअल फंडों में निवेश की शुरुआत की थी। लेकिन 2020 में इन्होंने इक्विटी में निवेश की शुरुआत कर दी। आज हम ग्रो के द्वारा डायरेक्ट म्युचुअल फंड के अलावा शेयर मार्केट में भी निवेश कर सकते है। हम ग्रो से विदेशी शेयरों में भी बिना कस्टम और एक्साइज Custom and excise duty के विदेशी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं।
Groww Demat Account Open करने के लिए जरूरी document
1. Aadhar card आधार कार्ड
2. Pan card पैन कार्ड
3. Passport size photo एक पासपोर्ट साइज फोटो
4. Bank Account Number बैंक अकाउंट नंबर
5. Cancel Check रद्द किया हुआ चेक
6. Signature on plane paper साफ पेपर पर हस्ताक्षर।
Best Demat account for mutual fund investing म्यूचुअल ब्रोकर फीस फंड में निवेश करने के लिए ग्रो सबसे अच्छा डिमैट अकाउंट है।
ग्रो जब से मार्केट में आया है म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की सबसे पहली पसंद है क्योंकि ग्रो पहला डिस्काउंट ब्रोकर था, जिसने Direct Mutual fund डायरेक्ट म्युचुअल फंड में निवेश की शुरुआत की थी। आज भले ही और भी डिस्काउंट ब्रोकर आ गए हैं। लेकिन ग्रो Groww 30 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर के साथ भारत का सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर है म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए। और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए ग्रो कोई फीस भी चार्ज नहीं करता है। इसके अलावा म्यूचुअल फंड चेक करने के लिए और दूसरे म्युचुअल फंड से कंपेयर करने के लिए भी इनका प्लेटफार्म बहुत ही अच्छी सुविधा देता है। इसके अलावा पहले से किसी दूसरे डिमैट अकाउंट में चल रहे आपके रेगुलर म्यूच्यूअल फंड निवेश को भी डायरेक्ट में बदल सकते हैं। और उस पर लग रही फीस को भी बचा सकते हैं।
डिलीवरी में ट्रेडिंग करने की फीस:
- डिलीवरी में शेयर लेने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि ज्यादातर स्टॉक ब्रोकर डिलीवरी के लिए ब्रोकरेज फीस नहीं लेते है। जिसका मतलब है कि आपको शेयर खरीदने और बेचने के लिए किसी भी तरह की ब्रोकरेज नहीं देनी पड़ती है।
- डिलीवरी ट्रेडिंग में सबसे पहला शुल्क जीएसटी का लगता है और जीएसटी का शुल्क ब्रोकर के साथ ट्रांजैक्शन करते वक्त भी देना होता है।
- डिलीवरी के लिए एसटीटी और सीटीटी का शुल्क भी लगता है।
- ट्रांजैक्शन चार्जेस भी लगते हैं।
- 1899 में भारत Stamp Act द्वारा स्टैंप ड्यूटी के नाम का शुल्क भी लगाया गया है।
- डिलीवरी में आमतौर पर SEBI द्वारा भी शुल्क लगाया जाता है।
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक को ब्रोकर द्वारा एक मार्जिन भी दिया जाता है। जिसमें कि वह कम ब्याज दर पर शेयर खरीद सकता है। ब्रोकर निवेशक को इस तरह का ब्रोकर फीस मार्जिन बताता है जिसमें कि ब्याज दर बहुत ही कम होता है या फिर ना के बराबर ही ब्रोकर फीस होता है ताकि निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग में लंबे समय तक बना रहे।
- नए निवेशकों को हमेशा मार्जिन ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए क्योंकि इसमें जोखिम होता है। उदाहरण के तौर पर चाहे आपको लाभ हो या हानि हो आपका स्टॉक ब्रोकर आपसे जो भी बनता ब्याज होगा वह जरूर लेगा।
डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकसान
- हर ब्रोकर फीस एक निवेशक को डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए एडवांस में पैसा देना होता है और इसके साथ ही अगर आपके पास उचित मात्रा में धन है तो ही आप डिलीवरी में स्टॉक का ट्रेड कर सकते हैं।
- इसमें निवेशक को धैर्य रखकर लंबे समय का निवेश करना होता है।
- इसमें स्टॉक मार्केट क्रैश का रिस्क भी बना रहता है।
- लंबे समय तक निवेश करने से अच्छे रिटर्न आने की गारंटी नहीं होती है।
हम इस बात की आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा ऊपर दी गई जानकारी में डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है और उसमें कैसे निवेश करना चाहिए इसकी जानकारी अच्छे से मिल गई होगी। आपको इतनी जानकारी तो हो गई होगी की डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले आपको इसकी अच्छी तरह से रिसर्च करनी जरूरी है। और यह एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस है और इसमें निवेश करने के लिए आपको धैर्य रखना आवश्यक होता है। इसमें आपके पास पर्याप्त मात्रा में धन होना भी जरूरी है तभी आप डिलीवरी ट्रेनिंग में निवेश कर सकेंगे। इन बातों के साथ-साथ यह बात तय है कि डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको आगे जाकर बहुत ही मुनाफा और अपने आमदनी में वृद्धि देखने को मिलती है।
मार्जिन क्या है?- Margin Rules?
