शुरुआती लोगों की मुख्य गलतियाँ

मुद्रा और साख

मुद्रा और साख

मुद्रा और क्रेडिट

उत्तर: यह बात सही है कि जोखिम वाली परिस्थिति में ऋण कर्जदार के लिये और समस्याएँ खड़ी कर सकता है। मान लीजिए कि एक किसान के पास जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा है। वह किसान खाद और बीज खरीदने के लिए कुछ रुपये कर्ज पर लेता है। किसान की छोटी सी जमीन से जो उपज होती है वह उसके परिवार का पेट पालने के लिए भी काफी नहीं होती है। इसलिए वह कभी भी कर्ज चुकता करने की स्थिति में नहीं आ पाता। यदि सूखे या बाढ़ ने फसल बरबार कर दी तो बेचारे किसान की मुश्किल और भी बढ़ जाती है। इस तरह धीरे धीरे वह किसान कर्ज के कुचक्र में फंस जाता है।

प्रश्न 2. मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या को किस तरह सुलझाती है? अपनी ओर से उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर: वस्तु विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या होती है। मान लीजिए कि आपको अपने गेम कंसोल के बदले एक मोबाइल फोन चाहिए। आपको किसी ऐसे व्यक्ति को ढ़ूँढ़ना होगा जिसे अपने मोबाइल फोन के बदले एक गेम कंसोल चाहिए। ऐसा करना एक मुश्किल काम साबित होता है। लेकिन यदि आप अपने गेम कंसोल को कुछ रुपयों के बदले बेच लें तो आसानी से उन रुपयों से किसी अन्य व्यक्ति से मोबाइल फोन खरीद सकते हैं। इस उदाहरण से स्पष्ट होता है कि मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या से छुटकारा दिलाती है।

प्रश्न 3. अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच बैंक किस तरह मध्यस्थता करते हैं?

उत्तर: जिन लोगों के पास अतिरिक्त मुद्रा होती है वे अपना पैसा बैंक में जमा करते हैं। कई लोगों को ऋण की जरूरत पड़ती है। यदि औपचारिक चैनल से ऋण लेना हो तो ऐसे लोग बैंक के पास जाते हैं। बैंक के पास जो जमा धनराशि होती है उसमें से बैंक ऋण देता है। इस तरह से बैंक अतिरिक्त मुद्रा वाले मुद्रा और साख लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच मध्यस्थता का काम करता है।

प्रश्न 4. 10 रुपये के नोट को देखिए। इसके ऊपर क्या लिखा है? क्या आप इस कथन की व्याख्या मुद्रा और साख कर सकते हैं?

उत्तर: 10 रुपये के नोट पर निम्न पंक्ति लिखी होती है, “मैं धारक को दस रुपये अदा करने का वचन देता हूँ।“ इस कथन के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है। इस कथन से यह पता चलता है कि रिजर्व बैंक ने उस करेंसी नोट पर एक मूल्य तय किया है जो देश के हर व्यक्ति और हर स्थान के लिये एक समान होता है।

प्रश्न 5. हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की क्यों जरूरत है?

उत्तर: भारत में लगभग 48% ऋण अनौपचारिक सेक्टर से आता है। अनौपचारिक सेक्टर में ऋण पर ब्याज की दर बहुत अधिक होती है। जो लोग औपचारिक सेक्टर से ऋण नहीं ले पाते हैं उन्हें अनौपचारिक सेक्टर की तरफ मुँह करना पड़ता है। अक्सर ऐसे लोग सूदखोरों के चंगुल में पड़ जाते हैं। उसके बाद उनके शोषण का एक अंतहीन सिलसिला शुरु होता है। लोगों को गरीबी और कर्ज के कुचक्र से निकालने के लिए उन तक ऋण के औपचारिक स्रोतों को पहुँचाना जरूरी हो जाता है। इससे ग्रामीण इलाकों में सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी।

प्रश्न 6. गरीबों के लिए स्वयं सहायता समूहों के संगठनों के पीछे मूल विचार क्या है? अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।

उत्तर: कई लोग इतने गरीब होते हैं कि ऋण के लिए अपनी साख को सिद्ध नहीं कर पाते। उन्हें ऋण की इतनी कम राशि की जरूरत होती है कि ऋण देने में होने वाले खर्चे की भरपाई भी नहीं हो पाती है। अशिक्षा और अज्ञान के कारण उनकी समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे लोगों की मदद करने के उद्देश्य से स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। ऐसे समूह छोटी राशि का ऋण देते हैं ताकि किसी गरीब की आजीविका चलती रहे। स्वयं सहायता समूह से ऋण लेने के लिये उसका सदस्य बनना अनिवार्य होता है। इससे लोगों में समय पर कर्ज चुकाने की आदत भी डाली जा सकती है।

प्रश्न 7. क्या कारण है कि बैंक कुछ कर्जदारों को कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होते?

