बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? | भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य | What is Cryptocurrency? | Future of Cryptocurrency in India
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति का एक नया रूप है। क्रिप्टोकरेंसी, क्रिप्टोग्राफी द्वारा निर्मित की जाने वाली सुरक्षित डिजिटल/ वर्चुअल करेंसी है। हर क्रिप्टोकरेंसी की अपनी अलग वैल्यू होती है, जिसे कई कारक डिसाइड करते हैं। यह करेंसी कई कंप्यूटरों के नेटवर्क पर आधारित है।
क्रिप्टोकरेंसी सरकारों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती। अवैध गतिविधियों में उपयोग एवं विनिमय दर में अस्थिरता के कारण क्रिप्टोकरेंसी की आलोचना की जा रही है।
क्रिप्टोग्राफी
यह कोड के उपयोग से सूचना और संचार को सुरक्षा प्रदान करने की एक विधि होती है। क्रिप्टोग्राफी के कारण जालसाजी नहीं की जा सकती
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग
क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वेबसाईट और एप्स के जरिए की जाती है। इन प्लेटफॉर्म पर साइन अप (रजिस्ट्रेशन) के बाद बैंक खाते या डेबिट/ क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान करके इन्वेस्ट किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री के लिए दूसरा विकल्प P2P (पर्सन टू पर्सन) है ।
मार्केट मेँ ढेरों क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स मौजूद हैं जैसे- WazirX, Coinswitch Kuber, Zebpay, CoinDCX GO आदि।
शेयर मार्केट के उलट, ये सभी प्लेटफॉर्म 24 घंटे काम करते है। यहाँ किसी भी दिन और दिन के किसी भी वक्त पैसे का इनवेस्टमेंट और निकासी संभव है ।
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी यानि वर्चुअल करेंसी या आभासी मुद्रा है। बिटकॉइन का उल्लेख सबसे पहले जापानी प्रोग्रामर सातोशी नकामोतो द्वारा किया गया ।
बिटकॉइन के क्लाइंटस केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं। बिटकॉइन करेंसी पर किसी देश का अधिकार नहीं है।
वर्तमान मेँ देश में प्रमुख बिटकॉइन एक्सचेंज Zebpay, Unocoin, BTCXIndia और Coinsecure हैं।
ब्लॉकचेन तकनीक
एक सुरक्षित नेटवर्क पर लेन-देनों का विकेंद्रीकृत डेटाबेस होता है। नेटवर्क पर उपस्थित किसी भी व्यक्ति द्वारा डेटाबेस पर जानकारी देखना संभव है।
डेटा ब्लॉकों की एक शृंखला को ब्लॉकचेन कहते है। डेटा ब्लॉक एन्क्रिप्शन (Encryption) के माध्यम से सुरक्षित होती है। लेन-देनों को पूरा करने के लिए किसी मध्यस्थ (जैसे-बैंक) की आवश्यकता नहीं होती ।
बिटकॉइन माइनिंग
बिटकॉइन माइनिंग आभासी दुनिया में बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया है ।
बिटकॉइन माइनिंग दो प्रकार से की जाती है-
भारत में क्रिप्टोकरेंसी
- देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर अनिश्चितता का माहौल है।
- PayTM ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन की इजाजत देने से किया मना।
- बीते दिनों क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट कैप मेँ करीब $1 ट्रिलियन का नुकसान हुआ, कई बड़े प्लेटफॉर्म क्रैश हुए।
- वित्तीय और भुगतान संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी सेवाएं देने से बैन करने का चीन ने फैसला किया है ।
- कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में; जैसे- बिटकॉइन, ईथर, रिप्पल, लाइटकॉइन आदि।
- भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण के लिए Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Bill 2021 पेश करेगी।
- यह विधेयक भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए लाया जा रहा है।
- यह विधेयक RBI को डिजिटल करेंसी जारी करने का अधिकार भी देगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
- भारत में क्रिप्टोकरेंसी गैरकानूनी नहीं है; लेकिन अभी तक इसकी सुरक्षा या देखभाल के लिएकोई गवर्निंग बॉडी नहीं है।
अन्य तथ्य
- क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षित बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन पेमेंट की एक प्रणाली है।
- इस प्रकार मेँ वर्चुअल टोकन का उपयोग किया जाता है। Bitcoin क्रिप्टोकरेंसी का उदाहरण है।
- हाल ही में एल सल्वाडोर (El Salvador) ने इसे legal tender (मान्यता) दी है ।
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी चुनौतियाँ
- पूरी व्यवस्था के ऑनलाइन होने के कारण सिक्योरिटी का मसला बना रहता है और इसके हैक होने का खतरा भी बना रहता है। इसीलिए इसे असुरक्षित करेंसी माना जा रहा है।
- क्यूंकि ज्यादातर बैंक, क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं हैं,जिसने इस लेन-देन की प्रक्रिया को और भी मुश्किल बना दिया है।
- बिटकॉइन की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव होने के कारण अक्सर यह सवाल भी उठता है कि क्या यह एक करेंसी के रूप में काम करने में सक्षम है?
