आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं

आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं
बाल दिवस को आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के तौर पर भी याद किया जाता है। चाचा नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और वो करते थे 'बच्चे देश का भविष्य होते हैं। बच्चे देश की वास्तविक ताकत और समाज की नींव हैं। आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगें।' लेकिन आज जब एक नज़र बच्चों की शिक्षा और उनके स्वास्थ्य पर डालें, तो ऐसा लगता है मानो इनका वर्तमान ही सुरक्षित नहीं है तो ये कैसे देश का भविष्य सवारेंगे।
बता दें कि हाल ही में बिहार के भागलपुर से मिड-डे मील को लेकर गड़बड़ी की खबरें सामने आईं थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक स्कूल में मिड-डे मील का खाना खाने से करीब 200 छात्र बीमार पड़ गए थे। छात्रों ने शिकायत की थी कि खाने में छिपकली मिली थी। इस पर प्रिंसिपल ने कथित रूप से छात्रों से कहा था, "छिपकली नहीं बैंगन है, खा लो।" अब वैशाली जिले में एक नया मामला सामने आया है। यहां भी मिड-डे मील के खाने में कीड़ा निकल गया। छात्रों ने प्रिंसिपल से शिकायत की। प्रिंसिपल ने कथित रूप से जवाब दिया कि कीड़ों में विटामिन होता है चुपचाप खा लो। जाहिर है ये मामले गंभीर हैं लेकिन इन पर शायद ही कोई कार्यवाही हो, जो भविष्य के लिए एक सबक बने।
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि मिड डे मील की योजना मुख्य तौर पर कमज़ोर तबके के बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के लिए शुरू की गई थी। बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस स्कीम का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे स्कूल जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। हालांकि यहां भी उन्हें पोषण युक्त खाने की जगह अक्सर ठगी ही मिलती है।
भारत के बच्चों में कुपोषण की स्थिति गंभीर
हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 की रिपोर्ट देखें तो भारत के बच्चों में कुपोषण की स्थिति गंभीर है। जीएचआई जिन चार पैमानों आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं पर मापा जाता है उसमें से एक बच्चों में गंभीर कुपोषण की स्थिति भी है, जो भारत में इस बार 19.3 फ़ीसदी पाया गया है जबकि 2014 में यह 15.1 फ़ीसदी था। इसका अर्थ है कि भारत इस पैमाने में और पिछड़ा है।
अन्य पैमानों की बात करें तो, बच्चों के विकास में रुकावट से संबंधित पैमाने में भारत 2022 में 35.5 फ़ीसदी है जबकि 2014 में यह 38.7 फ़ीसदी था। वहीं बाल मृत्यु दर 4.6 फ़ीसदी से कम होकर 3.3 फ़ीसदी हो गई है। हालांकि जीएचआई के कुल स्कोर में भारत की स्थिति और ख़राब हुई है। 2014 में जहाँ ये स्कोर 28.2 था वहीं 2022 में यह 29.1 हो गया है।
बच्चों के शिक्षा, स्वस्थ्य के अलावा अगर उनकी सुरक्षा की बात करें, तो यहां भी हमारा देश बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। भारत में यौन शोषण के शिकार हुए बच्चों की एक बड़ी संख्या है। पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस जैसे कड़े कानून होने के बावजूद इस ग्राफ में साल दर साल इजाफा हो रहा है। महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक में इस तरह के घिनौने अपराधों का जाल फैलता रहा है। हाल ही में जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की साल 2021 की रिपोर्ट बताती है कि देश में बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
देश में यौन शोषण के शिकार हुए बच्चों की एक बड़ी संख्या
रिपोर्ट के मुताबिक देश में साल 2021 में बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध के 1,49,404 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 53,874 मामले पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं, जो कि कुल मामलों का करीब 36 प्रतिशत है। साल 2020 में 1,28, 531 मामले दर्ज हुए थे। जबकि साल 2019 में ये आंकड़ा 1,48,185 था। एनसीआरबी के मुताबिक भारत में पिछले चार साल में बच्चों के खिलाफ 5,67,789 अपराध दर्ज किए गए। इनमें पॉक्सो एक्ट के तहत करीब 1,88,257मामले दर्ज हुए। यौन हिंसा और यौन शोषण की वारदात सबसे अधिक 16 से लेकर 18 वर्ष की लड़कियों के साथ हुईं। वहीं सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं।