उत्तर: कोई भी बैंक जब किसी व्यक्ति को ऋण देता है तो उसकि ऋण अदायगी की क्षमता के आधार पर देता है। बैंक ऋण देते समय कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहता है। इसलिये बैंक कुछ चुनिंदा लोगों को ही ऋण देते हैं।

प्रश्न 8. भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर किस तरह नजर रखता है? यह जरूरी क्यों है?

उत्तर: बैंक किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालते हैं। इसलिए बैंकिंग सेक्टर के उचित नियमों की जरूरत होती है। भारतीय रिजर्व बैंक का काम है भारत के बैंकिंग सेक्टर के लिये नीति निर्धारण करना। ऐसा करके रिजर्व बैंक न केवल बैंकिंग को सही दिशा में ले जाता है बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में मदद करता है। देश की अर्थव्यवस्था की सेहत सही रखने के लिए यह जरूरी है।

प्रश्न 9. विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर: विकास में ऋण की अहम भूमिका होती है। ऋण के बिना किसान बड़े पैमाने पर खेती नहीं कर सकते हैं। ऋण के बिना घर और कार खरीदना अधिकांश लोगों के लिये असंभव हो जायेगा। ऋण के बिना किसी छोटी कंपनी को बड़ा बनाना मुश्किल काम होता है। बड़ी से बड़ी कम्पनी को भी अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए ऋण की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 10. मानव को एक छोटा व्यवसाय करने के लिए ऋण की जरूरत है। मानव किस आधार पर यह निश्चित करेगा कि उसे यह ऋण बैंक से लेना चाहिए या साहूकार से? चर्चा कीजिए।

उत्तर: मानव को सबसे पहले विभिन्न कर्जदाताओं के ब्याज दर की तुलना करनी चाहिए। उसके बाद उसे गिरवी की मांग और ऋण अदायगी की शर्तों की तुलना करनी चाहिए। मानव को उसी कर्जदाता से ऋण लेना चाहिए जो सबसे कम ब्याज दर मांग रहा हो, कम कीमत वाली गिरवी पर तैयार हो और ऋण अदायगी की आसान शर्तें रख रहा हो। मानव को हर हालत में साहूकार की बजाय बैंक को चुनना चाहिए। क्योंकि ऐसा देखा गया है कि साहूकार द्वारा ऋण की शर्तें अधिक मुश्किल होती हैं और ब्याज दर भी बैंकों की तुलना में बहुत अधिक होता है।

प्रश्न 11. भारत में 80% किसान छोटे किसान हैं, जिन्हें खेती करने के लिए ऋण की जरूरत होती है।

(a) बैंक छोटे किसानों को ऋण देने से क्यों हिचकिचा सकते हैं?

उत्तर: छोटे किसानों की साख कम मुद्रा और साख होती है और उनके पास जरूरी कागजातों का अभाव होता है।

(b) वे दूसरे स्रोत कौन हैं, जिनसे छोटे किसान कर्ज ले सकते हैं।

उत्तर: जमींदार, सेठ, साहूकार

(c) उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए कि किस तरह ऋण की शर्तें छोटे किसानों के प्रतिकूल हो सकती हैं।

उत्तर: छोटे किसान के पास इतनी कम जमीन होती है कि उसके खेत की उपज से उसके परिवार का पेट भी नहीं पल पाता है। इसलिए ऋण चुकता करने की स्थिति में वह कभी नहीं आ पाता। यदि बाढ़ या सूखे ने उसकी फसल को बरबाद कर दिया तो उसकी स्थिति और भी खराब हो जाती है। ऐसे में किसान और भी मुसीबत में पड़ जाता है।

(d) सुझाव दीजिए कि किस तरह छोटे किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है।

