विदेशी मुद्रा पर पैसे कमाएं

विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से उस देश की मुद्रा की चाल तय होती है। अगर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर, अमेरिका के रुपयों के भंडार के बराबर है तो रुपए की कीमत स्थिर रहेगी। हमारे पास डॉलर घटे तो रुपया कमजोर होगा, बढ़े तो रुपया मजबूत होगा।
रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 प्रति डॉलर पर
मुंबई, 16 नवंबर (भाषा) निराशाजनक व्यापार आंकड़ों तथा विदेशी कोषों की निकासी के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से रुपया प्रभावित हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.41 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 81.23 के दिन के उच्चस्तर और 81.58 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह पिछले कारोबारी सत्र में 37 पैसों की तेजी के साथ 80.91 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा में अनुसंधान विदेशी मुद्रा पर पैसे कमाएं विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में विदेशी मुद्रा पर पैसे कमाएं विदेशी मुद्रा पर पैसे कमाएं जोखिम से बचने और कमजोर एशियाई मुद्राओं के कारण भारतीय रुपये में गिरावट आई है। एफआईआई की निकासी से भी रुपया प्रभावित हुआ।’’
निफ्टी 50: अपट्रेंड बरकरार है, लेकिन 'संघर्ष' शुरू!
इसमें कोई संदेह नहीं है कि बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स 18 अक्टूबर 2022 को 17,428 के स्तर को तोड़ने के बाद से उच्च ऊंचाई तक बढ़ रहा है। बाजार ने अपने रास्ते में कई गिरावट दिए बिना सीधे एक रन में रैली की है। 3 नवंबर 2022 को, जब बाजार एक अच्छे अंतराल के साथ खुला, तो मुझे लगा कि सुधार शुरू हो गया है, लेकिन गिरावट के तुरंत बाद नई ऊँचाइयों का पीछा किया, जिससे अपट्रेंड बरकरार रहा।
इसलिए, व्यापक प्रवृत्ति अभी भी काफी तेज है और अब तक कोई डाउनट्रेंड नहीं दिख रहा है क्योंकि यहां तक कि थोड़ी सी भी गिरावट निवेशकों द्वारा आक्रामक रूप से खरीदी जाती है। उसके ऊपर, पिछले 3 सत्रों में रुपया काफी मजबूत हुआ, USDINR नवंबर वायदा अनुबंध 83.03, 3 दिन पहले से गिरकर 81.46 के सीएमपी पर आ गया, जो लगभग 1.9% की गिरावट है! यह भारतीय बाजारों के लिए काफी अनुकूल है।
रिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया: डॉलर के मुकाबले रुपया 51 पैसे कमजोर होकर 80.47 पर पहुंचा, अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर बढ़ाने का असर
भारतीय रुपए में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। आज, यानी 22 सितंबर के शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 51 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 80.47 रुपए पर खुला है। इससे पहले बुधवार, यानी 21 सितंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे गिरकर 80 के स्तर पर बंद हुआ था।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर बढ़ाने का असर
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने बुधवार को लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 0.75% की बढ़ोतरी की। ब्याज दरें बढ़ाकर 3-3.25% की गई हैं। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लगातार तीसरी बार ब्याज दरें बढ़ी हैं।
भारत-जापान 75 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा की अदला-बदली, समझौते पर हुए साइन
- भाषा
- Last Updated : October 29, 2018, 19:01 IST
भारत और जापान ने आपस में 75 अरब डॉलर के बराबर विदेशी मुद्रा की अदला-बदली की व्यवस्था का करार किया है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जापान के साथ इस तरह की सुविधा विदेशी मुद्रा पर पैसे कमाएं से रुपये की विनिमय दर और पूंजी बाजारों में बड़ी स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी.
इस समझौते से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और प्रगाढ़ होगा तथा इसमें विविधता बढ़ेगी.
जापान की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.
आप-हम पर क्या होता है रुपये का असर?
रुपये की गिरावट का असर आम जन जीवन पर देखा जा सकता है. हाल के दिनों में महंगाई दर के रूप में यह देखा भी जा रहा है. रुपये में कमजोरी से अंतररराष्ट्रीय बाजार से आयात की गई कमोडिटी में किसी भी कमी विदेशी मुद्रा पर पैसे कमाएं का असर घट जाती है. ऐसे में कच्चे तेल में गिरावट का फायदा पाने में और समय लगेगा क्योंकि कीमतों में गिरावट के बीच रुपये में कमजोरी से आयात बिल बढ़ जाएगा और इससे सरकारी खजाने पर बोझ बना रहेगा. अभी विदेशी बाजारों में कच्चे तेल में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन रुपया कमजोर होने के चलते इसका फायदा आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
आम जन को फायदा तब मिलता है, जब विश्व बाजारों में कमॉडिटी के भाव गिरेंगे और रुपया, डॉलर के मुकाबले मजबूत स्थिति में आता है. आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत तभी मिलती है, जब वैश्विक बाजार में कमॉडिटी के भाव गिरे और रुपया मजबूत हो. हालांकि हाल की गिरावटों को देखकर इतना जल्द रुपये में मजबूती की संभावना नहीं दिखती. रुपया लगातार कई दिनों से डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर चल रहा है.