पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं?

म्यूचुअल फंड स्कीमों में शामिल हाई अल्फा स्मॉल कैप स्टॉक्स जिनमें है कमाई की जोरदार उम्मीद
निफ्टी अल्फा 50 इंडेक्स ने एनएसई पर लिस्टेड हाई अल्फा वाली सिक्योरिटीज के प्रदर्शन का आकंलन किया जाता है। इस इंडेक्स में हाई अल्फा वाले 50 स्टॉक्स शामिल होते हैं
Kotak Mahindra AMC के अभिषेक बिसेन का कहना है कि अल्फा 50 इंडेक्स की दुनिया बहुत बड़ी है। इनमें करीब 300 स्टॉक्स का चुनाव किया जाता है। अल्फा 50 की तुलना में दूसरे अल्फा इंडेक्स में सिर्फ 100 या 200 स्टॉक्स में से ही चुनाव किया जाता है
एक्टिव और पैसिव इन्वेस्टिंग के बीच अंतर की एक लाइन खीचने वाली स्मार्ट बीटा स्ट्रैटजी भारत में अपनी पहचान बना रही है। हाल के दिनों में एनएसई ने कई इस तरह के फैक्टर सूचकांक लॉन्च किए हैं जो वैल्यू, अल्फा, वोलैटिलिटी और मोमेंटम पर आधारित हैं। म्यूचुअल फंडों ने भी इन सूचकांकों को ट्रैक करने वाले तमाम स्कीम लॉन्च किए हैं। इसी तरह की एक स्कीम पिछले साल कोटक म्यूचुअल फंड ने भी लॉन्च की थी जिसका नाम Kotak Nifty Alpha 50 ETF (KNA50) है।
निफ्टी अल्फा 50 इंडेक्स ने एनएसई पर लिस्टेड हाई अल्फा वाली सिक्योरिटीज के प्रदर्शन का आकंलन किया जाता है। इस इंडेक्स में हाई अल्फा वाले 50 स्टॉक्स शामिल होते हैं। जिसकी गणना पिछले 1 साल के पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? प्राइस पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? डेटा के आधार पर की जाती है। इन स्टॉक्स का चुनाव ऐसे 300 टॉप कंपनियों में से किया जाता है जिनका पिछले 6 महीने का औसत फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन और औसत डेली टर्नओवर सबसे ज्यादा होता है।
इंडेक्स फंड में निवेश करने के लाभ
अब म्यूचुअल फंड में निवेश के तरीके तेजी से बदल रहे हैं। एक्टिव फंड्स में भारतीय निवेशकों की दिलचस्पी लगातार कम हो रही है। इनके प्रबंधन में मैनेजर की सक्रिय भूमिका होने से लागत ज्यादा होती है। दूसरी तरफ पैसिव स्कीम्स में फंड मैनेजर सक्रिय भूमिका नहीं निभाते, लिहाजा उनकी लागत कम होती है। अब दोनों तरह की स्कीम्स में रिटर्न का अंतर कम रह गया है इसलिए पैसिव स्कीम्स की लोकप्रियता बढ़ने लगी है। यही वजह है कि 2020 के मुकाबले 2021 में पैसिव फंड के AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट ) में 57% बढ़ोतरी हुई। खास तौर पर इंडेक्स फंड में न सिर्फ निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, बल्कि म्यूचुअल फंड हाउस भी इन्हें ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। इस कारण लगातार फण्ड हाउस इंडेक्स फण्ड लांच कर रहे है
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इंडेक्स फंड का पोर्टफोलियो बनाना बहुत सरल होता है। इसमें वही शेयर होते हैं, जो सेंसेक्स और निफ्टी जैसे स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स में होते हैं। उदाहरण के लिए यदि किसी म्यूचुअल फंड हाउस ने निफ्टी 50 इंडेक्स फंड लॉन्च किया है ,तो इसमें निफ्टी के ही टॉप 50 शेयर होंगे। और आप उसमें निवेश करेंगे।
