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क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है

क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है

Expert Column समाचार

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही या सितंबर तिमाही में सभी बैंकों ने शुद्ध लाभ और फंसे कर्ज (एनपीए) के पैमानों पर शानदार प्रदर्शन किया है। बैंकों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। इसके जरिये ही अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत .

बीते करीब छह महीने से भारतीय बाजारों का व्यवहार वैश्विक बाजारों से अलग रहा है। खासतौर पर अमेरिकी बाजारों की तुलना में। अमेरिकी बाजारों से तुलना इसलिए भी सही हैं क्योंकि हमारे ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय फंड्स अमेरिका पर फोकस करते .

हाल में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भारतीय मुद्रा यानी रुपये में करने के लिए सरकार ने विदेश व्यापार नीति में बदलाव किया है। अब सभी तरह के पेमेंट बिलिंग और आयात-निर्यात में लेन-देन का निपटारा रुपये में हो सकता है। रुपये के अंत.

पिछली सदी के अंतिम दशक तक विश्व व्यवस्था की दिशा और दशा को तय करने में रक्षा और विदेश नीति की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी। परंतु धीरे-धीरे यह परिदृश्य बदलता गया और इसमें आर्थिकी का योगदान भी महत्वपूर्ण होता गया।

अगर आप एक मोबाइल फोन खरीदना चाहते हैं या एक जोड़ी जूते लेना चाहते हैं या एक कार तो अपना फोन निकालिए और आपको उसका सही-सही खर्च तुरंत पता चल जाएगा। मगर यही चीज आप अस्पताल के एपिसोड के साथ नहीं कर सकते।

Mutual Fund में SIP या दूसरे तरीकों से निवेश का मतलब यही है कि बुरे वक्त में निवेश जारी रखा जा सके। स्मार्ट इन्वेस्टर इस बात का अनुमान नहीं लगाते कि मार्केट किस दिशा में जा रहे हैं। वो निवेश का सही जरिया तलाश लेते हैं।

Investment and Saving किसी ने एक बार कहा था कि निराशावादी स्मार्ट लगते हैं और आशावादी पैसे बनाते हैं। क्या आप जानते हैं कि निराशावादी स्मार्ट क्यों लगते हैं क्योंकि उनकी बातें तथ्यों रुझानों आंकड़ों अनुमानों से लदी-फंदी होती .

सीआइसी के अनुसार देश के शहरी क्षेत्रों में ईएमआइ चुकाने वाले आमतौर पर 18 से 35 साल के नौजवान हैं। इन नौजवानों का देश की आर्थिकी को आगे बढ़ाने में व्यापक योगदान है। ऐसे में इन लोगों द्वारा लिए गए लोन पर मासिक किस्तों को बढ़ाते.

आर्थिक विकास में बैंकों का व्यापक योगदान एक बार फिर सामने आया है। परंतु भारत में बैंकों में पांच लाख रुपये तक की जमा राशि ही सरकार द्वारा गारंटीड होती है इससे अधिक रकम का सुरक्षा कवच नहीं है।

Stock Market Investment: क्या कहानियों पर भरोसा करके निवेश करते हैं आप? समझ लें वैल्यू इन्वेस्टिंग के कायदे

एक निवेश के चुनाव का पूरा आकलन और विश्लेषण होने के बाद आपको ये सोचना ही होगा कि जो लागत आप अदा कर रहे हैं वो आगे जा कर मुनाफे में बदलेगी या नहीं। निवेश के दाम पर ही फोकस बनाए रखना वैल्यू इन्वेस्टिंग है।

विश्व आर्थिक मंच के अनुसार दुनिया में लगभग 100 देशों में सरकारी नियंत्रण वाली डिजिटल करेंसी लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। चीन ने 2023 में ऐसा करने की घोषणा कर रखी है। यूरोप के 27 देशों में डिजिटल करेंसी लाने की योजना पर .

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के अनुसार देश में जल्द ही ई-रुपया लांच किया जा सकता है। ई-रुपी की चर्चा ने इस बीच तब जोर पकड़ा जब भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह डिजिटल रुपये के निर्माण-संचालन में ब्लाकचेन.

