कंपनी में कितनी शेयरधारिता है

रतन टाटा की इन दो कंपनियों ने राकेश झुनझुनवाला को कराई सबसे ज्यादा कमाई, जानिए इस साल दिया कितना रिटर्न
टाटा मोटर्स और टाइटन के शेयरों में मोटी हिस्सेदारी होने की वजह से बिगबुल को खूब कमाई हुई है। जहां इस साल टाटा मोटर्स ने इस साल 75 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है। वहीं टाइटन ने भी 60 फीसदी का रिटर्न दिया है।
राकेश झुनझुनवाला को शेयर बाज़ार का बिग बुल कहा जाता है (Photo-Financial Express/File)
शेयर बाजार में बिग बुल नाम से मशहूर राकेश झुनझुनवाला को इस साल खूब कमाई हुई है। जिन शेयरों में उन्होंने इंवेस्ट किया था उन शेयरों में इस साल जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। खासकर टाटा ग्रुप की कंपनियों ने झुनझुनवाला के बैंक बैलेंस को खूब भरा है। टाटा मोटर्स और टाइटन के शेयरों में मोटी हिस्सेदारी होने की वजह से बिगबुल को खूब कमाई हुई है। जहां इस साल टाटा मोटर्स ने इस साल 75 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है। वहीं टाइटन ने भी 60 फीसदी का रिटर्न दिया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर राकेश झुनझुनवाला के पास इन दोनों कंपनियों की कितनी हिस्सेदारी है।
टाटा मोटर्स ने कराई करीब 76 फीसदी की कमाई
टाटा समूह की इस कंपनी में, राकेश झुनझुनवाला के पास कंपनी में 3,67,50,000 शेयर या 1.11 फीसदी हिस्सेदारी है। 2021 में, टाटा मोटर्स के शेयर की कीमत 290 से बढ़कर 510 रुपए प्रति शेयर स्तर पर पहुंच गई है। इसका मतलब ये है के इस कंपनी में कितनी शेयरधारिता है शेयर ने निवेशकों को इस साल 76 फीसदी का रिटर्न दिया है। आपको बता दें कि राकेश झुनझुनवाला ने दूसरी तिमाही में 10 लाख शेयरों की कंपनी में कितनी शेयरधारिता है कटौती की है।
टाइटन कंपनी ने भी कराई कमाई
टाटा समूह की इस कंपनी में राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला का निवेश है। अप्रैल से जून 2021 तिमाही के लिए टाइटन कंपनी के शेयरधारिता पैटर्न के अनुसार, राकेश झुनझुनवाला के पास 3,30,10,395 शेयर हैं जबकि रेखा झुनझुनवाला के पास कंपनी के 96,40,575 शेयर हैं। इस साल टाइटन कंपनी के शेयर की कीमत लगभग 1560 रुपए से बढ़कर 2485 रुपए प्रति शेयर हो गए हैं। जिससे 2021 में अपने शेयरधारकों को लगभग 60 फीसदी का रिटर्न मिला है।
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शेयर बाजार में आज 400 से ज्यादा अंकों की तेजी
अगर बात शेयर बाजार की करें तो बीते कुछ दिनों की गिरावट के बाद आज फिर से तेजी का माहौल बना हुआ है। सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर सेंसेक्स 374.42 अंकों पर कारोबार कर रहा है। जबकि उससे पहले सेंसेक्स ऑल टाइम हाई से 1000 अंक नीचे आ गया था। जिसकी वजह से निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है। उसके मुकाबले आज थोड़ी राहत देखने को मिल रही है।
बिग व्हेल आशीष कचौलिया ने इस कंपनी के शेयरों में की ताजा खरीदारी, 2 साल में दिया है 700 फीसदी रिटर्न
इसका पता लगाना मुश्किल है कि क्या आशीष कचौलिया द्वारा ये सारे शेयर सितंबर तिमाही में ही खरीदे गए हैं. हालांकि, यह तय है . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 25, 2022, 08:42 IST
हाइलाइट्स
1 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों ने नाम साझा करती हैं कंपनियां.