शेयर बाजार में, मार्जिन ट्रेडिंग ( Margin Trading) उस प्रक्रिया को कहते है जिससे व्यक्तिगत निवेशक अधिक से अधिक स्टॉक खरीद सकते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग को भी दर्शाता है और विभिन्न स्टॉक में ब्रोकर के द्वारा इस सेवा को प्रदान करते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग ( Margin Trading) में एक ही सत्र में प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री शामिल है। समय के साथ, विभिन्न ब्रोकरेज ने समय की अवधि के दृष्टिकोण को शिथिल कर दिया है। प्रक्रिया को एक विशेष सत्र में स्टॉक आंदोलन को सट्टा या अनुमान लगाने के लिए एक निवेशक की आवश्यकता होती है। मार्जिन ट्रेडिंग एक तेज़मुनाफा बनाने का एक आसान तरीका है। इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंजों के आगमन के साथ, एक बार विशेष क्षेत्र अब छोटे व्यापारियों के लिए भी सुलभ है।
कोरोना के बाद दलाली का रेट हुआ डबल
कोरोना काल में कई धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए, तो अनलॉक में कारोबारियों ने मुनाफे का अनुपात बढ़ा दिया। इसे देखते हुए दलाली का धंधे को जो धक्का लगा, उसकी भरपाई के लिए अब दलालों ने 'ऊपरी फीस' बढ़ा दी है। आलम यह है कि लाइसेंस बनवाने की दलाली का रेट रिवाइज होकर दोगुना हो चुका है। लॉकडाउन से पहले दलालों का रेट 3500 से 4000 रुपए था, लेकिन इन दिनों ये लोग 7000 से 8500 रुपए तक चार्ज कर रहे हैं। दलाल काम जल्दी कराने और बिना टेस्ट व बगैर किसी सरकारी झमेले में पडे़ लाइसेंस ब्रोकर फीस ब्रोकर फीस दिलवाने का दावा कर रहे हैं। आम नागरिक दलाल की बातों में पड़कर ज्यादा पैसे देने को तैयार हो जाते हैं।
हर व्यक्ति की जरुरत है डीएल
डीटीओ ऑफिस से सरोकार चाय बेचने वाले से कंपनी के मालिक तक और सरकारी एवं प्राइवेट संस्थान में काम करने वाले हर व्यक्ति का होता है। क्योंकि रोड पर गाड़ी चलाने के लिए हर नागरिक को लाइसेंस की आवश्यकता होती है। लेकिन लाइसेंस बनवाना आसान नहीं है। यहां के कर्मचारियों ने ही लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को जटिल कर रखा है। आम आदमी लाइसेंस बनवाने डीटीओ ऑफिस आता है। लेकिन वहां उसकी मुलाकात सरकारी कर्मचारी से नहीं, बल्कि ब्रोकर से होती है। इसके बाद शुरू होता झांसे में लेने का खेल। 'दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट' के पास लगातार ऐसी शिकायत पहुंच रही थी। जिसकी पड़ताल करने जब रिपोर्टर डीटीओ ऑफिस पहुंचा, तो उसकी भी मुलाकात ब्रोकर से हुई। ब्रोकर ने लाइसेंस बनवाने के लिए 8500 रुपए देने को कहा। ब्रोकर ने कहा कि सभी चीज का रेट बढ़ गया है। अब 8500 रुपए लगेंगे। बहुत होगा तो 500 रुपए कम हो जाएगा, लेकिन इससे कम नहीं होगा।