उत्तर: स्वयं सहायता समूहों का गठन करके छोटे किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

  1. . परिवारों की ऋण की अधिकांश जरूरतें अनौपचारिक स्रोतों से पूरी होती हैं।
  2. . ऋण की लागत ऋण का बोझ बढ़ाती है।
  3. . केंद्रीय सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता है।
  4. बैंक . पर देने वाले ब्याज से ऋण पर अधिक ब्याज लेते हैं।
  5. . सम्पत्ति है जिसका मालिक कर्जदार होता है जिसे वह ऋण लेने के लिए गारंटी के रूप में इस्तेमाल करता है, जब ऋण चुकता नहीं हो जाता।

उत्तर: (1) गरीब, (2) अधिक, (3) रिजर्व बैंक, (4) जमा राशि, (5) गिरवी

सही उत्तर का चयन करें:

प्रश्न 1. स्वयं सहायता समूह में बचत और ऋण संबंधित अधिकतर निर्णय लिये जाते हैं:

मुद्रा का महत्व | Importantance of Money

मुद्रा मनुष्य के समस्त आविष्कारों में एक आधारभूत अविष्कार हैं। ज्ञान की प्रत्येक शाखा के अपने मूल अविष्कार हैं। मशीनों में यह अविष्कार पहिया हैं, विज्ञान में आग है और राजनीति विज्ञान में वोट (Vote) है उसी प्रकार अर्थशास्त्र तथा मनुष्य के समस्त व्यापारिक जीवन में मुद्रा एक ऐसा मूलभूत अविष्कार है जिस पर अन्य सभी बातें आधारित होते हैं।

आधुनिक अर्थव्यवस्था में मुद्रा का महत्व

आज के समय में इस समय में अर्थव्यवस्था में मुद्रा का महत्व निम्नलिखित रूपों में है

साख का निर्माण

साख अर्थात् भरोसा । मुद्रा के लोगों के बीच, लोगों में साख बन जाता है जिससे कोई भी कार्य के लिए विनिमय में कोई परेशानी नहीं होता हैं। आज के समय में संपूर्ण व्यवसाय साठ पर ही आधारित है जितने भी बैंकिंग संस्थाएं हैं उद्योग एवं व्यापार को पैसे उधार देकर उनको आगे की ओर बढ़ने में सहायता करते हैं। साख की वर्तमान तथा भविष्य की मात्रा की श्रेष्ठतम माप मुद्रा में ही हो सकती हैं। मुद्रा के बिना साख-व्यवस्था का अंत हो जाएगा। अतः मुद्रा वर्तमान अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक तेल तथा ईंधन का कार्य करते हैं।

सामाजिक क्षेत्र में क्रांति

आधुनिक अर्थव्यवस्था में मुद्रा का यह दूसरा सबसे बड़ा महत्व हैं इसके माध्यम से ही संपत्ति का विनियोग (Investment) किया जाता हैं। अनेक स्कूल, कालेज, होटल, लाइब्रेरी इत्यादि पैसे से ही चलाए जा रहे हैं।

आधुनिक बाजार व्यवस्था का आधार

यह (Money) ही एक ऐसा माध्यम है जिसके कारण बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था स्थापित हुई है क्योंकि बड़े कारखानों में जितने माल का उत्पादन होता हैं, वह सभी मुद्रा के बदले तत्काल बिक जाता हैं और प्राप्त हुए मुद्रा से दोबारा कच्चा माल खरीदा जाता हैं।

उससे नया माल बनाया जाता हैं। इस प्रकार मुद्रा के माध्यम से पूंजी का कई बार आवर्तन (Turnover) किया जा सकता है और अधिक लाभ कमाया जा सकता हैं।

राजनीतिक क्षेत्र में क्रांति

समय जैसे-जैसे बदलता गया, वैसे-वैसे विनिमय का माध्यम भी बदलता गया । मुद्रा और साख Money ने पूरा काया ही पलट दिया । इसने राजनीतिक क्षेत्र में क्रांति ही ला दी। जनता सरकार को टैक्स चुकाता हैं,Tax पहले भी देता था अपनी इच्छा के बिना लेकिन आज जनता अपनी इच्छा से सरकार को Tax Pay करता है और इसके बदले में उसे कुछ अधिकार भी प्राप्त होते हैं।

