न्यूनतम निवेश राशि

Mutual Fund: बस इतनी न्यूनतम राशि का भी आप म्यूचुअल फंड में कर सकते हैं निवेश
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दौरान लोगों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि आखिर कितनी न्यूनतम राशि के साथ इसे शुरू किया जा सकता है। बहरहाल, इस सवाल के जवाब समेत कई अन्य बातें जो निवेशकों के लिए जाननी जरूरी हैं आइए जानते हैं।
इसके अलावा आईसीआईसीआई (ICICI) प्रुडेंशल वैल्यू डिस्कवरी फंड में भी 500 रुपये के निवेश से शुरुआत की जा सकती है। अपने हाई रिटर्न स्केल के चलते यह म्यूचुअल फंड नए निवेशकों और निवेश सलाहकारों में काफी फेमस है।
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निवेश उत्पाद
बैंक ऑफ बड़ौदा पहली बार एवं अनुभवी निवेशकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस), बांड, एनसीडी, वैकल्पिक निवेश उत्पादों आदि की विस्तृत श्रृंखला पेश करता है.
म्यूचुअल फंड निवेश
- म्युचुअल फंड दीर्घावधि में मुद्रास्फीति से निपटने एवं कर-बचत प्रतिफल (रिटर्न) प्रदान करते हैं .
- निवेशक अपने जोखिम / रिटर्न प्रोफाइल के अनुसार विभिन्न आस्ति वर्गों जैसे इक्विटी, ऋण या सोने में निवेश कर सकते हैं.
वैकल्पिक न्यूनतम निवेश राशि निवेश उत्पाद
- वैकल्पिक निवेश उत्पादों का उपयोग करके पेशेवर प्रबंधित और विविध प्रकार की निवेश नीतियों की सुविधा प्राप्त करें.
- वैकल्पिक निवेश उत्पाद में पोर्टफोलियो प्रबंधित सेवा, संरचित उत्पाद आदि शामिल हैं.
बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता
- बाधा रहित और सुरक्षित ट्रेडिंग अनुभव न्यूनतम निवेश राशि प्राप्त करने के लिए बैंक ऑफ़ बड़ौदा के साथ एक सिंक्रोनाइज़ बैंक, डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलें .
- डिजिटल खाता खोलने की प्रक्रिया 100% कागज रहित और बाधा-रहित मुक्त है.
डिमैट खाता
आसान स्टोरेज एवं लेनदेन की सुविधा के लिए प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखें.
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
म्यूचुअल फंड निवेशकों को यूनिट जारी करके और प्रस्ताव दस्तावेज में बताए गए उद्देश्यों के अनुसार प्रतिभूतियों में फंड का निवेश करके धन जमा करने का एक साधन है.
प्रतिभूतियों न्यूनतम निवेश राशि में निवेश उद्योगों और क्षेत्रों के व्यापक क्रॉस-सेक्शन में फैला हुआ है और इस प्रकार इसमें अनेक प्रकार की जोखिम है क्योंकि सभी स्टॉक एक ही तरह से और एक ही समय में सामान अनुपात में नहीं चल सकते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा निवेशकों को उनके द्वारा निवेश किए गए धन की मात्रा के अनुसार इकाइयाँ जारी किया जाता है. म्यूचुअल फंड के निवेशकों को यूनिटहोल्डर के रूप में जाना जाता है.
इसके अंतर्गत लाभ या हानि निवेशकों द्वारा उनके निवेश के अनुपात में शेयर की जाती है. म्यूचुअल फंड आम तौर पर कई योजनाएं लेकर आते हैं जो समय-समय पर विभिन्न निवेश उद्देश्यों के साथ शुरू की जाती हैं.
म्यूचुअल फंड की किसी विशेष योजना का कार्यनिष्पादन इसके नेट आस्ति मूल्य (एनएवी) द्वारा दर्शाया जाता है.
