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वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है

वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है
Cryptocurrency bill among 26 new legislations on government’s agenda for winter session of Parliament Read @ANI Story | https://t.co/kXBk25HBmf#cryptocurrency #Parliament pic.twitter.com/picc6cGLJm — ANI Digital (@ani_digital) November 23, 2021

क्या क्रिप्टोकरेंसी असली पैसा है?

पैसा” को विभिन्न तरीकों से परिभाषित किया जा सकता है. हालाँकि, इस शब्द की अधिकांश परिभाषाएँ इस तथ्य पर आधारित हैं कि यह विनिमय के माध्यम और मूल्य का भंडार होने में सक्षम है और ये की इसका वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में उपयोग किया जा सकता है.

हम इसमें यह भी कह सकते हैं कि ये स्थिर होना चाहिए – इसके मूल्य में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होना चाहिए और ये अनुमानित रहना चाहिए. क्रिप्टो शायद इन आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता और यह इंगित करना असंभव है की क्रिप्टो पैसे की स्थिति में कब पहुंचेगा, लेकिन यह मान लेना सुरक्षित है कि मौजूदा स्थिति एक दिन बदल सकती है.

अभी, कुछ बातें नीचे स्पष्ट हैं:

  1. क्रिप्टो के बारे में बहुत सारी गलतफहमयां / misunderstandings हैं. ज्यादातर लोग समझते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग केवल वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है इंटरनेट पर खरीदारी करने के लिए किया जाता है. और वे इस क्षेत्र में तेजी से अपनी पहचान बना रही है, खासकर इसलिए कि उनकी लोकप्रियता हर दिन घातीय गति से बढ़ रही है.
  2. क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट फलफूल रही है; यह लगातार बढ़ रही है और इसके धीमा होने के कोई संकेत नहीं दिख रहा है.
  3. अधिकांश क्रिप्टोकरेंसियों को लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जा सकता है.
  4. क्रिप्टो धीरे-धीरे fiat करेंसी / पारंपरिक धन के एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहा है. इसके भविष्य के बारे में अनिश्चितता / सवालों के बावजूद, दुनिया भर के संगठन और कंपनियां अपने दैनिक कार्यों के लिए विनिमय के माध्यम के रूप में इसका उपयोग करती हैँ. यह बात भी उल्लेखनीय है कि कानूनी करेंसी / fiat के विपरीत, क्रिप्टो संपत्ति सरकार द्वारा विनियमित नहीं होती है.
  5. कई जानी-मानी कंपनियां bitcoin और दूसरी क्रिप्टोकरेंसयों में भुगतान स्वीकार करती हैं. इन कंपनयों में Microsoft, Subway, Tesla, Walmart और दूसरी कंपनियां शामिल हैँ.

अधिकांश लोग अभी भी क्रिप्टोकरेंसी को आभासी धन के रूप में देखते हैं जो बहुत अस्थिर है और इसका उपयोग केवल internet पर खरीदारी के लिए किया जा सकता है. लेकिन यह सत्य नहीं है; यह तो crypto की उन विशेषताओं में से एक है जो इसे fiat मुद्राओं से अलग करने में मदद करती है.

मिसाल के तौर पर अमेरिकी डॉलर दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा है. इसे आमतौर पर विनिमय के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है और इसे कभी भी USD के बदले खरीदा और बेचा जा सकता है. और इसका एक और फायदा ये भी है की यह स्थिर है. इसका मूल्य में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं करता — यह एक पूर्वानुमेय / predictable और स्थिर मुद्रा है — और इसके लाभों का उपयोग करने के कई अलग-अलग तरीके हैं:

  1. दुनिया भर में कई लोग और संगठन अपना पैसा USD में रखते हैं.
  2. यह मूल्य धारण करने का एक सामान्य तरीका है. इस बात को आप कई तरह से काम में ला सकते हैं, जैसे:
    USD को बैंक में नकद के रूप में जमा करें,
    किसी और मुद्रा या क्रिप्टोकरेंसी के बदले USD खरीदें या बेचें.