आशीष कचौलिया के पास इस कंपनी में 2.49 फीसदी की हिस्सेदारी है.
उनका नाम सितंबर तिमाही के कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में सामने आया है.
नई दिल्ली. शेयर बाजार में ‘बिग व्हेल’ के नाम से मशहूर दिग्गज निवेशक आशीष कचौलिया ने अग्रवाल इंडस्ट्रीज कॉर्पोरशन के स्टॉक्स खरीदे हैं. जुलाई-सितंबर के कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में उनका नाम भी नजर आ रहा है. उनका कंपनी में कितनी शेयरधारिता है नाम ऐसे व्यक्तियों की सूची में है जिनकी कंपनी में शेयरधारिता 1 फीसदी या उससे अधिक है.
जुलाई-सितंबर तिमाही में आशीष कचौलिया के पास अग्रवाल इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन में 2.49 फीसदी हिस्सेदारी थी. बिग व्हेल के पास कंपनी के 3,72,128 शेयर हैं. गौरतलब है कि इससे पिछली तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में आशीष कचौलिया का नाम नदारद था. इसका मतलब है कि सितंबर तिमाही में उन्होंने कंपनी के शेयर में फिर से खरीदारी की है.
क्या सभी शेयर इसी बीच खरीदे?
बाजार के नियमों के अनुसार, किसी भी लिस्टेड कंपनी को अपने उन शेयरधारकों को नाम बताना होता है जिनके पास कंपनी में 1 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है. हालांकि, इससे कम हिस्सेदारी नाम जाहिर करने की बाध्यता नहीं है. ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल है कि क्या कचौलिया ने सारे शेयर इसी दौरान खरीदे या फिर कुछ शेयर उनके पास पहले से थे. कंपनियां यह नहीं बताती हैं कि कंपनी में कितनी शेयरधारिता है उनके शेयरधारकों ने कितने शेयर खरीदे या बेचे, वे तिमाही के अंत में उनके पास मौजूद शेयरों की संख्या घोषित करती हैं. हालांकि, यहां एक बात कही जा सकती है कि कचौलिया ने कम-से-कम 1.50 फीसदी या उससे अधिक हिस्सेदारी सितंबर तिमाही में ही खरीदी है.
कंपनी के शेयरों की स्थिति
अग्रवाल इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के शेयर मल्टीबैगर स्टॉक्स में शामिल हैं. पिछले एक साल में ये शेयर 332 रुपये से बढ़कर 682 रुपये पर पहुंच गया है. इस दौरान अपने निवेशकों को इसने करीब 100 फीसदी का रिटर्न दिया है. इस साल अभी तक ये शेयर निवेशकों को 70 फीसदी का मुनाफा दे चुका है. वहीं, अंतिम 2 साल में तो ये शेयर ने छप्परफाड़ रिटर्न अपने शेयरधारकों को दिया. कोविड-19 के मामले कम होने के बाद व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने के दौरान इसने वापसी करते हुए 2 साल में 700 फीसदी का रिटर्न दिया है. पिछले एक महीने में ये शेयर करीब 16 फीसदी बढ़ा है. इसका 52 हफ्तों का हाई 746 रुपये और लो 310 रुपये है. मौजूदा शेयर प्राइस पर कंपनी का मार्केट कैप 994 करोड़ रुपये है. जून तिमाही में कंपनी को 581 करोड़ का राजस्व मिला और प्रॉफिट 23 करोड़ रुपये रहा.