- चूंकि यह किसी केन्द्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है इसलिए केवल निजी तौर पर इसका लेन-देन किया जा सकता है।
- इस करेंसी को माइनिंग नामक प्रक्रिया के द्वारा जेनरेट किया जाता है जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है। सॉफ्टवेयर पे काम करने के लिए एक बेहतर प्रोसेसर और निर्बाध बिजली आपूर्ति की आवश्यकता होती है जो हमारे देश में अभी मुश्किल है।
- क्रिप्टोकरेंसी को बेहद अस्थिर माना जाता है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
- मसलन क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य जनवरी 2021 मेँ बढ़कर $45,000 हो गया था और फिर $30,000 तक गिर गया। फिर एक हफ्ते बाद फिर से बढ़कर $40,000 हो गया था।
- ऐसे में निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ जाता है, और निवेशक एक बार में भारी मुनाफा कमा भी सकता है और अचानक से भारी नुकसान भी हो सकता है।
- यूजर्स के लिए क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग भी यूजर फ़्रेंडली नहीं है, क्योंकि इसकी ट्रेडिंग किसी वेबसाईट या एप्प के जरिए होती है।
- यदि आपकी फाइल सर्वर से हट जाए या पासवर्ड गलत हो जाए तो संभव है कि आपके पैसे हमेशा के लिए खो जाए।
- हाल ही में मीडिया में भी कुछ ऐसी ही खबरें देखने को मिली की कुछ लोगों ने अपने लाखों के बिटकॉइन इसीलिए खो दिए क्यूंकि उनके पास पासवर्ड नहीं था या वह अपना पासवर्ड भूल गए हैं।
- बड़ी मुश्किल यह है कि अगर कोई गड़बड़ी हुई तो आप कहीं शिकायत नहीं कर सकते, क्योंकि इस करेंसी का कोई रेगुलेटर या गारंटर नहीं है।
- शेयर बाजार में किसी भी व्यावसायिक इकाई की कीमत का निर्धारण बाजार में मांग के आधार पर किया जाता है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में कीमत की पारदर्शिता नहीं और इसकी अस्थिरता को देखते हुए इसे एक बेहतर ऑप्शन नहीं समझा जा सकता।
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…तो क्या बिटकॉइन से आ सकता है दुनिया में बिजली का सबसे बड़ा संकट?
टेस्ला ने 1.5बिलियन डॉलर के बिटक्वॉइन खरीदे हैं और वो इसे आने वाले समय में पेमेंट के तौर पर स्वीकार करने के लिए रेडी है. मगर बिटक्वॉइन की बढ़ती कीमतें माइन के बिजनेस से जुड़े लोगों के लिए और ज्यादा फायदेमंद हैं
पिछले कुछ समय से एलन मस्क क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भूचाल मचा रहे हैं. खासकर उनके ट्वीट्स के कारण बिटक्वॉइन को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने बीते सप्ताह ट्वीट कर कहा था कि टेस्ला अब बिटक्वॉइन में पेमेंट नहीं लेगी. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इसकी माइनिंग में बहुत ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है. यह एनवायरनमेंट के लिए ठीक नहीं है. इसी कारण से उन्होंने बिटक्वॉइन में पेमेंट नहीं लेने का ऐलान किया.