संक्षेप में American Dollar को मूल्य का एक भंडार भी माना जाता है जिसे किसी भी समय किसी दूसरी मुद्रा या क्रिप्टो संपत्ति के बदले खरीदा या बेचा जा सकता है.

जिस तरह फ़िएट मुद्रा को सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित किया जाता है, उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी किसी के द्वारा समर्थित नहीं होती है। अलबत्ता / However, इसकी अन्य विशेषताएं हैं जो इसे मूल्य देती हैं. वे लोग जो क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करते हैं, वही लोग इसे मूल्य देते हैं. ठीक उसी वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है तरह से USD का मूल्य है क्योंकि लोग इसे वस्तुओं और सेवाओं पर भुगतान के लिए स्वीकार करते हैं.

हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी बिटकॉइन लेनदेन का 30% से अधिक चीन में होता है, और ये की उनमें वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है से अधिकांश का उपयोग online खरीदारी और बिक्री के लिए किया जाता है.

ज्यादा से ज्यादा online फुटकर विक्रेता / retailer कई कारणों से क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान को सक्षम कर रहे हैं. उन में से कुछ कारण ये हैं:

1) फीस / शुल्क का खर्च कम होना चुंकि भुगतान फिएट / पैसे के बजाय क्रिप्टो में किया जाता है.
2) क्रेडिट कार्ड प्रक्रिया / processor की तुलना में अपना पैसा तेजी से प्राप्त करने की क्षमता. भुगतान को तुरंत प्राप्त और सत्यापित किया जा सकता है और वॉलेट में संग्रहीत किया जा सकता है, वे भी किसी एकाधिक सत्यापन की आवश्यकता के बिना, जिसमें संगठनों या पक्ष को कई दिन या सप्ताह लग जाते हों.
3) केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्की दुनिया भर से भुगतान स्वीकार करने की क्षमता.
4) मुद्रा से विनिमय दरों पर लाभ कमाने की संभावना.
5) ग्राहक चाहे किसी भी मुद्रा का उपयोग करते हों, वे तुरंत इसे USD या किसी अन्य मुद्रा में परिवर्तित कर सकते हैं और उससे तुरंत लाभ कमा सकते हैं, बजाय ये की हफ्तों / सप्ताहों तक पहले पैसे के wire transfer का इंतज़ार किया जाये.

क्रिप्टो में ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करने के कई फायदे हैं; यह आपको क्रेडिट कार्ड संसाधकों और अन्य तृतीय पक्षों पर अतिरिक्त संसाधन खर्च किए बिना पैसे कमाने की अनुमति देता है. यही कारण है कि हम सुरक्षित रूप से कह सकते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का वास्तव में मूल्य है – उन्हें USD जैसी अन्य मुद्राओं के बदले खरीदा और बेचा जा सकता है, और उनका किसी भी समय ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए उपयोग किया जा सकता है.

Fiat के साथ तुलना करने पर क्रिप्टो में भी अनूठी विशेषताएं होती हैं; मिसाल के तौर पर, क्रिप्टो एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है, मतलब ये है की यहाँ कोई भी केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है जो ये नियंत्रित करे की दुनिया में क्रिप्टो का उपयोग कैसे किया जाए या इसका आदान-प्रदान कैसे किया जाएगा.

यह क्रिप्टो को फिएट पर कई फायदे देता है:

  1. सीमाओं के पार धन भेजने पर कोई शुल्क नहीं है.
  2. उपयोगकर्ताओं अपने खाते में कितनी धनराशि रख सकते हैं, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
  3. इसे दुनिया में कोई भी इस्तेमाल कर सकता है.

यह भी उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो के फ़िएट मुद्रा पर कई लाभ हैं, जैसे तेज़ लेनदेन के साथ साथ अधिक सुरक्षा. कारकों का यह अनूठा संयोजन क्रिप्टो को आज मार्केट में मौजूद सबसे दिलचस्प निवेशों में से एक बनाता है, जो इसके तेजी से बढ़ते मूल्य में परिलक्षित होता है.