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प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के लिए अनिवार्य अनुपालन
व्यवसाय को एक निजी लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत करना केवल शुरुआत है। एक बार जब यह पंजीकृत हो जाता है , तो विशिष्ट नियम और कानून होते हैं जिन्हें व्यवसाय द्वारा पालन करने की आवश्यकता होती है। इस पोस्ट में , हम 8 अनिवार्य अनुपालन की खोज करेंगे , जैसा कि कंपनी अधिनियम 2013 में विस्तार से बताया गया है।
निजी सीमित कंपनियां कंपनी अधिनियम के तहत आती हैं और इसे शामिल करने के लिए कई कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। इसके निगमन के बाद , कंपनी अधिनियम 2013 के तहत अनिवार्य अनुपालन यहां उपलब्ध कराया गया है:
निदेशक मंडल एक कंपनी में सबसे शक्तिशाली निकायों में से एक है। कंपनी अधिनियम की धारा 173 निदेशक मंडल की बैठक के बारे में चर्चा करती है। किसी भी संगठन में , पहली बोर्ड बैठक को इसके निगमन के 30 दिनों के भीतर आयोजित किया जाना होता है। प्रत्येक वर्ष कम से कम 4 बोर्ड बैठकें आयोजित की जानी चाहिए। लगातार 2 बैठकों के बीच का अंतर 120 दिनों से अधिक नहीं होना चाहिए।
निचे आप देख सकते हैं हमारे महत्वपूर्ण सर्विसेज जैसे कि फ़ूड लाइसेंस के लिए कैसे अप्लाई करें, ट्रेडमार्क रेजिस्ट्रशन के लिए कितना वक़्त लगता है और उद्योग आधार रेजिस्ट्रेशन का क्या प्रोसेस है .
- शेयर प्रमाणपत्र जारी करना
कंपनी अधिनियम , 2013 की धारा 53 के अनुसार , जारी किए गए शेयर प्रमाण पत्र आवंटन की तारीख से 2 महीने के भीतर वितरित किए जाने चाहिए। यदि शेयरधारकों को उनके आवंटित पत्र आत्मसमर्पण करते हैं , तो कंपनी को पंजीकृत डाक द्वारा उन सदस्यों को शेयर प्रमाण पत्र भेजना चाहिए।
- लेखा परीक्षकों की नियुक्ति
कंपनी अधिनियम की धारा 139 में कहा गया है कि निजी लिमिटेड कंपनी के पहले ऑडिटर को बोर्ड द्वारा पंजीकरण की तारीख से 30 दिनों के भीतर नियुक्त किया जाना चाहिए। वह पहली वार्षिक आम बैठक के अंत तक पद संभाल सकते हैं। यदि बोर्ड 30 दिनों के भीतर ऑडिटर नियुक्त करने में विफल रहता है , तो वे 90 दिनों के भीतर एक असाधारण आम बैठक बुला सकते हैं और अपने ऑडिटर को नियुक्त कर सकते हैं। वह वार्षिक आम बैठक के अंत तक भी पद संभालेंगे।
- बोर्ड की बैठक और सामान्य बैठकों की कार्यवाही के कार्यवृत्त
कंपनी अधिनियम की धारा 118 और कंपनियों के 25 नियम (प्रबंधन और प्रशासन) नियम 2014 कार्यवाही के मिनट के पहलू के साथ शासित होते हैं। मिनटों में कार्यवाही का उचित सारांश होना चाहिए। बोर्ड की बैठक / आम बैठक समाप्त होने के बाद , प्रत्येक कंपनी को 30 दिनों के भीतर मिनट तैयार करना, हस्ताक्षर करना और रखने चाहिए। बोर्ड की बैठक के मिनटों को बैठक के अध्यक्ष या अगली सफल बैठक के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित किया जाता है। सामान्य बैठक के मिनटों को बैठक के अध्यक्ष द्वारा 30 दिनों के भीतर हस्ताक्षरित किया कंपनी में कितनी शेयरधारिता है जाता है या यदि अध्यक्ष उक्त अवधि के भीतर हस्ताक्षर करने में असमर्थ होता है तो बोर्ड द्वारा अधिकृत निदेशक द्वारा हस्ताक्षरित होता है।
- निदेशकों द्वारा ब्याज के प्रकटीकरण का फाइलिंग