विश्व बैंक की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 10 से 14 करोड़ के बीच बाल श्रमिकों की संख्या है। बाल अधिकारों के हनन के सर्वाधिक मामले भारत में ही होते हैं। प्रगति के लंबे-चौड़े दावों के बावजूद भारत में बच्चों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फार एजुकेशन (डाइस) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार हर सौ में महज 32 बच्चे ही स्कूली शिक्षा पूरी कर पा रहे हैं। देश में पांच से 14 साल तक के उम्र के बाल मजदूरों की तादाद एक करोड़ से ज्यादा है।
हालांकि यह उन बच्चों की दास्तां हैं जिन्हें कम से कम मां-बाप के साथ रहना नसीब हो पाता है लेकिन अगर हम अनाथ बच्चों के बालगृहों की हालत देखें तो यह और भी भयावह है। हमारे देश में 2007 में विधायी संस्था के रूप में गठित, नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) के एक आंकड़े के मुताबिक भारत में इस समय 1300 गैरपंजीकृत चाइल्ड केयर संस्थान (सीसीआई) हैं। यानी वे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत रजिस्टर नहीं किए गए हैं। देश में कुल 5850 सीसीआई हैं और कुल संख्या 8000 के पार बताई जाती है।
इस डाटा के मुताबिक सभी सीसीआई में करीब दो लाख तैंतीस हजार बच्चे रखे गए हैं। 2017 आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं में सुप्रीम कोर्ट ने देश में चलाए जा रहे समस्त सीसीआई को रजिस्टर कराने के आदेश दिए थे। लेकिन सवाल सिर्फ पंजीकरण का नहीं है, सवाल संस्था के फंड या ग्रांट के साथ, उस पर निरंतर निगरानी और नियंत्रण की व्यवस्था का भी है, जो मौजूदा समय में नदारद है।
गौरतलब है कि विश्व में सबसे ज़्यादा कुपोषण के शिकार बच्चे भारत में हैं। पांच से 14 साल तक के उम्र के बाल मजदूरों की तादाद लगभग एक करोड़ से ज्यादा है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भारत सर्वाधिक बाल मृत्युदर वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल हो जाएगा। ऐसे में हम इनके भविष्य के प्रति हम बिल्कुल सजग नहीं हैं। हमारा देश अभी भी भ्रूण हत्या, बाल व्यापार, यौन दुर्व्यवहार, लिंग अनुपात, बाल विवाह, बाल श्रम, स्वास्थ्य, शिक्षा, कुपोषण जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं। हम आज तक अपने बच्चों को हिंसा, भेदभाव, उपेक्षा शोषण और तिरस्कार से निजात दिलाने में कामयाब नहीं हो सके हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या हम ऐसे सुपर पॉवर बनेंगे?
बाल अधिकारों के लिए एक बड़े सामाजिक आंदोलन की जरूरत
आंकड़ों, अपराध की प्रवृत्ति, पुलिसिया रवैया और समाज की भूमिका को देखने के बाद यह बात साफ तौर से कही जा सकती है कि बच्चों को उनके अधिकार केवल कानून के जरिए नहीं दिए जा सकते। इसके लिए हमें एक बड़े सामाजिक आंदोलन की जरूरत है जिससे सभी पक्षों को जागरूक किया जा सके। वैसे ये कितनी बुरी बात है कि हम अपने बच्चों को न्याय भी नहीं दिला पा रहे हैं। हालिया आंकड़ों से भी साफ है कि अदालतों में बच्चों के प्रति हुए अपराधों में से ज़्यादातर का निराकरण नहीं हो रहा है। लापरवाही, कमज़ोर जांच, असंवेदनशीलता और भ्रष्टाचार के कारण समय से चार्जशीट ही नहीं दायर की जा रही है।
निसंदेह अगर पीड़ित बच्चे गरीब या वंचित समुदाय के होंगे तो हालात और भी आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं बुरे होंगे। उनकी सुनवाई पुलिस, सरकार और अदालतों में भी नहीं हो पाएगी। यानी 21वीं सदी में वे बिना इंसाफ मिले बड़े हो जाएंगे। दरअसल विकास और न्यू इंडिया के तमाम दावे करते वक्त हमारी सरकारें ऐसे आंकड़ों को नजरअंदाज कर देती हैं और आने वाले कल की एक बेहतर तस्वीर पेश करती हैं लेकिन वास्तविकता बदतर स्थिति की तरफ इशारा कर रही है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनेगी : भूपिंदर सिंह हुड्डा