Table of Contents
ढेर सारे शेयरों में एक साथ निवेश
यदि बीएसई 500 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले किसी इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं तो पूरा निवेश बीएसई की टॉप-500 कंपनियों में होगा । यदि निफ्टी 100 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले फंड में निवेश करते हैं तो असल में आप एनएसई के टॉप-100 शेयरों में एक साथ निवेश कर रहे होते हैं।
निवेश की कम लागत का फायदा
इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो 0.02-0.2% होता है। यानी आप यदि किसी ऐसे फंड में आप 1 लाख रूपये का निवेश करते हैं तो इसकी लागत सिर्फ 20-200 रुपए बैठेगी। दूसरे एक्टिव फंड का एक्सपेंस रेश्यो 0.5-1.0% होने से इनमें 1 लाख रुपए के निवेश पर 500-1,000 रुपए खर्च करने होंगे।यह एक्सपेंस रेश्यो थीमेटिक फण्ड के केस में तो 2 % तक जाता है
रणनीति में पारदर्शिता
भारी उतार-चढ़ाव वाले मौजूदा दौर में निवेशक रिटर्न के साथ-साथ पोर्टफोलियो में पारदर्शिता भी चाहते हैं। इंडेक्स फंड में उन्ही कंपनियों के शेयर शामिल करने की अनुमति होती है जो संबंधित इंडेक्स में लिस्टेड होती हैं। ऐसे में निवेशकों को पता होता है कि उनका पैसा किन शेयरों में लगाया जा रहा है। इस कारण आप ख़राब कंपनियों में निवेश करने से आटोमेटिक बच जाते हैं।
सेक्टोरल इन्वेस्टिंग
सभी सेक्टरों के शेयर एक साथ बेहतर रिटर्न नहीं देते। दो साल शानदार रिटर्न देने वाले आईटी कंपनियों के शेयरों में इन दिनों लगातार गिरावट जारी है। दूसरी तरफ FMCG और ऑटो शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में निवेशक अच्छी संभावना वाले पसंद के सेक्टोरल इंडेक्स में निवेश कर सकते हैं
थीम आधारित निवेश
कुछ साल से क्लाउड कम्प्यूटिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और न्यू इकोनॉमीज जैसे थिमैटिक इन्वेस्टमेंट का चलन है। फंड मैनेजर भी ऐसे विषय या थीम पर नजर बनाये रखते हैं जो भविष्य में स्थिरता और तेज ग्रोथ दिखाने में सक्षम हों। इंडेक्स फंड निवेश में ऐसे थिमैटिक इनोवेशन का लाभ उठाने का मौका देते हैं। और लगातार ऐसे थीम आधारित इंडेक्स फण्ड लांच करते रहते है जैसे आईटी इंडेक्स फण्ड , फार्मा इंडेक्स फण्ड आदि
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By ANKIT SACHAN
मेरा नाम अंकित सचान है और मूलतः मैं कानपुर उत्तर प्रदेश जिले के घाटमपुर तहसील से सम्बन्ध रखता हूँ मैंने B.tech Electrical Engineering की शिक्षा उत्तर प्रदेश के सरकारी Engineering कॉलेज (Bundelkhand Institute of Engineering & Technology Jhansi ) ली है तदुपरांत मैंने प्राइवेट सेक्टर को चुना और अपनी नौकरी शुरू की अब तक मैँने २ कंपनियों में नौकरी की है मैंने Ramky Enviro Engineers Ltd में 8 वर्ष तथा PI Industries में 2 साल से काम कर रहा हूँ
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मिराए एसेट ने लॉन्च किए दो इंडिया पैसिव ESG फंड, 5 हजार से शुरू कर सकते हैं निवेश
दोनों फंडों के लिए एनएफओ सब्सक्रिप्शन 27 अक्टूबर, 2020 को खुलेगा और 10 नवंबर, 2020 को बंद होगा.