कंपनी अधिनियम , 2013 की धारा 184 एक निदेशक द्वारा ब्याज के प्रकटीकरण से संबंधित है। यह प्रदान करता है कि बोर्ड की पहली बैठक में प्रत्येक निदेशक जिसमें वह एक निदेशक के रूप में भाग लेता है और उसके बाद प्रत्येक वित्तीय वर्ष में बोर्ड की पहली बैठक में या पहले से किए गए खुलासों में कोई परिवर्तन होता है , तब पहली बोर्ड बैठक में इस तरह के बदलाव के बाद , किसी भी कंपनी या व्यक्तियों के सहयोग में उनकी रुचि का खुलासा करें जिसमें शेयरधारिता शामिल होगी। यदि कोई निदेशक कंपनी के साथ अनुबंध करता है और अपनी रुचि का खुलासा नहीं करता है , तो इसे निदेशकों के बीच विश्वास का उल्लंघन माना जाता है। नियम 9 ( बोर्ड की बैठक और इसकी शक्ति) नियम 2014 में कहा गया है कि इस तरह के प्रकटीकरण को MBP-1 के रूप में बनाया जाएगा और ROC के साथ MGT-14 के रूप में दायर किया जाएगा। यदि निदेशक अपनी रुचि प्रकट करने में विफल रहता है , तो वह कारावास के साथ उत्तरदायी होगा जो 1 वर्ष तक का हो सकता है , या 50,000 के न्यूनतम जुर्माने के साथ जोकि बढकर 1,00,000 तक हो सकता है और दोनो के साथ सजा का पात्र माना जाएगा।
- वित्तीय विवरणों की स्वीकृति और हस्ताक्षर
कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 134 और कंपनियों के नियम 8 और 9 ( लेखा) नियम , 2014 वित्तीय विवरण और बोर्ड की रिपोर्ट से संबंधित है। हर कंपनी को AOC-4 में RoC के साथ अपनी वार्षिक आम बैठक के 30 दिनों के भीतर वित्तीय विवरण दर्ज करने कंपनी में कितनी शेयरधारिता है चाहिए। इसमें कंपनियों के लिए वित्तीय विवरण , समेकित वित्तीय विवरण AOC-4 (CFS) दाखिल करने के लिए बैलेंस शीट ( AOC-4) शामिल है , जिसमें सहायक कंपनी , एसोसिएट कंपनी और संयुक्त उद्यम हैं। लाभ और हानि खाता ( AOC- 4) लाभ और हानि खाते के दाखिल के लिए कंपनी के वित्तीय विवरण के आधार पर , बोर्ड रिपोर्ट तैयार करेगा और आम बैठक में प्रस्तुत करेगा। वित्तीय विवरण को निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए और कंपनी के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित कंपनी में कितनी शेयरधारिता है कंपनी में कितनी शेयरधारिता है किया जाना चाहिए। चेयरपर्सन बोर्ड द्वारा अधिकृत है या दो निदेशकों में से एक कंपनी का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी होगा यदि वह कंपनी में निदेशक है , मुख्य वित्तीय अधिकारी (यदि कोई हो) और कंपनी सचिव कंपनी , ( यदि कोई हो)।
- निदेशक मंडल द्वारा रिपोर्ट
कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 134 में यह प्रावधान है कि प्रत्येक कंपनी के निदेशक मंडल की रिपोर्ट को कंपनी के विवरण जैसे कि वित्त खातों और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी मानकों के साथ बैलेंस शीट के साथ संलग्न किया जाना चाहिए। हर वार्षिक आम बैठक में इसका उत्पादन किया जाना चाहिए।
- वार्षिक रिटर्न दाखिल करना
कंपनी अधिनियम की धारा 92 के अनुसार , प्रत्येक कंपनी को अनिवार्य रूप से एमजीटी – 7 में वार्षिक आम बैठक के 60 दिनों के भीतर कंपनियों के रजिस्ट्रार के साथ अपना वार्षिक रिटर्न तैयार करना चाहिए , जिसे कम से कम एक निदेशक द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना चाहिए और कंपनी द्वारा प्रमाणित होना आवश्यक है व्यवहार में सचिव।
यदि कोई निजी कंपनी अधिनियम के तहत उल्लिखित नियमों का पालन करने में विफल रहती है , तो प्रत्येक व्यक्ति जो गलती के लिए जिम्मेदार है , जुर्माना के साथ दंडनीय होगा।
