एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है

- जानकारों के अनुसार, पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
- एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
- भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को डर है कि सबसे बुरा अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
Crypto Exchange: क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है।
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।
भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते। हैं।
- सितंबर में भारतीय क्रिप्टो मार्केट लूना और टेरा में करोड़ों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी गंवा चुके हैं।
- सरकार ने क्रिप्टो के विनिमय पर टैक्स शुरू किया, तो मार्केट में स्थिरता लौटने की उम्मीद थी लेकिन एफटीएक्स मामले से संभावनाओं पर पानी फिर गया।
- भारत सरकार क्रिप्टो विनिमय पर टैक्स तो लेती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है। जानकार कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी जोखिमभरा जुआ है।
- जानकारों के अनुसार, पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
- एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
- भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को डर है कि सबसे बुरा एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
सरकार और आरबीआई की सर्तकता से बचे निवेशक
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है। इसके अलावा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स और लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस भी लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार का पूंजीकरण 2021 में 3 लाख करोड़ डॉलर (234.7 लाख करोड़ रुपये) था। एक साल में ही इसका कुल बाजार मूल्य 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) घटकर अब एक लाख करोड़ डॉलर (81.23 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।
16 अरब डॉलर स्वाहा
एफटीएक्स के पतन से इसके सह-संस्थापक सैम बैंकमैन फ्राइड के 16 अरब डॉलर (करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये) स्वाहा हो गए।
भारत में सिर्फ 3 फीसदी निवेश
- उद्योग का अनुमान है कि क्रिप्टो की संपत्तियों में भारतीय निवेशकों का निवेश केवल 3 फीसदी है।
- वहीं, ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कूकॉइन की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 11.5 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो निवेशक हैं।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।
भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते। हैं।
- सितंबर में भारतीय क्रिप्टो मार्केट लूना और टेरा में करोड़ों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी गंवा चुके हैं।
- सरकार ने क्रिप्टो के विनिमय पर टैक्स शुरू किया, तो मार्केट में स्थिरता लौटने की उम्मीद थी लेकिन एफटीएक्स मामले से संभावनाओं पर पानी फिर गया।
- भारत सरकार क्रिप्टो विनिमय पर टैक्स तो लेती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है। जानकार कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी जोखिमभरा जुआ है।
हालात और बुरे होने की एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है आशंका
- जानकारों के अनुसार, पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
- एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
- भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को डर है कि सबसे बुरा अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
सरकार और आरबीआई की सर्तकता से बचे निवेशक
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है। इसके अलावा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स और लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस भी लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार का पूंजीकरण 2021 में 3 लाख करोड़ डॉलर (234.7 लाख करोड़ रुपये) था। एक साल में ही इसका कुल बाजार मूल्य 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) घटकर अब एक लाख करोड़ डॉलर (81.23 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।
16 अरब डॉलर स्वाहा
एफटीएक्स के पतन से इसके सह-संस्थापक सैम बैंकमैन फ्राइड के 16 अरब डॉलर (करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये) स्वाहा हो गए।
Crypto News: क्या खत्म हो रहा है क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज? बंद हो रहा है एक और क्रिप्टो एक्सचेंज, जानिए वजह
Bitfront Shuts Down Operations: Bitfront ने कहा है कि इस कदम का हालिया इश्यूज से कोई लेना-देना नहीं है जिनमें कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज पर कदाचार के आरोप लगे हैं.
Bitfront ने कहा है कि इस कदम का हालिया इश्यूज से कोई लेना-देना नहीं है जिनमें कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज पर कदाचार के आरोप लगे एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है हैं.
एक समय में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में शामिल रहा एफटीएक्स (FTX) इस समय जांच के दायरे में है. अथॉरिटीज एक्सचेंज के खिलाफ लगे आपराधिक कदाचार के आरोपों की जांच कर रहे हैं.
कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी लेडर ब्लॉकफाई (BlockFi) ने सोमवार को चैप्टर 11 बैंकरप्सी प्रोटेक्शन के लिए आवेदन किया है. कंपनी को एफटीएक्स के Collapse एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है के दौरान एक्सपोजर की वजह से नुकसान उठाना पड़ा था. दूसरी ओर, FTX Collapse के बाद Bitcoin सहित सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखने को मिली थी.
Bitfront ने दी है ये जानकारी
बिटफ्रंट ने कहा है कि उसने 28 नवंबर को नए साइनअप और क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स की फैसिलिटी को सस्पेंड कर दिया है और 31 मार्च, 2023 से निकासी पर भी रोक लगा देगा. कंपनी ने कहा कि पांच दिसंबर से 11 दिसंबर के बीच के डिपॉजिट पर ब्याज का भुगतान 13 दिसंबर 2022 को किया जाएगा.
Crypto News: क्या खत्म हो रहा है क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज? बंद हो रहा है एक और क्रिप्टो एक्सचेंज, जानिए वजह
Bitfront Shuts Down Operations: Bitfront ने कहा है कि इस कदम का हालिया इश्यूज से कोई लेना-देना नहीं है जिनमें कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज पर कदाचार के आरोप लगे हैं.
Bitfront ने कहा है कि इस कदम का हालिया इश्यूज से कोई लेना-देना नहीं है जिनमें कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज पर कदाचार के आरोप लगे हैं.
एक समय में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में शामिल रहा एफटीएक्स (FTX) इस समय जांच के दायरे में है. अथॉरिटीज एक्सचेंज के खिलाफ लगे आपराधिक कदाचार के आरोपों की जांच कर रहे हैं.
कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी लेडर ब्लॉकफाई (BlockFi) ने सोमवार को चैप्टर 11 बैंकरप्सी प्रोटेक्शन के लिए आवेदन किया है. कंपनी को एफटीएक्स के Collapse के दौरान एक्सपोजर की वजह से नुकसान उठाना पड़ा था. दूसरी ओर, FTX Collapse के बाद Bitcoin सहित सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखने को मिली थी.
Bitfront ने दी है ये जानकारी
बिटफ्रंट ने कहा है कि उसने 28 नवंबर को नए साइनअप और क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स की फैसिलिटी को सस्पेंड कर दिया है और 31 मार्च, 2023 से निकासी पर भी रोक लगा देगा. कंपनी ने कहा कि पांच दिसंबर से 11 दिसंबर के बीच एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है के डिपॉजिट पर ब्याज का भुगतान 13 दिसंबर 2022 को किया जाएगा.
Cryptocurrency News: लेनदेन में बरतें सावधानी, भारत में नहीं है कोई नियम-कानून, भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX की हो रही है जांच
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन को लेकर अभी कोई नियम कानून नहीं है. ऐसे में क्रिप्टो के लेनदेन में आपको सावधानी बरतनी चाहिए. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX को लेकर बड़ा खुलासा होने की संभावना है.
Updated: August 12, 2022 11:06 AM IST
Wazirx to Binance Transfer: भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स ने कल घोषणा की है कि वह अब उपयोगकर्ताओं के वज़ीरएक्स खातों और उनके Binance खातों के बीच क्रिप्टो फंड ट्रांसफर को सक्षम नहीं करेगा. वज़ीरएक्स ने कानूनी कारणों का हवाला देते हुए उपयोगकर्ताओं को अपने क्रिप्टो फंड को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित करने के खिलाफ भी चेतावनी दी है. वज़ीरएक्स ने कल जारी विज्ञप्ति में कहा, “11 अगस्त 2022 से सुबह 7:30 बजे से प्रभावी, वज़ीरएक्स” Binance के साथ लॉगिन “विकल्प के माध्यम से वज़ीरएक्स और Binance के बीच ऑफ-चेन फंड ट्रांसफर का समर्थन करना बंद कर देगा.”
