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डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार

डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार
नवंबर 2021 में आरबीआई ने इस प्लेटफार्म को शुरू किया है। (फोटो: रॉयटर्स)

शॉर्ट टर्म म्युचुअल फंड

यहाँ भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली संतुलित धनराशि / हाइब्रिड म्यूचुअल फ़ंड योजनाएँ हैं:

शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड नाम3 साल का रिटर्न5 साल का रिटर्न
रिलायंस प्राइम डेट फंड7.65%8.16%
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल शॉर्ट टर्म फंड7.6%8.4%
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल सेविंग्स फंड7.85%8.34%
आदित्य बिड़ला सनलाइफ शॉर्ट टर्म ऑपर्चुनिटीज फंड7.86%8.51%
यूटीआई ट्रेजरी एडवांटेज फंड7.76%8.26%
आदित्य बिड़ला सन लाइफ सेविंग्स फंड8.08%8.52%
एचडीएफसी शॉर्ट टर्म डेट फंड7.74%8.34%
आईडीएफसी बॉन्ड फंड7.21%7.88%
कोटक कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड8.21%9.10%
एलएंडटी शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड7.33%7.93%
आईडीएफसी बॉन्ड फंड – एमटीपी-डी5.17%5.67%
कोटक डायनामिक बॉन्ड फंड9.10%8.78%
IDFC डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार बॉन्ड फंड शॉर्ट टर्म डायरेक्ट प्लान (ग्रोथ)7.92%8.54%

* प्रदर्शन के अनुसार रिटर्न रेट्स सब्जेक्ट को बदलने के लिए हैं

शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड क्या हैं?

म्यूचुअल फंड स्कीम 4 साल तक के अल्पकालिक निवेश एवेन्यू के साथ ग्राहकों को सक्षम करने को आम तौर पर अल्पकालिक म्यूचुअल फंड कहा जाता है। ये वित्तीय योजनाएं हैं जिनके पोर्टफोलियो में 15 दिनों से लेकर अधिकतम 91 दिनों तक की परिपक्वता अवधि की पेशकश करने वाली प्रतिभूतियां शामिल हैं। यह म्यूचुअल फंड स्कीम एक निवेश साधन है जो कम से मध्यम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न की सुविधा देता है। यह टुकड़ा शॉर्ट-टर्म म्यूचुअल फंड्स पर एक संक्षिप्त जानकारी देता है। इन फंड योजनाओं को विशेष रूप से छोटी अवधि में स्थिर रिटर्न अर्जित करने के लिए तैयार किया गया है।

कई बार, शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड स्कीम की तुलना फिक्स्ड डिपॉजिट्स (एफडी) से की गई है क्योंकि इन दोनों स्कीमों का निवेश रिटर्न बहुत समान है।

भले ही सावधि जमा, कर दक्षता, तरलता के साथ-साथ स्थिर रिटर्न के साथ तुलना में शॉर्ट टर्म डेट फंड जोखिम भरा साधन हो, लेकिन ये म्यूचुअल फंड स्कीम फिक्स्ड डिपॉजिट को खत्म कर देती हैं।

बहुत कम क्षितिज वाले निवेशक 15 दिन या उससे कम समय के लिए लिक्विड फंड का विकल्प चुन सकते हैं, जबकि अधिक से अधिक निवेश अवधि की तलाश करने वाले निवेशकों का कहना है कि 2 से 3 महीने के लिए अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंडों की एक विस्तृत श्रृंखला से चुन सकते हैं। डेट डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार फंड निवेशों ने फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमों के विपरीत 10% वार्षिक रिटर्न का उत्पादन किया है जो वार्षिक रिटर्न का मात्र 7% उपज है।

इसके अतिरिक्त, अल्पकालिक म्यूचुअल फंड परिपक्वता की तारीख से पहले रिडेम्पशन पर जुर्माना आकर्षित नहीं करते हैं, जब तक कि उन्हें पूर्व-निर्धारित अवधि से पहले भुनाया नहीं जाता है। सामान्य परिस्थितियों में, पूर्व निर्धारित अवधि 5 दिन से 6 महीने तक होती है। इसके विपरीत, भले ही फिक्स्ड डिपॉजिट में लिक्विडिटी अधिक हो, 1% तक का जुर्माना लगाया जाता है, अगर एफडी उनकी परिपक्वता तिथि से पहले भुनाए जाते हैं।

आरबीआई के इस प्लेटफॉर्म के जरिए डायरेक्ट सरकारी बॉन्ड में जमकर निवेश कर रहे हैं लोग, मिल रहा बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज

आरबीआई ने रिटेल डायरेक्ट प्लेटफार्म को नवंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। इस प्लेटफार्म पर उपलब्ध केंद्र सरकार के बॉन्डों पर निवेशकों को करीब 6.8 फीसदी की ब्याज मिल रही है।

आरबीआई के इस प्लेटफॉर्म के जरिए डायरेक्ट सरकारी बॉन्ड में जमकर निवेश कर रहे हैं लोग, मिल रहा बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज

नवंबर 2021 में आरबीआई ने इस प्लेटफार्म को शुरू किया है। (फोटो: रॉयटर्स)

भारतीय रिजर्व बैंक का रिटेल डायरेक्ट प्लेटफार्म निवेशकों के बीच इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है। 35 हजार से ज्यादा निवेशक बेहद कम समय में इस प्लेटफार्म से जुड़ गए हैं। इस प्लेटफार्म के जरिए कोई भी व्यक्ति आसानी से सरकारी बॉन्ड खरीद और बेच सकता है। सरकारी बॉन्ड में निवेश होने के चलते यह निवेशकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।