TV9 Hindi | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Oct 26, 2020 | 4:51 PM
इक्विटी और डेट सेगमेंट मे देश के सबसे तेजी से बढ़ते फंड हाउसेज में से एक मिराए एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया (Mirae Asset Investment Managers India) ने आज भारत के पहले ईएसजी ईटीएफ (ESG ETF,), ‘मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स ईटीएफ’ (Mirae Asset ESG Sector Leaders ETF) की शुरुआत का ऐलान किया है. यह एक ओपन एंडेड स्कीम है जो निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स टोटल रिटर्न इंडेक्स का अनुसरण करती है. इसी तरह एक और फंड ‘मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स फंड ऑफ फंड’ (Mirae Asset ESG Sector Leaders Fund of Fund) की भी शुरुआत की गई है, यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है, जो मुख्यतः मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर्स लीडर्स ईटीएफ में निवेश करती है. दोनों फंडों के लिए एनएफओ सब्सक्रिप्शन 27 अक्टूबर, 2020 को खुलेगा और 10 नवंबर, 2020 को बंद होगा.
दोनों फंड का प्रबंधन भारती सावंत द्वारा किया जाएगा और इसकी बेंचमार्किंग निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स इंडेक्स (TRI) के समक्ष होगी. ‘मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर्स लीडर्स फंड ऑफ फंड’ निवेशकों को रेगुलर प्लान और डायरेक्ट प्लान का भी विकल्प दे रहा है जिसमें ग्रोथ ऑप्शन और डिविडेंड ऑप्शन (रिटर्न भुगतान और फिर से निवेश करने) का विकल्प दिया जाएगा.
फंड्स की खासियतें
· दोनों फंड के द्वारा निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स इंडेक्स को ट्रैक किया जाएगा.
· एनएसई का यह नया सूचकांक वास्तव में लेबल ईएसजी फोकस्ड पोर्टफोलियो जैसा ही है, इसके लिए जरूरी रिसर्च सस्टेनएनालिटिक्स द्वारा किया जा रहा है जो कि दुनिया का प्रमुख ईएसजी रिसर्च प्रदाता है.
· इस इंडेक्स में ऐसी कंपनियां शामिल हैं, जिन्होंने पर्यावरण, सोशल और शासन (ESG) जैसे कारकों के प्रबंधन में अच्छा मुकाम हासिल किया है.
· इस इंडेक्स में वे कंपनियां शामिल नहीं होती जिनका कोई बड़ा विवाद चल रहा हो और इस तरह से इसके साथ जुड़ा कीमत का जोखिम कम हो जाता है.
· निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर इंडेक्स ने निफ्टी 100 से बेहतर प्रदर्शन किया है और निफ्टी 50 सूचकांक में ऐतिहासिक रूप से कीमतों का कम उतार-चढ़ाव देखा गया (इसका मतलब यह है कि इसमे जोखिम के मुकाबले रिटर्न बेहतर होता है)
· 3 साल के निवेश के नजरिये से देखें तो निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स इंडेक्स ने 90 फीसदी से ज्यादा लार्जकैप फंडों (रेगुलर प्लान) के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है.
· इसमें तुलनात्मक रूप से सस्ता विकल्प उपलब्ध होता है, जो जिम्मेदार और टिकाऊ बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों में निवेश कर आपके धन को आगे बढ़ाने का मौका दे सकता है.
स्रोतः एनएसई, सितंबर, 2020
मिराए एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ स्वरूप मोहंती ने कहा, वे कंपनियां जो प्लेनेट, पीपल और प्रॉफिट को अपने मुख्य कॉरपोरेट ढांचे में शामिल करती हैं, वे सभी हितधारकों पर एक सकारात्मक असर डाल सकती हैं और दूसरों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी रूप से फायदे में होती हैं. यह उन्हें दीर्घकालिक रूप से सतत मुनाफे में रख सकता है. वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन, कुशासन से जुड़े मसले, श्रम अधिकार और डेटा की निजता जैसी चुनौतियों ने निवेशकों को ऐसी कंपनियों की तलाश के लिए मजबूर किया है जो सतत रूप से, सामाजिक जिम्मेदारी के साथ और सदाचारी तरीके से संचालित हो रही हों. पिछले कुछ वर्षों में ईएसजी इनवेस्टिंग वैश्विक बाजारों में काफी लोकप्रिय हुआ है, अपने मूल्य आधारित निवेश दर्शन की वजह से, जिसने अच्छा रिटर्न दिया है और समाज पर सकारात्मक असर डाला है.