Updated on: Apr 21, 2021 | 3:21 PM
क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया बिटक्वॉइन को साल 2008 में इनवेंट किया गया था लेकिन पिछले कुछ सालों में इसके प्रयोग में तेजी आई है. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में बताया गया है कि बिटक्वॉइन के लिए माइनिंग में जितनी बिजली खर्च होती है उतनी बिजली अर्जेंटीना में प्रयोग होती है. आपको बता दें कि पिछले दिनों टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने बिटक्वॉइन में निवेश करने का मन बनाया है.
चीन में आए बिजली संकट से बिटकॉइन की कीमतों में आई भारी गिरावट
डेटा बेवसाइट CoinMarketCap के मुताबिक चीन के शिनजियांग इलाके में बिजली गुल होने से बिटकॉइन की कीमत में गिरावट आई है. बिटकॉइन माइनिंग में चीन के इस इलाके की अहम भूमिका है.
इससे इस सिस्टम की बुनियादी कमजोरी लोगों के सामने आ गई है. हालांकि बिटकॉइन नेटवर्क डिसेंट्रलाइज्ड है लेकिन इसकी माइनिंग के साथ ऐसा नहीं है.
कितनी बिजली खाता है बिटक्वॉइन
बिटकॉइन बनाने में जितनी बिजली खर्च होती है, उससे मुंबई जैसे बड़े महानगर की बिजली की जरूरत पूरी की जी सकती है. डच इकनॉमिस्ट एलेक्स डी व्रीज (Alex de Vries) की एक स्टडी के मुताबिक बिटकॉइन से हर साल 38.10 एमटी (मिलियन टन) कार्बन फुटप्रिंट पैदा होता है.
एक स्टडी के मुताबिक मुंबई का कार्बन फुटप्रिंट करीब 32 एमटी और बेंगलोर का 21.50 एमटी है. हाल में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने हाल में एक इंटरव्यू में कहा था कि बिटकॉइन में प्रति ट्रांजैक्शन जितनी बिजली खर्च होती है, उतनी किसी और में नहीं होती है.
कैम्ब्रिज की रिसर्च में पता लगा है कि क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए बहुत ज्यादा बिजली की जरूरत होती है. इसके साथ ही ट्रांजेक्शन को वैरीफाई करने के लिए हैवी कंप्यूटर कैलकुलेशंस भी चाहिए होती हैं.
रिसर्चर्स के मुताबिक बिटक्वॉइन की माइनिंग में 121.36 टेरावॉट आवर्स की बिजली पूरे एक साल में लग जाती है. जब तक करेंसी की कीमत कम नहीं होगी, इसमें भी कोई गिरावट आने की आशंका नहीं है.
आलोचकों की मानें तो ऐसे में टेस्ला ने बिटक्वॉइन में निवेश करने का जो फैसला लिया है, वो इसके पर्यावरण को कमजोर करता है.
टेस्ला ने किया बड़ा ऐलान
फरवरी माह में बिटक्वॉइन की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी और इसने 48,000 डॉलर का रिकॉर्ड छू लिया था. कीमतों में इजाफा टेस्ला के ऐलान के बाद ही हुआ था. बयान में कहा गया था कि उसने 1.5 बिलियन डॉलर के बिटक्वॉइन खरीदे हैं और वो इसे आने वाले समय में पेमेंट के तौर पर स्वीकार करने के लिए रेडी है. मगर बिटक्वॉइन की बढ़ती कीमतें माइन के बिजनेस से जुड़े लोगों के लिए और ज्यादा फायदेमंद हैं क्योंकि फिर मशीनों की मांग और बढ़ जाएगी.
