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शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें?

शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें?
ग्राहक द्वारा एक दिन में किए जाने वाले कई ट्रेड के लिए पैसे को ब्लॉक करने और अनब्लॉक करने के बहुत सारे उदाहरण होंगे। इसके अलावा, ASBA में भी, विफलता दर और ब्लॉक करने में अधिक समय लगने जैसे मुद्दे हैं।

निवेश करना शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें? सीखें

अपनी मेहनत की कमाई को सही जगह निवेश करने के लिये सोच-समझकर योजना बनाने की आवश्‍यकता है। निवेश के संदर्भ में लिया गया गलत निर्णय आपकी पूंजी का सफाया कर सकता है। अत:, निवेशक को निवेश करने से पूर्व निवेश के विभिन्‍न विकल्‍पों का गहनता से विश्‍लेषण करना चाहिये। निवेश का एक लोकप्रिय विकल्‍प शेयर बाजार भी है। शेयर बाजार में लाभ कमाने की अपरिमित क्षमता है, इसलिये बहुत से लोग अपनी पूंजी का निवेश यहां करते हैं। इस आलेख में, हम शेयर बाजार में निवेश करने के विभिन्‍न पहलुओं पर गौर करेंगे।

जब आप कोई शेयर (स्‍टॉक) खरीदते हैं, तो आप कंपनी के एक अंश का स्‍वामित्‍व हासिल कर लेते हैं। इसके बदले में, कंपनी जब मुनाफा कमाती है तो लाभांश के रुप में आपको लाभ देती है। लाभांश की राशि इस बात पर शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें? निर्भर करती है कि आपके पास कितने शेयर हैं। इसके अतिरिक्‍त, दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्‍य में होने वाली वृद्धि से आपकी पूंजी में भी अभिवृद्धि होगी। अतएव, शेयर खरीदने से लाभांश के रुप में नियमित आय प्राप्‍त होगी और दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्‍य में होने वाली वृद्धि से संपत्ति में भी अभिवृद्धि होगी।

शेयर बाजार में निवेश की कुछ युक्तियां

दीर्घ अवधि के लिये लक्ष्‍य निर्धारित करें

शेयर बाजारमें निवेश करने से पूर्व आपके वित्तिय लक्ष्‍य स्‍पष्‍ट होने चाहिये। शेयर बाजार में दीर्घ अवधि के लिये ही निवेश करके संपत्ति अर्जित की जा सकती है। आपको इस समझ के साथ निवेश करना होगा कि निवेश पर आपको कितना प्रतिफल चाहिये और आप दीर्घ अवधि के लिये कितनी पूंजी निवेशित करने के लिये तैयार हैं।

अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें

शेयर बाजार में निवेश करते वक्‍त, नये निवेशकों के लिये अपनी भावनाओं को नियंत्रित रख पाना बहुत मुश्किल होता है। जब शेयर बाजार में निवेश की बात आती है, यह सबसे बड़ी बाधा होती है। भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाने की वजह से निर्णय में गलती हो जाती है और परिणामस्‍वरुप भारी नुकसान हो जाता है। शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव का माहौल होता है जिसकी वजह से आरंभिक निवेशकों में तनाव और असुरक्षा की भावना व्याप्‍त होती है। इस परिदृश्‍य में,आरंभिक निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे भावनाओं के भंवर जाल में न उलझें और जल्‍दबाजी में निर्णय लेने से बचें।

निवेश करते समय अफवाहों से कैसे निपटें?

आप कितनी बार ऐसे परिचित लोगों से मिलते हैं जिन्होंने शेयर बाजार में अपना पैसा गंवा दिया होता है क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि बाजार में अगले पल क्या होगा या फिर जिन्होंने पैसा कमाया क्योंकि उन्हें पता था कि बाजार कहाँ जा रहा था? यहाँ तक कि बेहतरीन मार्केट विश्लेषक भी सही भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं कि अगले पल बाजार कैसे आगे बढ़ेगा क्योंकि फ़ाइनेंशियल मार्केट मनोभाव से चलते हैं और बाजार के मनोभाव बाजार की खबरों पर निर्भर शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें? करते हैं।

एक निवेशक आजकल बाजार की खबरों को आसानी से जान सकता है जो असल में सही हो सकती हैं या अफवाह या महज अटकलें हो सकती हैं। जहाँ सही खबरों पर आधारित निवेश के फैसले अच्छे परिणाम दे सकते हैं, वहीं अफवाहों या अटकलों पर आधारित निवेश के फैसलों से निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

बिहेवियरल फाइनेंस थ्योरी के अनुसार, निवेशक स्वभाव से तर्कहीन होते हैं यानी शोध और जांच करके निवेश नहीं करते हैं, बल्कि झुंड मानसिकता की मानसिकता के साथ अलग-अलग मानसिक और भावनात्मक पूर्वाग्रहों से प्रभावित होते हैं। इसलिए, बाजार की कोई भी गलत जानकारी निवेशकों में घबराहट पैदा कर सकती है जिससे निवेशकों की संपत्ति को भारी नुकसान हो सकता है।

ASBA : जानिए शेयर बाजार में निवेश करने वालों को कैसे फायदा पहुंचाएगा

आइए अब इस प्रस्तावित प्रणाली के बारे में विस्तार से जानते हैं:

ASBA क्या है?

