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मुद्रा का दबाव

मुद्रा का दबाव
यदि आपको उठने पर पीड़ा या दर्द होता है तो जब अगली बार सोने जाएं तो अपने शरीर को सीधा करने का प्रयास करें।

बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है शंख मुद्रा, रोजाना 5 मिनट के अभ्यास से मिलेंगे ये 5 फायदे

सोने के लिए सबसे अच्छी (और खराब) मुद्रा कौन सी हैं? (What is best and worst sleeping position?)

यदि आप अपने सोने की पोज़िशन के बारे में कभी नहीं सोचते हैं तो अब समय है कि आप इस बारे में विचार करें। आप कैसे सोते हैं ये बस आप दिन में उठकर कैसा महसूस करते हैं उसे ही प्रभावित नहीं करता बल्कि यह कई जोखिम भरी अवस्थाओं को बढ़ा या घटा सकता है।

यह लेख आपके पसंदीदा सोने की अवस्था से जुड़े खतरों और लाभों को समझने में आपकी सहायता करेगा। जिससे आप अपने लिए अच्छे और खराब सोने की अवस्था का पता लगा सकते हैं।

क्या सोने की मुद्रा मायने रखती है? (Does sleeping position Matter?)

आप रात में कितनी देर सोते हैं और उठने पर कैसा महसूस करते हैं इसपर बहुत ज़्यादा ध्यान देने से अपने सोने के समीकरण में एक मुख्य चीज़ को भूलना आसान है जो कि आपकी सोने का पोज़िशन है।

क्या यह मायने रखता है? हां यह बहुत मायने रखता है क्योंकि आपके सोने की मुद्रा गर्दन दर्द, थकान, स्लीप एपनिया (

), मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द और सीने में जलन जैसे लक्षणों का कारण बन सकती है। ये समय से पहले झुर्रियों का भी कारण बन सकती है।

सोने की अलग मुद्राओं के अपने अलग नकारात्मक पहलू हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए ये नकारात्मक पक्ष गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बन सकता है।

तो क्या आप संभवतः सही अवस्था में सो रहे हैं?

सोने की विभिन्न स्थितियों के जोखिम और लाभ (Risk and benefits of different sleeping position)

पीठ के बल सोना (Sleeping on your back)

पीठ के बल सोना बहुत काम आम है, मात्र 8% लोग ऐसा करते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं तो अच्छी खबर है कि चेहरा ऊपर रखकर सोना गर्दन दर्द और पीठ दर्द मुद्रा का दबाव से बचाता है। सीधे अपनी पीठ के बल लेटना आपके सिर, गर्दन और रीढ़ को तटस्थ स्थिति में रखता है और उन क्षेत्रों में होने वाले जोड़ों पर पड़ने वाले अतिरिक्त दबाव को हटाता है।

चेहरे को मुद्रा का दबाव ऊपर रखकर सोना एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) के खतरे को भी कम करता है जब तक आप अपने सिर को अपनी छाती से ऊंचा रखने के लिए तकिया का उपयोग करते हैं और अपने पेट की सामग्री को अपने पाचन तंत्र में आने से रोकते हैं।

इसमें सबसे बड़ी कमी यह है कि पीठ के बल सोना खर्राटे (snoring) और स्लीप एपनिया (sleep apnoea) के खतरे को बढ़ाता है। जब आप पीठ के बल सोते हैं तब आपकी जीभ आपके साँस की नली को बन्द कर सकती है जो सामान्य रूप से सांस लेना मुश्किल बना सकता है।

सोने की सबसे सही मुद्रा

तो विजेता कौन सी मुद्रा श्रेष्ठ है?

