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अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश
Apple Google और Amazon जैसी अमीर कंपनियों के शेयर खरीदने का पूरा प्रोसेस-विदेश में निवेश करने का सबसे आसान तरीका फंड ऑफ फंड्स यानी FoF रूट ही है. विदेशी फंड ऑफ फंड ऐसे ग्लोबल म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं जो वैश्विक शेयरों में पैसा लगाते हों. ऐसे फंड ऑफ फंड्स की होल्डिंग में एक या एक से वैश्विक ग्लोबल फंड शामिल हो सकते हैं. हालांकि विदेशी बाजारों में निवेश के लिए सिर्फ विदेशी फंड ऑफ फंड्स ही एक तरीका नहीं है… कई और भी तरीके हैं, आइए उन्हें जानते हैं…

विदेशी शेयर बाजार से प्रॉफिट कमाना चाहते हैं तो निवेश की इन गलतियों से बचें

शंकर शर्मा और देविना मेहरा

हमने 2019 में मॉर्निंगस्टार सम्मेलन में एक प्रेजेंटेशन दी जिसने निवेशकों के बीच काफी हलचल पैदा कर दी थी। प्रेजेंटेशन का विषय यह था कि भारतीय इक्विटी बाजार ने पिछले 10, 5, 3 और 1 वर्ष की अवधि में बेहद निराशाजनक रिटर्न दिए हैं ।

2010 से अब तक, डॉलेक्स (अमेरिकी डॉलर में सेंसेक्स) 6% नीचे है। इसका मतलब है कि अमेरिकी डॉलर में भारतीय बाजारों ने पिछले 10 साल में नेगेटिव रिटर्न दिया है। 2019 के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं।

2019 के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं।

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बाकी बाजारों की बात छोड़ भी दें, तब भी यह बात ध्यान देने लायक है कि तुर्की जैसे बाजार ने भी भारत से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे भी ज्यादा चौंका देने वाली बात यह है कि FD और बॉन्ड जैसे दुनिया भर के फिक्स्ड रिटर्न देने वाले प्रोडक्ट्स ने भी भारत के शेयर बाजार से ज्यादा रिटर्न दिया।

इन डेटा से इमर्जिंग मार्केट और खासकर भारतीय निवेशकों के लिए एक बात साफ हो गई कि एक देश, एक मुद्रा, एक एसेट का रिस्क लॉन्गटर्म रिटर्न और रिस्क मैनेजमेंट के लिए ठीक नहीं है। लिहाजा इंटरनेशनल डायवर्सिफिकेशन यानी अमेरिकी या यूरोपीय बाजारों में निवेश बढ़ा है। लेकिन दुर्भाग्य से इसके परिणाम भी अच्छे नहीं रहे।

भारत से विदेशी शेयरों में निवेश करने के लिए 3 आसान तरीके

हिंदी

वैश्वीकरण और क्रॉस बॉर्डर निवेश के उद्घाटन ने कंपनियों को किसी भी अर्थव्यवस्था में निवेश करने के लिए प्रावधानों की अनुमति दी है। एक भारतीय निवेशक के रूप में , आपके पास विदेशी शेयरों में खरीदने और अपने पोर्टफोलियो को विकसित करने और विदेशी बाजारों से उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए स्मार्ट निवेश का उपयोग करने का विकल्प भी है। हालांकि , चलो पहले पता है कि विदेशी स्टॉक क्या हैं , के साथ शुरू करने के लिए।

विदेशी स्टॉक क्या हैं?

विदेशी कंपनियों के स्टॉक – या भारत से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश बाहर आधारित हैं – विदेशी स्टॉक के रूप में जाना जाता है। ये विशाल कंपनियां जो गैर – घरेलू हैं , घरेलू ब्लू – चिप कंपनियों के समान एक महान निवेश विकल्प के लिए बनाती हैं। जब कोई विदेशी शेयरों में निवेश करने का विकल्प चुनता है , तो वे अपने पोर्टफोलियो में जोखिम को संतुलित कर सकते हैं और विदेशी बाजारों में उपलब्ध आकर्षक अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। यहां तीन तरीके हैं जो भारत में निवेशक विदेशी शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