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने दावा किया है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है और राज्य में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार कर लौटे श्री हुड्डा ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में यह दावा किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। जनता भाजपा शासन में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी की समस्याओं से परेशान हैं। ऐसे में उसने कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने का मन बना लिया है।
उन्होंने हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) - जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि राज्य में लगभग 50 हजार टन गेहूं खराब होने को बड़ा घोटाला बताया और दावा किया कि जानबूझकर गेहूं के रखरखाव में गड़बड़ी की गई है। यह अनाज करोड़ों लोगों के मुंह का निवाला बन सकता था, लेकिन सरकार की लापरवाही और घोटाले की प्रवृत्ति ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। उन्होंने इसके लिये जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है साथ ही कहा है कि सरकार से ऐसी उम्मीद करना बेमानी है, क्योंकि इससे पहले भी शराब घोटाले, रजिस्ट्री, धान खरीद, बिजली मीटर, भर्ती और पेपर लीक समेत अनेक घोटाले हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दिखावे के नाम पर एसआईटी बना दी जाती है जिसकी रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती है।
आदमपुर विधानसभा उपचुनाव परिणामों पर संतुष्टि जाहिर करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने मजबूती के साथ चुनाव लड़ा और अच्छा प्रदर्शन किया। पार्टी में व्याप्त गुटबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है, जबकि भाजपा में फूट नजर आ रही है। कांग्रेस के इक्का-दुक्का स्टार प्रचारक ही आदमपुर में नहीं पहुंचे, जबकि, भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, कृष्णपाल गुर्जर तथा कई सांसद और अन्य नेता आदमपुर नहीं पहुंचे।
पराली और प्रदूषण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को पराली जलाने पर मजबूर कर रही है। सरकार ने बार-बार किसानों को पराली खरीदने और उसके निस्तारण के झूठे आश्वासन दिए, लेकिन हर सीजन में किसान असहाय नजर आते हैं। सरकार को पराली की समस्या के समाधान के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा। सिर्फ किसानों के सिर पर ठीकरा फोड़ने से समाधान नहीं निकलेगा।
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Lunar Eclipse 2022: चंद्र ग्रहण के बाद का समय इन राशियों के लिए वरदान के समान, जानें उनके नाम
Lunar Eclipse 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के बाद का समय कुछ राशियों के लिए शुभ साबित हो सकता है. आइए जानते हैं साल का आखिरी चंद्र ग्रहण किन राशियों की किस्मत बनने वाला साबित होने वाला है.
Lunar Eclipse 2022: चंद्र ग्रहण का ज्योतिष शास्त्र में खास महत्व है.
Lunar Eclipse 2022: 8 नवंबर 2022 को इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगा जिसे देश के प्रमुख शहरों में देखा जा सका. बता दें कि यह चंद्र ग्रहण नई दिल्ली में शाम 5:32 बजे से दिखना शुरू हो गया था. जो कि चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 6 बजकर 20 मिनट तक जरी रहा. नासा के अनुसार, कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, इटानगर में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा गया. इसके अलावा यह चंद्र ग्रहण देश के अन्य हिस्सों में आंशिक तौर पर भी देखा गया.
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खास बात यह रही कि यह ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगा. अद्वितीय ग्रहों के संयोग से यह एक महत्वपूर्ण ग्रहण हुआ. यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए सकारात्मक रहेगा, जबकि अन्य को सतर्क रहना होगा और पर्याप्त सावधानी बरतनी होगी. आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण के बाद का समय किन राशियों के लिए वरदान के समान साबित होगा.
मेष (Aries): इस बात की संभावना है कि आप जुझारू पक्ष में होंगे, जिससे कार्यक्षेत्र में संघर्ष हो सकता है. इसलिए, सावधानी बरतने और टकराव से दूर रहने में ही समझदारी है. व्यापार जगत में काम करने वालों के लिए बेहतरीन संभावनाएं होंगी. आप आर्थिक चिंताओं से सुरक्षित रहेंगे. रिलेशनशिप पार्टनर्स में अहंकार का टकराव हो सकता है.