हालांकि क्रिप्टो ने अभी तक दुनिया में इतना ज्यादा तूफान नहीं मचाया है, इसका उपयोग शुरू और यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह fiat से किस तरह जुडा और खास है — केवल इसलिए नहीं कि यह त्वरित लेनदेन और अधिक सुरक्षा की अनुमति देता है, बल्कि इसलिए भी कि एक दिन परिदृश्य इसकी ओर जरूर बदलेगा. क्रिप्टो एक दिन fiat की जगह ले सकता है, और जब ऐसा होगा तो आपको इसके साथ अनुकूलन के लिए तैयार रहना चाहिए.

निष्कर्ष

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसने पिछले कुछ वर्षों में अपार लोकप्रियता हासिल की है. यह आज मार्किट में उपलब्ध सबसे मूल्यवान निवेशों में से एक है, जिस से हमें यही नही चलता के इसमें मूली है, बल्की ये भी की भविष्य में इसका मूल्य जरूर बढ़ेगा.

लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आपको अपनी सारी बचत क्रिप्टो संपत्ति में निवेश करदेनी चाहिए; दैनिक खरीदारी के लिए आपको कुछ पैसे fiat मुद्रा में रखना चाहिए.

Author

रोहित कुमार onastore.in के लेखक और संस्थापक हैं। इन्हे इंटरनेट पर ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीकों और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारियों के बारे में लिखना अच्छा लगता है। जब वह अपने कंप्यूटर पर नहीं होते हैं, तो वह बैंक में नौकरी कर रहे होते हैं। वैकल्पिक रूप से [email protected] पर उनके ईमेल पर संपर्क करने की कोशिश करें।

प्राइवेट Cryptocurrency पर बैन लगाने वाला विधेयक शीत सत्र में पेश करेगी सरकार, कृषि कानून भी लिए जाएंगे वापस

सरकार संसद में आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की सुविधा के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक पेश करेगी

Published: November 23, 2021 10:23 PM IST

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The RBI said the private cryptocurrencies are prone to frauds and to extreme price volatility, given their highly speculative nature.

Cryptocurrency bill, winter session, cryptocurrency, Parliament, नई दिल्ली: केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की सुविधा के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक पेश (Cryptocurrency bill) करेगी. इस विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक भी शामिल हैं.

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लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 दिसंबर तक चलने की संभावना है.

Cryptocurrency bill among 26 new legislations on government’s agenda for winter session of Parliament Read @ANI Story | https://t.co/kXBk25HBmf#cryptocurrency #Parliament pic.twitter.com/picc6cGLJm — ANI Digital (@ani_digital) November 23, 2021

क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा. इसमें आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की सुविधा की बात कही गई है. इस विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ छूट की बात भी कही गई है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए. इसमें कहा गया है कि सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किया जाएगा .लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है.

क्रिप्टोकरेंसी बि‍ल में आरबीआई द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात
इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है. इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके.

भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन
भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है. इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिये सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाये जाएगे.

सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात
इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है. इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए.

पीएम मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे से निपटने के लिए सख्त कदम का संकेत द‍िया था
भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है. इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिये सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाए जाएंगे. हाल वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया. ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी.

आरबीआई गवर्नर ने भी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किए थे, कहा था कि ये किसी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा
पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लाकचेन एवं क्रिप्टो आस्ति परिषद (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका नियमन किया जाना चाहिए. भारतीय रिजर्ब बैंक ने बार बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किए हैं. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिए जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किए थे और कहा था कि ये किसी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा है.

तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध
लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है. गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 बनाया था. तीन कृषि कानून के विरोध में वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है पिछले करीब एक वर्ष से दिल्ली की सीमा पर किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी .

तीन कृषि कानूनों का भारी व‍िरोध हुआ
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 बनाया था.

