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Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

क्रिप्टो मार्केट में आई गिरावट पर बोले RBI गवर्नर, 'क्रिप्टोकरेंसी की नहीं है कोई वैल्यू'

क्रिप्टो मार्केट में आई गिरावट पर बोले RBI गवर्नर, 'क्रिप्टोकरेंसी की नहीं है कोई वैल्यू'

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. आप इसे कैसे रेग्यूलेट करते हैं, इस पर बड़े सवाल हैं. हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह भारत की मौद्रिक, वित्तीय और वृहद आर्थिक स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा."

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत का रुख हमेशा से ही अधिक उदार नहीं रहा है, और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में एक बार फिर इसे स्पष्ट कर दिया है. सोमवार को RBI गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी और इसके मार्केट के प्रति आगाह कर रहा था, और अब यह क्रैश हो गया है.

CNBC TV18 को दिए एक इंटरव्यू में RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "हम क्रिप्टो के खिलाफ सावधानी बरत रहे हैं और देखिए कि क्रिप्टो मार्केट में अब क्या हुआ है. अगर हम पहले से ही इसे रेग्यूलेट कर रहे थे, तो लोगों ने सवाल उठाया होगा कि नियमों का क्या हुआ."

RBI गवर्नर ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. आप इसे कैसे रेग्यूलेट करते हैं, इस पर बड़े सवाल हैं. हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह भारत की मौद्रिक, वित्तीय और वृहद आर्थिक स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा."

हाल ही में, दुनियाभर के क्रिप्टोकरेंसी मार्केट भारी गिरावट देखने को मिली है. सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन इस महीने की शुरुआत में 27,000 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी. एक वक्त था जब इसने अब तक के सबसे अधिक 69,000 डॉलर के आंकड़े को छुआ था. लेकिन जब से बिटकॉइन गिरावट आनी शुरू हुई, तब से यह 30,000 डॉलर से ऊपर नहीं पहुंच पाई है.

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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि उनका मानना ​​​​है कि केंद्र सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्रीय बैंक साथ खड़ी नज़र आती है. दास का मानना है कि सरकार भी यह समझती है कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है.

दास ने कहा, “हमने सरकार को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है और वे इस पर विचार करेंगे. मुझे लगता है कि सरकार की ओर से जो बयान सामने आ रहे हैं, वे लगभग एक जैसे हैं। वे भी समान रूप से चिंतित हैं."

RBI ने क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. अपने शुरुआती दिनों में, जब बिटकॉइन धीरे-धीरे भारत में अपनी पहचान बना रहा था; RBI ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई थी. हालांकि, 2018 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध को हटा दिया था, और तब से RBI ने वर्चुअल करेंसी पर कड़ा रुख बनाए रखा है. इसने भारत में मैक्रोइकॉनॉमी पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रभाव को लेकर समय-समय पर आगाह किया है.

सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से स्वीकार करने में हिचक रही है.

इस साल के केंद्रीय बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी और इससे जुड़ा संपत्तियों की ट्रेडिंग पर 30 प्रतिशत कर का प्रस्ताव दिया था. इसके ट्रांजेक्शन पर बतौर TDS 1 प्रतिशत कटौती तय की गई है.

गौरतलब हो कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इससे पहले बीते साल नवंबर में भी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ने RBI के लिए 'गंभीर चिंता' पैदा की है. शक्तिकांत दास ने तब ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है.

आपको Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख बता दें कि रिजर्व बैंक की चिंता के बावजूद देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ता जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़ने से बीते साल के अगस्त महीने में  CoinDCX  यूनिकॉर्न बन गया था. और इसके बाद अक्टूबर में  CoinSwitch Kuber  ने यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी थी.

जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क

Cryptocurrency: बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी.

जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क

Cryptocurrency Bill In India: क्रिप्टो करेंसी पर लंबे समय से भारत सरकार और आरबीआई (RBI) की चिंताओं के बीच आखिरकार सरकार ने इस पर बिल लाने की घोषणा कर दी है. केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई बिल पेश करने वाली है जिसमें से एक क्रिप्टोकरेंसी पर भी विधेयक पेश हो सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो पर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी. पीटीआई के मुताबिक बैठक में क्रिप्टो के फायदे-नुकसान और रेगुलेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है.