विडंबना है कि अमीर की आय ज्यादा तेजी से बढ़ रही है और गरीब की आय तुलनात्मक रूप से कम तेजी से बढ़ रही है? इनका जवाब है पब्लिक पालिसी अर्थात लोक नीतियों का खामियों से युक्त होना।

पिछले कुछ समय से अमेरिकी डालर की तुलना में रुपये की कीमत गिरती जा रही है। वैसे इस गिरावट को रोकने के लिए आरबीआइ द्वारा हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। कई संबंधित कारणों से हाल के दिनों में लोगों की क्रय शक्ति कम हुई है।

ऐसे इन्वेस्टर जो मार्केट की स्थितियों को नजरअंदाज कर रिस्क वाली शैली ही हमेशा अपनाए रहते हैं वो शायद ही कभी अच्छा कर पाते हैं। अगर आप तब तक इंतजार करते हैं जब उनकी जरूरत होगी तब बहुत देर हो जाएगी।

आपका वित्तीय सलाहकार उस डाक्टर की तरह होता है जो कई टेस्ट और स्कैन करता है और ऐसी कई बीमारियां ढूंढ-ढूंढ के निकाल देता है जिन्हें अच्छे-खासे इलाज की जरूरत होती है। आपको ऐसा वित्तीय सलाहकार नहीं मिलेगा जो आपसे कहे कि आपके निवे.

RBI News आपको अपने कार्ड के डिटेल की जगह यूनिक कोड सेव करना होगा। एक तरह से देखा जाए तो कार्ड टोकनाइजेशन पासवर्ड मैनेजर की तरह का कार्य करेगा जो आनलाइन लेन-देन के दौरान यूनिक कोड जेनरेट करेगा।

एक्सिस बैंक के एमडी और सीईओ अमिताभ चौधरी ने बैंकिंग सेक्टर के समक्ष नई तकनीक से पैदा होने वाली चुनौतियों ब्याज दरों की स्थिति और आर्थिक विकास के भावी स्वरूप पर दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन से विस्तार में बात क.

शेयर बाजार में नुकसानदायक है 'महंगा खरीदो और सस्ता बेचो' की रणनीति, मुनाफा चाहिए तो हरगिज न करें ये गलतियां

जब आप किसी बिजनेस को ऊंचे मुनाफे के साथ खत्म करते हैं तो सफलता का अहसास बड़ा लुभावना होता है। एक बड़ी जीत की तरह। इस रवैये का एक शैतान जुड़वां भाई भी है और वो है पिटे हुए निवेश को ढोते रहना।

देश के समक्ष आए भुगतान संकट को देखते हुए 1991 में उदारीकरण और आर्थिक सुधारों से नहीं हो पाया पूरा उद्धार

1991 में देश भुगतान के संकट से गुजर रहा था। उस समय सरकार ने उदारीकरण और आर्थिक सुधारों के नाम पर कई कदम उठाए। यदि आज विश्लेषण करें तो उस समय के सुधार बहुत व्यापक नहीं थे। घरेलू मोर्चे पर सुधार के विशेष प्रयास नहीं किए गए।

रूबल से डॉलर विनिमय दर 17.11.2022

डॉलर का पूर्वानुमान तकनीकी

* रूबल फॉरेक्स की बाजार दरें - सबसे सटीक, सबसे हाल के पाठ्यक्रम, लगातार बदलते हुए, एक मिनट में कई बार, सप्ताह के दिनों में चौबीसों घंटे. अक्सर खरीदने और बेचने के बीच का औसत मूल्य या अंतिम सौदे की दर, बाजार पर सौदे का समय इंगित किया जाता है. विभिन्न साइटों पर और विभिन्न स्रोतों से, रूबलल की बाजार दर थोड़ी भिन्न होती है. ये रूबल दरें ज्यादातर मामलों में उपयोग के लिए उपयुक्त हैं।.

** रूबल से डॉलर विनिमय दर सेंट्रल बैंक, आधिकारिक. प्रतिभूतियों को जारी करने का उपयोग विशेष उद्देश्यों के लिए किया जाता है (राज्य रिपोर्टिंग, लेखा और बहीखाता पद्धति) और आदि. अक्सर वेबसाइटों पर रूबल दरों के मुखबिरों में शामिल होता है, लेकिन रूबल की वर्तमान बाजार दर प्रदर्शित नहीं करता है. अवधारणा का उपयोग किया जाता है - "आज के लिए रूबल से डॉलर विनिमय दर", लेकिन यह रूबल की मौजूदा बाजार विनिमय दर के अनुरूप नहीं है.