ये बिल भी लाए जाएंगे
– संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मादक पदार्थ एवं मन:प्रभावी औषधि संशोधन विधेयक 2021 पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है यह विधेयक इससे संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया जा रहा है.
-केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021 तथा दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना संशोधन विधेयक 2021 भी पेश किये जाने के लिये सूचीबद्ध है। ये दोनों विधेयक भी संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाये जाएंगे.
-राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021, मानव तस्करी (रोकथाम, सुरक्षा एवं पुनर्वास) विधेयक वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है 2021,
– विद्युत संशोधन विधेयक 2021, उत्प्रवास विधेयक 2021 आादि पेश किये जाने के लिये सूचीबद्ध है.

शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है. लोकसभा एवं राज्यसभा सचिवालय के एक बयान के अनुसार, ” सत्रहवीं लोकसभा का सातवां सत्र 29 नवंबर, 2021 को शुरू होगा। सरकारी कामकाज की अत्यावश्यकताओं के अधीन, सत्र के 23 दिसंबर, 2021 को समाप्त होने की संभावना है.”

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CBDC in Hindi – आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी क्या है, RBI क्रिप्टो करेंसी

CBDC in Hindi – RBI preparing to introduce digital currency, see what will be the mode of transaction here. भारतीय रिजर्व बैंक देश में अपनी डिजिटल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) लाने पर विचार कर रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो देश में डिजिटल करेंसी का आगाज हो सकता है। जल्द ही आरबीआई की एक अंतर-विभागीय समिति इस पर फैसला लेने जा रही है। आरबीआई का मानना है कि भुगतान उद्योग के तेजी से बदलते हालात, निजी Digital Token का चलन और कागज के नोट या सिक्कों को तैयार करने में बढ़ते खर्च की वजह से काफी समय से आभासी मुद्रा की जरूरत महसूस हो रही है।

आपको बता दें कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानि CBDC पर पूरा नियंत्रण RBI का होगा। आरबीआई के हाथों भारत की क्रिप्टोकरंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड होगी। जबकि अन्य क्रिप्टो करेंसी जैसे बिटकॉइन Decentralized होती है, यानि उसमें किसी एक व्यक्ति या इंस्टीटूशन का कंट्रोल नहीं होता।

सीबीडीसी (CBDC) क्या है?

CBDC का फुल फॉर्म सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी है – ऐसी करेंसी जो पूरी तरह से डिजिटल होगी, न कि नोट या सिक्के की तरह उसका स्वरूप होगा। इसे वर्चुअल करंसी या वर्चुअल मनी कह सकते हैं क्योंकि यह आपके बटुए या हाथ में नहीं दिखेगा लेकिन काम वैसा ही होगा जैसा रुपये और सिक्के से होता है। रुपये-पैसे को जहां फिएट करंसी कहते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरंसी डिजिटल होगी। आसान भाषा में कहें तो रुपये को डिजिटल फॉर्म में रखा जाएगा।

CBDC - RBI launches Central Bank Digital Currency

केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) एक लीगल करेंसी है और डिजिटल तरीके से सेंट्रल बैंक की लाइबिलिटी है जो सॉवरेन करेंसी के रूप में उपलब्ध है। CBDC बैंक की बैलेंसशीट में भी दर्ज है और यह करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जिसे कैश से तब्दील किया जा सकता है। अभी फिलहाल RBI cryptocurrency launch date का ज्ञात नहीं है। वैसे भारत में दिसंबर में सीबीडीसी को लाया जा सकता है। इसके संकेत रिजर्व बैंक ने पहले ही दे दिए हैं।

CBDC और क्रिप्टोकरंसी में क्या कोई फर्क होगा?