वृषभ: यदि आप पहले से ही विदेश में काम करते हैं तो आपका करियर आसमान छुएगा. इस दौरान आपके पास एक बढ़ी हुई आध्यात्मिक जागरूकता होगी. आपकी पेशेवर प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के प्रतिस्पर्धियों के प्रयास तनावपूर्ण और परेशान करने वाले हो सकते हैं. व्यवसाय करने वालों को अपने उद्यम के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए लंबे समय तक काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए. घरेलू चिंताओं के लिए घरेलू मोर्चे पर आपके निरंतर ध्यान की आवश्यकता है.
मिथुन (Gemini): आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने वाला बड़ा धन लाभ संभव है. आप अपने क्षेत्र में प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त हासिल करेंगे और कद और प्रभाव के लोगों के साथ संबंध बनाएंगे. इस आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं ग्रहण के परिणामस्वरूप उद्यमियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नए विकल्पों का खजाना मिलेगा. अपने अहंकारी और अभिमानी प्रवृत्तियों के कारण आपको अपने रोमांटिक संबंधों में समस्या हो सकती है.
सिंह: आपसे मिलने वाला प्रत्येक व्यक्ति आपके साथ दयालुता से पेश आएगा और आप स्वयं को विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए पाएंगे. आपके आस-पास के अन्य लोगों द्वारा आपकी सलाह की बहुत सराहना की जाएगी. आपके रिश्ते में तनाव की संभावना के बावजूद अपने पिता के साथ चीजों को सौहार्दपूर्ण रखना महत्वपूर्ण है. यदि आपको व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए यात्रा करने की आवश्यकता है, तो यह करने का एक अच्छा समय है. व्यवसाय से जुड़े लोगों को कोई भी निर्णय लेने से पहले चीजों को अच्छी तरह से सोच लेना चाहिए.
कन्या: पेशेवर रूप से आपकी थाली में बहुत कुछ होगा, और यह तनावपूर्ण हो सकता है. दुर्भाग्य से, ऐसी कुछ यात्राएं हो सकती हैं जिन्हें आपको करना है जो आप नहीं करना चाहते हैं. आर्थिक परेशानी से बचने के लिए आपको यह देखना होगा कि आपका पैसा कहां जाता है. ऐसा कुछ भी करने से बचें जो आपको गलत कारणों से कानून या लोगों की नज़रों में ला सकता है. व्यक्तिगत मुद्दों के कारण ससुराल पक्ष के साथ आपके संबंध में मनमुटाव हो सकता है. सेहत के आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं मामले में सावधानी बरतें.
तुला: यदि आप इसे साझेदारी के रूप में चला रहे हैं तो अपने कंपनी पार्टनर को नियंत्रण में रखना और उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना महत्वपूर्ण है. आप अपनी वित्तीय स्थिति में गिरावट नहीं देखेंगे, और आप भविष्य के लिए अपने पैसे का एक हिस्सा निवेश करने पर भी विचार कर सकते हैं. जब आपके निजी जीवन की बात आती है, तो अपने महत्वपूर्ण दूसरे पर पूरा ध्यान देना महत्वपूर्ण है ताकि आप संघर्ष से बच सकें. मानसिक तनाव आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.
वृश्चिक: आपके वरिष्ठ सहकर्मी आपको सही मार्ग दिखाएंगे और इस ग्रहण के दौरान आपको व्यावसायिक सफलता प्राप्त करने में मदद करेंगे. करियर में बदलाव करने के लिए यह एक बेहतरीन क्षण है. छात्रों के लिए सरकारी पद खुले हैं. सावधान रहें, क्योंकि कानूनी विवाद में फंसने की संभावना है. निजी जीवन में आप अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण आराम नहीं कर पाएंगे और प्रियजनों के साथ समय नहीं बिता पाएंगे.
धनु (Sagittarius): इस समय के दौरान आप अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध और सम्मानित होंगे, जिससे वेतन में वृद्धि हो सकती है. आपकी मौद्रिक स्थिरता बनी रहेगी। यदि आपके साथी नौकरीपेशा हैं तो उनका पेशेवर जीवन अच्छा चलेगा. यह संभव है कि यदि आपके साथी का रवैया उन्हें एक अलग रास्ते पर ले जाता है तो आपके रोमांटिक जीवन में कुछ तनाव का अनुभव होगा. इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि आप अपने आप को शांत रखें और अपने साथी को समझने का प्रयास करें.
