आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना

यूएई में क्रिप्टोकरेंसी
एक ओर, संयुक्त अरब अमीरात, विशेष रूप से दुबई, नए उद्योगों और नवाचारों को शुरू करने की एक राज्य नीति का अनुसरण कर रहा है, और वितरित बहीखाता प्रौद्योगिकी (ब्लॉकचेन सहित) का प्रचार सरकार के लिए प्राथमिकता है।
इसी समय, यूएई सेंट्रल बैंक, सिक्योरिटीज एंड कमोडिटीज अथॉरिटी (SCA) और दुबई इंटरनेशनल फाइनेंशियल सेंटर (DIFC) के वित्तीय नियामकों और अबू धाबी ग्लोबल मार्केट (ADGM) ने दिशा-निर्देश, श्वेत पत्र, परिपत्र और स्पष्टीकरण प्रकाशित किए हैं। आभासी पैसे को बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टोकरेंसी, कुछ कैविएट और अन्य नवाचारों पर।
यह आलेख मामलों की वर्तमान स्थिति का वर्णन करता है।
आभासी मुद्राएँ
जनवरी 2017 में, यूएई के सेंट्रल बैंक ने इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियों के संचालन के लिए नियम जारी किए (“कीमती सामान के भंडारण के लिए नियम”)।
इसमें केवल आभासी मुद्राओं और इलेक्ट्रॉनिक धन की परिभाषा के रूप में “विनिमय, खाता निर्माण या मूल्य के भंडारण के माध्यम के रूप में उपयोग की जाने वाली डिजिटल इकाई” का संक्षिप्त उल्लेख है। नियम क्रिप्टोक्यूरेंसी को पहचानते हैं, लेकिन यह भ्रामक है कि इसका उपयोग (और इसके साथ कोई भी संचालन) निषिद्ध है।
फरवरी और अक्टूबर 2017 में, यूएई सेंट्रल बैंक ने मीडिया में प्रकाशित बयान दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिटकॉइन्स, अन्य क्रिप्टोकरेंसी और altcoins में ट्रेडिंग “मूल्यों के भंडारण के लिए नियम” द्वारा विनियमित नहीं है।
यूएई सेंट्रल बैंक के अनुसार, आभासी धन का व्यापार “परीक्षण अभ्यास” था।
इसके अलावा, बिटकॉइन में उपलब्ध लेनदेन और निवेश के बारे में उल्लेखनीय रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। दुबई के एक मार्केटप्लेस ने घोषणा की है कि वह बिटकॉइन में अपनी इकाइयों का व्यापार करेगा।
जनवरी 2018 में, नेशनल बैंक ऑफ दुबई ने घोषणा की कि वह क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के खाता धारकों के लिए “संदिग्ध” बिटकॉइन ट्रांसफर को रोक देगा।
बैंक ने बाद में स्पष्ट किया कि वह ग्राहकों को डिजिटल एसेट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ लेनदेन करने से प्रतिबंधित नहीं करता है, लेकिन प्रतिबंधित संदिग्ध लेनदेन को प्रतिबंधित करता है जो वित्तीय अपराध हैं।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज और ट्रेडिंग
यूएई में बिटऑसिस पहला क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है। मूल रूप से दुबई आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना सिलिकॉन ओएसिस (डीएसओ) मुक्त क्षेत्र में संचालित होने वाला मंच अब एक अस्पष्ट नियामक जलवायु के कारण ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में स्थापित एक संगठन के रूप में काम कर रहा है। उसी समय, डीएसओ उसे तकनीकी और परिचालन सहायता प्रदान करता है।
फरवरी में, दुबई मल्टी कमोडिटीज सेंटर (डीएमसीसी) ने क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करने के लिए डीएमसीसी मुक्त क्षेत्र में रीगल आरए डीएमसीसी को पहली कंपनी के रूप में लाइसेंस दिया। डीएमसीसी ने स्पष्ट किया कि वह डिजिटल मुद्रा को एक वस्तु मानता है। इसलिए यह उसके अधिकार क्षेत्र में आता है।