इन खबरों के बाद मार्केट को तो जोरदार झटका पहुंचा ही है लेकिन क्रिप्टो के बाजार में पैसा लगाने वाले भी अब परेशानी में आ गए हैं. इस मसले से जुड़े सभी बड़े सवालों के जवाब हम आपको यहां देने की कोशिश कर रहे हैं.

किस उद्देश्य से लाया जा रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल?

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत में अब तक कोई नियम-कानून नहीं है. इसलिए सरकार इस पर एक विधेयक लाने की तैयारी में है. जिसका नाम होगा- क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशिय डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021). इसके तहत रिजिर्व बैंक ऑफ इंडिया एक आधाकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करेगी.

इस बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी और इस्तेमाल को लेकर कुछ अपवाद जरूर रखे जाएंगे.

सरकार की घोषणा के बाद भारत में क्रिप्टो मार्केट का क्या हाल है?

जैसे ही सरकार की तरफ से क्रिप्टो बिल को लेकर घोषणा हुई भारत में क्रिप्टो मार्केट धड़ाम से गिरा. लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. WazirX के डेटा के मुताबिक, रुपये के संदर्भ में देखे तो बिटकॉइन में 17 फीसदी की गिरावट आई, इथेरियम में 14 फीसदी, डॉजकोइन में 20 फीसदी से अधिक और पोलकाडॉट में 14 फीसदी की गिरावट आई और डॉलर-पेग्ड टोकन टीथर भी लगभग 17 प्रतिशत नीचे रहा.

सरकार के क्रिप्टो पर विधेयक लाने की घोषणा के बाद बाजार गिरा

विदेशों में क्रिप्टोकरेंसी की क्या स्थिति है?

क्रिप्टो करेंसी को कई देशों में मान्यता दी गई है तो वहीं अधिकतर देश इस करेंसी की खिलाफ हैं. हाल ही में चीन ने क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. इसके अलावा नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, कतर, बांग्लादेश, अल्जीरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम में भी इस करेंसी पर पाबंदी लगी है.

वहीं अधिकतर देश अभी भी असमंजस की स्थिति में है कि इस करेंसी पर बैन लगना चाहिए या इसे वैध बना देना चाहिए. मध्य अमेरिका का अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां क्रिप्टो करेंसी वैध है. रूस में क्रिप्टो करेंसी में निवेश तो कर सकते हैं लेकिन कुछ सामान खरीदने के लिए उसके इस्तेमाल पर पाबंदी है.

अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोप के कुछ देशों में इसे पूरी तरह मान्यता तो नहीं दी गई है लेकिन यहां इस पर कोई पाबंदी भी नहीं है.

क्रिप्टो करेंसी में कितने भारतीय कर चुके हैं निवेश?

क्रिप्टो करेंसी बहुत ही ज्यादा परिवर्तनशील (वोलेटाइल) करेंसी है. ब्रोकर डिस्कवरी और Brokerchooser के मुताबिक भारत में बिटकॉइन ओनर की संख्या 10.07 करोड़ है. इसके अलावा अमेरिका में 2.74 करोड़, रूस (1.74 करोड़) और नाइजीरिया में बैन के बावजूद (1.30 करोड़) लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.

भारत में क्रिप्टो बैन के खिलाफ और पक्ष में क्या तर्क?

मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार सरकार प्राइवेट क्रिप्टो (e.g: Zcash, Monero, etc) को बैन Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख करने की तैयारी में है. वहीं बिटकॉइन, इथीरियम पब्लिक क्रिप्टो में शामिल है. अब तक बिल पेश नहीं हुआ है इसलिए प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो की बहस से बचना चाहिए.

न्यूज 18 से बातचीत में cashaa के संस्थापक और सीईओ कुमार गौरव ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध उचित नहीं होगा क्योंकि दुनिया इस दिशा में आगे बढ़ रही है. एक देश के रूप में अगर हम इसे नजरअंदाज करते हैं तो हम पीछे रह जाएंगे. हमें इसे उचित नियमों के साथ अपनाना चाहिए."

WazirX के फाउंडर और सीईओ ने कहा कि "सरकार का रुख पहले जैसा ही लगता है. हमें बिल में दी गई बातों को पढ़ना चाहिए. बिटकॉइन एक पब्लिक ब्लॉकचेन पर एक पब्लिक क्रिप्टो करेंसी है."