क्या कभी आएगी इसमें गिरावट
कैम्ब्रिज की रिसर्च की टीम में शामिल माइकल रॉच के मुताबिक जैसे-जैसे कीमतें बढ़ेंगी, एनर्जी का कजम्पशन बढ़ेगा. रॉच ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि बिटक्वॉइन बहुत ज्यादा बिजली की खतप करता है और इसकी वजह इसकी डिजाइनिंग है. इसमें कुछ भी बदलाव नहीं होने वाला है क्योंकि जब तक बिटक्वॉइन की कीमत नहीं कम होंगी, बिटक्वॉइन इसी तरह से बिजली की खपत करता रहेगा.
चौंकाने वाले नतीजे
कैम्ब्रिज की तरफ से तैयार एक ऑनलाइन टूल ने जो नतीजे दिए थे, वो चौंकाने वाले थे. इन नतीजों के मुताबिक बिटक्वॉइन का बिजली उपभोग अर्जेंटीना और नीदरलैंड्स ही नहीं बल्कि यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) और नॉर्वे से भी ज्यादा है. इन नतीजों के मुताबिक अर्जेंटीना में 121 टेरावॉट बिजली, नीदरलैंड्स में 108.8 टेरावॉट बिजली और यूएई में 113.20 टेरावॉट बिजली तो नॉर्वे में 122.20 टेरावॉट बिजली एक साल में प्रयोग में आती है. जितनी बिजली बिटक्वॉइन में लगती है उससे अगले 27 सालों तक यूनाइटेड किंगडम में सभी बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया इलेक्ट्रिक केटल को चलाया जा सकता है.
क्या है बिटक्वॉइन माइनिंग
बिटक्वॉइन माइिनंग यानी वह प्रक्रिया जिसमें कम्प्यूटिंग पावर के प्रयोग से ट्रांजेक्शन को आगे बढ़ाया जाता है. इसके तहत नेटवर्क को पहले सिक्योर किया जाता है और फिर जितने लोग इससे जुड़े हैं, उसे सिंक्रोनाइज किया जाता है. बिटक्वॉइन आज की तारीख में सबसे महंगी करेंसी है. बिटक्वॉइन की माइनिंग को क्रिप्टोग्राफी की मदद से अंजाम दी जाती है. इसकी माइनिंग सीमित होती है और जैसे-जैसे इसकी माइनिंग बढ़ती है, इसमें मुनाफा कम होता जाता है.
क्यों कठिन होता है मुनाफा कमाना
जिस तरह से डॉलर, पौंड, यूरो या रुपए का प्रयोग आप ट्रांजेक्शन में करते हैं, उसी तरह से बिटक्वॉइन का प्रयोग किया जाता है. इसकी कीमतों में लगातार बदलाव होती रहती है. यह मांग और आपूर्ति पर ही पूरी तरह से निर्भर होती है. नए बिटक्वॉइन बनाने की प्रक्रिया को माइनिंग कहा जाता है. प्रोटोकॉल के मुताबिक सीमित मात्रा में ही इनकी माइनिंग की जा सकती है. बिटक्वॅाइन बनाने की प्रक्रिया एक कॉम्पटीटिव बिजनेस के तहत होती है. जैसे-जैसे माइनर्स की संख्या बढ़ती है बिटकॉइन से मुनाफा कमाना कठिन होता जाता है. कोई भी अथॉरिटी बिटक्वॉइन से मुनाफे को बढ़ाने के लिए सिस्टम को कंट्रोल नहीं कर सकती है.
भारत में बिटकॉइन कैसे माइन करें how to mine Bitcoin in India in Hindi
क्या आपने कभी खुद से पैसा बनाने के बारे में सोचा है? ठीक है, क्रिप्टोक्यूरेंसी के साथ यह संभव है, जैसे। पिछले कुछ सालों से, क्रिप्टोकुरेंसी शहर की बात कर रही है, खासकर युवा वयस्कों और सहस्राब्दी के बीच। इससे संबंधित कई कारकों के कारण यह इंटरनेट पर एक स्पष्ट चर्चा बन गया है, जैसे कि सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध हस्तियों से अत्यधिक प्रभावित होना, निवेश का सहकर्मी दबाव, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि त्वरित लाभ की बुकिंग का आग्रह।
उस ने कहा, जब कोई 'क्रिप्टो' कहता है, तो सबसे पहले दिमाग में बिटकॉइन आता है। यह वह है जिसने आज हम देख रहे बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया क्रिप्टो उन्माद को किकस्टार्ट किया है। जब से दुनिया में महामारी फैली है, तब से बिटकॉइन की कीमत बढ़ रही है, और अक्टूबर 2021 में, इसने $ 66,000 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर को दर्ज किया! लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बिटकॉइन, या उस मामले के लिए कोई क्रिप्टोकुरेंसी बाजार में कैसे आती है? खैर, यह 'खनन' नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से है, जिसमें आपके कंप्यूटर का उपयोग करके अत्यंत जटिल गणितीय समीकरणों को हल करना शामिल है। लेकिन, इसमें इसके अलावा और भी बहुत कुछ है। आइए गहराई से देखें कि इसे अपने दम पर कैसे करें
बिटकॉइन माइनिंग क्या है?