DMCC दुबई मुख्यालय में अपनी तिजोरी प्रदान करके क्रिप्टोकरंसी धारकों को “जमे हुए भंडारण” प्रदान करता है, जहां कंपनी अपना सोना संग्रहीत करती है। इस प्रकार, क्रिप्टोक्यूरेंसी को वॉलेट से हैकिंग और चोरी से बचाया जाता है (अधिकांश क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की मुख्य समस्या), क्योंकि यह ऑनलाइन संग्रहीत नहीं है।
खनन क्रिप्टोक्यूरेंसी
खनन, क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में, एक लेन-देन की पुष्टि है, जिसकी मदद से कंप्यूटर की क्षमता का उपयोग करते हुए, एक खनिक, एक क्रिप्टोग्राफ़िक आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना हैश फ़ंक्शन को सफलतापूर्वक हल करता है, जो कि एक गणितीय पहेली है।
इसे जारी किए गए डिजिटल मनी के रूप में इनाम के भुगतान से प्रोत्साहित किया जाता है। यह क्रिप्टोक्यूरेंसी नेटवर्क को लेनदेन शुल्क कम रखने की अनुमति देता है।
आभासी मुद्रा की दुनिया में काम करने के लिए आने वाले लोगों की संख्या के अनुपात में लेनदेन को मान्य करने के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग शक्ति बढ़ जाती है। वर्षों से सफलतापूर्वक गणितीय पहेली हल करना बहुत मुश्किल हो गया है।
अधिकांश घरेलू खनिकों को पैसे की कमी हो रही है, और खनन वर्तमान में विशेष हार्डवेयर का उपयोग करके बड़े डेटा केंद्रों में किया जाता है, मुख्य रूप से चीन या आइसलैंड जैसे कम बिजली लागत वाले न्यायालयों में।
बिटकॉइन के मामले में, विशेष एकीकृत सर्किट (एसिक) का उपयोग किया जाता है, जो बीटीसी खनन के एकमात्र उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
नामीबिया में कोस्टा रिका और इथेरियम में बिटकॉइन के आसान खनन की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते उत्पादन में ऊर्जा की खपत एक प्रमुख चिंता है।
हाल ही में, IOTA द्वारा उपयोग किए गए निर्देशित एसाइक्लिक प्रोटोकॉल “टैंगल” सहित, लेनदेन को सत्यापित करने की कम बिजली-खपत के तरीकों के आधार पर, “माइनरलेस” और “ब्लॉकलेस” ई-मुद्राएं उभरी हैं। उन्हें क्वांटम कंप्यूटर के उपयोग के लिए एन्क्रिप्शन हैक के लिए प्रतिरोधी भी कहा जाता है।
यूएई में आभासी धन के खनन के संबंध में अभी तक कोई नियम नहीं हैं। अपने अक्टूबर 2017 के परिपत्र में, एडीजीएम एफएसआरए स्पष्ट करता है कि यह स्पॉट ट्रेडिंग या क्रिप्टो खनन को विनियमित गतिविधियों के रूप में नहीं मानता है।
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वी-रुपये की कीमत क्या है?
एक Fornite V-Buck कार्ड, यह क्या है?
एक सटीक तरीके से, यह गेम Fortnite की आधिकारिक मुद्रा है जिसके साथ हम कोटिंग्स, कॉम्बो, हथियार की खाल, इमोटिकॉन्स जैसे सामान खरीद सकते हैं; और यहां तक कि इन-गेम विकल्प भी। आपको बेवकूफ बनाने के लिए नहीं, यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह आभासी मुद्रा वास्तविक पैसे के लिए खरीदी जा सकती है, इसलिए यदि आप Fortnite की दुनिया में आने से पहले इस बारे में जानकारी की तलाश कर रहे हैं तो अभी से तैयार हो जाएं।
इसे कैसे प्राप्त करें?