यूके के व्यापार और विदेशी निवेश का नेतृत्व अब नए एचएम व्यापार आयुक्त करेंगे

Picture of Dr Liam Fox

यूके के विश्वभर के देशों के साथ भावी व्यापार समझौते करने की तैयारी के मद्देनज़र, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव डॉ. लियाम फॉक्स ने आज (सोमवार 5 फरवरी) को 2 नए एचएमटीसी नामों की घोषणा की. वे यूके के कुछ सबसे बड़े आर्थिक सहयोगियों के साथ ब्रिटिश व्यापार के हिमायती होंगे।

यूरोपीय संघ के बाहर से 90% विकास होने का अनुमान लगाया गया है, डॉ. फॉक्स ने कहा कि नियुक्तियां “काम करने का नये तरीके “ का संकेत देती हैं, भविष्य के प्रमुख बाजारों के साथ व्यापार में सुधार करने के लिए हम अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अधिक स्वायत्तता दे रहे हैं।

एंटनी फिलिप्सन को उत्तरी अमेरिका के लिए एचएमटीसी के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि क्रिस्पिन साइमन को दक्षिण एशिया की भूमिका के लिए नियुक्त किया गया है।

पृष्ठभूमि

सभी नए एचएमटीसी यूके के व्यापार और समृद्धि का प्रचार करने के लिए विदेशों में सहयोगी और समन्वयित सरकारी प्रयासों के लिए एचएम राजदूत और उच्चायुक्त, व्यापक राजनयिक नेटवर्क और देशों में उनके क्षेत्र के स्थित अन्य एचएम सरकारी सहकर्मियों के साथ मिलकर योगियों के साथ मिलकर काम करेंगे।

कुल 9 भौगोलिक क्षेत्रों में एचएम व्यापार आयुक्त पस्थापित किए जाएंगे:

  • अफ्रीका
  • एशिया प्रशांत
  • चीन
  • पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया नेटवर्क
  • यूरोप
  • लैटिन अमेरिका
  • मध्य पूर्व
  • उत्तरी अमेरिका
  • दक्षिण एशिया

रिचर्ड बर्न पिछले हफ्ते प्रधान मंत्री और डॉ. फॉक्स की चीन यात्रा के दौरान चीन का एचएमटीसी नियुक्त किए गए थे।

इसके अलावा अन्य एचएमटीसी जल्द ही नियुक्त किए जाएंगे।

एंटनी फिलिप्सन और क्रिस्पिन साइमन के बारे में

एंटनी फिलिप्सन न्यूयॉर्क में हर मज़ेस्टी के कॉन्सल जनरल और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार उत्तर अमेरिका के महानिदेशक हैं। कुछ समय पहले, एंटनी यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए व्यापार और साझेदारी विभाग के निदेशक थे।

क्रिस्पिन साइमन पश्चिमी भारत के ब्रिटिश उप उच्चायुक्त और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, भारत और दक्षिण एशिया विभाग के महानिदेशक हैं। क्रिस्पिन के पास निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में व्यापक अनुभव है।

अंतरराष्ट्रीय फंड में निवेश के फायदे

अच्छे निवेश का यह बुनियादी सिद्धांत है कि 'सारी पूंजी एक ही जगह न लगाएं।' जोखिम से बचाव के लिए विविधीकरण (डायवर्सिफिकेशन) आवश्यक है। आज के दौर में, जबकि निवेश से जुड़ा जोखिम काफी बढ़ गया है, यह बात और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। इसलिए निवेश को न केवल विभिन्

अच्छे निवेश का यह बुनियादी सिद्धांत है कि 'सारी पूंजी एक ही जगह न लगाएं।' जोखिम से बचाव के लिए विविधीकरण (डायवर्सिफिकेशन) आवश्यक है। आज के दौर में, जबकि निवेश से जुड़ा जोखिम काफी बढ़ गया है, यह बात और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। इसलिए निवेश को न केवल विभिन्न असेट श्रेणियों में, बल्कि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में वितरित करने में ही समझदारी है।

वैश्विकरण के दौर में निवेश संबंधी रणनीति के भी ग्लोबल आयाम होने चाहिए। भारतीय निवेश को वैश्विक पूंजी बाजार के लिए खोले जाने से पहले विविधीकरण का मतलब होता था-निवेश को विभिन्न असेट श्रेणियों में वितरित कर जोखिम से बचाव का प्रयास। मगर साल 2004 में जब से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश भारतीय निवेशकों को विदेश में निवेश की इजाजत दी गई, तब से इसमें एक नया आयाम और जुड़ गया है। यह है-विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में निवेश का विविधीकरण।