अपने दम पर बिटकॉइन कैसे उत्पन्न करें, इस बिंदु पर जाने से पहले, आइए एक नज़र डालते हैं कि बिटकॉइन माइनिंग वास्तव में क्या है। यह कंप्यूटर का उपयोग करके गणित की समस्याओं को हल करके नए सिक्के बनाने की प्रक्रिया है। हालांकि, बिटकॉइन की प्रकृति के कारण सबसे शक्तिशाली मशीन के लिए भी इन समस्याओं को हल करना बेहद मुश्किल हो रहा है। डिज़ाइन के अनुसार, बिटकॉइन की एक सीमित संख्या उत्पन्न की जा सकती है, जिसका अर्थ है कि निकालने के लिए केवल एक सीमित क्षमता उपलब्ध है। बिटकॉइन की केवल 21 मिलियन बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया यूनिट ही मौजूद होंगी, जिनमें से 19 मिलियन से अधिक (डेटा: फरवरी 2021 के अनुसार) का पहले ही खनन किया जा चुका है।
समस्याओं को हल करने के अलावा, खनिकों को ब्लॉकचैन नामक क्रिप्टोकुरेंसी लेजर को अपडेट करने की भी बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया आवश्यकता होती है। एक डिजिटल अकाउंटिंग लेज़र जिसे छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है, ब्लॉकचैन अनिवार्य रूप से ब्लॉक की एक श्रृंखला है जिसमें बिटकॉइन का लेनदेन इतिहास दुनिया भर में हो रहा है। खनिकों को गणितीय समस्याओं को हल करने में उनकी कड़ी मेहनत और संसाधनों के लिए बिटकॉइन की एक पूर्व निर्धारित राशि का भुगतान किया जाता है क्योंकि खनन में बहुत अधिक ऊर्जा खपत और कंप्यूटिंग शक्ति शामिल होती है।
भारत में बिटकॉइन माइन कैसे करें
पिछले कुछ वर्षों में बिटकॉइन की कीमतों को आसमान छूते हुए देखकर, कई लोग खनन प्रक्रिया से कमाई करने से डरते हैं। संसाधित और सत्यापित प्रत्येक लेनदेन के लिए, खनिकों को एक निश्चित मात्रा में बिटकॉइन प्राप्त होता है।
भारत में, यह अभी भी कठोर परिस्थितियों के कारण एक चुनौती है क्योंकि देश में खनन स्वयं अनिश्चित है, जहां इसके संबंध में कोई निश्चित नियम और कानून नहीं हैं। यहां तक कि क्रिप्टोक्यूरेंसी में साधारण निवेश भी जोखिम भरा है, इसे खनन करना तो दूर की बात है।
इसके अलावा, एक खनन सेटअप के लिए बहुत अधिक निवेश की आवश्यकता होती है जैसे कि गणित के समीकरणों को हल करने और संसाधित करने के लिए अत्यंत शक्तिशाली कंप्यूटर। ये गणना काफी प्रदर्शन-गहन हैं, किसी भी गेमिंग पीसी की तरह, गर्मी प्रबंधन प्रणालियों को स्थापित करने की आवश्यकता होती है, जैसे शीतलन प्रशंसकों और अन्य उपकरण। उसके ऊपर, बिटकॉइन माइनिंग में बिजली की खपत बहुत अधिक है, जिससे बिजली के बिल अधिक होते हैं।
क्या बिटक्वाइन के रूप में सैलरी लेना पसंद करेंगे आप! जानें एक्सपर्ट की राय
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी बाजार (cryptocurrency market) के लीडर बिटकॉइन (Bitcoin) ने डिजिटल ट्रेडिंग सिस्टम में कई रिकॉर्ड कायम किए हैं. आभासी यानी डिजिटल सिक्के, जिनका ने कोई केंद्रीय बैंक है और न ही कोई कंट्रोलर, ने जल्दी पैसा बनाने के द्वार खोल दिए. अब, यह डिजिटल सिक्का ब्लॉकचेन उद्योग में एक अभिनव भुगतान नेटवर्क और एक नए प्रकार की मुद्रा है. इस रहस्यमय बिटकॉइन का आकर्षण ऐसा है कि कई लोग इसे वेतन के रूप में प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, क्या यह एक अच्छा ऑप्शन है, यह कई वजहों पर निर्भर करता है.
