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किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर?

किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर?
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क़ानूनी रूप से कितना वैद्य है क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करना क्या क़ानूनी रूप से सही है अथवा नहीं। दरहसल यह फैसला आपके इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रहकर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं क्यों कि कुछ देशों में अभी भी क्रिप्टोकरेंसी को क़ानूनी रूप से मान्यता नहीं मिली है जिसमें भारत भी एक है। यही नहीं कुछ देश में इसे ग्रे जोन में भी रखा गया है। कहने का मतलब यह है कि वहां ना तो इसे औपचारिक रूप से बैन किया गया है और ना ही इसकी प्रयोग की मान्यता दी गयी है। हम यह कह सकते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी में अच्छी किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? ग्रोथ के चलते भारतीय नागरिकों का रुझान भी इसकी तरफ देखने को मिल रहा है। इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले वक्त में भारत सरकार भी इससे सकारात्मक रूप से लें और इसे वैद्य करने की ओर बढे।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? जानिए इसका पूरा गणित

10 हजार डॉलर के स्तर तक भी गिर सकता है बिटकॉइन? - शोमेश कुमार

बिटकॉइन में लगातार गिरावट क्या कोई बड़ा संकेत दे रही हैॽ क्या इस नये निवेश स्रोत के दिन अब पूरे होने किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? के करीब हैंॽ इसमें अभी और कितनी गिरावट आ सकती हैॽ क्या अब भी इसमें मुनाफा कमाने के मौके बचे हैंॽ क्रिप्टोकरेंसी के हालात और उसकी चाल पर बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से बातचीत कर रहे हैं निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा।

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क्रिप्टोकरेंसी जीके प्रश्नोत्तरी

हाल ही कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी काफी चर्चा में रही है. इसलिए हमने क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित कुछ बहुत महत्वपूर्ण प्रश्‍न और उत्तर हिन्दी में अंकित किये है. आप इस विषय में जाने और दुसरो को भी शिक्षित करे. ये सभी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी आने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सहायक सिद्ध होंगे.

Q1. क्रिप्टोकरेंसी को इनमे से किस नाम से भी जाना जाता है?
क. डिजिटल करेंसी
ख. फिक्स करेंसी
ग. पेपर करेंसी
घ. इनमे से कोई नहीं

उत्तर: क. डिजिटल करेंसी
संछिप्त में जरूर पढ़े: डिजिटल करेंसी किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? एक ऐसी करेंसी जिसे न तो हम देख सकते हैं न किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? छू सकते हैं और न ही अपने वॉलेट में रख सकते हैं। डिजिटल करेंसी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में अपने फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप या किसी स्टोरेज मीडिया में स्टोर कर सकते हैं.

Q2. क्रिप्टोकरेंसी बनाने के लिए किसका इस्तेमाल किया गया है?
क. क्रिप्टोग्राफी
ख. फोटोग्राफी
ग. स्टेनोग्राफी
घ. इनमे से कोई नहीं

बिटकॉइन, ईथेरियम या डॉगे नहीं इस क्रिप्‍टोकरेंसी में आई 24 फीसदी की तेजी, जानिए कितने हुए दाम

बिटकॉइन (Bitcoin), इथेरियम (Ethereum) और बाकी क्रिप्‍टोकरेंसी में काफी अच्‍छी तेजी देखने को मिल रही है। वहीं टेरा लूना (Terra Price) में 24 फीसदी की जबरदस्‍त तेजी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी ओर ग्‍लोबल क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट कैप (Global Cryptocurrency Market Cap) एक बार फ‍िर से 2 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया है।

Not bitcoin, ethereum or doge, this cryptocurrency rose by 24 percent, know how much price ssa

बिजनेस डेस्‍क। आज यानी एक मार्च को क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? की शुरुआत काफी अच्‍छी हुई है। बिटकॉइन, इथेरियम और बाकी क्रिप्‍टोकरेंसी में काफी अच्‍छी तेजी देखने को मिल रही है। वहीं टेरा लूना (Terra Price) में 24 फीसदी की जबरदस्‍त तेजी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी ओर ग्‍लोबल क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट कैप (Global Cryptocurrency Market Cap) एक बार फ‍िर से 2 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर किस क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमत (Cryptocurrency Price) कितनी हो गई है।

कैसे काम करता है क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन?

जाहिर सी बात है कि क्रिप्टोकरेंसी की किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? मदद से होने वाले लेनदेन का एक डाटाबेस होना जरूरी है और यहां ब्लॉकचेन काम आती है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड होते हैं। यानी कि अगर एक यूजर ने क्रिप्टोकरेंसी की मदद से दूसरे को भुगतान किया तो यह जानकारी एक ब्लॉक में एनक्रिप्ट कर दी जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू एक से दूसरे यूजर के पास सुरक्षित ढंग से ट्रांसफर कर दी जाएगी।

किसी मुद्रा या करेंसी को स्टोर करने के लिए एक वॉलेट की जरूरत पड़ती है। असली नोट जेब में रखे पर्स में और डिजिटल लेनदेन से जुड़ी जानकारी हम पेमेंट ऐप्स या वॉलेट में रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद आपको उसे अपने डिजिटल वॉलेट में रखना होता है, जो काम क्रिप्टो किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? ऐप्स कर देती हैं। ऐसे वॉलेट्स में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या बेचने का विकल्प देते हुए भारत में एक दर्जन से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट काम कर रहे हैं।

घटती या बढ़ती क्यों है क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू?

क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं बल्कि दुनिया की सभी मुद्राओं की वैल्यू घटती और बढ़ती रहती है। अगर किसी करेंसी को में किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? ज्यादा लोग निवेश करना चाहते हैं और करेंसी सीमित है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं, इस्तेमाल करने वाले ज्यादा हो जाएं और निवेश करने वाले कम तो वैल्यू कम होने लगती है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले बढ़ गए हैं इसलिए आज एक बिटकॉइन की कीमत करीब 33 लाख रुपये के बराबर है।

भारत में मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन हटा दिया है, यानी कि इसे खरीदना या इस्तेमाल करना अवैध नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किए जाने वाले पेमेंट ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें मिडिलमैन ना होने के चलते ज्यादा किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी पड़ती। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किया जाने वाला लेनदेन गोपनीय भी होता है। साथ ही इसकी तेजी से बढ़ती वैल्यू भी इसमें किए गए निवेश को बेहतर बना सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

  • क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा नुकसान तो यह है कि कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है क्यों कि इसका मुद्रण नहीं किया जाता। मतलब की न तो इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही कोई बैंक अकाउंट या पासपोर्ट जारी किया जा सकता है।
  • इसको कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसके कीमत में कभी अधिक उछाल देखा जा सकता है तो कभी बहुत ज्यादा गिरावट। जिसकी बजह से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना जोखिम भरा सौदा है।
  • तीसरा सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसका उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हतियार की खरीदारी, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाज़ारी आदि में किया जा सकता है। क्यों कि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच में ही किया जा सकता है। लिहाजा यह काफी खतरनाक भी हो सकता है।
  • चौथा नुकसान यह है कि इसको हैक करने का भी खतरा बना रहता है। यह बात हम सभी किन क्रिप्टोकरेंसी से मिल रही है बिटकॉइन को टक्कर? को पता है कि ब्लॉकचैन को हैक करना उतना आसान नहीं है क्यों कि इसमें सुरक्षा के पुरे इंतजाम होते हैं वाबजूद इस करेंसी के कोई मालिक ना होने का कारण हैकिंग होने से मना भी नहीं किया जा सकता।
  • इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते जिससे आपको घाटा होता है।
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