*** विदेशी मुद्रा पर यूरो के लिए रूबल की बाजार दरें - ये इस समय के नवीनतम पाठ्यक्रम भी हैं, अक्सर कार्यदिवसों पर नीलामियों में बदल जाते हैं. अक्सर, केवल खरीदने और बेचने के बीच का औसत मूल्य या अंतिम लेनदेन की दर का संकेत दिया जाता है।.

रूबल का पतन?

एक बार रूबल, कई अन्य मुद्राओं की तरह, सोने द्वारा समर्थित था, जिसने रूबल की विनिमय दर को काफी स्थिर बना दिया, और रूबल में जमा और बचत - विश्वसनीय पूंजी थी. आज रूबल विनिमय दर राज्य के विभिन्न वित्तीय तंत्रों द्वारा समर्थित, जिसका मुख्य उद्देश्य है - रूबल को गिरने या तेजी से बढ़ने न दें. नतीजतन, रूबलल कई वर्षों से वास्तविक कीमतों में मामूली गिरावट का अनुभव कर रहा है और विश्व मुद्राओं की एक टोकरी के मुकाबले स्थिर है।.

मुद्राओं और रूबल के बीच प्रतिस्पर्धा की पृष्ठभूमि में कुछ भी हो सकता है. रूबल का पतन चुपचाप असंभव है. रूबल उन देशों की कई मुद्राओं और अर्थव्यवस्थाओं को खींचेगा जो रूबल से जुड़े हुए हैं.

रूबल विनिमय दर की गतिशीलता पर पैसा कैसे कमाया जाए

रूबल विनिमय दर के विकास और इसके पतन की भविष्यवाणी करना अक्सर मुश्किल नहीं होता है. और उस स्थिति में, आप रूबल विनिमय दर में उतार-चढ़ाव पर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. इसके अलावा, भले ही रूबल की विनिमय दर कमजोर रूप से उतार-चढ़ाव करता है, और "आगे पीछे करता" आराम के करीब की स्थिति में - और आप इस पर बहुत पैसा कमा सकते हैं, उदाहरण के लिए, रूबलल पर विकल्पों के साथ काम करना. यह अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त है कि क्या रूबल की विनिमय दर बढ़ेगी, गिरेगी, छलांग लगाएगी या वही रहें और आप भारी मुनाफे में हैं. पाठ्यक्रम और छलांग की भविष्यवाणी करने के लिए (अस्थिरता) व्यापारी और निवेशक समाचार, पिछली कीमतों और अंतर्ज्ञान का उपयोग करते हैं.

मुद्रा बाजार में बड़े खिलाड़ी सैद्धांतिक रूप से रूबल विनिमय दर को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं, अचानक इसे सही दिशा में ले जा सकते हैं, "दूर ले जा रही है" अन्य खिलाड़ियों से बहुत सारा पैसा, आप अन्य, छोटे पैमाने की मुद्राओं को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, और इससे भी अधिक स्टॉक और वायदा. इसलिए, अशुभ व्यापारी गलती से मानते हैं कि कौन-फिर उसने उनसे पैसे लिए, जिससे रूबल विनिमय दर में उछाल आया, जो समृद्ध या बर्बाद हो गया. प्रमुख जोड़तोड़ - रूबल और अन्य मुद्राओं में व्यापार में एक विशेष मामला और अक्सर इसे अवैध क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है माना जाता है और जमीन पर वित्तीय पुलिस द्वारा निगरानी की जाती है.

चेतन भगत का कॉलम: क्रिप्टो का खेल खत्म, पैसा ​​​​​​​कमाएं​​​​​​​ लेकिन मेहनत और धीरज से.

