जमा मुद्राएं

जमा मुद्राएं
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भारत में मुद्रा आपूर्ति की स्थ .
जनता के पास मुद्रा केवल अविनिमेय है। जनता के पास मुद्रा बैंकों में जमा से कम है। जनता के पास मुंद्रा बैंकों में जमा से अधिक है। जनता के पास मुद्रा बैंकों में जमा के बराबर है।
Solution : भारत में मुद्रा आपूर्ति में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) लोगों के पास नकदी (ii) बैंकों में माँग जमा और मीयादी जमा (iii) भारतीय रिजर्व बैंक के पास जमा धनराशि (iv) डाकघर में जमा धनराशि। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी कुल मुद्रा की तुलना में लोगों के पास कम धन होता है। इसका कारण यह है कि जारी मुद्रा का एक भाग बैंकों में नकदी रूप में जमा रहता है। जमा धनराशि (डिपॉजिट्स) के संदर्भ में, अंतिम चार दशकों के दौरान, लोगों के पास उपलब्य मुद्रा की मात्रा में परस्पर कमी दर्ज की गई है। इसके विपरीत माँग जमाओं, मियादी जमाओं और बैंकों में जमा अन्य जमाओं के संबंध में जमा मुद्राएं कुल मुद्रा अनुपात में वृद्धि हुई है। देश में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार ही इसका मुख्य कारण है। अर्थव्यवस्था में लगभग सारा धन बैंक जमाओं के रूप में स्वीकार किया जाता है और बैंक इन जमाओं का प्रयोग लोन देने के लिए करते हैं।
जमा मुद्राएं
निश्चित उद्देश्यों से अनिवासी भारतीय बैंको में अक्सर अपने स्वदेश प्रत्यावर्तनीय निधि (Repatriable funds) को निम्नलिखित मीयादी जमा के रूप में भारतीय रुपये या विदेशी मुद्रा में जमा करतें हैं.
- एनआरई मीयादी जमा (रुपये में) - ब्याज की उच्च दर का लाभ उठाने के लिए.
- एफसीएनआर (बी) मीयादी जमा- स्वयं को विनिमय दर के जोखिम से बचाने के लिए.
हालांकि दोनों योजनाओं में कुछ नुकसान भी हैं. एनआरई मीयादी जमा योजना में तुलनात्मक रूप से रिटर्न अधिक होने पर भी जमाकर्ता को संभावित विनिमय दर में उतार चढाव से जूझना पड़ सकता हैं. स्वदेश-प्रत्यावर्तन/परिपक्वता के समय रुपये का मूल्यह्रास होने के कारण यह भी संभव है कि ब्याज-दर में मिलने वाला कोई भी लाभ समाप्त हो जाए. हालांकि एफसीएनआर (बी) मीयाद जमा मामले में, जमाकर्ता ब्याज दरों में अधिक उतार चढ़ाव से गारंटीकृत रहता है परन्तु इसमें ब्याज दरें तुलनात्मक रूप से कम होती हैं.
अतएव अनिवासी भारतीयों के लिए बेहतर निवेश के रूप में, बैंक द्वारा एक नयी जमा योजना बनायी गयी है जिसका नाम यूनियन स्मार्ट विदेशी मुद्रा योजना है जो न केवल बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करती है बल्कि विनिमय दरों के जोखिम को कम करता है/बचाता है. विदेशी मुद्रा से रूपये के विनिमय में वायदा दर कम होने पर, यह योजना बेहतर आय प्रदान करती है.
इस योजना के लाभ:
- विदेशी मुद्रा में एफसीएनआर (बी) की तुलना में इस योजना से अधिक रिटर्न प्राप्त करें.
- विनिमय दर में कमी से रक्षा करता है.
- अर्जित ब्याज पूरी तरह आयकर की परिधि के बहार होता है (वर्तमान मानदंड़ों के अनुसार)
- परिपक्वता आगम (दोनों मूल + ब्याज) को पूर्णत: स्वदेश प्रत्यावर्तित किया जा सकता है.
किसके लिए:
अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) / भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई)
उद्देश्य:
अनिवासी भारतीयों को उनके विदेशी मुद्रा संसाधनों / निधियों में अधिक से अधिक आय प्रदान करना.