5 हजार रुपए से शुरू होगा पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? निवेश मोहंती ने कहा, मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स ईटीएफ और मिरे एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स फंड ऑफ फंड्स अब भारतीय निवेशकों को यह अवसर प्रदान करते हैं कि वे ऐसी कंपनियों में निवेश करें जो पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? उनके मुख्य मूल्यों के अनुरूप हों. इन अलग तरह की कंपनियों का उद्देश्य सभी हितधारकों को खुशी देनी होती है, पर्यावरणीय और सुरक्षा के दृष्टिकोण से टिकाऊ रहते हुए और शासन के सर्वश्रेष्ठ दस्तूरों को अपनाते हुए. दोनों स्कीम में कम से कम 5,000 रुपये का शुरुआती निवेश और इसके बाद इसके गुणक में निवेश किया जा सकता है.
मिराए एसेट ने लॉन्च किए दो इंडिया पैसिव ESG फंड, 5 हजार से शुरू कर सकते हैं निवेश
दोनों फंडों के लिए एनएफओ सब्सक्रिप्शन 27 अक्टूबर, 2020 को खुलेगा और 10 नवंबर, 2020 को बंद होगा.
TV9 Hindi | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Oct 26, 2020 | 4:51 PM
इक्विटी और डेट सेगमेंट मे देश के सबसे तेजी से बढ़ते फंड हाउसेज में से एक मिराए एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया (Mirae Asset Investment Managers India) ने आज भारत के पहले ईएसजी ईटीएफ (ESG ETF,), ‘मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स ईटीएफ’ (Mirae Asset ESG Sector Leaders ETF) की शुरुआत का ऐलान किया है. यह एक ओपन एंडेड स्कीम है जो निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स टोटल रिटर्न इंडेक्स का अनुसरण करती है. इसी तरह एक और फंड ‘मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स फंड ऑफ फंड’ (Mirae Asset ESG Sector Leaders Fund of Fund) की भी शुरुआत की गई है, यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है, जो मुख्यतः मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर्स लीडर्स ईटीएफ में निवेश करती है. दोनों फंडों के लिए एनएफओ सब्सक्रिप्शन 27 अक्टूबर, 2020 को खुलेगा और 10 नवंबर, 2020 को बंद होगा.
दोनों फंड का प्रबंधन भारती सावंत द्वारा किया जाएगा और इसकी बेंचमार्किंग निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स इंडेक्स (TRI) के समक्ष होगी. ‘मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर्स लीडर्स फंड ऑफ फंड’ निवेशकों को रेगुलर प्लान और डायरेक्ट प्लान का भी विकल्प दे रहा है जिसमें ग्रोथ ऑप्शन और डिविडेंड ऑप्शन (रिटर्न भुगतान और फिर से निवेश करने) का विकल्प दिया जाएगा.
फंड्स की खासियतें
· दोनों फंड के द्वारा निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स इंडेक्स को ट्रैक किया जाएगा.
· एनएसई का यह नया सूचकांक वास्तव में लेबल ईएसजी फोकस्ड पोर्टफोलियो जैसा ही है, इसके लिए जरूरी रिसर्च सस्टेनएनालिटिक्स द्वारा किया जा रहा है जो कि दुनिया का प्रमुख ईएसजी रिसर्च प्रदाता है.
· इस इंडेक्स में ऐसी कंपनियां शामिल हैं, जिन्होंने पर्यावरण, सोशल और शासन (ESG) जैसे कारकों के प्रबंधन में अच्छा मुकाम हासिल किया है.