फिलहाल, उन्हें सीधे गेम में खरीदने के अलावा कोई अन्य रास्ता उपलब्ध नहीं है।शायद, अन्य तरीके जल्द ही खुलेंगे क्योंकि कुछ Fortnite वी-बक्स कार्ड अन्य ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे।
आमतौर पर, खिलाड़ी अपने Fortnite V-Bucks कार्ड Amazon, Walmart, Target, और Best Buy से खरीदते हैं। यदि आप प्रवृत्ति का पालन करना पसंद करते हैं और हमेशा खेल के दृश्य पक्ष में अद्यतित रहना चाहते हैं, तो आपको इस कार्ड के साथ व्यवहार करने में एक सेकंड में संकोच नहीं करना चाहिए। इसके साथ, आपके अवतार का अनुकूलन और ऊपर बताई गई खरीदारी आपके लिए संभव होगी।
इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से आपके पास जो भी समर्थन है, आसानी से आधिकारिक एपिक गेम्स वेबसाइट तक पहुंचें। नवागंतुकों के लिए, आपको अपने वी-बक कार्ड का उपयोग करने के लिए एपिक गेम्स खाता खोलना होगा। इसे खोलने के बाद एप्लिकेशन आपसे कुछ जानकारी मांगेगा, जैसे:
- आपका पिन कोड, आपके वी-बक कार्ड के पीछे दिखाई देता है
- वह माध्यम चुनें जिस पर आप Fortnite खेलते हैं… .. और पूर्व-आवश्यक चरणों का पालन करें।
खरीदारी के साथ आगे बढ़ने के लिए, सबसे आसान शॉर्टकट प्री-मैच मेनू के माध्यम से खरीदारी करना है जो आपके पहले इंटरफ़ेस के शीर्ष दाईं ओर दिखाई देता है। इसी इंटरफेस में, ऊपर दिया गया "वी" आइकन आपके वी-बक्स वॉलेट की स्थिति दिखाता है, इस आइकन पर क्लिक करें और आपको भुगतान चरण पर पुनः निर्देशित किया जाएगा।
"आइटम शॉप" टैब: यहां आपको बिक्री के लिए कॉस्मेटिक उत्पादों की सूची मिलेगी।
चमकती रोशनी वाला पीला बटन आपको "वी-बक्स प्राप्त करें" सबमेनू तक पहुंचने की अनुमति देता है
प्री-गेम मेनू में "बैटल पास" टैब पाया जाता है। उस पर क्लिक करने से आपके पास स्पष्ट विवरण होगा कि आप अपनी खरीदारी के बाद क्या कमाएंगे।
Fortnite वी-बक्स की कीमत
उनकी कीमत के लिए, प्रत्येक कार्ड पर सुझाए गए वी-बक्स की मात्रा के अनुसार दरें भिन्न होती हैं। उस ने कहा, कीमत में उतार-चढ़ाव खेल में दी जाने वाली कीमतों के समान है, यहां याद रखने के लिए विवरण दिए गए हैं:
रुपए की बदलती दुनिया
अभिषेक कुमार सिंह; डिजिटल क्रांति रुपए-पैसे की दुनिया का चेहरा कैसे बदल रही है, इसकी एक मिसाल भारत में देखने को मिलती है। वर्ष 2016 में जब नोटबंदी की गई थी, तब अनुमान लगाया गया था कि जल्द ही लोग डिजिटल भुगतान वाले विकल्पों की ओर बढ़ेंगे। कोई शक नहीं कि बीते पांच-छह वर्षों में देश में डेबिट और क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआइ) जैसे माध्यमों से डिजिटल भुगतान में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग, यूपीआइ और क्यूआर कोड जैसे तौर-तरीकों ने सब्जी मंडी, रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों से लेकर पांच सितारा होटलों तक में भुगतान का परिदृश्य बदल दिया है
लेकिन अब एक नई क्रांति डिजिटल मुद्रा की शक्ल में होने जा रही है। भारत सरकार ने हाल में (1 नवंबर, 2022 से) देश में पहली बार रुपए को डिजिटल कर दिया। सरकार के आदेश पर रिजर्व बैंक ने थोक में डिजिटल रुपए को लेन-देन की प्रक्रिया में शामिल करने वाली परीक्षण परियोजना शुरू कर दी है। इसके संचालन का जिम्मा नौ बैंकों को सौंपा गया है। परियोजना के संतोषजनक नतीजे आने के महीने के भीतर रिजर्व बैंक खुदरा स्तर पर भी डिजिटल रुपए की परियोजना शुरू कर देगा।