एफडी से मिला रहा ब्याज: आरबीआई ने रिटेल डायरेक्ट प्लेटफार्म को नवंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। इस प्लेटफार्म पर डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार उपलब्ध केंद्र सरकार के बॉन्डों पर निवेशकों को करीब 6.8 फीसदी की ब्याज मिल रही है जबकि राज्य सरकार के 10 साल के बॉन्ड पर 7.2 से लेकर 7.24 फीसदी की ब्याज मिल रही है। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में निवेशक बॉन्ड की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।

टैक्स फ्री हो सकता डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार है ब्याज: निवेशक बॉन्ड और गिल्ट्स को आसानी से आरबीआई के रिटेल डायरेक्ट प्लेटफार्म के जरिए ऑनलाइन बेच सकते हैं। वहीं इकोनामिक टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार रिटेल निवेश को बॉन्ड मार्केट में प्रोत्साहित करने के लिए इससे होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स में छूट भी देने की योजना बना रही है।

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बैंक और इंस्टिट्यूशन का दबदबा होगा खत्म: आमतौर पर दुनिया के ज्यादातर बॉन्ड मार्केट पर वहां की बैंकों और इंस्टीट्यूशंस का एकाधिकार होता है लेकिन आरबीआई इस प्लेटफार्म के जरिए भारत में रिटेल निवेशकों की भी बॉन्ड मार्केट में हिस्सेदारी सुनिश्चित कर रहा है। भारत सरकार के आर्थिक सर्वे 2021-22 के मुताबिक यह योजना मध्यम वर्ग, छोटे व्यवसायियों और वरिष्ठ नागरिकों की बचत को जोखिम मुक्त सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में ले जाने में उपयोगी साबित होगी। इसके लिए आरबीआई पूरे देश में जागरूकता अभियान भी चलाएगा।

कैसे करें निवेश: इस योजना में निवेश के लिए सबसे पहले आपको आरबीआई के पोर्टल पर जाना होगा। जहां आप ऑनलाइन रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट खोलना होगा। फिर पर इस अकाउंट के जरिए केंद्र सरकार के बॉन्ड, राज्य सरकार के बॉन्ड और ट्रेजरी बिलों में निवेश कर सकते हैं। किसी सरकारी बॉन्ड में आपको कम से कम 10 हजार रुपए निवेश करने होंगे जबकि अधिकतम निवेश की कोई भी सीमा नहीं है। वहीं इसी अकाउंट से आप सॉवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में भी निवेश कर सकते हैं। इस योजना में कम से कम आपको 1 ग्राम गोल्ड लेना होगा जिसमें आप 1 साल से 30 साल की अवधि तक निवेश कर सकते हैं।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने भारतीय कंपनियों से किया निवेश का अनुरोध, जानिए वजह

प्रतीकात्मक तस्वीर (साभार- शटरस्टॉक)

श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि गुणवर्धना ने गत गुरुवार को भारतीय सीईओ फोरम (I . अधिक पढ़ें

  • भाषा
  • Last Updated : October 10, 2022, 06:15 IST

नई दिल्ली. गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धना ने कई भारतीय कंपनियों के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर्स (CE0s) के साथ डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार मुलाकात में बाईलैटरल ट्रेड को बढ़ावा देने और नए क्षेत्रों में निवेश करने की जरूरत पर बल दिया है.

श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि गुणवर्धना ने गत गुरुवार को भारतीय सीईओ फोरम (ICF) के श्रीलंका खंड के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें निवेश और व्यापार बढ़ाने के लिए कहा.

दिनेश गुणवर्धना ने भारतीय कंपनियों के सहयोग और समर्थन के लिए जताया आभार
इस मुलाकात में गुणवर्धना ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों के सहयोग और समर्थन के लिए आभार जताया. उन्होंने कहा कि ये कंपनियां नकदी की किल्लत से जूझ रहे इस देश में नया निवेश लाकर, रोजगार पैदा कर और डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्सेज के रूप में योगदान देकर मदद कर रही हैं.

टी एस प्रकाश ने डायरेक्ट के साथ निवेश और व्यापार की प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई
आईसीएफ के इस प्रतिनिधिमंडल में वाहन, बैंकिंग, सीमेंट, एफएमसीजी, ईंधन, हॉस्पिटैलिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक, पैकेजिंग, पेंट और फार्मा सेक्टर की कंपनियों के अधिकारी शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई टी एस प्रकाश ने की.
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‘शाइन श्रीलंका’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत के साथ एक नई पहल
प्रकाश ने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के नए क्षेत्रों में निवेश के अनुरोध पर कहा कि आईसीएफ ने व्यापार एवं निवेश के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए ‘शाइन श्रीलंका’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत के साथ एक नई पहल की है. उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए श्रीलंका में व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा मिलने की व्यापक संभावनाएं हैं.

आर्थिक संकट का सामना कर रहा है श्रीलंका
इस मुलाकात के दौरान गुणवर्धना ने अपनी सरकार की तरफ से श्रीलंका की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी. श्रीलंका साल की शुरुआत से ही गहरे आर्थिक और वित्तीय संकट का सामना कर रहा है और उसे जरूरी चीजों की खरीद के लिए भी भारत जैसे सहयोगी देश की मदद लेनी पड़ी है.

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भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।

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