· इस इंडेक्स में वे कंपनियां शामिल नहीं होती जिनका कोई बड़ा विवाद चल रहा हो और इस तरह से इसके साथ जुड़ा कीमत का जोखिम कम हो जाता है.
· निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर इंडेक्स ने निफ्टी 100 से बेहतर प्रदर्शन किया है और निफ्टी 50 सूचकांक में ऐतिहासिक रूप से कीमतों का कम उतार-चढ़ाव देखा गया (इसका मतलब यह है कि इसमे जोखिम के मुकाबले रिटर्न बेहतर होता है)
· 3 साल के निवेश के नजरिये से देखें तो निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स इंडेक्स ने 90 फीसदी से ज्यादा लार्जकैप फंडों (रेगुलर प्लान) के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है.
· इसमें तुलनात्मक रूप से सस्ता विकल्प उपलब्ध होता है, जो जिम्मेदार और टिकाऊ बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों में निवेश कर आपके धन को आगे बढ़ाने का मौका दे सकता है.
स्रोतः एनएसई, सितंबर, 2020
मिराए एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ स्वरूप मोहंती ने कहा, वे कंपनियां जो प्लेनेट, पीपल और प्रॉफिट को अपने मुख्य कॉरपोरेट ढांचे में शामिल करती हैं, वे सभी हितधारकों पर एक सकारात्मक असर डाल सकती हैं और दूसरों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी रूप से फायदे में होती हैं. यह उन्हें दीर्घकालिक रूप से सतत मुनाफे में रख सकता है. वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन, कुशासन से जुड़े मसले, श्रम अधिकार और डेटा की निजता जैसी चुनौतियों ने निवेशकों को ऐसी कंपनियों की तलाश के लिए मजबूर किया है जो सतत रूप से, सामाजिक जिम्मेदारी के साथ और सदाचारी तरीके से संचालित हो रही हों. पिछले कुछ वर्षों में ईएसजी इनवेस्टिंग वैश्विक बाजारों में काफी लोकप्रिय हुआ है, अपने मूल्य आधारित निवेश दर्शन की वजह से, जिसने अच्छा रिटर्न दिया है और समाज पर सकारात्मक असर डाला है.
5 हजार रुपए से शुरू होगा निवेश मोहंती ने कहा, मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स ईटीएफ और मिरे एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स फंड ऑफ फंड्स अब भारतीय निवेशकों को यह अवसर प्रदान करते हैं कि वे ऐसी कंपनियों में निवेश करें जो उनके मुख्य मूल्यों के अनुरूप हों. इन अलग तरह की कंपनियों का उद्देश्य सभी हितधारकों को खुशी देनी होती है, पर्यावरणीय और सुरक्षा के दृष्टिकोण से टिकाऊ रहते हुए और शासन के सर्वश्रेष्ठ दस्तूरों को अपनाते हुए. दोनों स्कीम में कम से कम 5,000 रुपये का शुरुआती निवेश और इसके बाद इसके गुणक में निवेश किया जा सकता है.
क्या होता है हाइब्रिड फंड, जानिए इसमें निवेश के फायदे?
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना सबसे सही और सुरक्षित विकल्प माना जाता है. कई तरह के अच्छे म्यूचुअल फंड बाजार में मौजूद हैं, जिनके जरिए हम अपना पैसा निवेश कर सकते हैं. उनमें से एक है हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds). जब से शेयर बाजार में तेजी का रुख लौटा है तो ऐसे में हाइब्रिड फंड्स में लोगों का निवेश भी दोबारा से लौट आया है.