म्यूचुअल फंड निवेशकों से जुटाए गए रकम को प्रतिभूति बाजार में निवेश करते हैं. सरल शब्दों में, एनएवी योजना द्वारा धारित प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य होता है. चूंकि प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य प्रत्येक दिन बदलता है, इसलिए किसी योजना का एनएवी भी दैनिक आधार पर बदलता रहता है. प्रति इकाई एनएवी किसी विशेष तिथि पर योजना की कुल इकाइयों की संख्या से विभाजित करके इसकी प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य होता है. उदाहरण के लिए, यदि म्यूचुअल फंड योजना की प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य न्यूनतम निवेश राशि रू. 200 लाख है और म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को 10 रुपये की 10 लाख इकाइयां जारी की हैं, तो फंड की प्रति यूनिट एनएवी 20 रुपये (यानी, 200) होगी. म्यूचुअल फंड द्वारा दैनिक आधार पर एनएवी का खुलासा करना आवश्यक होता है.
- परिपक्वता अवधि के अनुसार योजनाएं:
किसी म्यूचुअल फंड योजना को उसकी परिपक्वता अवधि के आधार पर ओपन-एंडेड योजना या क्लोज-एंडेड योजना क्र रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.
ओपन-एंडेड फंड / योजना
एक ओपन-एंडेड फंड या योजना वह है जो निरंतर आधार पर सदस्यता और पुनर्खरीद के लिए उपलब्ध होता है. इन योजनाओं की कोई निश्चित परिपक्वता अवधि नहीं होती है. निवेशक आसानी से प्रति यूनिट नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) पर यूनिट खरीद और बेच सकते हैं जिसे दैनिक आधार पर घोषित किया जाता है. ओपन-एंड योजनाओं की प्रमुख विशेषता तरलता(लिक्वीडीटी है
क्लोज-एंडेड फंड / योजना
क्लोज-एंडेड फंड या स्कीम के अंतर्गत एक निर्धारित परिपक्वता अवधि होती है, जैसे, 3-5 साल. योजना के शुभारंभ के समय एक निर्दिष्ट अवधि के दौरान ही फंड सदस्यता के लिए खुला रहता है. निवेशक नए फंड की पेशकश के समय इस योजना में निवेश कर सकते हैं और न्यूनतम निवेश राशि बाद में वे स्टॉक एक्सचेंजों पर योजना की इकाइयों की खरीद या बिक्री कर सकते हैं जहां इकाइयां सूचीबद्ध हैं. निवेशकों को एक एक्जिट मार्ग प्रदान करने के लिए, कुछ क्लोज-एंडेड फंड एनएवी से संबंधित कीमतों पर आवधिक पुनर्खरीद के माध्यम से यूनिट को म्यूचुअल फंड को फिर से बेचने का विकल्प देते हैं.
किसी योजना को उसके निवेश के उद्देश्य पर विचार करते हुए विकास योजना, आय योजना या संतुलित योजना के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है. इस तरह की योजनाएं ओपन-एंडेड या क्लोज-एंडेड कोई भी हो सकती हैं जैसा कि इससे पूर्व सूचित किया है. ऐसी योजनाओं को मुख्य रूप से निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है:
विकास/इक्विटी उन्मुख योजना
ग्रोथ फंड का उद्देश्य मध्यम से लंबी अवधि में पूंजी वृद्धि प्रदान करना है. ऐसी योजनाएं आम तौर पर अपनी निधि का का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी में निवेश करती हैं. ऐसे फंडों में तुलनात्मक रूप से उच्च जोखिम निहित होता है. ये योजनाएं निवेशकों को लाभांश विकल्प एवं विकास न्यूनतम निवेश राशि जैसे विभिन्न विकल्प प्रदान करती हैं और निवेशक अपनी पसंद के आधार पर किसी विकल्प का चयन कर सकते हैं. निवेशकों द्वारा अपने आवेदन पत्र में ऐसे विकल्प का उल्लेख करना चाहिए. म्यूचुअल फंड अपने निवेशकों को इसकी तारीख के बाद भी अपना विकल्प बदलने की न्यूनतम निवेश राशि अनुमति भी प्रदान करते हैं.. दीर्घावधि के दृष्टिकोण वाले निवेशकों के लिए ऐसी विकास योजनाएं अच्छी होती हैं, जो समय की अवधि में इसमें बढ़ोत्तरी चाहते हैं.
आय/ऋण उन्मुख योजना
आय फंड का उद्देश्य निवेशकों को नियमित और निश्चित आय प्रदान करना है. ऐसी योजनाएं आम तौर पर न्यूनतम निवेश राशि निश्चित आय प्रतिभूतियों जैसे बांड, कॉर्पोरेट डिबेंचर, सरकारी प्रतिभूतियों और मुद्रा बाजार के साधनों में अपना निवेश करती हैं और ऐसे फंड इक्विटी योजनाओं की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं.