इंडिया टुडे से बातचीत में क्रिप्टो एजुकेशन प्लेटफॉर्म Bitnning के फाउंडर काशिफ रजा ने बताया कि सरकार का प्रस्ताव जो अब आज हमारे पास है वही पिछली बार भी सरकार द्वारा पेश किए गए बिल के समान है.''

केवल एक चीज जो क्रिप्टो निवेशकों को डरा रही है, वह है क्लॉज निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में. मूल रूप से अगर हम इसके द्वारा जाते हैं, तो केवल सरकार द्वारा समर्थित करेंसी को ही अनुमति दी जाएगी, बाकी को नहीं. लेकिन यह अंतिम नहीं है. हमें सावधानी बरतने की जरूरत है और पूरे बिल के आने का इंतजार करना चाहिए".

Unocoin के फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ का मानना है-"प्राइवेट क्रिप्टो की परिभाषा कहीं भी उपलब्ध नहीं है, चाहे हम इसे पढ़ने का प्रयास करें. साथ ही सरकार की ओर से आज जो कुछ बातें हमारे पास हैं, उनके बारे में भी यह वही है जो उन्होंने पहले पेश किया था. लगता Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख है कुछ भी नहीं बदला है. हमें इससे संभलकर चलना होगा. यह एक बहुत ही मनमाना शीर्षक है जो पिछली बार था, अब भी वही है. आज जो तीन, चार बातें निकली हैं, उन पर नजर डालें तो ऐसा लग सकता है कि कोई नया बिल नहीं है, यह पुराने जैसा ही है. फिलहाल, हम अभी इसका कोई मतलब नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन हां, निवेशक निश्चित रूप से आशंकित हैं."

Crypto News: क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए पेमेंट ट्रांसफर विकल्प पर सख्ती, अब आपके सामने क्या है उपाय?

Bitcoin: भारत में कामकाज कर रहे सभी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज अब सावधानी के साथ कारोबार करने में जुटे हैं और वह नियामक की तरफ से उठाए गए कदमों के खिलाफ जाना नहीं चाहते. भारत दुनिया में क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा बाजार बन सकता है, इस वजह से भारत में कामकाज कर रहे क्रिप्टो एक्सचेंज सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

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क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेज द्वारा ट्रांजेक्शन के लिए UPI का इस्तेमाल करने की खबरों पर NPCI ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी क्रिप्टो एक्सचेंज की जानकारी नहीं है, जो UPI का इस्तेमाल करते हैं. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया कि उन्हें ट्रांजेक्शन के लिए UPI का इस्तेमाल करने वाले किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट एक्सचेंज (VDA Exchange) के बारे में जानकारी नहीं है.

टैक्स वसूलने पर नजर
केंद्रीय बजट में प्रस्तावित 30 प्रतिशत क्रिप्टो कर 1 अप्रैल 2022 से लागू हो गया है. इसके बाद भारत सरकार का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क्रिप्टो एक्सचेंज के हर लेनदेन पर कड़ी नजर रख रहा है.

मोबिक्विक ने रोका सपोर्ट
इस तरह की खबरें सामने आने के बाद पेमेंट वॉलेट मोबिक्विक ने UPI के जरिये पेमेंट सपोर्ट करना रोक दिया है. इससे पहले मोबिक्विक वॉलेट में यूपीआई के जरिए डिपॉजिट कर सकते थे और उसे एक्सचेंज पर क्रिप्टो खरीदने के लिए यूज कर सकते थे.

कॉइनस्विच कुबेर ने भी रोका
कॉइनस्विच कुबेर जैसे एक्सचेंज ने भी यूपीआई और एनईएफटी, आरटीजीएस एवं आइएमपीएस के जरिए रुपए में पेमेंट लेना बंद कर दिया है. भारत में कामकाज कर रहे कई अन्य क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज रुपये से क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए नेट बैंकिंग के ऑप्शन दिखाते हैं लेकिन उससे सपोर्ट करने वाले बैंकों की सूची बहुत छोटी है. वास्तव में भारत के बड़े बैंक क्रिप्टो एक्सचेंज को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं. इस वजह से उनके ग्राहकों के लिए रुपये की मदद से क्रिप्टो करेंसी खरीदना और मुश्किल होता जा रहा है.