सरबजीत कौर
- नई दिल्ली,
- 10 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 10 नवंबर 2021, 10:36 PM IST)
- हाइब्रिड फंड के जरिये इक्विटी और डेट दोनों में निवेश
- कई बार फंड का पैसा सोना में भी लगाया जाता है
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना सबसे सही और सुरक्षित विकल्प माना जाता है. कई तरह के अच्छे म्यूचुअल फंड बाजार में मौजूद हैं, जिनके जरिए हम अपना पैसा निवेश कर सकते हैं. उनमें से एक है हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds). जब से शेयर बाजार में तेजी का रुख लौटा है तो ऐसे में हाइब्रिड फंड्स में लोगों का निवेश भी दोबारा से लौट आया है. निवेशकों के बीच हमेशा से पसंदीदा रहने वाला फंड माना जाता है, तो हम आपको बताएंगे कि क्या होता है हाइब्रिड फंड्स और कैसे इसे बाकी म्यूचुअल फंड्स से अलग माना जाता है? साथ ही किसे हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए?
हाइब्रिड फंड क्या है?
हाइब्रिड फंड वो म्यूचुअल फंड स्कीम है जो इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती है. या फिर कहें तो एक ही फंड है जो कई तरह के एसेट क्लास में निवेश करता है. अगर बाजार में रिस्क कम लेना चाहते हैं तो आपके लिए हाइब्रिड फंड में निवेश करना एक बेहतर विकल्प है. क्योंकि, इनमें रिस्क से कम के साथ-साथ रिटर्न भी ज्यादा मिलता है. फिलहाल कोरोना की वजह से बाजार में काफी कुछ अभी भी संभला नहीं. तीसरी लहर का डर अभी भी कहीं न कहीं लोगों में मौजूद है. तो ऐसे में निवेशकों के लिए कम रिस्क के फंड यानी की हाइब्रिड फंड में निवेश करना सही माना जा रहा है.
राइट रिसर्च की को-फाउंडर-सोनम श्रीवास्तव के मुताबिक- 'जैसा कि शब्द से पता चलता है, एक हाइब्रिड फंड जोखिम सहनशीलता के विभिन्न स्तरों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कई परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करता है. आमतौर पर, निवेश इक्विटी और निश्चित आय के साधनों के मिश्रण में किया जाता है. जहां इंडेक्स फंड मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं और डेट फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, वहीं हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स दोनों में निवेश करते हैं. इसलिए इन्हें बैलेंस्ड फंड भी कहा जाता है.'
क्यों बेहतर है हाइब्रिड फंड?
हाइब्रिड फंड की खासियत यह है कि फंड का पैसा इक्विटी के साथ डेट एसेट में भी लगाया जाता है. कई पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? बार फंड का पैसा सोना में भी लगाया जाता है. अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश के कारण इसमें निवेश से डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है. मान लीजिए अगर इक्विटी में लगा पैसा कम होता है या बाजार के माहौल के मुताबिक बिगड़ता है तो डेट और सोने में लगे पैसे के जरिए फंड बैलेंस हो जाता है. ठीक अगर सोने में कमजोरी से फंड में रिटर्न कम होता है तो डेट और इक्विटी के जरिए बैलेंस हो जाता है. यानी की अलग-अलग एसेट क्लास यानी की डाइवर्सिफिकेशन से में निवेश करने से फंड को फायदा होता है.
कितने प्रकार के होते हैं हाइब्रिड फंड?
हाइब्रिड फंड 6 मुख्य प्रकार के होते हैं. जिनके जरिए डेट, इक्विटी या फिर सोने में पैसा निवेश किया जाता है.
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड:
इक्विटी में 60 से 80 फीसदी निवेश
20 से 30 फीसदी का निवेश डेट में
पांच साल की अवधि के लिए निवेश सही
कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड:
10 से 25 फीसदी निवेश इक्विटी में
बाकी बची रकम का डेट एसेट में इस्तेमाल
स्थिर या नियमित आय के लिए फायदेमंद
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड:पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं?
फंड का इस्तेमाल डायनेमिक तरीके से एसेट क्लास में किया जाता है
100 फीसदी निवेश इक्विटी या डेट में किया जाता है
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड:
इक्विटी, गोल्ड और डेट तीनों एसेट क्लास में निवेश होता है
65 फीसदी निवेश इक्विटी में
20 से 30 फीसदी निवेश डेट एसेट में
10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में होता है
आर्बिट्राज फंड्स:
कुल एसेट का कम से कम 65 फीसदी इक्विटी से जुड़े साधनों में निवेश
इक्विटी सेविंग्स फंड:
इक्विटी, डेट और आर्बिट्राज में होता है निवेश
कुल एसेट का 65 फीसदी निवेश शेयरों में जरूरी
10 फीसदी निवेश डेट में करना अनिवार्य
रिटर्न कैसा मिलता है?
