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स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है
स्टॉक एक्सचेंज क्या है – What is Stock Exchange In Hindi

SEBI ने जारी किया सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का फ्रेमवर्क, जानिए क्या है ये और कैसे करेगा काम?

मार्केट रेग्‍युलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए फ्रेमवर्क जारी किया है. यह माना जा रहा है कि सोशल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (Social Stock Exchange) खुलने से सोशल इंटरप्राइेजज के लिए बाजार से फंड जुटाना आसान होगा, वहीं आम निवेशकों को भी निवेश का एक नया ऑप्‍शन मिल सकेगा

स्टॉक एक्सचेंज क्या है ?

भारत में स्टॉक एक्सचेंज परंपरागत रूप स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है से ब्रोकर्स तथा बाजार-विशेषज्ञों का एसोसिएशन है। आम जनता तथा वित्तीय संस्थानों द्वारा सिक्यूरिटीज की ट्रेडिंग (खरीदफरोख्त) का नियमत: संचालन करने के लिए इसकी स्थापना की गई है। 'सिक्यूरिटीज एंड कॉण्ट्रेक्ट (रेग्यूलेशन) ऐक्ट-1956' के अंतर्गत स्टॉक एक्सचेंज भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। स्टॉक एक्सचेंज एकमात्र ऐसा अधिकृत संस्थान है, जिसके तत्त्वावधान में सेकंडरी मार्केट में सिक्यूरिटीज की ट्रेडिंग होती है। भारत में स्टॉक एक्सचेंज एक बाजार के रूप में कार्य करता है जहां वित्तीय उपकरण जैसे स्टॉक, बॉन्ड और कमोडिटीज का कारोबार होता है।

स्टॉक एक्सचेंज वह जगह है, जहां पर कंपनियों के शेयर को सूचीबद्ध किया जाता है ,जैसे ही कंपनी अपना आईपीओ लाकर जनता से फण्ड raise करते है उसके बाद कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज सूचीबद्ध कर दिया जाता है । स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर्स को ब्रोकर्स के माध्यम से खरीदा व बेचा जाता है , स्टॉक मार्किट में खरीदने और बिकने वाले शेयर किसी भी प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि स्टॉक्स , बांड्स ,डिबेंचर्स , फ्यूचरस ,ऑप्शंस ,कमोडिटी इत्यादि । स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर्स को खरीदा व बेचा जाता है जो की स्टॉक्स,डिबेंचर्स ,बांड्स ,सिक्योरिटी इत्यादि होते है ।

भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना कब हुई ?

1992 में NSE को देश में पहले डिमैट्युलाइज्ड स्टॉक एक्सचेंज के रूप में स्थापित किया गया था। तकनीकी रूप से उन्नत, स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (बीएसई के फ्लोर-ट्रेडिंग के विपरीत) को पेश करने के लिए यह भारत में पहला स्टॉक एक्सचेंज भी था।

भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज निम्नलिखित है :-

      Bombay Stock Exchange :- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज है जो महाराष्ट्र में मुंबई के दलाल स्ट्रीट में है । बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज Asia का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी स्थापना सन 1875 में हुई थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 6000 से भी ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है। यह विश्व का 10 वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। Sensex बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है।

      National Stock Exchange :- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का पहला Fully Computerized स्टॉक एक्सचेंज है और भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार भी है । नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना सन 1992 में हुई थी। यह विश्व का 11 वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। Nifty 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है। निफ़्टी इंडेक्स को देखकर आप भारत की अर्थव्यवस्था का पता लगा स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है सकते है।

निवेशक इन दोनों तरीकों से भारत के स्टॉक एक्सचेंज में निवेश कर सकते हैं :-

    प्राथमिक बाजार - यह बाजार प्रतिभूतियों का निर्माण करता है और एक मंच के रूप में कार्य करता है जहां फर्म आम जनता के अधिग्रहण के लिए अपने नए स्टॉक विकल्प और बॉन्ड फ्लोट करते हैं। यह वह जगह है जहां कंपनियां पहली बार अपने शेयरों को सूचीबद्ध करती हैं ।
    द्वितीयक बाजार - द्वितीयक बाजार को शेयर बाजार के रूप में भी जाना जाता है; यह निवेशकों के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है। यहां, निवेशक उन कंपनियों को शामिल किए बिना प्रतिभूतियों में व्यापार करते हैं जिन्होंने उन्हें दलालों की मदद से पहले स्थान पर जारी किया था। यह बाजार आगे चलकर - नीलामी बाजार और डीलर बाजार में टूट गया ।

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है ?

