डीमैट अकाउंट क्या होता है

डी मेड अकाउंट क्या है?
इसे सुनेंरोकेंशेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशकों के लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट किया जाता है. Demat Account: शेयर ट्रेडिंग (Share trading) के लिए डीमैट अकाउंट (Demat account) भी होगा. बिल्कुल बैंक अकाउंट की तरह (जहां पैसे सेफ रखे जाते हैं) डीमैट अकाउंट में भी आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखे जाते हैं.
ट्रेडिंग डीमैट अकाउंट क्या है?
इसे सुनेंरोकेंउपयोगकर्ता या ग्राहक बैंक खाते से पैसे देते हैं जो ट्रेडिंग खाते से जुड़ा हुआ है। खरीदे गए शेयरों को डीमैट खाते डीमैट अकाउंट क्या होता है में रखा जाता है। बेचते समय, ट्रेडिंग खाता शेयरों को डीमैट खाते से बाहर निकालता है और इसे स्टॉक मार्केट में बेचता है। स्टॉक बेचकर उत्पन्न होने वाला पैसा, उपयोगकर्ता के बैंक खाते में वापस किया जाता है।
इसे सुनेंरोकेंएक डीमैट या डीमटेरियलाइज्ड खाता एक खाता है जिसका उपयोग शेयरों और प्रतिभूतियों को रखने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाता है। इस तरह के खाते में उपयोग में आसानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप में सरकारी प्रतिभूतियों, शेयरों, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड और बांड सहित सभी निवेश होते हैं।
होल्डिंग स्टेटमेंट क्या है?
इसे सुनेंरोकेंआपका डीमैट खाता होल्डिंग स्टेटमेंट आपके शेयरों के स्वामित्व का निर्णायक प्रमाण है। यह कर उद्देश्यों के लिए भी उपयोगी है। आप अपना डीमैट अकाउंट होल्डिंग डीमैट अकाउंट क्या होता है स्टेटमेंट सीधे प्रासंगिक राष्ट्रीय डिपॉजिटरी की वेबसाइट से या अपने ब्रोकर के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं।
डीमैट अकाउंट कैसे चेक करें Cdsl?
इसे सुनेंरोकेंयदि आप सोच रहे हैं कि अपना डीमैट खाता नंबर कैसे खोजें, तो यहां पता लगाने का एक आसान तरीका है। सीडीएसएल के मामले में, मान लीजिए कि आपका डीमैट खाता नंबर 0987654321234567 है। इस मामले डीमैट अकाउंट क्या होता है डीमैट अकाउंट क्या होता है में, पहले 8 अंक – 09876543, आपकी डीपी आईडी है और अंतिम 8 अंक – 21234567, आपकी ग्राहक आईडी है।
कैसे एचडीएफसी में डीमैट खाता खोलने के लिए?
इसे सुनेंरोकेंआप नेट डीमैट अकाउंट क्या होता है बैंकिंग के माध्यम से या फिर ब्रांच अकाउंट में जाकर एचडीएफसी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। एचडीएफसी के ग्राहक नहीं होने पर आप बैंक के ब्रांच में जा सकते हैं और चेक बुक के साथ ऑरिजनल डॉक्यूमेंट को जमा कर सकते हैं। इस दौरान आपको बैंक में अकाउंट खोलने और केवाईसी फॉर्म भरने की भी आवश्यकता होती है।
डीमैट अकाउंट से डीमैट अकाउंट क्या होता है शेयर कैसे खरीदें?