बात जब मुद्रा के डिजिटल स्वरूप की होती है, तो निश्चित रूप से बिटकाइन जैसी आभासी मुद्रा का उल्लेख प्रासंगिक हो जाता आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना है। वर्ष 2009 से निजी तौर पर सृजित और संचालित की गई इस डिजिटल या कंप्यूटर से बनाई गई मुद्रा की ख्याति का नतीजा यह निकला कि आज दुनिया में दस हजार से ज्यादा आभासी मुद्राएं चलन में हैं। लेकिन इनकी सबसे अहम समस्या यह है कि इनका संचालन कोई सरकारी केंद्रीय बैंक नहीं कर रहा।
इसी तरह इन मुद्राओं के बदले किसी संपत्ति का समर्थन नहीं मिलता, जैसे कि आम रुपए के बदले भारतीय रिजर्व बैंक धारक को रुपए की कीमत अदा करने का वचन देता है। चूंकि आभासी मुद्राओं से किसी संस्था या केंद्रीय बैंक की देयता नहीं जुड़ी है, इसलिए एकाध देशों को छोड़ कर उन्हें दुनिया में कहीं भी कानूनी मान्यता हासिल नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर में अफ्रीकी देश अल सल्वाडोर ने बिटकाइन को कानूनी मुद्रा का दर्जा जरूर दिया था, लेकिन ऐसे उदाहरण गिनती के ही हैं। इन्हीं कारणों से प्राय: सभी आभासी मुद्राएं भरोसेमंद नहीं हैं।
डिजिटल रुपए को लेकर भारत सरकार की ओर से आधिकारिक बयान इस वर्ष केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया था। उन्होंने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक भी जल्दी ही डिजिटल रुपया पेश करेगा। यह भारत की अपनी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी- सीबीडीसी) होगी। प्रस्तावित योजना के मुताबिक सीबीडीसी एक प्रकार का डिजिटल भुगतान तरीका है, जिसे भारतीय रुपए (राष्ट्रीय मुद्रा) के रूप में अंकित किया गया है।
इस डिजिटल रुपए के धारक को भारत के केंद्रीय बैंक की तरफ से प्रत्यक्ष देयता का आश्वासन मिलेगा। इसमें भी सबसे उल्लेखनीय यह है कि मुद्रा के इस डिजिटल स्वरूप की कीमत भारतीय रिजर्व बैंक में रखे भौतिक नकद रुपए या उसके भंडार के बराबर ही होगी, जो डिजिटल रुपए के धारकों के लिए सबसे अहम आश्वासन है। इसका अर्थ यह है कि डिजिटल रुपए को भौतिक रुपए के समान संप्रभु गारंटी हासिल होगी। ऐसे में इसके मूल्य में समय-समय पर वही परिवर्तन या अंतर आएगा, जो भौतिक नकद रुपए की कीमत में आता है।
वैसे तो ई-रुपए रिजर्व बैंक द्वारा जारी मुद्रा नोटों का डिजिटल रूप ही है। यानी यह बैंक नोटों से अलग नहीं है। फर्क यदि कोई है तो यह है कि डिजिटल मुद्रा होने के कारण इसके जरिए कोई भी लेन-देन बहुत त्वरित, सस्ता और आसान होगा। साथ ही भौतिक नोटों के मुकाबले इसके मुद्रण (छपाई-ढलाई), वितरण और भंडारण की लागत बहुत कम होगी।
पर ई-रुपए के ज्यादा लाभ सुविधा, पारदर्शिता और सुरक्षा के संबंध में है। जैसे एक सहूलियत यह होगी कि डिजिटल मुद्रा में लेनदेन होने से कारपोरेट दुनिया में मुद्रा संबंधी लेनदेन के निपटान, उनकी जानकारी और उन पर नियंत्रण आसान हो जाएगा। भारत सरकार को यह पता लगाने में सहूलियत हो जाएगी कि देश के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में धन का प्रवाह कहां से कहां तक हुआ। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। आज बाजार में लगभग तीस लाख करोड़ रुपए की बड़ी राशि मौजूद है।
लेकिन रिजर्व बैंक से लेकर सरकार और नीति-निर्धारकों तक को इसकी जानकारी नहीं है कि यह राशि लोगों के पास कब से मौजूद है और क्यों रखी हुई है। दावा है कि इससे आयकर विभाग को छिपाए जाने वाले लेनदेन का पता चल सकेगा और कर संग्रह में बढ़ोतरी होगी। बड़ी कंपनियों और कारपोरेट जगत की निगाह में ई-रुपए लेनदेन और आर्थिक निपटारे की तत्काल व्यवस्था बनाने में मदद साबित हो सकता है।