मकर (Capricorn): कार्यक्षेत्र में आपका जीवन समृद्ध रहेगा और आपको कोई सुखद समाचार सुनने को मिल सकता है. सरकार का पक्ष लेने से व्यापार के अधिक अवसर मिलने चाहिए. आपकी सामान्य आय प्रभावित नहीं होगी, लेकिन आपको कोई बड़ा निवेश करने से बचना चाहिए. आपकी माता को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है, इसलिए आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं उनका विशेष ध्यान रखें। गृहस्थ जीवन अपेक्षाकृत सामान्य बना रहेगा. आपके स्वास्थ्य की स्थिति के लिए आवश्यक है कि आप सतर्कता बनाए रखें.
कुंभ : आप अपने सभी प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने में सक्षम होंगे, और आपको सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी दी जाएगी. यह मानते हुए कि आपने अतीत में अच्छा निवेश किया है, आप उन प्रयासों पर वित्तीय लाभ देख सकते हैं. सुखद व्यक्तिगत यात्रा योजनाओं में कुछ दिन की छुट्टी शामिल है. अपने छोटे भाई-बहनों को छोड़कर बाकी सबका साथ आपको अच्छा लगेगा. सेहत के लिहाज से सांस संबंधी दिक्कतों पर ध्यान दें.
मीन (Pisces): अगर आप आर्थिक रूप से तंग महसूस कर रहे हैं तो आपको पैसों को लेकर सतर्क रहना चाहिए. परिवार के पालन-पोषण से जुड़े खर्चे भी बढ़ने की उम्मीद है. अप्रिय भाषा का उपयोग करने की आपकी प्रवृत्ति के कारण आपके कार्य संबंधों को नुकसान हो सकता है. आप घर पर उन सभी ढीले सिरों को लपेटने में सक्षम होंगे जो आपको परेशान कर रहे हैं. आपके दांतों या कानों से संबंधित कोई स्वास्थ्य समस्या होने की संभावना है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
Lunar Eclipse 2022: चंद्र ग्रहण के बाद का समय इन राशियों के लिए वरदान के समान, जानें उनके नाम
Lunar Eclipse 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के बाद का समय कुछ राशियों के लिए शुभ साबित हो सकता है. आइए जानते हैं साल का आखिरी चंद्र ग्रहण किन राशियों की किस्मत बनने वाला साबित होने वाला है.
Lunar Eclipse 2022: चंद्र ग्रहण का ज्योतिष शास्त्र में खास महत्व है.
Lunar Eclipse 2022: 8 नवंबर 2022 को इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगा जिसे देश के प्रमुख शहरों में देखा जा सका. बता दें कि यह चंद्र ग्रहण नई दिल्ली में शाम 5:32 बजे से दिखना शुरू हो गया था. जो कि चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 6 बजकर 20 मिनट तक जरी रहा. नासा के अनुसार, कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, इटानगर में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा गया. इसके अलावा यह चंद्र ग्रहण देश के अन्य हिस्सों में आंशिक तौर पर भी देखा गया.
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खास बात यह रही कि यह ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगा. अद्वितीय ग्रहों के संयोग से यह एक महत्वपूर्ण ग्रहण हुआ. यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए सकारात्मक रहेगा, जबकि अन्य को सतर्क रहना होगा और पर्याप्त सावधानी बरतनी होगी. आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण के बाद का समय किन राशियों के लिए वरदान के समान साबित होगा.
मेष (Aries): इस बात की संभावना है कि आप जुझारू पक्ष में होंगे, जिससे कार्यक्षेत्र में संघर्ष हो सकता है. इसलिए, सावधानी बरतने और टकराव से दूर रहने में ही समझदारी है. व्यापार जगत में काम करने वालों के लिए बेहतरीन संभावनाएं होंगी. आप आर्थिक चिंताओं से सुरक्षित रहेंगे. रिलेशनशिप पार्टनर्स में अहंकार का टकराव हो सकता है.
वृषभ: यदि आप पहले से ही विदेश में काम करते हैं तो आपका करियर आसमान छुएगा. इस दौरान आपके पास एक बढ़ी हुई आध्यात्मिक जागरूकता होगी. आपकी पेशेवर प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के प्रतिस्पर्धियों के प्रयास तनावपूर्ण और परेशान करने वाले हो सकते हैं. व्यवसाय करने वालों को अपने उद्यम के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए लंबे समय तक काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए. घरेलू चिंताओं के लिए घरेलू मोर्चे पर आपके निरंतर ध्यान की आवश्यकता है.