जानकारों की मानें तो हाइब्रिड फंड हमेशा अच्छे रिटर्न्स देने के लिए माने जाते रहे हैं. हाइब्रिड फंड्स जब डेट सिक्योरिटीज के की सुरक्षा के कारण शेयर बाजार अस्थिर होता है तो अच्छा परफॉर्म करते हैं. बाजार के पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? उतार-चढ़ाव का सामना करने की क्षमता होती है. फंड को चुनने से पहले अपने जोखिम, निवेश करने के लक्ष्य को जरूर समझें. 5 से 7 साल तक के निवेश से 20 से 30 फीसदी तक का रिटर्न संभव.
माई वेल्थ डॉट कॉम के को-फाउंडर-हर्षद चेतनवाला के मुताबिक-'वह निवेशक जो इक्विटी से कम जोखिम और डेब्ट फंड्स से थोड़ा अधिक रिटर्न्स चाहते हैं वह हाइब्रिड फंड्स में निवेश कर सकते है. इस फंड में फंड मैनेजर बाजार और अर्थव्यवस्था की स्थिति के अनुसार इक्विटी इक्विटी और डेब्ट का एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाते है.'
जाने टैक्स से जुड़ी बातें:
अगर आप निवेश किसी भी फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन कर नहीं सही फंड चुन नहीं पा रहे हैं तो आपके लिए हाइब्रिड फंड सबसे सही विकल्प है. लेकिन इसमें टैक्स भी लगता है. LTCG यानी की लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर बिना इंडेक्सेशन के 10 फीसदी टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) पर 15 फीसदी टैक्स लगता है. साथ ही, हाइब्रिड फंड के डेट कंपोनेंट पर किसी भी अन्य डेट म्यूचुअल फंड की तरह टैक्स लगाया जाता है. इसके पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? अलावा, डेट कंपोनेंट से एलटीसीजी टैक्स 20% पोस्ट इंडेक्सेशन और 10% बिना इंडेक्सेशन पर टैक्स लगता है.
किसे करना चाहिए निवेश:
अगर कोई भी व्यक्ति मोटा मुनाफा चाहता है तो उसे हमेशा 5 से 7 पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? साल तक के समय सीमा के लिए हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए. म्यूचुअल फंड में नए निवेशकों के लिए ये काफी अच्छा फंड माना जाता है. डाइवर्सिफिकेशन और एसेट एलोकेशन वाले फंड में निवेश की वजह से भी ये फंड काफी सही माना जाता है. कम जोखिम उठाने वालों से लेकर एग्रेसिव निवेशक भी हाइब्रिड फंड में पैसा लगा सकते हैं.
सही हाइब्रिड फंड कैसे चुनें?
किसी भी हाइब्रिड फंड में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे आपकी जोखिम लेने की क्षमता, कब तक निवेश किया जा सकता है, खर्चे की दर और फंड का प्रदर्शन सभी को ध्यान में रखकर निवेश करें.
इंडिया के कुछ टॉप हाइब्रिड फंड हैं:
(SOURCE: Sonam Gupta, Co-Founder, Wright Research)
1. Quant Absolute Fund
2. ICICI Prudential Thematic Advantage Fund (FOF)
3. BNP Paribas Substantial Equity Hybrid Fund
4. Canara पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? Robeco Equity Hybrid Fund
ऊपर दिए गए सभी फंड्स का सालाना रिटर्न 20 से 30 फीसदी के बीच रहा है
(डिस्क्लेमर: किसी भी तरह के फंड में निवेश से पहले अपने फंड मैनेजर से सलाह जरूर लें.)