ASBA (Application Supported by Blocked Amount), एक खास तरह का पेमेंट सिस्टम है जिसका इस्तेमाल आईपीओ के लिए अर्जी लगाने के दौरान होता है। वर्ष 2008 से यह उपयोग में है। इससे पहले, निवेशकों को आईपीओ के लिए आवेदन करते समय या तो पैसा चेक से जमा करना होता था या आईपीओ के उद्देश्य से बनाए गए एस्क्रो खाते (escrow account) में अपने खाते से ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करना पड़ता था।

उस समय, एक आईपीओ के बंद होने और शेयरों के आवंटन के बीच की समयावधि 10 दिनों से अधिक थी। नतीजतन, पैसा एक निवेशक के बैंक खाते से डेबिट हो जाता था, भले ही उसे शेयर का आवंटन हुआ हो या नहीं।

ASBA के आने के साथ ही पेंमेंट की पूरी प्रक्रिया बदल गई। इस सिस्टम के तहत आईपीओ के लिए अर्जी देते समय केवल एक निवेशक के बैंक खाते में पैसा अवरुद्ध (ब्लॉक) रहता है। शेयरों के आवंटन के मामले में, आवश्यक धनराशि डेबिट हो जाती है जबकि आवंटन नहीं होने की स्थिति में पूरी ब्लॉक्ड राशि अनब्लॉक्ड हो जाती है।

निवेश करते समय अफवाहों से कैसे निपटें?

आप कितनी बार ऐसे परिचित लोगों से मिलते हैं जिन्होंने शेयर बाजार में अपना पैसा गंवा दिया होता है क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि बाजार में अगले पल क्या होगा या फिर जिन्होंने पैसा कमाया क्योंकि उन्हें पता था कि बाजार कहाँ जा रहा था? यहाँ तक कि बेहतरीन मार्केट विश्लेषक भी सही भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं कि अगले पल बाजार कैसे आगे बढ़ेगा क्योंकि फ़ाइनेंशियल मार्केट मनोभाव से चलते हैं और बाजार के मनोभाव बाजार की खबरों पर निर्भर करते हैं।

एक निवेशक आजकल बाजार की खबरों को आसानी से जान सकता है जो असल में सही हो सकती हैं या अफवाह या महज अटकलें हो सकती हैं। जहाँ सही खबरों पर आधारित निवेश के फैसले अच्छे परिणाम दे सकते हैं, वहीं अफवाहों या अटकलों पर आधारित निवेश के फैसलों से निवेशकों को नुकसान हो सकता शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें? शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें? है।

बिहेवियरल फाइनेंस थ्योरी के अनुसार, निवेशक स्वभाव से तर्कहीन होते हैं यानी शोध और जांच करके निवेश नहीं करते हैं, बल्कि झुंड मानसिकता की मानसिकता के साथ अलग-अलग मानसिक और भावनात्मक पूर्वाग्रहों से प्रभावित होते हैं। इसलिए, बाजार की कोई भी गलत जानकारी निवेशकों में घबराहट पैदा कर सकती है जिससे निवेशकों की संपत्ति को भारी नुकसान हो सकता है।

एक्सपर्ट की सलाह: शेयर बाजार या किसी भी इंस्ट्रूमेंट में अच्छे रिटर्न के लिए निवेश के पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई जरूर करें

याद रखें कभी भी एक ही सेक्टर में निवेश न करें। यह आपके जोखिम को तेजी से बढ़ाता है - Dainik Bhaskar

पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) ट्रेडिंग के क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध विषयों में से एक है। हालांकि, यह सबसे अधिक उपेक्षित भी है, खासकर नए निवेशकों द्वारा। फिर भी अनुभवी निवेशक अपने पोर्टफोलियो को अच्छी तरह से संतुलित रखते हैं। दुनियाभर के विभिन्न बाजारों में समान संपत्ति निवेश में भी विविधता का पालन होता है। ऐसा करने से उनके समग्र रिटर्न में सुधार के साथ-साथ उससे जुड़े जोखिम भी कम होते हैं।

पोर्टफोलियो में विविधता का पालन क्यों जरूरी है?

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