क्रिप्टो में गुंजाईश बाकी
इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल के बजट के बाद भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर नियामक का रुख स्पष्ट हो गया है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की प्रतिक्रिया के बाद यह समझ में आता है कि भारत में अब भी क्रिप्टो करेंसी के लिए कुछ गुंजाइश बाकी है. भारत में कामकाज कर रहे सभी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज अब सावधानी के साथ कारोबार करने में जुटे हैं और वह नियामक की तरफ से उठाए गए कदमों के खिलाफ जाना नहीं चाहते. भारत दुनिया में क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा बाजार बन सकता है, इस वजह से भारत में कामकाज कर रहे क्रिप्टो एक्सचेंज सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

Crypto को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र सरकार से कहा- अपना रूख साफ करें

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डीएनए हिंदी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया था. इस बजट में सीतारमण ने क्रिप्टो पर कहा था कि यह देश में लीगल नही होगा. हालांकि अगर कोई इसमें निवेश करता है तो उसे सरकार को 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा. अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को क्रिप्टो पर स्पष्ट बात कहने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार यह स्पष्ट करे कि भारत में बिटकॉइन वैध या नहीं. बता दें कि यह निर्देश साल 2018 से जुड़े एक मामले से है. बता दें कि 2018 में सामने आए बिटकॉइन फ्रॉड के एक मामले के आरोपियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने यह सवाल पूछा है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का क्रिप्टो पर रुख

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टो (Crypto) को बैन करने का निर्णय उचित परामर्श के बाद लिया जाएगा. सीतारमण ने बजट में सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि 'क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने पर सलाह लेने के बाद फैसला लिया जाएगा. क्रिप्टो को लागू या बैन करना अभी एक अलग सवाल है.'

क्रिप्टो पर 30 प्रतिशत टैक्स

हालांकि सरकार ने बजट में ऐलान किया था कि अगर आप क्रिप्टो में निवेश करते हैं तो आपको 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा. यह टैक्स कुछ नियमों-कायदों को ध्यान में रखकर लगाया जाएगा. गौरतलब है कि अभी भी जनता उधेड़-बुन में है कि क्रिप्टो लोग है या इलीगल.

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी, जिस पर मोदी सरकार लगाने जा रही है बैन

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी, जिस पर मोदी सरकार लगाने जा रही है बैन

संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार कुछ निजी क्रिप्टोकरेंसी को छोड़कर सभी पर रोक लगाने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिए एक ढांचा तैयार करने के लिए एक विधेयक ला सकती है। 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 विचार और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इससे जुड़े बिल से पहले आइए, जानें कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी कहते किसे हैं।

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका मूल्य तो होता है, लेकिन इसे न ही देखा जा सकता है न ही छूआ जा सकता है। यह केवल डिजिटल रूप में होता है, जिससे महज ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है। जिस प्रकार से देश की सरकारें निश्चित मूल्य के बदले मुद्रा या कागजी नोट या सिक्के जारी करती है, यह उस तरह की मुद्रा नहीं है। यह डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती है इसलिए इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।

इसका लेन-देन खाता-बही द्वारा प्रबंधित होता है जो इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चित करती है। यह सब इनक्रिप्टेड होती है। शुरुआत में इसके मूल्य को लेकर काफी आशंकाएं थीं। एक वक्त ऐसा था जब हजार बिटकॉइन से सिर्फ दो पिज्जा खरीदे जा सकते थे। लेकिन, आज यह सबसे महंगा टोकन मनी है। कई कंपनियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने की घोषणा की है।

क्रिप्टोकरेंसी बिल

लोकसभा की वेबसाइट पर पेश करने के लिए सूचीबद्ध बिल के अनुसार इसके अतर्गत देश में सभी अनियमित निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करेगा, साथ ही केंद्रीय बैंक, आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा।

वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर कोई विनियमन या कोई प्रतिबंध नहीं है। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की और संकेत हैं कि इस मुद्दे से निपटने के लिए मजबूत नियामक कदम उठाए जा सकते हैं।

हाल के दिनों में क्रिप्टोकरंसीज में निवेश पर आसान और उच्च रिटर्न का वादा करने वाले विज्ञापनों की संख्या में वृद्धि हुई है, यहां तक कि फिल्मी सितारों को भी दिखाया गया है। इस तरह की मुद्राओं पर कथित तौर पर भ्रामक दावों के साथ निवेशकों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

पिछले हफ्ते, बीजेपी सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्त पर स्थायी समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टोक्यूरैंसीज पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए, लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए।

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