मिथुन (Gemini): आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने वाला बड़ा धन लाभ संभव है. आप अपने क्षेत्र में प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त हासिल करेंगे और कद और प्रभाव के लोगों के साथ संबंध बनाएंगे. इस ग्रहण के परिणामस्वरूप उद्यमियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नए विकल्पों का खजाना मिलेगा. अपने अहंकारी और अभिमानी प्रवृत्तियों के कारण आपको अपने रोमांटिक संबंधों में समस्या हो सकती है.
सिंह: आपसे मिलने वाला प्रत्येक व्यक्ति आपके साथ दयालुता से पेश आएगा और आप स्वयं को विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेते आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं हुए पाएंगे. आपके आस-पास के अन्य लोगों द्वारा आपकी सलाह की बहुत सराहना की जाएगी. आपके रिश्ते में तनाव की संभावना के बावजूद अपने पिता के साथ चीजों को सौहार्दपूर्ण रखना महत्वपूर्ण है. यदि आपको व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए यात्रा करने की आवश्यकता है, तो यह करने का एक अच्छा समय है. व्यवसाय से जुड़े लोगों को कोई भी निर्णय लेने से पहले चीजों को अच्छी तरह से सोच लेना चाहिए.
कन्या: पेशेवर रूप से आपकी थाली में बहुत कुछ होगा, और यह तनावपूर्ण हो सकता है. दुर्भाग्य से, ऐसी कुछ यात्राएं हो सकती हैं जिन्हें आपको करना है जो आप नहीं करना चाहते हैं. आर्थिक परेशानी से बचने के लिए आपको यह देखना होगा कि आपका पैसा कहां जाता है. ऐसा कुछ भी करने से बचें जो आपको गलत कारणों से कानून या लोगों की नज़रों में ला सकता है. व्यक्तिगत मुद्दों के कारण ससुराल पक्ष के साथ आपके संबंध में मनमुटाव हो सकता है. सेहत के मामले में सावधानी बरतें.
तुला: यदि आप इसे साझेदारी के रूप में चला रहे हैं तो अपने कंपनी पार्टनर को नियंत्रण में रखना और उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना महत्वपूर्ण है. आप अपनी वित्तीय स्थिति में गिरावट नहीं देखेंगे, और आप भविष्य के लिए अपने पैसे का एक हिस्सा निवेश करने पर भी विचार कर सकते हैं. जब आपके निजी जीवन की बात आती है, तो अपने महत्वपूर्ण दूसरे पर पूरा ध्यान देना महत्वपूर्ण है ताकि आप संघर्ष से बच सकें. मानसिक तनाव आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.
वृश्चिक: आपके वरिष्ठ सहकर्मी आपको सही मार्ग दिखाएंगे और इस ग्रहण के दौरान आपको व्यावसायिक सफलता प्राप्त करने में मदद करेंगे. करियर में बदलाव करने के लिए यह एक बेहतरीन क्षण है. छात्रों के लिए सरकारी पद खुले हैं. सावधान रहें, क्योंकि कानूनी विवाद में फंसने की संभावना है. निजी जीवन में आप अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण आराम नहीं कर पाएंगे और प्रियजनों के साथ समय नहीं बिता पाएंगे.
धनु (Sagittarius): इस समय के दौरान आप अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध और सम्मानित होंगे, जिससे वेतन में वृद्धि हो सकती है. आपकी मौद्रिक स्थिरता बनी रहेगी। यदि आपके साथी नौकरीपेशा हैं तो उनका पेशेवर जीवन अच्छा चलेगा. यह संभव है कि यदि आपके साथी का रवैया उन्हें एक अलग रास्ते पर ले जाता है तो आपके रोमांटिक जीवन में कुछ तनाव का अनुभव होगा. इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि आप अपने आप को शांत रखें और अपने साथी को समझने का प्रयास करें.
मकर (Capricorn): कार्यक्षेत्र में आपका जीवन समृद्ध रहेगा और आपको कोई सुखद समाचार सुनने को मिल सकता है. सरकार का पक्ष लेने से व्यापार के अधिक अवसर मिलने चाहिए. आपकी सामान्य आय प्रभावित नहीं होगी, लेकिन आपको कोई बड़ा निवेश करने से बचना चाहिए. आपकी माता को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है, इसलिए उनका विशेष ध्यान रखें। गृहस्थ जीवन अपेक्षाकृत सामान्य बना रहेगा. आपके स्वास्थ्य की स्थिति के लिए आवश्यक है कि आप सतर्कता बनाए रखें.