सीबीडीसी को भारत का केंद्रीय बैंक RBI से समर्थन प्राप्त होगा और आरबीआई ही इसे जारी भी करेगा। वहीं दूसरी ओर, क्रिप्टोकरंसी पूरी तरह से Decentralize होता है। यानी किसी बैंक की मनमानी उस पर नहीं चलती। वह बैंक से नियंत्रित नहीं होता और न ही किसी बैंक से क्रिप्टो का कोई लेना-देना नहीं होता। इस हिसाब से देखें तो सीबीडीसी और क्रिप्टोकरंसी में बड़ा फर्क होगा। Cryptocurrency अभी तक कुछ अपवाद को छोड़ दें तो यह अभी वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है भी वैध नहीं है। यानि आप किसी भी क्रिप्टो करेंसी का उपयोग किसी वस्तु को खरीदने के लिए नहीं कर सकते। लेकिन भारत का सीबीडीसी पूरी तरह से वैध होगी।

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के क्या फायदे होंगे?

आरबीआई के अनुसार अगर Digital Currency चलन वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है में आती है तो मनी ट्रांजैक्शन और लेन-देन के तरीके बदल सकते हैं। इससे ब्लैक मनी पर अंकुश लगेगा। समिति का कहना है कि डिजिटल करेंसी से मॉनिटरी पॉलिसी का पालन आसान होगा। इसमें डिजिटल लेजर टेक्नॉलजी (DLT) का इस्तेमाल होना चाहिए। डीएलटी से विदेश वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है में लेन-देन का पता लगाना आसान होगा। वही अभी तक अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन व एथेरेयम के साथ ऐसा नहीं था।

डिजिटल करेंसी इन इंडिया लिस्ट – Crypto Currency List 2021

भारत के लिए CBDC का मतलब

आपको यह जानकर बहुत खुशी होंगी कि भारत बहुत पहले से सीबीडीसी पर विचार कर रहा है। रिजर्व बैंक इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के पक्ष में है। कोशिश यही है कि Central Bank Digital Currency (CBDC) को ऐसे लागू किया जाए ताकि कम से कम अवरोध में ज्यादा काम हो जाए। रुपये-पैसे के तौर पर यह डिजिटल फॉर्मेट में होगा। लोग इसे रुपये के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे और देश के होलसेल और रिटेल मार्केट में भी इसका चलन देखने को मिल सकता है।

साथ ही देश में अपनी खुद की डिजिटल करेंसी शुरू होने से नकदी पर दबाव कम होगा। भारत में बड़े पैमाने पर नकदी का इस्तेमाल होता है। इससे सरकार को नोटों की छपाई और सिक्कों की ढलाई पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने होते हैं। परन्तु सीबीडीसी इसमें राहत दे सकता है। इसका बड़ा फायदा अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन में देखा जा सकता है। भारत आने वाले दिनों में दुनिया का प्रबल आर्थिक महाशक्ति होगा। जिसे देखते हुए डिजिटल करंसी की दुनिया में भी पांव पसारने होंगे। इस लिहाज से सीबीडीसी बड़ा रोल निभा सकता है। इससे पहले अमेरिका और चीन ने भी अपनी-अपनी Digital Currency निकली है।

RBI Digital Currency का क्या होगा असर

अगर डिजिटल करंसी चलन में आ जाती है तो ट्रांजैक्शन और उसके तरीके पूरी तरह से बदल जाएंगे। नोटों और सिक्कों की जगह डिजिटल करंसी (CBDC) का इस्तेमाल होगा जो भारत में नया चलन होगा। लेन-देन के तरीकों में तो बदलाव होगा ही, इससे काले धन पर भी रोक लगेगी।

आरबीआई को लगा कि डिजिटल करंसी या वर्चुअल करंसी को ना नहीं कह सकते। जब पूरी दुनिया डिजिटल हो रही है तो करंसी कैसे अछूती रह सकती है। जब पूरी दुनिया में अरबों-खरबों डॉलर की खरीद-बिक्री बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी में हो रही है तो भारत कैसे अलग रह सकता है। हालांकि भारत के साथ इसके रेगुलेशन और वैधता को लेकर बहस हमेशा से थी। इसे देखते हुए सीबीडीसी के रूप में एक बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हुई कि लोगों को डिजिटल करंसी भी मिले और सेंट्रल बैंक या RBI का रेगुलेशन भी रह जाए।