करवट लेकर सोने में अन्य मुद्राओं की तुलना में कम ख़तरे होते हैं, जबकि आपके पेट पर सोने से उल्लेखनीय नुकसान होते हैं। हालाँकि, क्योंकि हर कोई अलग है, यह कहना मुश्किल है कि कौन सी विशिष्ट सोने की मुद्रा सबसे अच्छी है।

यदि आपको एक स्वास्थ्य स्थिति है, या होने की सम्भावना है, जो आपकी सोने की मुद्रा से प्रभावित हो सकती है, तो डॉक्टर से बात करें।

और याद रखें कि यद्यपि आप एक निश्चित मुद्रा में सो जाते हैं, आप उस मुद्रा में अधिकांश रात बिताने की संभावना नहीं रखते हैं। हम में से अधिकांश सोते समय प्रति घंटे 10 से 12 बार घूमते हैं, जिसका अर्थ है कि आप रात में कई बार अपनी मुद्रा बदल सकते हैं।

मुद्रा का दबाव

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

कोरोना संक्रमण काल में जब अर्थव्यवस्था काफी दबाव में है, तब विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर देशवासियों के लिए राहत की खबर आई है।

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण काल में जब अर्थव्यवस्था काफी दबाव में है, तब विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर देशवासियों के लिए राहत की खबर आई है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 611.895 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। भारत में ये अभी तक विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वोच्च स्तर है। इस स्तर तक विदेशी मुद्रा भंडार के पहुंच जाने के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश बन गया है।

रिकार्ड स्तर तक भरा भारत का खजाना, 610 अरब डॉलर के पार हुआ विदेशी मुद्रा भंडार

नईदिल्ली। कोरोना संक्रमण काल में जब अर्थव्यवस्था काफी दबाव में है, तब विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर देशवासियों के लिए राहत की खबर आई है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 611.895 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। भारत में ये अभी तक विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वोच्च स्तर है। इस स्तर तक विदेशी मुद्रा भंडार के पहुंच जाने के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार मुद्रा का दबाव के मामले में भारत दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश बन गया है।

केंद्र सरकार की ओर से जारी 9 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार आलोच्य सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.883 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 611.895 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया। इसके पहले 2 जुलाई को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.013 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी, जिससे इसका आंकड़ा 610.012 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। वहीं इसके पहले कि कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन यानी 25 जून 2021 को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 608.99 बिलियन डॉलर के स्तर पर था।

Indian Forex Reserves: भारत के विदेशी मद्रा भंडार में अब तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट

Indian Forex Reserves: भारत के विदेशी मद्रा भंडार में अब तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट

India Foreign Exchange Reserves। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जानकारी दी है कि भू-राजनीतिक घटनाक्रम के कारण मुद्रा दबाव में आने से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में अभी तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट देखने को मिली है। आरबीआई के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 11.173 अरब डॉलर घटकर 606.475 अरब डॉलर हो गया है। गौरतलब है कि बीते सप्ताह भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में साप्ताहिक गिरावट देखने को मिली थी। 25 मार्च को समाप्त पिछले सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 617.648 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।

बच्चों के लिए शंख मुद्रा के फायदे (Shankha Mudra Benefits For Children In Hindi)

  1. शंख मुद्रा का अभ्यास करने से बच्चों में मोटापे का जोखिम कम होता है
  2. बच्चों का फोकस बढ़ता है और याददाश्त में सुधार होता है
  3. इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिससे वे सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार जैसे वायरल संक्रमण की चपेट में नहीं आते हैं।
  4. आत्मविश्वास बढ़ता है और बोलने में हिचकिचाहट की समस्या दूर होती है।
  5. खराब जीवन शैली के चलते बच्चों की लंबाई नहीं बढ़ती है, शंख मुद्रा का अभ्यास करने से बच्चों का शारीरिक विकास बेहतर तरीके से होता है।
  • शंख मुद्रा का करना बहुत आसान है इसे बच्चे आसानी से कर सकते हैं। आपको बस कुछ सिंपल स्टेप्स को फॉलो करना है:
  • सबसे पहले हाथ के अंगूठे को दोनों हाथ की मुट्ठी बनाकर उसमें बंद कर लें
  • फिर बाएं हाथ की तर्जनी उंगली को दाएं हाथ के अंगूठे से मिलाएं। इस तरह शंख की मुद्रा बन जाएगी।
  • अब बाएं हाथ की बाकी तीन उंगलियों को पास में सटाकर दाएं हाथ की बंद उंगलियों पर हल्का-सा दबाव दें।
  • ठीक इसी तरह आपको अपने दूसरे हाथ के साथ भी करना है यानी दाएं हाथ के अंगूठे को बाएं हाथ की मुट्ठी में बंद करके शंख मुद्रा बनाएं।
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