मोटी कमाई के लिए घर पर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस

मोटी कमाई के लिए घर पर बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Jan 13, 2022 | 6:00 AM

भारतीयों में विदेशी शेयरों, खासकर अमेरिकी कंपनियों (US Companies) के शेयरों में निवेश का चलन तेजी पकड़ बना रहा है. अगर आप भी घर बैठे एपल, गूगल, टेस्‍ला जैसे शेयरों को खरीदने के विभिन्न विकल्पों के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसकी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं. अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश कंपनी ऐप्पल (Apple) की कुल मार्केट वेल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर के पार हो गई है. टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) जैसी कंपनियां भी तेजी से अमीर होती जा रही हैं. इन कंपनियों की तेजी से होती ग्रोथ को देखकर भारत से भी कई निवेशक अमेरिकी कंपनियों में पैसा लगा रहे हैं. यह संभव हो सका है विदेश में निवेश करने वाले फंड के जरिए.एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इंडिया यानी एंफी की मानें तो 2021 में जनवरी से नवंबर के दौरान विदेश में पैसा लगाने वाले फंड्स ऑफ फंड्स में 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है.

(1) अंतरराष्ट्रीय स्टॉक वाले म्यूचुअल फंड्स में निवेश

विदेशों में निवेश का दूसरा तरीका सेक्टोरल या थीमैटिक फंड हैं. सेक्टोरल या थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग में भारतीय और विदेशी शेयरों का मिश्रण हो सकता है. यानी इस तरह के फंड्स में ऐपल, गूगल सहित भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं.

(2) इंडेक्स फंड

एक और तरीका है जिसे इंडेक्स फंड कहा जाता है…. जिस तरह भारतीय शेयर बाजारों के अलग-अलग इंडेक्स के लिए इंडेक्स फंड उपलब्ध हैं उसी तरह वैश्विक शेयर बाजारों के लिए भी इंडेक्स फंड हैं… वैश्विक बाजारों में निवेश करने वाले इंडेक्स फंड भी दुनिया के किसी एक शेयर बाजार के किसी एक इंडेक्स को ट्रैक करके निवेश करते हैं… मोतीलाल ओसवाल एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है.

वैश्विक बाजारों में निवेश का एक और तरीका इंटरनेशनल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ भी हैं, ये ईटीएफ सामान्य तौर पर 2 तरह हो सकते हैं- Country specific और Country neutral. Country specific ईटीएफ आपको किसी चुनिंदा देश में निवेश करने की अनुमति देते हैं. उदाहरण के लिए, वैनएक्क वेक्टर्स वियतनाम ईटीएफ आपको वियतनाम इक्विटी बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है. दूसरी ओर, Country neutral ईटीएफ आपको पूरी दुनिया में निवेश करने की अनुमति देते हैं.

(4) सीधा निवेश

ऐसा नहीं है कि सिर्फ फंड्स या ईटीएफ के जरिए ही आप अमेरिकी या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं, बल्कि सीधे निवेश का तरीका भी है, जैसे भारतीय शेयर बाजार में निवेश के लिए आप ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिकी बाजारों में भी कर सकते हैं, बशर्ते अमेरिकी ब्रोकर हायर करना होगा या फिर भारत में जो ब्रोकर अमेरिकी बाजारों में निवेश की सुविधा दे रहे हैं उनसे संपर्क करना होगा… दोनों ही परिस्थितियों में आपको इंटरनेशनल ट्रेडिंग अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश खाता भी खोलना पड़ेगा और ट्रेडिंग के लिए करेंसी को डॉलर में बदलवाना होगा.. ऐसा करके आप सीधे ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं.

(5) इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स (IDRs)

आप इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स यानी आईडीआर के जरिए भी विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं. आईडीआर मूल रूप से भारतीय करेंसी में होता है और सेबी रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी इसे तैयार करता है. आईडीआर को कंपनी की इक्विटी के बदले जारी किया जाता है ताकि विदेशी कंपनियों को भारत से धन जुटाने में सक्षम बनाया जा सके. चूंकि विदेशी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की अनुमति नहीं है, आईडीआर उन कंपनियों के शेयरों को खरीदने का एक तरीका है.

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