क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी

Cryptocurrency or Digital Currency or Virtual Currency एक ही है। इसे बस अलग-अलग नामों से जाना जाता है। क्रिप्टो करेंसी की शुरुवात वर्ष 2009 में बिटकॉइन के साथ हुए। तब से अब तक लाखों क्रिप्टो कॉइन और टोकन लॉन्च हो गए हैं। कोई किसी भी देश की सरकार का इसमें कोई कंट्रोल नहीं होता। भारत में भी तेजी से क्रिप्टो इन्वेस्टर और ट्रेडर की संख्या बढ़ रही है। कई सारे एक्सचैंजेस भी शुरू हुए हैं। जहां से आप इन क्रिप्टो करेंसी को खरीद व बेच सकते हैं। हालांकि यह काफी जोखिम भरा है फिर भी कई लोगों को इससे लाखों-करोड़ो रुपये का फायदा भी हुआ है।

RBI पहले ही कह चुका है कि बिटकॉइन का कांसेप्ट आरबीआई को उपयुक्त नहीं लग सकता, इसलिए अपनी खुद की डिजिटल करेंसी CBDC लाने पर विचार हो रहा है। दुनिया में 86 परसेंट सेंट्रल बैंक सीबीडीसी पर रिसर्च कर रहे हैं। इनमें 60 परसेंट सेंट्रल बैंक प्रयोग कर रहे हैं और 14 परसेंट बैंकों ने सीबीडीसी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है। अमेरिका ने भी अपनी खुद की डिजिटल करेंसी यानि Tether को शुरू किया है, जो डॉलर के साथ पेअर है। अब आगे देखना बाकी है कि RBI की डिजिटल करेंसी कितनी कामयाब होगी है।

कई वस्तुओं पर GST की दरों में हो सकता है बदलाव

GST: राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की अगली बैठक में कुछ अहम बदलाव होंगे.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - August 12, 2021 / 03:04 PM IST

कई वस्तुओं पर GST की दरों में हो सकता है बदलाव

साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

GST: राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की अगली बैठक में कुछ अहम बदलाव होंगे. बजाज के मुताबिक काउंसिल कर-मुक्त (tax-exempt) वस्तुओं की सूची में कटौती कर सकती है. बहुत सी ऐसी वस्तुएं हैं जिनमें जीएसटी की दरों में बदलाव पर काउंसिल विचार करेगी, लेकिन पहले व्यवस्था को स्थिर बनाना बहुत जरूरी है. टैक्स स्थिरता के सभी सिद्धांत पर कायम रहते हुए काउंसिल इन मुद्दों पर विचार करेगी. सीआईआई (CII) के एक कार्यक्रम में राजस्व सचिव ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में जीएसटी परिषद की बैठक होने की उम्मीद है. बजाज के मुताबिक काउंसिल की मीटिंग की तारीख अभी तय नहीं हुई है. बजाज ने कहा कि सरकार की नीति एक स्थिर और अनुमानित टैक्स व्यवस्था देने की है.

टैक्स दरों में बदलाव पर विचार

उद्योग की शिकायत को स्वीकार करते हुए बजाज ने कहा कि ऑटोमोटिव क्षेत्र पर टैक्स दरें ज्यादा हैं, जिसमें बदलाव पर विचार करने की जरूरत है. बजाज के मुताबिक जीएसटी की ज्यादा दरें ऑटो वाहन क्षेत्र को भी प्रभावित कर रही हैं.

काउंसिल इन दरों को कम करने पर ध्यान देगी. इस कार्यक्रम में राजस्व सचिव ने प्राइवेट कंपनियों से और ज्यादा निवेश करने की अपील की.

कुछ सालों तक देना होगा ज्यादा टैक्स

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि हम फिलहाल टैक्स दरों में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं कर रहे हैं. हम मानते हैं कि मोटर वाहन क्षेत्र में टैक्स दरें ज्यादा हैं.

चार पहिया वाहनों पर न केवल 28 फीसद जीएसटी लगाया जाता है, बल्कि हम एक उपकर भी लेते हैं जो कि बहुत अधिक है. राजस्व सचिव बजाज के मुताबिक फिलहाल यह कुछ और वर्षों तक जारी रहेगा.

