विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़

मुंबई के ठाणे से शुरू हुआ व्यापार:- मुंबई के ठाणे से शुरू हुआ बिसलेरी वाटर प्लांट भले ही देसी हो लेकिन बिसलेरी नाम और कंपनी पूरी तरह विदेशी थी, और तो और ये कंपनी पानी बेचती भी नहीं थी। ये बेचती थी मलेरिया की दवा और इस मलेरिया की दवा बेचने वाली बिसलेरी कंपनी के संस्थापक थे एक इटैलियन बिज़नेसमैन। जिनका नाम था फेलिस बिसलेरी। फेलिस बिसलेरी के एक फैमिली डॉक्टर हुआ विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ करते थे जिनका नाम था डॉक्टर रोजिज। रोजिज पेशे से तो डॉक्टर थे लेकिन दिमाग उनका पूरा बिजनेसमैन वाला था। कुछ अलग करने की सनक उनमें शुरू से थी, ये साल 1921 था जब बिसलेरी के मालिक फेलिस बिसलेरी इस दुनिया को अलविदा कह गए, उनके पीछे छूट गई बिसलेरी कंपनी को नए मालिक के रूप में मिले डॉक्टर रोजिज।
Sri Lanka में मंहगाई की मार, दिवालिया होने की कगार पर
Sri Lanka दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है. Sri Lanka में इस समय रोजाना खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है. यहां एक महीने में खाने पीने की चीजें 15 फीसदी तक महंगी हो गई है. 100 ग्राम मिर्च की कीमत बढ़कर 71 रूपए हो गई है यानी अब एक किलो मिर्च 700 रूपए से भी अधिक कीमत पर बिक रही है. महीने भर में मिर्च की कीमत में 250 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
सब्जियों के दाम बढ़ जाने से आम आदमियों के जीवन पर काफी बड़ा असर पड़ा है. लगभग 2.विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ 2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका इस समय अपने इतिहास की सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. नवंबर के अंत तक इसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 1.6 बिलियन डॉलर तक गिर गया, जो केवल कुछ हफ्तों के आयात के लिए भुगतान करने के लिए ही पर्याप्त था.
देश विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ पर बड़ी आर्थिक चुनौतियां, लेकिन चिंता की जरूरत नहीं…
नई दिल्ली। आज विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर कई लोग बहुत चिंतित हैं। कोरोना की त्रासदी के उपरांत वैश्विक स्तर पर कई देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। कुछ देश अभी भी उस अवस्था से नहीं निकल पाए हैं, लेकिन भारत उन कुछ देशों में शुमार है, जो अपनी आर्थिक स्थिति संभालने में सक्षम हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय वित्तीय संस्थाओं, विशेषकर भारतीय रिजर्व बैंक एवं वित्त मंत्रालय के प्रयासों ने ठीक राह पर चलते हुए देश के आर्थिक विकास को सही पटरी पर ला दिया है। जनता की जागरूकता, नेतृत्व के निर्णय में विश्वास और संकल्प का इसमें बड़ा योगदान है। आज हमारी अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज गति से बढ़ रही है। हमारे सारे व्यापक आर्थिक पैमाने जैसे मुद्रा भंडार, विदेशी निवेश, निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हुई है और जीएसटी संग्रह भी लगातार बढ़ रहा है। हर माह जीएसटी संग्रह 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा हो रहा है। प्रत्यक्ष कर के संग्रहण में भी 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमारी आर्थिक प्रगति में देश एवं विदेशी निवेशकों का विश्वास बरकरार है। वैसे आर्थिक जगत की कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां भी हैं। विश्व स्तर पर मुद्रास्फीति बहुत बढ़ रही है, लेकिन यूरोप एवं अमेरिका के अनुपात में भारत अभी इस चुनौती को बेहतर संभाल रहा है। भारत में मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक एवं वित्त मंत्री ने सांसद ने विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ कहा है कि