इसे सुनेंरोकेंअगर आप उस कंपनी के शेयर चाहते हैं तो आईपीओ के लिए अप्लाई करना होगा। IPO के लिए आवेदन करने के लिए, आपको केवल एक Demat खाते की आवश्यकता होती है। एक बार आईपीओ आवंटन पूरा हो जाने के बाद, आवंटित शेयर स्वचालित रूप से आपके डीमैट खाते में जमा हो जाएंगे। IPO में शेयर खरीदने के लिए आपको ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता नहीं है।
डीमैट अकाउंट क्या है? | What Is Demat Account In Hindi
एक डीमैट खाता, जिसे डीमैटरियलाइज्ड खाते के रूप में भी जाना जाता है, प्रतिभूतियों में व्यापार करने के लिए आवश्यक शर्तों में से एक है। डीमैट खाते का उपयोग उन शेयरों और प्रतिभूतियों को रखने के लिए किया जाता है जिन्हें खरीदा या डीमैटरियलाइज़ किया गया है, जिससे ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा होती है जैसे शेयर खरीदना या बेचना या यहां तक कि भौतिक शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करना।
आप अपने डीमैट खाते में कई प्रतिभूतियां, जैसे ईटीएफ, स्टॉक, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड रख सकते हैं। ऐसे खाते शेयरों को सुरक्षित रखते हैं और शेयरों के नुकसान या जालसाजी से संबंधित किसी भी प्रकार के जोखिम को रोकते हैं। इसके अलावा, एक डीमैट खाते के माध्यम से, निवेशक इंट्राडे ट्रेड करना चुन सकते हैं।
डीमैट खाते का महत्व (Importance of Demat Account)
- एक डीमैट खाता दस्तावेजों के नुकसान को रोकता है और स्टॉक खरीदने और बेचने की पूरी प्रक्रिया को गति देता है।
- डीमैट खाता एक निवेशक के लिए पूरी निवेश यात्रा को सरल बनाता है और उन्हें एक ही स्थान पर एक ही स्थान पर अपने सभी विविध निवेशों को ट्रैक करने में मदद करता है।
- यह निवेशकों को आगामी आईपीओ में आसान और सरल तरीके से भाग लेने में मदद करता है।
डीमैटरियलाइजेशन (डीमैट) क्या है? (What is dematerialization (Demat)?)
डीमैट, जो डीमैटरियलाइजेशन का संक्षिप्त नाम है, शेयरों को भौतिक रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है। डीमटेरियलाइजेशन रिकॉर्ड बनाए रखने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के समय, शेयरों को डीमैट खाते में खरीदा और रखा जाता है, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए आसान ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा होती है।
डीमैट खाते के लाभ (Benefits of a Demat Account)
- निवेशकों के लिए सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह डिजिटल है। जिसका मतलब है कि इसे ऑनलाइन खोला जा सकता है और आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।
- एक डीमैट खाता भौतिक शेयरों के विपरीत शेयरों को सुरक्षित रखता है जो खो जाने, क्षतिग्रस्त होने या चोरी होने का जोखिम उठाते हैं।
- जालसाजी या चोरी की कोई संभावना नहीं है।
- एक डीमैट खाता साझा भंडारण और डीमैट अकाउंट क्या होता है हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है। इसके परिणामस्वरूप, आप कितने भी शेयर स्टोर कर सकते हैं। आप वॉल्यूम में ट्रेड कर सकते हैं और यहां रखे गए सभी शेयरों के विवरण की निगरानी कर सकते हैं। इसके अलावा, यह ऑनलाइन ट्रेडिंग करते समय शेयरों के तेजी से हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है।
- भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों के लिए कागजी कार्रवाई और स्वामित्व के हस्तांतरण में समय की देरी की आवश्यकता होती है। एक डीमैट खाता सभी कागजी कार्रवाई को मिटा देता है और शेयरों को ऑनलाइन स्थानांतरित करना आसान बनाता है।
- चूंकि एक डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित होता है, एक उपयोगकर्ता अपने खाते को विभिन्न स्पर्श बिंदुओं जैसे मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, पीसी आदि से एक्सेस कर सकता है।
- एक डीमैट खाता विभिन्न प्रकार के निवेशों को संग्रहीत कर सकता है। यह बांड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), म्यूचुअल फंड, सरकारी प्रतिभूतियों आदि जैसी कई संपत्तियां रख सकता है।