चेतन भगत अंग्रेजी के उपन्यासकार - Dainik Bhaskar

पिछले हफ्ते बिटकॉइन क्रैश हो गई। यह ओरिजिनल क्रिप्टोकरेंसी थी। पिछले साल ही इसकी कीमतों में 75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। याद रहे एक समय था, जब बिटकॉइन को गोल्ड या यूएस डॉलर से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया था। दूसरी क्रिप्टोकरेंसी का हाल तो और बुरा है। उनमें से कई एक ही साल में 80 से 90 फीसदी गिर गईं।

कुछ का तो सफाया ही हो गया। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले अधिकतर को बड़ा घाटा हुआ है। पिछले सप्ताह एफटीएक्स भी धड़ाम से गिरा। यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में से है। क्रैश का कारण था बड़े पैमाने पर कथित अनियमितताएं। जैसे कि कस्टमर डिपॉजिट्स को अनुचित तरीके से इस्तेमाल करके कम्पनी की खुद की क्रिप्टाकरेंसी एफटीटी टोकन को खरीदना।

एफटीएक्स के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड ने माफी मांगी है। साथ ही एफटीएक्स ने दिवालिया घोषित करने की बात कही है, जिससे उसकी 32 अरब डॉलर की वैल्यू का सफाया हो गया है। एफटीएक्स के ग्राहक, कर्मचारी और ऋणदाता जैसे कि लुप्त हो चुके हैं। यह एक संयोग ही था कि एफटीएक्स हाल ही में समाप्त हुए टी-20 विश्व कप के प्रायोजकों में से एक था।

तो हम मान सकते हैं कि क्रिप्टो का खेल अब खत्म हो गया है। लेकिन इस बात की पड़ताल करना दिलचस्प होगा कि आखिर वह दुनिया की सबसे बड़ी ठगी कैसे बना। यह मनुष्यों के लिए भी एक सबक है कि हमें कितनी आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है। चेतावनियां पहले से ही दी जा रही थीं।

वॉरेन बफेट कह चुके थे कि वे पूरी दुनिया की बिटकॉइन को 25 डॉलर में भी नहीं खरीदेंगे। चूंकि इसका कोई उपयोग नहीं है, इसलिए इससे छुटकारा पाने के लिए इसे किसी को बेचना ही होता है। क्रिप्टोकरेंसी का सच में ही कोई प्रयोजन या उपयोगिता नहीं होती, इसके बावजूद वो कैसे बूम हुई थीं!

मार्च 2017 से मार्च 2021 के बीच ही क्रिप्टो में 5,500 फीसदी का इजाफा हो गया था! इंस्टाग्राम पर क्रिप्टो-मिलियनेयर्स भरे पड़े थे, जो याट और लैम्बोर्गिनी खरीद रहे थे। लेख लिखे जा रहे थे, जिनमें इस नए एसेट-क्लास के बारे में बातें की जा रही थीं। क्रिप्टो को अधिक नैतिक और पारदर्शी तक बताया गया था।

क्रिप्टो के गुब्बारे को एक सुई की दरकार थी। फुग्गा फूट गया है। क्या सच में ही आप अपने जीवनभर की पूंजी बहामा में बैठे किसी ऐसे आदमी के हाथों में सौंप देना चाहते थे, जो नियंत्रण-मुक्त है? क्रिप्टो अब लौटकर नहीं आने वाली। सरकारें नोट की तरह इन्हें छाप नहीं सकती थीं। ये कहा जा रहा था कि अगर ईश्वर की कोई मुद्रा होती तो वह क्रिप्टो ही हो सकती थी। इस कारण क्रिप्टो ने लाखों लोगों का ध्यान खींचा। बिटकॉइन मेनस्ट्रीम बन गई। मीडिया उसका पीछा करने लगा। फाइनेंस बाजार में मौजूद हर व्यक्ति का एक क्रिप्टो-नजरिया या क्रिप्टो-रणनीति रहने लगी। तब इस पर संदेह करना कठिन था।

इन पंक्तियों के लेखक ने जब क्रिप्टो में निहित खतरों पर बात की, तो बेरहमी से उसे ट्रोल किया गया। क्रिप्टो में इतना पैसा आ रहा था कि उन्हें मध्यस्थ-फर्में बनानी पड़ीं, जो खुद को एक्सचेंज कहती थीं। ये वास्तव में अटकलों के कैसिनो थे। इनमें से कुछ भी रेगुलेटेड नहीं था, फिर भी लोगों ने उसमें भरोसा कर पैसा लगाया।