बिटकॉइन में ट्रेडिंग 2009 में शुरू हुई थी. इस डिजिटल बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया सिक्के का आविष्कार किसने किया, यह किसी को पता नहीं है, हालांकि, कई अटकलें और नाम सामने आए हैं. सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) को बिटकॉइन के आविष्कारक के रूप में छद्म नाम वाला व्यक्ति या जापान में रहने का दावा करने वाले व्यक्ति माना जाता है. हालांकि, अभी तक इनकी पुष्टि नहीं हुई है.
2017 में शुरुआत
बिटकॉइन ने लोकप्रियता हासिल की 2017 की शुरुआत में, और यह हकीकत में इस्तेमाल में आने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी बन गई. बिटकॉइन डिसेंट्रलाइज्ड है और आसानी से उपलब्ध है. हालांकि, बिटकॉइन को सामान और सेवाओं को खरीदने के साधन के रूप में अपनाने का विचार अभी भी बड़े पैमाने पर स्वीकार नहीं किया गया है, लेकिन कई कंपनियां, खुदरा विक्रेताओं और प्लेटफॉर्म हैं जो बिटकॉइन को सेवाओं और भुगतानों के लेन-देन के माध्यम के रूप में उपयोग करने में विश्वास रखते हैं.
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CoinMarketCap डेटा के अनुसार, आज बिटकॉइन की कीमत 46,644.46 डॉलर है और 24 घंटे की ट्रेडिंग मात्रा 32,264,225,286 डॉलर है. पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन में 1.49 प्रतिशत का उछाल आया है. बिटकॉइन की सप्लाई सीमा 21 मिलियन बीटीसी सिक्कों (BTC coins) की है, जबकि वर्तमान में, आपूर्ति 19 मिलियन बीटीसी सिक्कों से अधिक है. डिजिटल सिक्के ने पिछले साल अप्रैल में 1 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप को पार कर लिया है. हालांकि, विशेषज्ञ बिटकॉइन के आगे बढ़ने को लेकर आशान्वित हैं.
क्या बिटकॉइन को सैलरी के रूप में स्वीकार किया जा सकता है
बिटकॉइन एक प्रक्रिया के लिए बनाए गए हैं जिसे माइनिंग के रूप में जाना जाता है. उन्हें अन्य मुद्राओं, उत्पादों और सेवाओं के लिए आदान-प्रदान करने की अनुमति है. हालांकि, डिजिटल सिक्के की इसके अवैध लेनदेन के लिए भी आलोचना की जाती है. इतना ही नहीं, बिटकॉइन की खनन, मूल्य अस्थिरता और एक्सचेंजों पर बड़ी मात्रा में चोरी की बिजली इस्तेमाल करने के लिए भी आलोचना की गई है.