- एक डीमैट खाता डिपॉजिटरी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नामांकन की सुविधा देता है। निवेशक की मृत्यु की स्थिति में, नियुक्त नामित व्यक्ति डीमैट खाते में शेयरधारिता प्राप्त करने का हकदार होता है।
डीमैट खाते के प्रकार (Types of Demat account)
आइए विभिन्न प्रकार के डीमैट खातों को देखें:
- नियमित डीमैट खाता (Regular Demat Account): यह केवल भारतीय नागरिकों के लिए डीमैट अकाउंट क्या होता है है, जो भारत में रहते हैं।
- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account): इस प्रकार का डीमैट खाता अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए है। एक बार जब कोई ग्राहक एनआरआई बन जाता है, तो उसे अपना नियमित डीमैट खाता बंद करना होगा और अनिवासी बाहरी बैंक खाते के साथ एक अनिवासी साधारण (एनआरओ) डीमैट खाता खोलना होगा, जो अनिवासी भारतीयों के लिए जरूरी है।
- गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-Repatriable Demat Account): यह अनिवासी भारतीयों के लिए एक डीमैट खाता है, हालांकि, इस खाते के माध्यम से धन को विदेश में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।
डीमैट खाता कैसे खोलें (How to Open a Demat Account)
डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने की डिजिटल प्रक्रिया ने सभी व्यापारियों और निवेशकों के लिए व्यापार करना बहुत आसान बना दिया है। यह उतना ही सरल है जितना कि ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना या किसी ई-कॉमर्स साइट से खरीदारी करना। डीमैट खाता खोलने के लिए, एक स्टॉक ब्रोकर का चयन करना होगा जो सेबी में पंजीकृत हो और एनएसडीएल और सीडीएसएल में डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट हो। डीमैट खाता खोलने के लिए, पैराग्राफ में नीचे दिए गए सरल चरणों का पालन करें
Step 1: डीमैट खाता खोलने के फॉर्म पर जाएं
एक खाता खोलें पर क्लिक करें और ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने के लिए अपना आवेदन पत्र भरना शुरू करें। मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करें और आरंभ करें।
Step 2: अपना पैन नंबर, मूल विवरण, पता और बैंक विवरण दर्ज करें आवश्यक बुनियादी विवरण जैसे पैन नंबर अपडेट करें जो आपके डीमैट और ट्रेडिंग खाते से लिंक करने के लिए एक अनिवार्य और बैंक विवरण है।
Step 3: केवाईसी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी अपलोड करें
एक बार जब आप सभी विवरण भर देते हैं, तो आपको केवाईसी उद्देश्यों जैसे आय प्रमाण, बैंक विवरण, फोटो आदि के लिए अपने स्कैन किए गए दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
Step 4: पूर्ण व्यक्ति सत्यापन (आईपीवी) में
व्यक्तिगत सत्यापन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप अपने दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के इरादे से 30 सेकंड के लिए खुद को रिकॉर्ड करते हैं। रिकॉर्डिंग करते समय, अपना पैन और अन्य दस्तावेज अपने पास रखें क्योंकि आपको सभी विवरणों को स्पष्ट और जोर से पढ़ने की जरूरत है।
Step 5: आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का उपयोग करके फॉर्म पर ई-हस्ताक्षर करें
सफेद पृष्ठभूमि पर एक हस्ताक्षर करें और अपने आधार कार्ड से जुड़े अपने मोबाइल नंबर के साथ जहां आवश्यक हो वहां ई-साइन के रूप में अपलोड करें।
डीमैट अकाउंट के फायदे|7 Benefits Of Demat Account In Hindi.
नमस्कार दोस्तो:हमारे पिछले आर्टिकल में हम ने डीमैट अकाउंट के नुकसान के बारे में बात की थी.और आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले है डीमैट अकाउंट के फायदे के बारे में.तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते है.
Table of Contents
डीमैट अकाउंट के फायदे (Benefits Of Demat Account In Hindi.)
डीमैट अकाउंट के फायदे
पहिले के टाइम शेयर्स को फिजिकल फॉर्म में रखा जाता था.जिस से ट्रेडर्स को बहुत सारी प्रॉब्लम को फेस करना पड़ता था.लेकिन दोस्तो डीमैट अकाउंट होने से ट्रेडर और इन्वेस्टर्स की लाइफ काफी आसान हो चुकी है.तो चलिए एक एक करके इन फायदो के बारे में बात करते है.