ठगों ने क्रिप्टो के प्रति आकर्षण का लाभ उठाया और हजारों करेंसीज़ लॉन्च की गईं। सेलेब्रिटी ब्रांड एम्बेसेडर मैदान में उतारे गए। एचओडीएल (होल्ड ऑन टु डियर लाइफ) जैसे टर्म ईजाद किए गए, जिसका मतलब था कि चाहे बाजार कितना भी गिरे, कभी करेंसी मत बेचो।

जिन लोगों ने इसमें अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया था, वो आज खाली हाथ बैठे हुए हैं। इन मायनों में क्रिप्टो कम्युनिज्म की तरह है, जो वादा तो करता है विकेंद्रीकरण के जरिए लोगों को ताकत देने का, लेकिन अंतत: सत्ता चंद लोगों के ही हाथ में रहती है।

जिन लोगों को लगता है कि सरकार ही झगड़े की जड़ होती है, वे क्रिप्टो से इसलिए आकर्षित हुए थे कि वह सरकारी नियंत्रण से मुक्त है और अंतत: ठगे गए। क्योंकि जब सरकार का नियंत्रण नहीं होता है तो शातिर ठग अपना खेल शुरू कर देते हैं। भले ही हमारा मौजूदा सिस्टम परफेक्ट न हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम खुद को अनरेगुलेटेड धोखाधड़ियों के हवाले कर दें। बिटकॉइन के बजाय हमें थोड़े कॉमन-सेंस-कॉइन्स की जरूरत है!

याद रखें कि निवेश एक बोरिंग काम है। इसमें नतीजे आने में समय लगता है। क्विक-मनी जैसी कोई चीज नहीं होती। यंग और कूल होने भर से कोई चीज अच्छा निवेश नहीं हो जाती। वैल्यू का महत्व है। रीयल एसेट का महत्व है।

कैश जनरेशन का महत्व है। किसी क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है चीज की कोई उपयोगिता होनी चाहिए। नियम-कायदे और सरकारी नियंत्रण जरूरी हैं। पैसा कमाइए, लेकिन मेहनत से। इनोवेटिव बनिए, कस्टमर्स की जरूरतें पूरी कीजिए, कमाइए-बचाइए-निवेश कीजिए। लॉन्ग-टर्म में यही नीति काम आती है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)

मुद्रा और सिक्का डिवीजन

Make In India Swachh Bharat

करेंसी और सिक्का निर्माण प्रभाग मुख्य रूप से करेंसी नोटों और सिक्कों के संबंध में नीति निर्माण का कार्य करता है तथा करेंसी और सिक्‍कों के उत्पादन, योजना और छपाई/ढलाई की देखरेख करता हैं। यह भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम इंडिया लिमिटेड के सामान्य पर्यवेक्षण के लिए उत्तरदायी है।

  1. एसपीएमसी अनुभाग
  2. सिक्का अनुभाग
  3. करेंसी I अनुभाग
  4. करेंसी II अनुभाग

प्रभाग प्रमुख का नाम और पता

श्री सौरभ गर्ग
संयुक्त सचिव (करेंसी और निवेश)
आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय
कमरा नं 39 बी, नॉर्थ ब्लॉक,
नई दिल्ली.
टेली : 2309 2420
फैक्स नंबर - 2309 3504 , इंटरकॉम: 5043
ईमेल: s[dot]garg[at]gov[dot]in

क्रिप्टोकरेंसी में करना चाहते हैं निवेश? इन 9 बातों का रखें ध्यान

छोटे शहरों से लेकर महानगरों में रहने वाले लोगों में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आकर्षण बढ़ा है और वे इसमें निवेश करना चाहते हैं.

  • Money9 Hindi
  • Updated On - September 3, 2021 / 11:45 AM IST

क्रिप्टोकरेंसी में करना चाहते हैं निवेश? इन 9 बातों का रखें ध्यान

हाई रिटर्न के कारण क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ने समय के साथ काफी लोकप्रियता हासिल की है. केवल एक क्लिक पर ही आसानी से खरीदी और बिक्री की प्रक्रिया ने इसे खास तौर पर युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया है. छोटे शहरों से लेकर महानगरों में रहने वाले लोगों में भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर आकर्षण बढ़ा है और वे इसमें निवेश करना चाहते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया में जाने से पहले आपको इन नौ चीजों के बारे में जान लेनी चाहिए.