जमा की अवधि:
जमा की अवधि 12 महीने की होगी
जमा की न्यूनतम राशि :
10,000 अमरीकी डालर या इसके समकक्ष.
ब्याज की दर
12 महीनों के लिए एनआरई मीयादी जमा राशि पर लागू दरों के सामान
अन्य शर्तें:
इस योजना के तहत अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए जमा राशि को सिर्फ जमा मुद्राएं और सिर्फ एनआरई- डीआरसी योजना के तहत निवेश करना आवश्यक हैं.
Yogasan : सूर्य नमस्कार की होती हैं तीन मुद्राएं, यहां जानें उनके नाम और फायदे
Surya namaskar benefits : सूर्य नमस्कार करने से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तो अच्छा होता ही है साथ में आपकी पीठ और मांसपेशियों को भी मजबूत बनाने का काम करता है. क्या आपको पता है सूर्य नमस्कार के तीन आसन कौन-कौन से हैं और इनके क्या लाभ होते हैं.
Health tips : सूर्य नमस्कार करने से पीठ और कंधे का दर्द होता है कम.
खास बातें
- सूर्य नमस्कार करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
- शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में होता है सुधार.
- मानसिक तनाव होता है दूर.
Surya namaskar : सूर्य नमस्कार सबसे ज्यादा किए जाने वाला अभ्यास है. इसकी खासियत है कि यह 12 शाक्तिशाली मुद्राओं से मिलकर बना होता है. यह आपके शारीरिक (physical health) और मानसिक विकास (Mental health) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इनके करने से जीवन में सकारात्मकता आती है. इस आसन को करने का सही समय सुबह होती है. इसको खाली पेट करने से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं जिसके बारे में लेख में आगे बताया जा रहा है.
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- सूर्य नमस्कार करने से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तो अच्छा होता ही है साथ में आपकी पीठ और मांसपेशियों को भी मजबूत बनाने का काम करता है. क्या आपको पता है सूर्य नमस्कार के तीन आसन कौन-कौन से हैं और इनके क्या लाभ होते हैं. तो आपको बता देते हैं प्राणामासन, भुजंगासन और पर्वतासन सूर्य नमस्कार का ही हिस्सा होते हैं.
- प्रणामाआसन सूर्य नमस्कार का सबसे ज्यादा किए जाने वाला अभ्यास है. इस मुद्रा से योग तंत्रिकाएं और पाचन तंत्र मजबूत होता है. इसको नियमित रूप से करने में लाभ जल्दी मिलता है.
-इसकी दूसरी मुद्रा पर्वतासन शरीर में रक्त संचार को बेहतर करती है. इससे फेफड़े भी मजबूत होते हैं. साथ में रीढ़ की हड्डी, कंधे और घुटने के दर्द से भी राहत मिलती है. ऐसे में इसको जितनी जल्दी हो अपने दिनचर्या का हिस्सा बना लें.
- भुजंगासन भी सूर्यआसन की एक मुद्रा है. यह आसन आपको तनाव से मुक्ति दिलाने का काम करता है. साथ मे रीढ़ की हड्डियां भी मजबूत करता है. इसको नियमित करने से पेट संबंधित समस्या से भी निजात मिल जाएगा. तो जितनी जल्दी हो इन आसनों को करना शुरू कर दीजिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
SBI सहित कई बैंकों ने बढ़ाया विदेशी मुद्रा जमा पर ब्याज, नई दरें प्रभावी
SBI समेत कई बैंकों ने अनिवासी की ओर से जमा की जाने वाली विदेशी मुद्रा पर मिलने वाला ब्याज बढ़ा दिया है। आरबीआइ की ओर से विदेशी मुद्रा निवेश बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के तहत बैंकों ने यह फैसला किया है। एसबीआइ ने विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर) जमा दर को संशोधित करके विभिन्न अवधि के लिए बढ़ाकर 2.85 से 3.25 प्रतिशत तक किया है। यह ब्याज डालर जमा करने पर मिलेगा और 10 जुलाई से प्रभावी हो गया है। एक वर्ष की अवधि के लिए ब्याज को 1.80 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.85 प्रतिशत किया गया है। इसकी प्रकार तीन से चार वर्ष और पांच वर्ष की अवधि के जमा पर ब्याज दर क्रमशः 3.10 प्रतिशत और 3.25 प्रतिशत किया जमा मुद्राएं गया है। पहले इस अवधि पर 2.30 प्रतिशत और 2.45 प्रतिशत ब्याज मिलता था। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक आइडीएफसी फर्स्ट बैंक, इक्विटास स्माल फाइनेंस बैंक ने विभिन्न अवधि की ब्याज दरों में वृद्धि की है।