हम इस से जल्द निपट लेंगे। कच्चे तेल विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ की वैश्विक कीमत बहुत बढ़ गई है। समस्या यह है, भारत 70 प्रतिशत तेल आयात करता है, जिससे हमारे रुपए की कीमत पर असर पड़ता है। सरकार रिज़र्व बैंक के माध्यम से रुपये के मूल्य को भी निर्धारित कर रही है। सरकार तेल की कीमत को रूस, ईरान से तेल आयात कर और आंतरिक रूप से वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत बड़ाकर संभाल रही है। इधर, अच्छी बात यह है कि अब कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, तो तेल आयात सस्ते भाव पर होने लगेगा। पीएलआई के माध्यम से सरकार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सामर्थन देकर घरेलू उत्पादन बढ़ा रही है, जिसके कारण हमारा निर्यात बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में भी सरकार ने घरेलू खरीद को बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया है। सरकार आधारभूत ढांचे जैसे एयरपोर्ट, सड़क, जल मार्ग, रेल मार्ग में महत्वपूर्ण निवेश कर रही है, विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ जिससे बहुत लाभ हो रहा है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के साथ बाजार में सकल मांग बड़े एवं उसके फलस्वरूप देश में निजी निवेश बढ़ जाए, तो इसका प्रभाव रोजगार के लिए के नए अवसर पैदा करने पर भी पड़ेगा। बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है, सरकारी विभागों में 10 विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ लाख नियुक्तियों की घोषणा हुई है। सरकार की जन-कल्याण योजनाएं भी कारगर साबित हो रही हैं। वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री सही कह रहे हैं कि तमाम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था पटरी पर है और हम आर्थिक संकट से अच्छी तरह जूझ रहे हैं। हमारी आर्थिक स्थिति कतई श्रीलंका, पाकिस्तान या बांग्लादेश आदि देशों की तरह नहीं है। देश का सामूहिक संकल्प एवं सफल नेतृत्व हमें स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर आने वाले अमृत काल के लिए मजबूती प्रदान कर रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था को और तेज गति से आगे बढ़ना है और विश्व पटल पर जो मंदी की मार पड़ रही है, उसके प्रभाव से भी बचाना है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार हमें जल्द ही करने पड़ेंगे। इसमें महत्वपूर्ण है, बिजली उत्पादन एवं वितरण में प्रदेश स्तर पर मुफ्त बिजली देने से हो रहा घाटा, इसे रोकना पड़ेगा। दुखद है, रेवड़ी के रूप में पंजाब जैसे कई प्रदेश वोट बटोरने के लिए पैसा बांटना चाहते हैं। इस प्रवृत्ति को जनता के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए रोकना पड़ेगा। आर्थिक सुधार के तहत श्रम सुधार भी लाना है। कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव की आवश्यकता है। अमेरिका, यूरोपीय देशों, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात से मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए सरकार पहल कर रही है। क्या यह संभव हो पाएगा?
बिसलेरी की सफलता की कहानी- मलेरिया की दवा बनाने वाली वह कंपनी जिसने बोतल में बंद पानी बेच दिया।।
हटके, 24 अगस्त:- जल प्रकृति की वह देन है, जो हर किसी के लिए बहुत उपयोगी है। अगर मिनरल वाटर के विषय में बात की जाए तो सबके जुबान पर बिसलेरी का ही नाम आता है। जब लोग आपको कॉपी करने लगें तब समझ जाइए विदेशी मुद्रा व्यापार हापुड़ कि आप सफल हो चुके हैं। ठीक उसी तरह जिस तरह पानी बोतल कंपनी बिसलेरी सफल हो चुकी है। आप अगर बिसलेरी की बोतल खरीदने जा रहे हैं तो आपको अपनी आंखें खुली रखनी पड़ती हैं क्योंकि आपके हाथ में पड़ने वाली बोतल बिसलेरी की जगह बेल्सरी, बिलसेरी, ब्रिसली या बिसलार भी हो सकती है।