हालांकि, ऐसे फंड्स में कैपिटल एप्रिसिएशन के अवसर भी सीमित होते हैं. देश में ब्याज दरों में होने वाले बदलाव के कारण ऐसे फंडों की एनएवी प्रभावित होती है. ब्याज दरें कम होने पर ऐसे फंडों के एनएवी में अल्पावधि में वृद्धि होने की संभावना रहती है और ब्याज दर में वृद्धि होने पर इसके विपरीत प्रभाव पड़ता है. तथापि दीर्घावधि के निवेशक इन उतार-चढ़ावों से परेशान नहीं हो सकते हैं.
संतुलित योजनाओं का उद्देश्य विकास और नियमित आय दोनों ही प्रदान करना है क्योंकि ऐसी योजनाएं इक्विटी और निश्चित आय प्रतिभूतियों दोनों में इनके प्रस्ताव दस्तावेजों में दर्शाए अनुपात में निवेश करती हैं. ये मध्यम वृद्धि की तलाश कर रहे निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं. शेयर बाजारों में शेयर की कीमतों में उतार चढ़ाव होने के कारण भी ये फंड प्रभावित होते हैं. हालांकि, ऐसे फंडों के एनएवी के शुद्ध इक्विटी फंड की तुलना में अस्थिर होने की संभावना कम होती है.
पोस्ट ऑफिस की इन योजनाओं में निवेश कम मुनाफा ज्यादा, इतने फीसदी मिलेगा ब्याज
Post Office की बचत योजनाओं पर बीते महीने ब्याज दरों में इजाफा किया है. इसके अलावा इनमें निवेश करने पर आयकर की धारा 80-सी के तहत कर में छूट प्रदान की जाती है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Neeraj Patel
Updated on: Nov 20, 2022 | 10:37 AM
Small Saving Schemes : अगर आप पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में निवेश (Investment) करते हैं तो आपके लिए जानकारी बहुत ही आवश्यक है. स्मॉल सेविंग्स स्कीम में डाकघर की सभी बचत योजनाएं शामिल हैं. इन स्कीम्स में निवेश करने पर आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और गारंटी के साथ अच्छा मुनाफा भी मिलता है. इसी वजह से डाकघर बचत योजनाएं (Post Office Saving Schemes) हमेशा से निवेश का एक बेहतर विकल्प रही हैं.
सरकार ने डाकघर की बचत योजनाओं पर बीते महीने ब्याज दरों में इजाफा किया है. इसके अलावा इनमें निवेश करने पर आयकर की धारा 80-सी के तहत कर में छूट प्रदान की जाती है. डाकघरों में 2 और 3 साल की सेविंग स्कीम्स, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, किसान विकास पत्र, डाकघर मासिक आय खाता और सुकन्या योजना में कम पैसा निवेश कर मोटी रकम हासिल कर सकते हैं.
बेटी को ऐसे बनाएं मजबूत
सुकन्या समृद्धि योजना पोस्ट ऑफिस की सबसे ज्यादा ब्याज पाने वाली स्कीम है. इस योजना का मकसद बेटियों का भविष्य उज्जवल करना है. 10 साल से कम उम्र की बच्ची के नाम पर यह अकाउंट डाकघर में खुलवाया जा सकता है. इस योजना में निवेश करने पर 7.6 फीसदी का सालाना ब्याजदर मिलती है. साथ ही आयकर लाभ का फायदा भी उठाया जा सकता है.
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बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई तक का खर्च उठाएगी सरकार, ऐसे उठाएं फायदा
फ्री में मिलेगा 21 किलो गेहूं, 14 किलो चावल साथ में तेल-नमक भी, नई योजना शुरू
किस योजना में कितना मिलेगा ब्याज
- डाकघर की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत अब आपको 7.4 प्रतिशत के जगह 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलेगा.
- पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना पर अब 6.7 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है,
- डाकघर की 2-वर्ष की फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दर 5.7 प्रतिशत हो गई है. पहले इन पर 5.5 प्रतिशत ब्याज मिल रहा था.
- पोस्ट ऑफिस की 3-वर्षीय फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से 5.8 प्रतिशत हो गई है.