सामाजिक कल्याण की सूचक

मुद्रा के माध्यम से ही किसी देश की राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय का माप होता हैं। यदि प्रत्येक व्यक्ति की वास्तिवक आय बढ़ती रहती है तो देश आर्थिक कल्याण की ओर आगे बढ़ता हैं, अन्यथा नहीं बढ़ता है।

अर्थशास्त्र के विभिन्न क्षेत्रों में मुद्रा का महत्व

उत्पादन क्षेत्र

आधुनिक युग में उत्पादन अनेक तत्वों के सहयोग का परिणाम है जिनमें भूमि, श्रम, पूंजी, संगठन एवं साहस का समावेश होता हैं। इन सभी तत्वों के मूल्य का सामूहिक योग लागत होती है जो मुद्रा में निर्धारित की जाती हैं।

विनिमय क्षेत्र

जब किसी भी माल को तैयार कर लिया जाता है तो उसे बेचने की बारी आती है। मुद्रा प्रत्येक वस्तु की लागत का अनुमान लगाने में सहायक होती हैं और लागत के आधार पर ही वस्तु का मूल्य निर्धारित किया जाता हैं। मूल्य निश्चित किए बिना किसी भी वस्तु की बिक्री संभव नहीं हैं।

वास्तव में, संपूर्ण विक्रय-व्यवस्था मुद्रा पर ही आधारित हैं। मुद्रा विनिमय का माध्यम और मूल्यमापक का कार्य करती हैं। इस प्रकार मुद्रा ने वस्तु विनिमय की कठिनाइयों को दूर कर दिया हैं।

उपभोग क्षेत्र

आर्थिक क्रियाओं में उपभोग का सबसे पहला स्थान हैं। मनुष्य जिस वस्तु का उपभोग करना चाहता हैं, उसकी खरीद की मात्रा वस्तु की कीमत पर निर्भर करती हैं और कीमत के निर्धारण में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। उपभोग का उद्देश्य अधिकतम संतोष प्राप्त करना होता हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी सीमित आय को इस प्रकार व्यय करना चाहता है कि उसे अधिकतम संतोष प्राप्त हो सके ।

यह मुद्रा द्वारा ही संभव है क्योंकि मुद्रा द्वारा ही यह जाना जा सकता है कि किस वस्तु के उपभोग से कितना संतोष प्राप्त हो सकेगा।

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Q.1. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने विमुन्द्रिकरण की घोषणा कब की ? aa online solution

  • (A) 8 नवम्बर ,2016
  • (B) 8 नवम्बर,2017
  • (C) 16 नवम्बर, 2016
  • (D) 16 नवम्बर, 2017

Q.2.आधुनिक युग की प्रगति का श्रेय किसे है ?

  • (A) लेन देन
  • (B) मुद्रा
  • (C) साख
  • (D) वस्तु विनिमय

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Q.3. निन्मलिखित में से साख पात्र के अंतर्गत कौन आता है ? aa online solution

  • (A) चेक
  • (B) बैंक ड्राफ्ट
  • (C) यात्री चेक
  • (D) इनमे से सभी

Q.4. साख का सम्बन्ध है –

  • (A) गरीबी से
  • (B) उधार से
  • (C) दोनों से
  • (D) विश्वास से

Q.5. मुद्रा का कार्य है –

Q.6. आय एवं उपभोग के अंतर को क्या कहते है ? aa online solution

Q.7. किसने कहा था कि आधुनिक विश्व में उद्धोग मुद्रा रूपी वस्त्र धारण किये हुए है ?

Q.8. मुद्रा का प्राथमिक कार्य क्या है ?

  • (A) मूल्य का संचय
  • (B) विलंबित भुगतान का मान
  • (C) मूल्य का हस्तांतरण
  • (D) विनिमय का माध्यम

Q.9. विनिमय का सर्वोत्तम माध्यम है –

Q.10. वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्न में कौन सी कठिनाइयाँ है ? aa online solution

  • (A) वस्तु विभाजन में कठिनाई
  • (B) सवर्मान्य मूल्य मापक का अभाव
  • (C) दोहरे संयोग का अभोग
  • (D) उपर्युक्त सभी

Q.11. प्राचीन युग में विनिमय की कौन सी प्रथा प्रचलित थी ?