कुंभ : आप अपने सभी प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने में सक्षम होंगे, और आपको सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी दी जाएगी. यह मानते हुए कि आपने अतीत में अच्छा निवेश किया है, आप उन प्रयासों पर वित्तीय लाभ देख सकते हैं. सुखद व्यक्तिगत यात्रा योजनाओं में कुछ दिन की छुट्टी शामिल है. अपने छोटे भाई-बहनों को छोड़कर बाकी सबका साथ आपको अच्छा लगेगा. सेहत के लिहाज से सांस संबंधी दिक्कतों पर ध्यान दें.
मीन (Pisces): अगर आप आर्थिक रूप से तंग महसूस कर रहे हैं तो आपको पैसों को लेकर सतर्क रहना चाहिए. परिवार के पालन-पोषण से जुड़े खर्चे भी बढ़ने की उम्मीद है. अप्रिय भाषा का उपयोग करने की आपकी प्रवृत्ति के कारण आपके कार्य संबंधों को नुकसान हो सकता है. आप घर पर उन सभी ढीले सिरों को लपेटने में सक्षम होंगे जो आपको परेशान कर रहे हैं. आपके दांतों या कानों से संबंधित कोई स्वास्थ्य समस्या होने की संभावना है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
आप एक प्रवृत्ति में कैसे व्यापार करते हैं
Haryana: हुड्डा ने आरोप लगाया कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की नहीं, बल्कि घोटालों के गठबंधन की सरकार, जानबूझकर गेहूं के रखरखाव में की गई गड़बड़
प्रदेश के गोदामों में हजारों टन गेहूं खराब होने को हुड्डा ने बड़ा घोटाला करार दिया। उन्होंने कहा कि जानबूझकर गेहूं के रखरखाव में गड़बड़ की गई है।
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आदमपुर उपचुनाव में हार के लिए कांग्रेस की गुटबाजी को जिम्मेदार ठहराये जाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने भाजपा पर पलटवार किया है। हुड्डा ने कहा कि फूट कांग्रेस नहीं, बल्कि भाजपा में है। राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर समेत कई सांसद और नेता आदमपुर में नहीं पहुंचे। भाजपा अपनी फूट को छुपाने के लिए भ्रामक प्रचार कर रही है।
यहां पत्रकारों से बातचीत में आदमपुर उपचुनाव के नतीजे पर संतुष्टि जाहिर करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने मजबूती के साथ चुनाव लड़ा और जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है जबकि बीजेपी के अंदर फूट नजर आ रही है। कांग्रेस के इक्का-दुक्का स्टार प्रचारक ही आदमपुर में नहीं पहुंचे। जबकि बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, कृष्णपाल गुर्जर, कई सांसद और नेता आदमपुर नहीं पहुंचे।
कई दिनों तक हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार करके लौटे हुड्डा ने दावा किया कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने देखा कि प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।
हुड्डा ने आरोप लगाया कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की नहीं, बल्कि घोटालों के गठबंधन की सरकार चल रही है। प्रदेश के गोदामों में हजारों टन गेहूं खराब होने को हुड्डा ने बड़ा घोटाला करार दिया।
उन्होंने कहा कि जानबूझकर गेहूं के रखरखाव में गड़बड़ की गई है। इसकी वजह से लगभग 50 हजार टन गेहूं बर्बाद हो गया। यह अनाज करोड़ों लोगों के मुंह का निवाला बन सकता था लेकिन सरकार की लापरवाही और घोटाले की प्रवृत्ति ने सब बर्बाद कर दिया। उन्होंने इसके जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार से कार्रवाई की उम्मीद बेमानी हो गई है, क्योंकि इससे पहले भी शराब घोटाले, रजिस्ट्री, धान खरीद, बिजली मीटर, भर्ती और पेपर लीक समेत दर्जनों घोटालों में सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की।
दिखावे के नाम पर एसआईटी बना दी जाती है जिसकी रिपोर्ट तक कभी सामने नहीं आती। वहीं, पराली और प्रदूषण के मुद्दे पर हुड्डा ने दोहराया कि सरकार किसानों को पराली जलाने पर मजबूर कर रही है। सरकार ने बार-बार किसानों को पराली खरीदने और उसके निस्तारण के झूठे आश्वासन दिए।