जब कोई व्यवसाय शेयर जारी करके पूंजी जुटाता है, तो उन नए शेयरों के मालिक किसी दिन अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहेंगे। स्टॉक एक्सचेंज के बिना, इन मालिकों को दोस्तों, परिवार और समुदाय के सदस्यों के पास जाकर एक खरीदार ढूंढना होगा। एक्सचेंज को एक खरीदार ढूंढना आसान हो जाता है जिसे द्वितीयक बाजार के रूप में जाना जाता है।

एक स्टॉक एक्सचेंज के साथ, आप अपने व्यापार के दूसरे छोर पर व्यक्ति को कभी नहीं जान पाएंगे। यह दुनिया भर में एक सेवानिवृत्त शिक्षक हो सकता है। यह एक बहु-अरब डॉलर का बीमा समूह, सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाला म्यूचुअल फंड या हेज फंड हो सकता है।

एक्सचेंज एक नीलामी की तरह काम करता है और व्यापारियों का मानना ​​है कि एक कंपनी अच्छी कीमत की बोली लगाएगी, जबकि जो लोग मानते हैं कि यह खराब बोली लगाएगा। खरीदार सबसे कम कीमत प्राप्त करना चाहते हैं ताकि वे बाद में लाभ के लिए बेच सकें, जबकि विक्रेता आमतौर पर सर्वोत्तम मूल्य की तलाश कर रहे हैं।

स्टॉक एक्सचेंज वित्तीय प्रतिभूतियों के लिए तरलता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और यूनिसेफ ने उद्योगपतियों और कॉरपोरेट्स से बच्चों और युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया

Children take over the National Stock Exchange to raise their voice in solidarity for protecting and promoting children's rights.

मुंबई, भारत, 05 अक्टूबर 2018: यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरीएटा फोर ने आज यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) में 'क्लोजिंग बेल' बजाकर आने वाले समय में बच्चों और युवाओं में निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस समारोह में श्री विक्रम लिमये, प्रबंध निदेशक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज; डॉ यास्मीन अली हक, राष्ट्र प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया; और श्री रितेश अग्रवाल, ओयो रूम्स के संस्थापक और सीईओ, भी मौजूद थे।

इस मौके पर सुश्री फोर ने कहा, "भारतीय व्यापार समूह में यह समझ बढ़ रही है कि साझी मान्यताएं - जो इस विचार से उत्पन्न होती है कि परोपकार ही अच्छा व्यापार है - स्वस्थ, बेहतर शिक्षित, और अधिक संपन्न जन समूह को समर्थन देकर विकसित की जा सकती है। व्यापार जगत के लिए यह अनिवार्य नहीं कि उसका मुनाफा समुदाय हित की अनदेखी कर के ही प्राप्त किया जाए। वास्तव में, उनका मुनाफा स्थानीय समुदाय और वहां रहने वाले लोगों की बेहतर सेवा और मदद करके भी कमाया जा सकता है। एक पैनल चर्चा के दौरान पैनलिस्ट्स ने चर्चा की, कि कैसे व्यवसायी और उद्योगपति यूनिसेफ और एनएसई जैसे संगठनों के साथ मिलकर बच्चों और युवाओं के हित के लिए समाधान खोज सकते हैं। चर्चा में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि किस तरह व्यवसाय लिंग भेद का मुकाबला करने के लिए अधिक कार्य कर सकते हैं, और ऐसी सामाजिक बाधाओं का विरोध कर सकते हैं जो कार्यस्थल में लैंगिक असमानताओं को मजबूत करती हैं। पैनलिस्टों ने इस बात पर भी गौर किया कि विश्व में किशोरों और युवाओं की तेज़ी से बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए कार्यकुशलता में कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण में तत्काल निवेश की आवश्यकता है।

एनएसई के एमडी और सीईओ, श्री विक्रम लिमये ने कहा, “आने वाले समय में नवीन सामाजिक उद्यमों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप जैसे सब को साथ लेकर चलने वाले व्यापार मॉडलों पर एक केंद्रित रणनीति तैयार करने कि आवश्यकता है, जिससे महिलाओं, बुजुर्गों और हाशिए पर रहने वाले अन्य वंचित वर्गों का वित्तीय सशक्तिकरण होगा। इस तरह के निष्पक्ष व्यवसाय मॉडल की नवरचना देश के आर्थिक विकास को एक नयी दिशा देगी, ताकि कारोबार का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। एनएसई फाउंडेशन के माध्यम से एनएसई दृढ़ता से उन नए और केंद्रित कदमों का समर्थन करने में विश्वास रखता है जो हाशिए और वंचित समुदायों के सबसे गरीब लोगों को प्रभावित करते हैं, जो आज भारत के विकास की तस्वीर का हिस्सा हैं।"