वार्षिक रिटर्न दाखिल करना , निदेशक मंडल द्वारा रिपोर्ट करना , वित्तीय विवरणों का अनुमोदन और हस्ताक्षर करना , निदेशकों द्वारा ब्याज का खुलासा करना , बोर्ड की कार्यवाही के मिनट और सामान्य बैठकें , लेखा परीक्षकों की नियुक्ति , शेयर प्रमाणपत्र जारी करना और बैठक करना। निदेशक मंडल प्राइवेट लिमिटेड फर्मों के लिए अनिवार्य अनुपालन है।
एनएसई की सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर में रिकॉर्ड 7.32 प्रतिशत पर
मुंबई, 10 फरवरी (भाषा) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर में 7.32 प्रतिशत के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। मूल्य के हिसाब से यह हिस्सेदारी 18.98 लाख करोड़ रुपये रही है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा बड़े पैमाने पर 38,521 करोड़ रुपये की निकासी के कारण संस्थागत शेयरधारिता में कुल मिलाकर गिरावट आई। प्राइम डाटाबेस ग्रुप की पहल प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा हिस्सेदारी दिसंबर
रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा बड़े पैमाने पर 38,521 करोड़ रुपये की निकासी के कारण संस्थागत शेयरधारिता में कुल मिलाकर गिरावट आई।
प्राइम डाटाबेस ग्रुप की पहल प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा हिस्सेदारी दिसंबर में 7.32 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई, जो सितंबर में 7.13 प्रतिशत पर थी।
इसके अलावा, रुपये के संदर्भ में खुदरा शेयरधारकों का मूल्य 18.98 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर को छू गया है। यह सितंबर में 18.16 लाख करोड़ रुपये था। इसमें 4.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार,यह विश्लेषण एनएसई में सूचीबद्ध कंपनी में कितनी शेयरधारिता है कुल 1,768 कंपनियों में से 1,714 के शेयरधारिता के तरीके पर आधारित है।
एनएसई की सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर में रिकॉर्ड 7.32 प्रतिशत पर
मुंबई, 10 फरवरी (भाषा) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर में 7.32 प्रतिशत के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। मूल्य के हिसाब से यह हिस्सेदारी 18.98 लाख करोड़ रुपये रही है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा बड़े पैमाने पर 38,521 करोड़ रुपये की निकासी के कंपनी में कितनी शेयरधारिता है कारण संस्थागत शेयरधारिता में कुल मिलाकर गिरावट आई। प्राइम डाटाबेस ग्रुप की पहल प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा हिस्सेदारी दिसंबर
रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा बड़े पैमाने पर 38,521 करोड़ रुपये की निकासी के कारण संस्थागत शेयरधारिता में कुल मिलाकर गिरावट आई।
प्राइम डाटाबेस ग्रुप की पहल प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा हिस्सेदारी दिसंबर में 7.32 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई, जो सितंबर में 7.13 प्रतिशत पर थी।
इसके अलावा, रुपये के संदर्भ में खुदरा शेयरधारकों का मूल्य 18.98 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर को छू गया है। यह सितंबर में 18.16 लाख करोड़ रुपये था। इसमें 4.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार,यह विश्लेषण एनएसई में सूचीबद्ध कुल 1,768 कंपनियों में से 1,714 के शेयरधारिता के तरीके पर आधारित है।