1. ट्रेडिंग करना आसान हो गया है.
दोस्तों डीमेट अकाउंट के होने से ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान हो गया है.क्योंकि अब यहां आप बिना किसी ब्रोकर या स्टॉक एक्सचेंज के पास जाए बिना कहीं से भी अपने मोबाइल या कंप्यूटर/ लैपटॉप का यूज करके भारत के किसी भी कोने से ट्रेडिंग कर सकते हो और यही इसकी खास बात है.
2.Foreign investors का भरोसा बढ़ गया है.
पहले के मुकाबले फॉरेन इन्वेस्टर का भारतीय स्टॉक बाजार को देखने का नजरिया बदल गया है.उनकी सोच बदल गई है,और भरोसा बढ़ गया है भारतीय मार्केट पर.
3.ट्रांसफर प्रोसेस आसान हो गई है.
दोस्तों आज के जमाने में सारी प्रोसेस ऑनलाइन होने के चलते एक डीमैट अकाउंट के शेयर दूसरे डिमैट अकाउंट में आसानी से ट्रांसफर किए जाते हैं.लेकिन पहले ये प्रोसेस काफी मुश्किल हुआ करती थी.जिसको ऑनलाइन के जमाने में काफी आसान बना दिया है.
4.दूसरे सिक्योरिटी को भी खरीद सकते है.
डीमैट अकाउंट में सिर्फ शेयर ही नही रखे जाते,बलकी शेयर्स के साथ दूसरे सिक्योरिटी जैसे की,बॉन्ड,म्यूचुअल फंड,डिबेंचर्स को भी अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हो.
क्युकी डीमैट अकाउंट अलग तरह के सिक्योरिटी को रखने के लिए ही बनाया गया है.ये बात अलग है की भारत में डीमैट अकाउंट का ज्यादातर यूज शेयर्स रखने के लिए किया जाता है.
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5.दूसरे खर्चों से छुटकारा मिल जाता है.
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट होने से आपके दूसरे खर्च बच जाते है जैसे की,ऑपरेटिंग कॉस्ट,स्टंप ड्यूटी या हैंडलिंग फीस etc. डीमैट अकाउंट मे आपको बस AMC ( Annual Maintenance Charges ) और ब्रोकरेज चार्ज ही देना होता है.
6.लोन की सुविधा
डीमैट अकाउंट के जमा सिक्योरिटी पर आप भारत के अलग अलग बैंको से लोन भी ले सकते हो.
7.Other Benefit
- डीमैट अकाउंट होने से आपको शेयर सर्टिफिकेट गायब या चोरी होने वाले खतरे से छुटकारा मिल गया है.
- नॉमिनी को add करने की फैसिलिटी आपको डीमैट अकाउंट प्राइवेट कराता है.
- कंपनी के बोनस शेयर डिस्ट्रीब्यूशन के वक्त कोई फिजिकल डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं पड़ती,शेयर्स अपने आप (Automatic) डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाते है.
- दोस्तो अगर आपको अपने डीमैट अकाउंट की सर्विस पसंद नही आती है,तो आप ऑनलाइन तरीके से डीमैट अकाउंट को आसानी से बंद भी कर सकते हो.
- डीमैट अकाउंट के जरिए ट्रेडिंग करने से टाइम की बचत भी हो जाती है.
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Conclusion
दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (डीमैट अकाउंट के फायदे) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.
अपने उन दोस्तो के साथ जरूर इस आर्टिकल को शेयर करो,जिन्हे Finance,Taxation, Economics और Stock Market के बारे में कुछ न कुछ नया सिखना अच्छा लगता है.और इसी तरह के नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.
