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स्टॉक ग्राफ क्या है?

स्टॉक ग्राफ क्या है?
मिडिल क्‍लास के 18 प्रतिशत लोग मोदी को सुशासन का परिचायक मानते हैं, जबकि 26 स्टॉक ग्राफ क्या है? फीसदी लोग उनकी हिन्‍दूवादी छवि को देखते हैं.

आज तक पॉलिटिकल स्‍टॉक एक्‍सचेंज में बढ़ा मोदी का ग्राफ

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aajtak.in

आजतक के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज में बढा मोदी का ग्राफ, प्रधानमंत्री पद पर मिडिल क्लास वोटरों की पहली पसंद हैं नरेंद्र मोदी जबकि दूसरे स्टॉक ग्राफ क्या है? नंबर पर केजरीवाल हैं.

आज तक पॉलिटिकल स्‍टॉक एक्‍सचेंज में बढ़ा मोदी का ग्राफ

इंडिया टुडे ग्रुप के सर्वे के अनुसार 2014 के चुनाव में बीजेपी के नेतृत्‍व में एनडी को 36 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, जबकि कांग्रेस को 22 फीसदी और अन्‍य को 42 फीसदी मिलने का अनुमान है.

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146 साल का हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज: कैसा रहा BSE का 1875 से लेकर अब तक का सफर?, जानिए सबकुछ

आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 146 साल स्टॉक ग्राफ क्या है? का गया है। 9 जुलाई 1875 में BSE की स्थापना हुई थी। यह एशिया का पहला और सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है। करीब 41 साल पहले 100 के आधार अंक से शुरू हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज 53,000 के पार पहुंच गया है। यानी सेंसेक्स में लगभग 530 गुना की बढ़ोतरी हुई है।

शेयर मार्केट की शुरुआत एक बरगद के पेड़ के नीचे 318 लोगों ने 1 रुपये के एंट्री फीस के साथ स्टॉक ग्राफ क्या है? की थी। 25 जनवरी, 2001 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने डॉलेक्स-30 लॉन्च किया था। इसे BSE का डॉलर लिंक्ड वर्जन कहा जाता है।

सेंसेक्स की शुरुआत कहानी
1986 में जब सेंसेक्स की शुरुआत हुई तो इसका बेस इयर 1978-79 को रखा गया और बेस 100 पॉइंट बनाया गया। जुलाई 1990 में ये आंकड़ा 1,000 पॉइंट पर पहुंच गया। 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद सरकार ने FDI के दरवाजे खोले और बिजनेस करने के कानून में बदलाव किया। मार्केट वैल्यू का डिरेगुलेशन किया गया और अर्थव्यवस्था को सर्विस ओरिएंटेड कर दिया। इसने सेंसेक्स में गति बढ़ाई।

सर्किट फिल्टर बदलने से इन शेयरों में जोरदार तेजी

सर्किट फिल्टर बदलने से मिडकैप स्टॉक ग्राफ क्या है? और स्मालकैप शेयरों में जोरदार तेजी आई है. सोरिल इंफ्रा रिसोर्सेज में 20 फीसदी, जेपी पावर में 20 फीसदी, शेमरू में 20 फीसदी, कामधुनू में 20 फीसदी, जियोजीत फाइनेंस में 20 फीसदी, जेपी एसोसिएट्स में 20 फीसदी, जेपी इंफ्रा में 20 फीसदी, IFCI में 18 फीसदी, सुवेन में 18 फीसदी, सेरीब्रा इंटीग्रेटेड टेक में 17 फीसदी, MEP में 17 फीसदी, आशियाना हाउसिंग में 16 फीसदी तेजी, टीवीएस इलेक्ट्रॉनिक्स में 16 फीसदी तेजी और SDBL में 15 फीसदी के करीब तेजी देखने को मिली है. इसके अलावा भी कई शेयर हैं, जिनमें 10 फीसदी या उससे ज्यादा तेजी देखी जा रही है.

यह मार्केट रेगुलेटर की तरफ से बनाई गई प्राइस लिमिट होती है. इससे यह तय होता है कि कोई शेयर किता उपर या नीचे जा सकते हैं. जब भी किसी शेयर में तय लिमिट से ज्यादा तेजी या गिरावट आती है, उस शेयर में ट्रेडिंग बंद हो जाती है. मसलन अबर किसी शेयर का भाव 100 रुपये है स्टॉक ग्राफ क्या है? और उसमें सर्किट फिल्टर 10 फीसदी है तो 110 रुपये के भाव पर जाते ही उस शेयर में ट्रेडिंग रोक दी जाती है. इसी तरह से लोअर लिमिट पर भी ट्रेडिंग रुक जाती है.

स्टॉक एक्सजेंस के लिए

सर्किट लिमिट से ही तय होता है कि एनएसई या बीएसई के निफ्टी और सेंसेक्स जैसे इंडेक्स एक दिन में कितना ऊपर-नीचे जा सकते हैं. इनमें फिल्टर 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की तेजी या गिरावट पर लगता है. इसके बाद कूलिंग ऑफ पीरियड होता है.

10 फीसदी सर्किट: अगर 10 फीसदी की तेजी या गिरावट 1 बजे से पहले आती है, जो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. 45 मिनट बाद 15 मिनट के प्री ओपन सेशन के बाद कारोबार दोबारा शुरू होता है. वहीं, 1 बजे के बाद ऐसा होता है तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुख जाता है. 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का सर्किट लगने पर कारोबार जारी रहता है.

15 फीसदी सर्किट: अगर इंडेक्स में 15 फीसदी का सर्किट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में 2 घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. दोपहर 1 बजे के बाद 15 फीसदी गिरावट आने पर एक घंटे के लिए कारोबार रुकता है. लेकिन स्टॉक ग्राफ क्या है? 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का सर्किट लगे तो कारोबार जारी रहता है.

सर्किट फिल्टर का क्या है उद्देश्य

सर्किट फिल्टर का उद्देश्य खासतौर से बाजार में बड़ी उठापठक को रोकना है. वोलैटिलिटी के समय इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है. सर्किट फिल्टर बाजार के भागीदारों को संभलने का वक्त देता है. इसेस किसी शेयर या एक्सजेंस में बड़ी तेजी या बड़ी गिरावट को रोका जाता है. इसे ऐसे समझ सकते हें कि अगर किसी पार्टिकुलर कंपनी के बारे में ट्रेडिंग आवर के समय कोई बड़ी निगेटिव खबर आती है तो उस कंपनी के शेयर में भारी गिरावट आ सकती है. लेकिन सर्किट फिल्टर होने से वह तय लिमिट में ही कमजोर हो सकता है.

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