अपने दलाल दर

वहीं नीदरलैंड ने त्योहारों के मौसम के ठीक बीच में "दर्दनाक" लॉकडाउन लगाया है। जबकि यूके ने पहले ही यात्रा प्रतिबंध लगा दिए थे और जर्मनी और ऑस्ट्रिया जैसे देश अपनी नवीनतम कोविड लहरों से उबर रहे थे।
दलाल स्ट्रीट में खून की होली, जानिये निफ्टी और सेंसेक्स को लहूलुहान करने वाले चार फैक्टर्स
घरेलू इक्विटी बाजार आज यानी 20 दिसंबर की शुरुआत से ही फ्रीफॉल में दिखे और दोनों बेंचमार्क इंडेक्स एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ खुले। जबकि निफ्टी50 1.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,653 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया, रोक-टोक के बिना बिकवाली के चलते सेंसेक्स लगभग 1,100 अंक या 1.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55922.58 पर पहुंच गया।
निफ्टी मिडकैप 100 में 3.1 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 250 में 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ ब्रॉडर मार्केट पर गहरा असर पड़ा।
वोलैटिलिटी इंडेक्स इंडिया VIX आज 10 फीसदी उछलकर 18.02 के स्तर पर पहुंच गया।
20 दिसंबर को IT सहित सभी सेक्टर लहुलुहान दिखे। निफ्टी आईटी, जो शुक्रवार को इंडस्ट्री की अपबीट डिमांड के चलते बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा था, उसमें भी निगेटिव सेंटीमेंट के कारण गिरावट नजर आई। मेटल्स, रियल एस्टेट और फाइनेंशियल शेयर बेंचमार्क इंडेक्स को नीचे खींच रहे थे। निफ्टी बैंक जहां 2.7 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 2.8 प्रतिशत और मेटल इंडेक्स 3 प्रतिशत गिर गया।
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इन चार फैक्टर्स ने बाजार को घायल कर दिया
ओमीक्रॉन के बढ़ने की चिंता (Omicron concerns)
कोविड -19 के तेजी से फैलने वाले इस वैरिएंट ने निवेशकों को डराना जारी अपने दलाल दर रखा क्योंकि यूरोप के अधिकांश देश इसको नियंत्रित करने के लिए परेशान रहे। मार्केट एस्कपर्ट्स का मानना है कि सामान्य होती वैश्विक अर्थव्यवस्था के ठीक एक साल बाद एक और सख्त लॉकडाउन की संभावना आर्थिक सुधार को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
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---रविवार विशेष---
-अपने-अपने कार्यक्षेत्र में नामी-गिरामी दोनों दिग्गजों ने धरती के दूसरे भगवान के कृत्य पर जताई चिंता
-अपने बीच हुई चर्चा को फेसबुक पर पोस्ट कर सुधार की बताई जरुरत, नववर्ष में कुछ तो लें नसीहत
बृजेश यादव
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मऊ : आधुनिक समाज में धनकमाने की होड़ है, चाहे वह जैसे आये। प्राइवेट अस्पताल व चिकित्सक भी इसमें पीछे नहीं हैं। उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिस मरीज से धन ऐंठा अपने दलाल दर जा रहा है, वह किस परिस्थिति से गुजर रहा है। आभूषण गिरवी रखकर पैसा लाया है या खेत रेहन रखकर, वह अपने सभी चार्ज (दलाल के कमीशन सहित) वसूल करके अपने दलाल दर ही छोड़ते हैं। धन अर्जित करने में मानवता को भी दरकिनार कर चुके प्राइवेट डाक्टरों को भले न फर्क पड़े, लेकिन उन्हें पड़ता है, जिन्हें समाज की चिंता है। जिनकी सोच है कि समाज का अंतिम व्यक्ति भी खुशहाल रहे। किसी को पीड़ा में जान-सुन वह खुद उसके दर्द को महसूस कर कराह उठते हैं। सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहने वाले अपने-अपने कार्यक्षेत्र के दो नामचीनों में विमर्श हुआ तो प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा लूट का खेल परत-दर-परत सामने आ गया। यह शख्स हैं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मुन्ना दूबे व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा.गंगासागर सिंह।