ओयो रूम्स के सीईओ और संस्थापक श्री रितेश अग्रवाल ने कहा, “हम जैसे युवा जो कर सकते हैं, उसकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है। हमें ज़रूरत है सही अवसर और कौशल की। मैं हर तरह से यूनिसेफ के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।" वर्तमान परिवेश में युवा लोगों में समान निवेश ही सबसे अच्छा और मूल्यवान लम्बी अवधि का निवेश है, जो सरकारें और व्यवसाय कर सकते हैं। युवा लोगों में निवेश करना वास्तव में उपयोगी है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था और समाज को सकारात्मक लाभ मिलते हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली में यूनिसेफ ने नीति आयोग के साथ मिलकर 'युवाह!' का शुभारंभ किया। यह युवाओं, सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र को एक साथ लाने वाला मंच है, जिसका उद्देश्य है ऐसे समाधान खोजना जो युवाओं के लिए आवश्यक बदलावों में तेजी ला सके।

संपादकों के लिए टिपप्णी

सुश्री फोर, जो 1 जनवरी 2018 को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की सातवीं कार्यकारी निदेशक बनीं, उन्हें सार्वजनिक विकास, निजी क्षेत्र और गैर-लाभकारी क्षेत्र में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवीय सहायता और आपदा राहत में अपने काम व नेतृत्व के लिए जाना जाता है।

अपने चार दशक से अधिक के कार्यकाल में, सुश्री फोर ने 2007 से 2009 तक एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ़ यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और डायरेक्टर ऑफ़ यूनाइटेड स्टेट्स फॉरेन असिस्टेंस के रूप में कार्य किया। 2009 में उन्हें डिस्टिंग्विशड सर्विस अवार्ड (विशिष्ट सेवा का पुरस्कार) मिला, जो कि संयुक्त राज्य अमरीका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।

2005 से 2007 तक, उन्होंने अंडर सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर मैनेजमेंट के रूप में काम किया, जो कि डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट के चीफ ऑपरेटिंग अफसर हैं।

कृपया उनके शैक्षिक अभिलेख और कार्य अनुभव के लिए यह लिंक (link to her CV) देखें।

Stock Exchange क्या है Stock Exchange की काम करता है

Stock Exchange Kya Hai In Hindi: क्या आप जानते है स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है और इनके यूज कहां – कहां है. इस पोस्ट में यह भी बताने वाला हूं की Stock Exchange का कितने कार्य है. इन्ही सवालों का जबाब Website Hindi के पोस्ट में मिलेगा.

स्टॉक एक्सचेंज में शेयर को निवेश करने के लिए बहुत सारे यूजर आते है जिसमें अनेकों कंपनियां शामिल होती है. Stock Exchange ऐसा बाजार होता है जहां पर हर समय विक्रेता और खरीदार मौजूद होते है. इस तरह से पूरी जानकरी जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़िए.

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स्टॉक एक्सचेंज क्या है (Stock Exchange In Hindi)

स्टॉक एक्सचेंज ऐसा जगह होता है जहां पर खरीदार और विक्रेता मौजूद होते है ताकि शेयर और ब्रांड को लेन-देन किया जा सके. वहीं नाम से ही पता चलता है की स्टॉक का मतलब शेयर और Exchange का मतलब खरीद-विक्री होता है.

अब आपके मन में यह सवाल होगा की यह किस नियम के अनुसार चलता है तो आपको बता दू यह Sebi के अंतर्गत नियमों पर कार्य करता है.

यहां से शेयर खरीदने के लिए किसी भी ब्रोकर से संपर्क करना होता है. ताकि उनका ट्रेडिंग अकाउंट और Demat Account ओपन हो सके. इसके बाद Stock Exchange में कार्य किया जा सकता है.

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स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास (History Of Stock Exchange In Hindi)

स्टॉक एक्सचेंज को सबसे पहले नीदरलैंड में Dutch East India Company द्वारा 1602 में स्थापित किया गया था. इसलिए इसे दुनियां का बहुत ही पुराना स्टॉक एक्सचेंज कहा गया. उस समय इसमे कार्य करने की प्रक्रिया ऑफलाइन हुआ करता था.

कहने का मतलब यह है की उस समय सभी प्रक्रिया कागजो पर होता था. पहले के समसे में शेयर खरीदने व बेचने वाले को प्रूफ के रूप में कागजो पर लिखकर दिया जाता था.

इसके बाद इंटरनेट आने के बाद सभी कार्य ऑनलाइन कर दिया गया. यानि की आप ऑनलाइन ही खरीदार से डील कर सकते है.