सट्टे का बुलबुला
कई विशेषज्ञों ने बिटकॉइन को एक सट्टे का बुलबुला कहा है जो आखिर में फट जाएगा. इसका सीधा सा मतलब है, कि बिटकॉइन की कीमत में उच्च अस्थिर आवृत्ति होती है, और साबुन के बुलबुले की तरह ही यह तेजी से फट सकता है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी बाजार के लिए गेम-चेंजर के रूप में देखा है और ब्लॉकचेन उद्योग के विस्तार के साथ व्यापारिक दुनिया में एक नए युग की शुरुआत कहा है. कुछ स्थानीय और राष्ट्रीय सरकारों ने आधिकारिक तौर पर कुछ मामलो में बिटकॉइन का उपयोग करना शुरू कर दिया है. अल सल्वाडोर (El Salvador) नामक देश ने बीटीसी को कानूनी निविदा के रूप में अपनाया है.
भारत सरकार सख्त
2017 में रफ्तार पकड़ने के बाद, बिटकॉइन ने कई लोगों को सामान और सेवाओं के भुगतान के रूप में सिक्के का चयन करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन यह विचार जल्द ही खारिज कर दिया गया क्योंकि, दुनिया भर के नियामकों ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग (cryptocurrency trading) पर लगाम कसने का फैसला किया है. पिछले महीने, भारत सरकार ने क्रिप्टो ट्रेडिंग पर कड़े कर नियम जारी किए थे. लोकसभा ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) या “क्रिप्टो टैक्स” पर कराधान नियमों को मंजूरी दी. ये नए कर नियम 01 अप्रैल, 2022 से प्रभावी हो गए हैं.
कैसे बिटकॉइन में पैसा इन्वेस्ट करें
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तो आपने बिटकॉइन के बारे में सुना है और कुछ डिजिटल संपत्ति बनाने को तैयार हैं। आप बिटकॉइन्स खरीद और बेच सकते हैं, या उसको ‘माइन (mine)’ कर सकते हैं। बिटकॉइन माइनिंग दरअसल अन्य बिटकॉइन सौदों की पुष्टि की प्रक्रिया है, जिसके लिए यूज़र्स को रिवॉर्ड मिलता है। बिटकॉइन इकॉनमी (bitcoin economy) के पीछे यही केंद्रीय विचारधारा है, और माइनिंग का इस्तेमाल सौदों को सुरक्षित एवं विश्वसनीय बनाए रखने के लिए किया जाता है। इस गाइड में यह बताया जाएगा कि बिटकॉइन माइनिंग कैसे किया जाए व किस तरह संभावित आमदनी करें।
- कस्टम हार्डवेयर कार्ड्स के रूप में मिलता है जिसे कम्प्युटर में वैसे ही लगाते हैं जैसे ग्राफिक कार्ड्स
- बटरफ़्लाई लैब्स, बिटकॉइन अल्ट्रा, कॉइन टेरा आदि लोकप्रिय बिटकॉइन-माइनिंग हार्डवेयर हैं।
- प्रति सेकंड किए जाने वाले ऑपरेशनों की संख्या के आधार पर, समर्पित बिटकॉइन माइनिंग मशीन की क़ीमत, कुछ सौ डॉलर से लेकर दसियों हज़ार तक हो सकती है।
- सुरक्षा कारणों से, अधिकतर स्थापित बिटकॉइन यूज़र्स, स्थानीय वालेट के उपयोग की संस्तुति करते हैं।
- स्थानीय वालेट में खास तौर पर सम्पूर्ण ब्लॉकचेन, जो बिटकॉइन के सौदों का सम्पूर्ण इतिहास होती है, की पुष्टि की आवश्यकता होती है। ब्लॉकचेन की होस्टिंग ही बिटकॉइन को चलाने और सुरक्षित रखने में मदद करती है। इस ब्लॉकचेन को पहली बार समकालीन करने में लगभग एक दिन या अधिक का समय लग सकता है।