इसलिए पड़ी यह जरूरत
एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रवाह को बढ़ाने के लिए पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक की छूट के जवाब में विदेशी मुद्रा अनिवासी जमा पर ब्याज जमा मुद्राएं दरें बढ़ा दी हैं। देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने भी विदेशी मुद्रा (अनिवासी) जमा पर दरों में संशोधन किया है। हालांकि, इसने स्पष्ट किया कि संशोधन आरबीआई के नवीनतम कदम के जवाब में नहीं है और यह आगे चलकर दरों में संशोधन पर फैसला करेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने 10 जुलाई से अमेरिकी डॉलर पर विदेशी मुद्रा अनिवासी जमा (एफसीएनआर) दरों में 2.85-3.25 प्रतिशत प्रति वर्ष की विभिन्न अवधि के अमेरिकी डॉलर जमा पर संशोधन किया है।
यह थी पिछली दरें
एसबीआई ने एक साल के कार्यकाल के लिए एफसीएनआर यूएसडी जमा पर दर 1.80 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.85 कर दी है। 3-4 साल और 5 साल की जमा राशि के लिए इसे बढ़ाकर क्रमश: 3.10 फीसदी और 3.25 फीसदी कर दिया गया है। पिछली दरें 2.30 फीसदी और 2.45 फीसदी थीं। आईसीआईसीआई बैंक ने 12-24 महीने की अवधि के लिए 350,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक और उसके बराबर जमा पर एफसीएनआर को 0.15 प्रतिशत बढ़ाकर 3.50 प्रतिशत कर दिया है। नई दर 13 जुलाई 2022 से लागू हो गई है।
ईडी जमा मुद्राएं ने विदेशी मुद्रा कारोबार कंपनी की 21.14 करोड़ रुपये जमा को किया जब्त
नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने एक ‘गैरकानूनी’ ऑनलाइन विदेशी मुद्रा कारोबार कंपनी और उससे जुड़ी इकाइयों के 21.14 करोड़ रुपये मूल्य की बैंक जमाओं को जब्त कर लिया है। विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है। इस कंपनी की पहचान ऑक्टाएफएक्स की भारतीय शाखा के तौर पर की गई है। यह कंपनी ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग नाम से एक ऐप के अलावा एक वेबसाइट का संचालन जमा मुद्राएं भी करती है। इससे जुड़ी इकाइयों पर क्रिप्टो मुद्राओं
विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है। इस कंपनी की पहचान ऑक्टाएफएक्स की भारतीय शाखा के तौर पर की गई है।
यह कंपनी ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग नाम से एक ऐप के अलावा एक वेबसाइट का संचालन भी करती है। इससे जुड़ी इकाइयों पर क्रिप्टो मुद्राओं में कारोबार करने का भी आरोप है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि कंपनी के खिलाफ शुरू की जमा मुद्राएं गई जांच में सामने आया कि यह ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट भारत स्थित फर्म ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर भारत में परिचालन कर रही थी।
जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा कारोबार के इस मंच का सोशल नेटवर्किंग मंचों पर काफी प्रोत्साहन किया जा रहा है। अपने मंचों पर उपयोगकर्ताओं को लाने के लिए प्रोत्साहन मॉडल भी चलाए जाते हैं। उपयोगकर्ताओं से इकट्ठा की जाने वाली राशि को डमी इकाइयों के जरिये भेज दिया जाता है।’’
ईडी ने कहा कि विभिन्न डमी इकाइयों के बैंक खातों में जमा की गई राशि को बाद में सीमापार भेजे जाने के मामले भी देखे गए हैं। इसके साथ ही एजेंसी ने अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार ब्रोकरों एवं उनके भारतीय साझेदारों के बीच 'साठगांठ' का भी पता लगाया है।
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