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर सालाना 6.8 फीसदी का ब्याज मिलता है. इसकी अवधि 5 साल होती है.
- किसान विकास पत्र पर निवेश करने पर सालाना 6.9 प्रतिशत ब्याज मिलता है. निवेश की न्यूनतम राशि एक हजार रुपये है.
English News Headline : Investment in Post Office Small Saving schemes low and profit high.
Mutual Fund: बस इतनी न्यूनतम राशि का भी आप म्यूचुअल फंड में कर सकते हैं निवेश
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दौरान लोगों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि आखिर कितनी न्यूनतम राशि के साथ इसे शुरू किया जा सकता है। बहरहाल, इस सवाल के जवाब समेत कई अन्य बातें जो निवेशकों के न्यूनतम निवेश राशि लिए जाननी जरूरी हैं आइए जानते हैं।
इसके अलावा आईसीआईसीआई (ICICI) प्रुडेंशल वैल्यू डिस्कवरी फंड में भी 500 रुपये के निवेश से शुरुआत की जा सकती है। अपने हाई रिटर्न स्केल के चलते यह म्यूचुअल फंड नए निवेशकों और निवेश सलाहकारों में काफी फेमस है।
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
Post Office Superhit Scheme : डाकघर की इस सुपरहिट स्कीम में इतने महीनों में पैसा हो जाएगा दोगुना, जानिए - डिटेल्स
Post Office Superhit Scheme : डाकघर की इस सुपरहिट स्कीम में पैसा दोगुना हो जाता है. किसान विकास पत्र (KVP) भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली एक बचत योजना है. केवीपी योजना उच्च ब्याज दरों के माध्यम से अपनी परिपक्वता अवधि के पूरा होने पर पर्याप्त रिटर्न प्रदान करती है.
Updated: August 29, 2022 12:19 PM IST
Post Office Superhit Scheme : डाकघर के पास कई तरह की योजनाएं हैं, जिनमें देश के लाखों लोग निवेश करते हैं. पोस्ट ऑफिस में निवेश करने से किसी तरह का कोई जोखिम नहीं है. यह अच्छा रिटर्न भी देता है. यही वजह है कि डाकघर की योजनाओं में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है. अगर आप किसी सरकारी योजना में लंबे समय तक पैसा लगाना चाहते हैं और जोखिम से भी बचना चाहते हैं तो डाकघर की किसान विकास पत्र योजना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है.
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डाकघर के किसान विकास पत्र (KVP) में निवेश करने से अच्छा रिटर्न मिलता है. यह भारत सरकार की एक डबल मनी योजना है जहां आपको 6.9 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर मिलती है और यह 124 महीने (10 साल और 4 महीने) में दोगुनी हो जाती है. यह योजना भारत में अधिकांश डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध है.
किसान विकास पत्र योजना क्या है?
किसान विकास पत्र (KVP) भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली एक बचत योजना है. केवीपी योजना उच्च ब्याज दरों के माध्यम से अपनी परिपक्वता अवधि के पूरा होने पर पर्याप्त रिटर्न प्रदान करती है. भारत सरकार की यह जोखिम मुक्त निवेश योजना अपने नागरिकों को लंबी अवधि की बचत करने के लिए प्रोत्साहित करती है.
कौन निवेश कर सकता है?
किसान विकास पत्र में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी नागरिक निवेश कर सकता है. इसमें न्यूनतम निवेश राशि 1000 रुपये है और अधिकतम निवेश की कोई सीमा तय नहीं की गई है. किसान विकास पत्र में 10 साल से कम उम्र के नाबालिग की ओर से कोई भी वयस्क खाता खोला जा सकता है. नाबालिग के 10 साल की उम्र होते ही उसके नाम अकाउंट बन जाता है. इतना ही नहीं 18 साल या इससे ज्यादा उम्र के तीन लोग भी ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं.
वापसी पर भुगतान किया जाने वाला टैक्स
अगर कोई खरीद के एक साल के भीतर इस योजना को वापस कर देता है तो उसे किसी भी तरह के ब्याज का लाभ नहीं मिलता है. डाकघर की यह योजना आयकर अधिनियम 80सी के अंतर्गत नहीं आती है. इसलिए, निवेश राशि पर अर्जित रिटर्न पर कर का भुगतान करना पड़ता है. हालांकि, इस योजना में टीडीएस नहीं काटा जाता है.
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