  • (A) वस्तु विनिमय
  • (B) मौद्रिक विनियम
  • (C) दोनों
  • (D) इनमे से कोई नहीं

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Q.12. प्रारंभिक अवस्था में मनुष्य का व्यापार किस पर आधारित था ?

  • (A) साख
  • (B) वस्तु विनिमय
  • (C) धातु मुद्रा
  • (D) मोल जोल

Q.13. हमारे देश में किस मुद्रा को वैधानिक मान्यता प्राप्त है ?

  • (A) वस्तु मुद्रा
  • (B) साख मुद्रा
  • (C) पत्र मुद्रा
  • (D) चेक

Q.14. रूपये का नया प्रतीक है ? aa online solution

Q.15. आजकल मुद्रा का कौन सा रूप अधिक प्रचलन में है ?

  • (A) धात्विक मुद्रा
  • (B) सिक्के
  • (C) पत्र मुद्रा
  • (D) सभी

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Q.16. बचत को प्रभावित करनेवाले प्रमुख तत्व है –

  • (A) बचत करने की क्षमता
  • (B) बचत करने की इक्षा
  • (C) बचत करने की सुविधाएं
  • (D) इनमे से तीनों

Q.17. साख के मुख्य आधार होते है -`

  • (A) ऋण की राशि
  • (B) समय
  • (C) व्यक्ति का चरित्र
  • (D) तीनो

Q.18. बंगला देश की मुद्रा का क्या मुद्रा और साख नाम है ?

Q.19. विनिमय के कितने रूप है ? aa online solution

Q.20. निम्न में से किसके अनुसार “मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करती है ?”

  • (A) हार्टले विदर्स
  • (B) हट्रे
  • (C) केन्स
  • (D) प्रो० टामस

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Q.21. इनमें से कौन सी मुद्रा संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रचलित है ?

Q.22. किस धातु का मुद्रा के रूप में सर्वधिक प्रयोग हुआ है ?

Q.23. इनमें से कौन साख का आधार नहीं है ? aa online solution

  • (A) विशवास
  • (B) शिक्षा
  • (C) चुकाने की क्षमता
  • (D) ऋण की अवधि

Q.24. इनमें से कौन साख पत्र के अंतर्गत नही आता है ?

Q.25. वस्तु विनिमय प्रणाली की मुख्य कठिनाई थी ?

  • (A) आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का भाग
  • (B) मूल्य अपन की कठनाई
  • (C) दोनों
  • (D) इनमें से कोई नहीं

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Q.26. साख के पक्ष कौन कौन से है ?

  • (A) ऋण दाता
  • (B) ऋणी
  • (C) दोनों
  • (D) इनमें से कोई नहीं

Q.27. निम्न में से किस प्रणाली के अंतर्गत आवश्यकताओ के दोहरे संयोग का अभाव होता है ?

मुद्रा और साख

Q.30: मुद्रा के कार्य क्या हैं? किन्हीं चार को समझाइये।

Answer: मुद्रा के कार्य :- वस्तुओं की कीमत चुकाने तथा अन्य प्रकार के व्यवसायिक दायित्वों को निपटाना ही मुद्रा का कार्य है। मुद्रा के प्रमुख कार्य निम्न लिखित हैं :

(1) विनिमय का माध्यम :- विनिमय का माध्यम मुद्रा का प्राथमिक एवं प्रमुख कार्य है। विनिमय में मुद्रा माध्यम का कार्य करती है। मुद्रा में क्योंकि सर्वग्रहिता का गुण होता है इसलिए कोई व्यक्ति इसे लेने से मना नहीं करता है।

(2) साख पत्रों का आधार :- वर्तमान समय में साख पत्रों का प्रयोग सभी देशों में किया जा रहा है। इन साख पत्रों का आधार मुद्रा ही है।

(3) स्थगित भुगतानों का मान :- यह मुद्रा का महत्वपूर्ण कार्य है। इस कार्य से ऋण लेना एवं देना बहुत आसान हो गया है। इसके द्वारा वर्तमान लेन-देनो को भविष्य के लिए मुद्रा के रूप में स्थगित किया जा सकता है।

(4) पूँजी को तरलता प्रदान करना :- मुद्रा पूँजी को तरलता प्रदान करता है। मुद्रा के द्वारा पूँजी की एक-प्रयोग से दूसरे प्रयोग में लाया जा सकता है।

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