1. अच्छे क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का करें चुनाव – क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने से पहले आपको इसके उपयोग के बारे में सबकुछ जान लेना चाहिए. भारत में क्रिप्टो स्पेस रेगुलेटेड नहीं है. यहां पर कई छोटे-छोटे प्लेटफॉर्म हैं, जो आपको क्रिप्टो में पैसा लगाने की सलाह देते हैं. निवेशकों को इन प्लेटफॉर्म के बारे में सावधान रहना चाहिए. जिस तरह आप शेयर बाजार में निवेश करते समय अच्छे ब्रोकर का चुनाव करते हैं, उसी तरह क्रिप्टो में निवेश करते समय अच्छे क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का चुनाव करें. आप जिस क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें. हालांकि बिट कॉइन सबसे ज्यादा पॉपुलर है. लेकिन बिट कॉइन के अलावा बाजार में Dogecoin,Ethereum, Cardano, Ripple और Litecoin हैं.

2. टोकन की मांग और आपूर्ति को समझना जरूरी : बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभाषी मुद्रा है. बिटकॉइन आपूर्ति में सीमित हैं और वर्तमान में 21 मिलियन में से केवल 18.78 मिलियन ही सर्कुलेशन में हैं. निवेश करने से पहले आपको क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है इन वर्चुअल टोकन की मांग और आपूर्ति को समझने की कोशिश करनी चाहिए.

3. नहीं है कोई कानून : देश में क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसको लेकर कोई कानून या गाइडलाइंस नहीं है. भारत में नियामक ने क्रिप्टो को मंजूदी नहीं दी है. सोने की तरह ही इसकी कीमतें मुख्य रूप से मांग और आपूर्ति के नियम से निर्धारित होती हैं. यहां किसी भी तरह की धोखाधड़ी या अपराध होने पर आपके मामले को उठाने के लिए कोई शिकायत तंत्र नहीं है.

4. लागतों की तुलना : किसी भी एक्सचेंज के साथ साइन अप करने से पहले, खरीदने और बेचने की लागतों की तुलना करनी चाहिए. इसके अलावा, पारदर्शी और बड़े एक्सचेंजों के साथ जुड़ना सुरक्षित तरीकों में से एक है।

5. बैंकिंग सेवाएं: साइन अप करने से पहले, यह जांच लें कि एक्सचेंज कितने बैंकों से जुड़ा हुआ है. चेक करें कि जमा करने और निकालने की सुविधा कितनी आसान है ताकि खरीदने और बेचने के समय आपको कोई दबाव महसूस न हो.

6. उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है बाजार : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले आपको यह समझना चाहिए कि इसका बाजार उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है. इसमें इतना ज्यादा जोखिम है कि एक बार में ही आपके निवेश किए गए सारे पैसे खत्म हो सकते हैं. इन बातों को ध्यान रखते हुए आपको ज्यादा रिटर्न के बहकावे में नहीं आना चाहिए. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप नए हैं तो आपको निवेश की शुरुआत बेहद कम पैसों से करनी चाहिए.

7. पर्यावरण संबंधी चिंताएं: खनन कार्यों पर चीन में हालिया कार्रवाई पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण हुई. बिटकॉइन माइनिंग सुपर कंप्यूटर के ज़रिए किया जाता है और इसलिए बिटकॉइन माइनिंग के लिए बहुत अधिक विद्युत ऊर्जा की जरूरत होती है, जिसे कई लोगों द्वारा एक पर्यावरणीय चुनौती के रूप में देखा जाता है.

8. आंशिक खरीदारी की है अनुमति : शेयर बाजार में आपको एक पूरा शेयर खरीदना होता है, लेकिन इसके उलट क्रिप्टोकरेंसी में आंशिक खरीदारी की अनुमति होती है. इसका मतलब है कि आप आसानी से 100 रुपये से कम में एक्सचेंजों के ज़रिए डिजिटल मुद्रा के अंश खरीद सकते हैं.

9. RBI ने निवेशकों को किया है कई बार सतर्क : सरकार ने “RBI द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने” और “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने” के लिए द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 का प्रस्ताव पेश किया है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अलग-अलग तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर निवेशकों को सतर्क किया है और उन्हें आभासी मुद्राओं से जुड़े जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है.

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