इसके पहले किसी भी प्रॉब्लम को ठीक करने व पेपर से कार्य करने में कई हप्ते समय लग जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. पहले के अपेक्षा इंटरनेट के दिनों में सभी कार्य जल्दी हो जाते है.

स्टॉक्स एक्सचेंज कैसे काम करता है

स्टॉक एक्सचेंज और कस्टमर के बिच शेयर को भेजने के लिए यह एक माध्यम है. जब कंपनी के पास पैसे की जरुरत होती है तब कुछ प्रतिशत को सार्वजनिक कर दिया जाता है, जिसके पहले स्टॉक एक्सचेंज को लिस्ट करवाना होता है.

इसके बाद कभी भी किसी ब्रोकर को पकड़कर कंपनी के शेयर को कर सकते है. इसमें आर्डर बेचने के लिए जयादा कुछ नही करना होता है क्यूंकि इनके सिस्टम द्वारा ही चुनाव कर लिया जाता है.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में Stock Exchange क्या है Stock Exchange की काम करता है के बारे में डिटेल्स शेयर किया गया है. इस पोस्ट में यह भी बताया गया है की स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है.

Stock Exchange क्या स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है है – स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है [2022] (What is Stock Exchange In Hindi)

Stock Exchange क्या है – स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है (What is Stock Exchange In Hindi) पसंद आयी होगी अगर अभी भी आपका कोई सवाल है Stock Exchange Kya Hai Yah Kaise Kaam Karta Hai , Sensex And Nifty Kya Hai: नमस्कार दोस्तों आज में आपको बताऊंगा की निफ़्टी और सेंसेक्स क्या है निफ़्टी और सेंसेक्स की गणना कैसे होती है हम अक्सर न्यूज़ चैनल पर सुनते है की आज Nifty 100 Point ऊपर बढ़ गया आज Sensex 200 Point नीचे गिर गया क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि निफ़्टी क्या है सेंसेक्स क्या है यह रोज़ाना न्यूज़ में क्यों रहते है

निफ़्टी और सेंसेक्स क्या है यह जानने से पहले आपको यह पता होना चाहिए की स्टॉक एक्सचेंज क्या है अगर आपको स्टॉक एक्सचेंज के बारे में नहीं पता है तो मेरी ये वाली पोस्ट स्टॉक एक्सचेंज क्या है पढ़ सकते है तो चलिए जानते है What is Sensex and Nifty in Hindi. (Sensex And Nifty Kya Hai)

स्टॉक एक्सचेंज क्या है - What is Stock Exchange In Hindi

स्टॉक एक्सचेंज क्या है – What is Stock Exchange In Hindi

What is Stock Exchange In Hindi |स्टॉक एक्सचेंज क्या है – Stock Exchange Kya Hai

Stock Exchange वो जगह है जहां सभी कंपनिया लिस्टेड होती है स्टॉक एक्सचेंज किसी कंपनी और निवेशक के बीच में मध्यस्थ का काम करते है जब भी किसी कंपनी को शेयर बाजार से पैसा उठाना होता है तो वह कंपनी अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवा लेती है जिससे की लोग उस कंपनी में निवेश कर सके।

जब कंपनी पहली बार अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाती है तो इस प्रक्रीया को आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) कहते है। आईपीओ में निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदता है उसके बाद एक निवेशक किसी दूसरे निवेशक से शेयर खरीदता और बेचता है। स्टॉक एक्सचेंज में शेयर्स के अलावा बांड्स, डिबेंचर, म्युचअल फण्ड, डेरिवेटिव्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटी भी ट्रेड होती है

कोई भी व्यक्ति सीधे स्टॉक एक्सचेंज से Share खरीद नहीं सकता है बल्कि ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ओपन करवाना होता है और उस ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को Buy और Sell करना होता है सभी ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के मेंबर होते है

स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास – Stock Exchange History

दुनिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज सन 1602 में Dutch East India Company द्वारा Netherland में स्थापित किया गया था जिसे आज Euronext Amsterdam Stock Exchange के नाम से जाना जाता है।

पुराने समय में स्टॉक मार्किट में लेन देन सर्टिफिकेट के रूप में होता था लेकिन वर्तमान समय में इंटरनेट के उपयोग से इलेट्रॉनिक तरीके से शेयर्स को ख़रीदा और बेचा जाता है

भारत में स्टॉक एक्सचेंज – Stock Exchange In India

भारत में स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1875 में हुयी थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जो वर्तमान में भी कार्यरत है

इस समय भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन उनमें से केवल 2 राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज है NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) बाकि 21 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है सेबी ने 15 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज को अपने काम काज को बंद करने का आदेश दे दिया है भारत में भविष्य के अंदर केवल 2 Stock एक्सचेंज ही प्रमुख रहेंगे NSE और BSE.