- बिटकॉइन क्यूटी, आर्मरी, और मल्टीबिट लोकप्रिय स्थानीय वालेट हैं। मल्टीबिट के लिए सम्पूर्ण ब्लॉकचेन को डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- आप अपनी मोबाइल डिवाइस के लिए भी वालेट ऐप पा सकते हैं। इनमें सम्पूर्ण ब्लॉकचेन को डाउनलोड करने की ज़रूरत नहीं पड़ती। ब्लॉकचेन तथा कॉइनजार लोकप्रिय ऐप्स में शामिल हैं।
- वालेट के खोने से, आपका धन खो सकता है! [१] X रिसर्च सोर्स
अपने वालेट को सुरक्षित रखें: चूंकि वालेट्स का कोई स्वामित्व नहीं होता है, जो भी उस तक पहुंच जाएगा, वो अपनी इच्छानुसार आपके कॉइन्स इस्तेमाल कर सकता है। इसे बचाने के लिए, दो पदों वाले सत्यापन को सक्षम करिए तथा वालेट को ऐसे कंप्यूटर पर रखिए जिस तक इन्टरनेट की पहुँच न हो, हो सके तो वालेट को मेमोरी स्टिक में या एसडी कार्ड में रखिए जिसे आप निकाल और वालेट को साथ रख सकें।
- बिना किसी पूल में सम्मिलित हुये, शायद आप को एक साल या उससे भी अधिक समय तक एक भी बिटकॉइन न मिले, चूंकि कॉइन उस पूल को मिलता है जो उसे खोजता है। [३] X रिसर्च सोर्स
- अधिकांश पूल आपकी आय का कुछ भाग (लगभग 2 प्रतिशत) शुल्क के रूप में लेते हैं।
- जब आप पूल में शामिल होंगे तब आपको “वर्कर” बनाना होगा। यह एक सबअकाउंट होगा जो पूल में आपके योगदान का हिसाब रखेगा। आप एक साथ कई वर्कर बना सकते हैं। प्रत्येक पूल में वर्कर बनाने के अपने नियम होते हैं।
- सीजीमाइनर और बीएफ़जीमाइनर दो सबसे लोकप्रिय माइनिंग प्रोग्राम हैं। ईज़ीमाइनर कमांड लाइन के स्थान पर ग्राफ़िकल इंटरफ़ेस से चलता है।
- अपने माइनिंग प्रोग्राम को पूल से सम्बद्ध करने के लिए विशिष्ट विवरणों को प्राप्त करने हेतु, अपने पूल के हेल्प प्रभाग को देखिये।
- यदि आप अकेले माइनिंग कर रहे हैं, अपने माइनिंग प्रोग्राम को अपने व्यक्तिगत वालेट से संबद्ध करना सुनिश्चित करें, ताकि जो कुछ बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया भी आप कमाएं, स्वतः जमा हो जाये। यदि आप पूल के भाग के रूप में माइनिंग कर रहे हैं, आप अपने वालेट को पूल में, अपने यूज़र खाते से संबद्ध कर देंगे। जब भी कमाई होगी कॉइन्स का अंतरण हो जाएगा।
अपना माइनर चलाइए: जब आपका माइनर कनफ़ीगर हो जाएगा, आप अपना माइनिंग ऑपरेशन शुरू कर सकते हैं। यदि आवश्यक हो तो अपनी बनाई हुई बैच फ़ाइल को रन करिए और माइनर को संबद्ध होते और माइनिंग करते हुये बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया देखिये। जब माइनर काम कर रहा होगा तब आप अपने कंप्यूटर के शेष भाग को घिसटता हुआ जैसा धीमा पाएंगे।
तापमान पर नज़र रखिए: माइनिंग प्रोग्राम हार्डवेयर को अतिरिक्त परिश्रम करवाते हैं, विशेषकर यदि हार्डवेयर माइनिंग के लिए डिज़ाइन ही न किया गया हो। यह सुनिश्चित करने के लिए कि तापमान सुरक्षित सीमा से ऊपर न जाये SpeedFan जैसे किसी प्रोग्राम का इस्तेमाल करें।
अपनी लाभप्रदता की जांच करें। जब आप थोड़ा माइनिंग कर चुकें, तब आंकड़ों को इस लिए देखें कि क्या इसे करना उचित है। पिछले कुछ दिनों में आपने कितनी कमाई की? इसकी तुलना कंप्यूटर को पूरी गति से उतने समय चलाने के ख़र्च से करें (अधिकांश वीडियो कार्ड्स 300-500 वाट लेते हैं)। [४] X रिसर्च सोर्स