अगली काउंसिल-मीटिंग वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है से बेहतर परिणाम की उम्मीद

बजाज के बयान से संकेत मिलता है कि कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दर को कम करने के लिए छूट की सूची को सीमित करना होगा.

कच्चे माल पर टैक्स की दरें कम करनी होगी. जीएसटी परिषद की बैठकों में इस पर लंबे समय से चर्चा हो रही है लेकिन इसे लागू नहीं किया गया है. बजाज ने कहा कि मुझे यकीन है जब आने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में हम यह एजेंडा देंगे तो इसका बेहतर परिणाम निकलेगा.

राजस्व सचिव ने कहा कि कॉर्पोरेट सेक्टर का प्रदर्शन काफी ज्यादा बेहतर रहा है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है. इस क्षेत्र में 2021-22 में मजबूत टैक्स राजस्व की संभावना है.

Bitcoin शीर्ष से 50% तक टूटा, छह महीने में 27 लाख रुपये घटी कीमत

वैश्विक स्तर पर बनी नकारात्मक परिस्थितियों के कारण यह करीब 50 प्रतिशत टूटकर रविवार को 34,587 डॉलर प्रति यूनिट (करीब 26.61 लाख भारतीय रुपये) पर कारोबार कर रहा था। इस प्रकार बीते छह महीनों में बिटकॉइन..

Bitcoin शीर्ष से 50% तक टूटा, छह महीने में 27 लाख रुपये घटी कीमत

रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक महंगाई और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का बिटकॉइन पर बुरा असर पड़ रहा है। यही कारण है कि दुनिया का सबसे प्रसिद्ध यह क्रिप्टोकरंसी अपने शीर्ष से करीब 50 प्रतिशत तक टूट चुका है।

बिटकॉइन ने पिछले साल नवंबर में 68,789 डॉलर प्रति यूनिट (करीब 52.93 लाख भारतीय रुपये) के उच्च स्तर का रिकॉर्ड बनाया था। तब से अब तक इसमें लगातार गिरावट जारी है। इस बीच वैश्विक स्तर पर बनी नकारात्मक परिस्थितियों के कारण यह करीब 50 प्रतिशत टूटकर रविवार को 34,587 डॉलर प्रति यूनिट (करीब 26.61 लाख भारतीय रुपये) पर कारोबार कर रहा था। इस प्रकार बीते छह महीनों में बिटकॉइन की कीमत में 34,202 डॉलर प्रति यूनिट (करीब 26.32 लाख भारतीय रुपये) की कमी आई है।

2022 में अब तक 25 प्रतिशत की गिरावट

2022 बिटकॉइन के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ है। इस साल में यह अब तक करीब 25 प्रतिशत तक गिर चुका है। एक जनवरी 2022 को यह 46,726 डॉलर प्रति यूनिट पर था, जो रविवार शाम को गिरकर 34,587 डॉलर प्रति यूनिट पर कारोबार कर रहा था। इस प्रकार 2022 में बिटकॉइन की कीमत में 12,139 डॉलर प्रति यूनिट की गिरावट हो चुकी है।

ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में अनामता का जोखिमः सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के एक कार्यक्रम में कहा कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी में 'एनॉनिमिटी' यानी पहचान उजागर नहीं होना एक 'अंतर्निहित जोखिम' है और इस प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग को देखते हुए सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके साथ ही सीतारमण ने यह स्पष्ट किया कि 'ड्रिस्टिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी)' यानी 'ब्लॉकचेन' का इस्तेमाल करना पूरी तरह से 'वस्तुओं और क्रिप्टो संकेत है अपरिहार्य' है और सरकार भी इसके उपयोग का समर्थन करती है। दरअसल, भारत अपनी डिजिटल मुद्रा सीबीडीसी लाने की तैयारी में है जो कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर ही आधारित होगी। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते समय सीबीडीसी लाने की घोषणा की थी।

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