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HDFC Demat Account: क्या आप HDFC में खोलना चाहते हैं डीमैट अकाउंट, फॉलो करें डीमैट अकाउंट क्या होता है ये आसान स्टेप्स
Demat Account Online in HDFC: एचडीएफसी बैंक में अकाउंट खुलवाना बेहद आसान है, अगर आप चाहे तो ऑनलाइन अकाउंट खुलवा सकते हैं। वहीं ऑनलाइन इन स्टेप्स की मदद से डीमैट अकाउंट क्या होता है आसानी एचडीएफसी डिमेट अकाउंट भी खोल सकते हैं।
- ऑनलाइन आप आसानी से एचडीएफसी बैंक में अकाउंट खोल सकते हैं।
- एचडीएफसी में डीमैट अकाउंट खोलने के लिए ये तरीके अपना सकते हैं।
- डीमैट अकाउंट में म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, शेयर आदि निवेश हो सकते हैं।
एचडीएफसी बैंक ग्राहकों को डीमैट अकाउंट सेवाएं प्रदान करता है। बता दें कि डीमैट अकाउंट एक सुरक्षित, ऑनलाइन और निर्बाध मोड है जो आपके निवेशों को स्टोर और सुरक्षित रखता है। आपके डीमैट अकाउंट में जीरो शेयर भी हो सकते हैं क्योंकि इसमें कई शेयरों पर इसकी कोई न्यूनतम आवश्यकता नहीं है। यह आपके निवेश को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में स्टोर करता है। डीमैट अकाउंट में म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, शेयर आदि निवेश हो सकते हैं।
एचडीएफसी डीमैट अकाउंट व्यापारियों के लिए बेहतर है और साथ ही इससे बहुत सारे लाभ मिलते हैं। बता दें कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश करना चाहते हैं तो कोई उम्र के होने के बावजूद आप एचडीएफसी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। इसके लिए सिर्फ पैन कार्ड डिटेल, पहचान और पते का प्रमाण भरना होगा, इसके अलावा आपको केवाईसी फॉर्म भी भरना होगा। नाबालिग और वयस्क दोनों ही स्टॉक में निवेश कर सकते हैं। नाबालिग अपने माता-पिता के नाम से डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है। वहीं जब तक नाबालिग 18 साल से ऊपर का नहीं हो जाता तब तक उसके माता-पिता अकाउंट के प्रभारी होंगे।
आप नेट बैंकिंग के माध्यम से या फिर ब्रांच अकाउंट में जाकर एचडीएफसी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। एचडीएफसी के ग्राहक नहीं होने पर आप बैंक के ब्रांच में जा सकते हैं और चेक बुक के साथ ऑरिजनल डॉक्यूमेंट को जमा कर सकते हैं। इस दौरान आपको बैंक में अकाउंट खोलने और केवाईसी फॉर्म भरने की भी आवश्यकता होती है। वहीं इन तरीकों के जरिए आप ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
अर्थव्यवस्था को लेकर फिर हो सकता है बड़ा ऐलान! सरकारी बैंकों के CEOs के साथ कल मीटिंग करेंगी निर्मला सीतारमण
इन स्टेप्स के जरिए खोलें ऑनलाइन एचडीएफसी डीमैट अकाउंट
- सबसे पहले अपने क्रेडेंशियल के साथ एचडीएफसी नेट बैंकिंग में लॉगिन करें। अब ओपन डीमैट अकाउंट ऑप्शन पर क्लिक करें।
- 'ऑनलाइन आवेदन करें' ऑप्शन पर क्लिक करें, जिसके बाद फॉर्म स्क्रीन पर आ जाएगा।
- फॉर्म में जरूरी डिटेल भरें। इसके बाद ऑथोराइज्ड एचडीएफसी सिक्योरिटी रिप्रेजेंट को आपको कॉल करने के लिए चेकबॉक्स पर क्लिक करें।
- इसके बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा।
- सबमिट करने के बाद, आपको एक मैसेज प्राप्त होगा। इसके साथ ही आपके दिए डिटेल को चेक करने के लिए सिक्योरिटी रिप्रेजेंट की तरफ से कॉल आएगा।
- डॉक्यूमेंट वेरिफाई करने के बाद, आपको अपने पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण के साथ एक ईमेल भेजना होगा।
- अकाउंट खुलने के बाद आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाएगा।
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शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा
अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।
ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।
अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।
डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।
डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।
पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।
कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते डीमैट अकाउंट क्या होता है हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।