NSE (National Stock Exchange): NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है भारत में सबसे ज्यादा खरीदी या बिक्री NSE में होती है NSE की शुरुआत 1992 में हुयी थी NSE भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने इलेट्रॉनिक तरीके से Share को Buy और Sell करना शुरू किया था

NSE में लगभग 2000 कम्पनिया लिस्टेड है NSE का प्रमुख Index (सूचकांक) Nifty 50 है NSDL NSE के लिए Depository Service प्रोवाइड करती है

NSE के बारे में ज्यादा जानकारी NSE की वेबसाइट https://www.nseindia.com/ से प्राप्त कर सकते है।

BSE (Bombay Stock Exchange): BSE भारत का सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है BSE की शुरुआत 1875 में हुयी थी भारत में सर्वप्रथम Equity Derivatives ट्रेडिंग की शुरुआत BSE ने की थी

BSE में 5000 से भी ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है BSE का प्रमुख Index (सूचकांक) Sensex 30 है CDSL BSE के लिए Depository Service प्रोवाइड करती है

BSE के बारे में ज्यादा जानकारी BSE की वेबसाइट https://www.bseindia.com/ से प्राप्त कर सकते है।

MCX (Multi Commodity Exchange): MCX एक कमोडिटी एक्सचेंज है MCX में मुख्य रूप से Bullion में ही ट्रेड होता है जिसका अर्थ है की इसमें केवल कमोडिटी जैसे: Gold, Silver, Crudeoil, Zinc etc ट्रेड होती है।

MCX के बारे में ज्यादा जानकारी MCX की वेबसाइट https://www.mcxindia.com/ से प्राप्त कर सकते है।

NCDEX (National Commodity and Derivatives Exchange): NCDEX भी एक कमोडिटी एक्सचेंज है लेकिन इसमें केवल Agriculture Commodity ही ट्रेड की जाती है जैसे: चना, दाल, जीरा, सोया बीन etc ट्रेड होती है।

NCDEX के बारे में ज्यादा जानकारी NCDEX की वेबसाइट https://www.ncdex.com/ से प्राप्त कर सकते है।

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है – Stock Exchange Work

जब भी कोई Buyer या Seller ट्रेड प्लेस करते है तो वह ट्रेड सीधा ब्रोकर से होता स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर तक जाता है स्टॉक एक्सचेंज एक ट्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है जो ऑर्डर पर काम करने वाला आटोमेटिक मैचिंग सिस्टम है इस सिस्टम में जो भी व्यक्ति या कंपनी ट्रेड प्लेस कर रहा है उसकी पहचान जाहिर नहीं होती है।

किसी भी समय बाजार में एक शेयर को खरीदने या बेचने के लिए बहुत सारे लोग उपस्थित होते है ऐसे में जिस व्यक्ति ने पहले आर्डर प्लेस किया है उसका आर्डर पहले ख़रीदा या बेचा जायेगा लेकिन अगर कोई निवेशक पहले आर्डर की तुलना में कम कीमत डालता है तो उसके आर्डर को पहली Priority दी जाएगी

जब भी कोई निवेशक किसी शेयर कोई खरीदने या बेचने की इच्छा जाहिर करता है और अपने आर्डर को लगा देता है तो स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सिस्टम अपने आप खरीदने वाले और बेचने वाले को मिलवाकर आर्डर को कम्पलीट कर देता है

मार्किट में शेयर की कीमत ऊपर जाएगी या नीचे यह बात इससे निर्धारित होती है की मार्किट में बेचने वाले ज्यादा है या खरीदने वाले ज्यादा है अगर खरीदने वाले ज्यादा है तो शेयर ऊपर जायेगा और अगर बेचने वाले ज्यादा है तो शेयर नीचे जायेगा।

स्टॉक मार्किट मैं कोई शेयर खरीदने पर हाथो हाथ डीमैट अकाउंट में नहीं आता है क्योंकि भारतीय स्टॉक एक्सचेंज टी+2 रोलिंग सेटलमेंट का उपयोग करते है जिसका अर्थ है की आज ख़रीदा हुआ शेयर तीसरे दिन डीमैट अकाउंट में आयेगा।

उम्मीद करता हु आपको मेरी पोस्ट Stock Exchange क्या है – स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है (What is Stock Exchange In Hindi) पसंद आयी होगी अगर अभी भी आपका कोई सवाल है Stock Exchange Kya Hai Yah Kaise Kaam Karta Hai से जुड़ा हुआ तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।

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