डेढ़ माह पूर्व हुई वार्ता आज भी मौजूं
इनके बीच वार्ता का घटनाक्रम डा.गंगासागर सिंह के निवास पर करीब डेढ़ माह पहले का है। इन दोनों दिग्गजों के बीच जो विमर्श हुआ, उसे उन्होंने अपने-अपने फेसबुक वाल पर विस्तार से रेखांकित भी किया। दोनों लोगों ने कभी धरती के दूसरे भगवान की संज्ञा से नवाजे जाने वाले निजी चिकित्सकों के कृत्य पर चिंता जताते हुए सुधार की जरुरत बताई। बुलंद आवाज दोनों विद्वतजनों के फेसबुक वाल पर लिखे लेख को इस अपेक्षा के साथ हुबहू प्रस्तुत कर रहा है कि नूतन वर्ष 2022 में चिकित्सक आत्मचिंतन कर समाज की फिक्र कर कुछ सुधार जरुर करेंगे। खबर में दोनों लोगों के फेसबुक मैटर का स्क्रीनशाट भी सबसे नीचे लगाया गया है।
BoE दर-प्रेरित रैली के बाद ब्रिटिश पाउंड पीछे हट गया
रॉयटर्स के अनुसार, ब्रिटिश पाउंड (GBP) - जो शुक्रवार को गिर गया था - अक्टूबर के बाद से अपने उच्चतम साप्ताहिक लाभ को पोस्ट करने के लिए ट्रैक पर था, जब बैंक ऑफ इंग्लैंड (BoE) अपनी उधार दरों में वृद्धि करने वाली पहली G7 अर्थव्यवस्था बन गया।
GBP/USD शुक्रवार को 0.64% गिर गया, हालांकि गुरुवार को BoE के प्रमुख ब्याज दर के फैसले के बाद $ 1.3376 के तीन-सप्ताह के उच्च हिट से दूर नहीं।
BoE का निर्णय दर्शकों के लिए एक झटके के रूप में आया - इसकी दरों को 15 आधार अंकों से बढ़ाकर 0.25% करने के बाद - जिसने बैंक स्टॉक और पाउंड भेजे।
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, ब्रिटेन 7 में महामारी की शुरुआत के बाद से दरों में वृद्धि करने वाला पहला G2020 राष्ट्र बन गया। उस ने कहा, यूएस फेडरल रिजर्व ने भी संकेत दिया है कि वह 2022 में अपनी आर्थिक नीति को कड़ा करेगा। केवल यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) उत्तेजना में थोड़ा लगा।
इस बीच, नवंबर के लिए उम्मीद से बेहतर ब्रिटेन के खुदरा बिक्री के आंकड़ों के साथ-साथ मुद्रास्फीति की दर में उछाल ने विश्लेषकों की अटकलों को हवा दी कि BoE फरवरी में फिर से दरें बढ़ा सकता है। HSBC के रणनीतिकारों ने हाल ही में नोट किया कि:
"यह नवीनतम डेटा - मजबूत खुदरा बिक्री और लचीला उपभोक्ता विश्वास - सुझाव देता है कि यूके की अर्थव्यवस्था का मांग पक्ष उच्च मुद्रास्फीति के साथ भी मजबूत बना हुआ है।"
शीर्ष बैंक ने 2022 के लिए अपनी दर में वृद्धि की समय सारिणी को तेज कर दिया, 2021 में केवल दो की तुलना में तीन दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया।
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गुजरात विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं की संख्या
पहली बार वोट करने वाला युवा भी बहुत उत्साहित नजर आता है। उनका मत प्रतिशत भी कम नहीं होता। लेकिन ये युवा किसको वोट करेगा ये प्रत्याशियों के लिए दुविधा वाला प्रश्न है। गुजरात विधानसभा चुनाव में 11 लाख से अधिक युवा ऐसे अपने दलाल दर हैं, जो राज्य का भविष्य तय करने के लिए पहली बार वोट करेंगे।
राज्य विधानसभा की 182 सीटों में से 35 सीटें दक्षिण गुजरात में हैं। दक्षिण गुजरात के सात जिले सूरत, वलसाड़, नवसारी, भरूच, नर्मदा, तापी और डांग को मिलाकर 35 विधानसभा सीटों पर 2 लाख 33 हजार 142 युवा पहली बार मतदान के लिए पंजीकृत हैं। पहले चरण में होने वाले इस क्षेत्र के सूरत जिले में ही अन्य जिलों के मुकाबले सबसे अधिक अपने दलाल दर 1 लाख 2 हजार पांच सौ छह फर्स्ट टाइम युवा वोटर के रूप में मतदान करेंगे।