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वजीरएक्स एक्सचेंज में मिली है गड़बड़ी
यह अपडेट भारत के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा दावा किए जाने के लगभग एक हफ्ते बाद आया है कि Binance के बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए वज़ीरएक्स से लेनदेन “ऑफ-चेन” हो रहा था. प्रवर्तन निदेशालय ने बाद में वज़ीरएक्स के बैंक जमा में ₹64.67 करोड़ को फ्रीज कर दिया है और एक्सचेंज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है.
वजीरएक्स ने दी थी सफाई
वज़ीरएक्स ने मंगलवार को स्पष्ट किया था कि उपयोगकर्ता केवल अपने वज़ीरएक्स और Binance खातों के बीच फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. इसने यह भी दावा किया कि इन सभी लेनदेन के लिए केवाईसी विवरण एकत्र किया गया था और जब भी अनुरोध किया गया था, इस तरह के डेटा को ईडी को प्रस्तुत किया गया एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है था.
क्या है वजीरएक्स
WazirX एक नया Crypto Currency Exchange है और खास बात यह है कि यह भारत का सबसे बड़ा Cryptocurrency Exchange है. यह Peer to Peer Crypto Transaction Allow करता है. यानी यह बिटकॉइन (Bitcoin) एथेरियम, रिपल (ripple), ट्रोन (Tron), लिटकान (litcoin) और दूसरी क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने की सुविधा देता है. इसका हेड आफिस मुंबई में है.
WazirX में क्रिप्टोकरेंसी के गलत लेनदेन का शक
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वज़ीरएक्स क्रिप्टो-मुद्रा एक्सचेंज के निदेशक पर छापा मारा और 5 अगस्त, 2022 को आभासी क्रिप्टो संपत्तियों की खरीद और हस्तांतरण के माध्यम से धोखाधड़ी के पैसे की धोखाधड़ी में आरोपी तत्काल ऋण ऐप कंपनियों की सहायता के लिए 64.67 करोड़ रुपये की अपनी बैंक संपत्ति को फ्रीज कर दिया है.
एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया कि ईडी मामले की जांच कर रहा है. सूत्रों ने कहा, “निवेशकों को सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि वज़ीरक्स प्रकरण ने Cryptocurrency ट्रेडिंग पर बहुत सारे मुद्दों को उठाया है.”
क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में बरतें विशेष सावधानी
गुरुवार को एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले को देख रहा है. ग्राहकों से कहा गया है कि क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में और सावधानी बरतना आवश्यक है. एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया, “क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के दौरान सावधानी बरतना आवश्यक है. वज़ीरएक्स एपिसोड ने क्रिप्टो लेनदेन के एक काले पक्ष को उजागर किया है और प्रवर्तन निदेशालय इसे देख रहा है.”
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम-कानून नहीं
क्रिप्टो कारोबार बाजार वजीरएक्स की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लांड्रिंग जांच और उसके बाद उसके प्रवर्तकों के बीच विवाद ने क्रिप्टोकरेंसी के ‘स्याह पहलू’ को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि क्रिप्टो एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है करेंसी और तथाकथित एक्सचेंज के जरिये होने वाले कारोबार को नियंत्रित करने के लिये फिलहाल कोई नियम-कानून नहीं है, ऐसे में उन्हें इसको लेकर एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है सावधानी बरतने की जरूरत है.
एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया, “अगर चीनी कंपनियों द्वारा कोई गलत काम किया जाता है, तो प्रवर्तन एजेंसियां उस पर शिकंजा कसेंगी.”
लोकप्रिय वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म Binance ने भारतीय एक्सचेंज से खुद को दूर कर लिया. मुख्य कार्यकारी एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है अधिकारी चांगपेंग झाओ ने कहा कि बिनेंस के पास वज़ीरएक्स की मूल इकाई ज़ानमाई लैब्स में हिस्सेदारी नहीं है.
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