कोरोना महामारी के दौर में लोगों ने एहतियात के तौर पर नकदी रखना ज्यादा बेहतर समझा, जिससे चलन में बैंक नोटों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि कोरोना काल में डेबिट/ क्रेडिट कार्ड, नेट आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआइ) जैसे माध्यमों से डिजिटल भुगतान में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 में देश में क्रेडिट-डेबिट कार्ड, चेक-ड्राफ्ट और मोबाइल वालेट आदि सभी तरीके मिला कर सिर्फ बाईस फीसद भुगतान बिना नगदी वाले हो रहे थे।
लेकिन बाद के पांच वर्षों में यह तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। डिजिटल भुगतान प्रणालियों पर नजर रखने वाले संगठन- एसीआइ वर्ल्डवाइड की मार्च 2021 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सालाना 2550 करोड़ लेनदेन डिजिटल तरीकों से किए गए थे। इस मामले में भारत दुनिया के शीर्ष पर है और हमारे बाद चीन (1570 करोड़) और दक्षिण कोरिया (600 करोड़) का नंबर आता है। अमेरिका तो भारत से इस मामले में काफी पीछे यानी नौवें स्थान पर है, जहां वित्त वर्ष 2021 में ऐसे सिर्फ 120 करोड़ लेनदेन हुए थे।
डिजिटल मुद्रा की कई उपयोगिताएं हैं, पर खुद भारतीय रिजर्व बैंक ने ई-रुपी को अपनाने के पीछे जो तर्क गिनाए हैं, वे इसे कई मामलों में लाभप्रद ठहराते हैं। रिजर्व बैंक ने ई-रुपी को अपनाने की अहम जरूरत भौतिक मुद्रा यानी कागज के नोट व सिक्कों की छपाई, ढलाई पर प्रबंधन पर आने वाले भारी-भरकम खर्च कम करने के संदर्भ में बताई है। असल में नोटों की छपाई और उन्हें देश के कोने-कोने में पहुंचाने यानी वितरित करने की लागत काफी ज्यादा बैठती है और यह दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इसमें भी नकली नोटों के शामिल होने का भारी जोखिम बना हुआ है। डिजिटल मुद्रा इन समस्याओं का अंत मानी जा सकती है।
डिजिटल मुद्रा को ऐसे विकसित करने की योजना है, ताकि उसका आफलाइन इस्तेमाल भी हो सके। यानी देश के जिन इलाकों में इंटरनेट-मोबाइल नेटवर्क और बिजली नहीं है, वहां भी यह मुद्रा काम कर सके। वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के मुताबिक दुनिया में करीब सौ देशों में सरकारी नियंत्रण वाली डिजिटल मुद्रा लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। चीन ने अगले साल 2023 में ऐसा करने की घोषणा कर रखी है। यूरोपीय महासंघ अपने नियंत्रण वाले सत्ताईस देशों में डिजिटल मुद्रा लाने की योजना पर काम कर रहा है। उल्लेखनीय तो यह है कि नाइजीरिया और जमैका जैसे दस देश इस मामले में आगे निकल चुके हैं और उन्होंने अपने यहां डिजिटल मुद्रा लोगों को मुहैया करा दी है।
जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)?
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एक समय ऐसा था जब दुनिया में किसी भी प्रकार की मुद्रा नहीं चलती थी। पुराने ज़माने में लेन-देन केवल वस्तुओ के माध्यम से ही किया जाता था। जिसे हम सब Barter System के नाम से भी जानते हैं। लेकिन जेसे-जेसे समय बदलता गया वेसे-वेसे दुनिया अपग्रेड होती रही, और कुछ समय बाद नोट और सिक्कों का निर्माण हुआ जिस से लेन-देन का तरिका पूरी तरह से बदल गया।
और आज के समय में यही नोट और सिक्के हमारे प्रमुख करेंसी है, जिनके आधार पर पूरी दुनिया का लेने-देन चलता आ रहा है।
लेकिन क्या आप जानते हैं इनके अलावा भी एक करेंसी (Currency) है जो पूरी तरह से डिजिटल है। और इस डिजिटल करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जाना जाता है।आज समय एकदम फास्ट फॉरवर्ड हो चुका है, टेक्नोलॉजी (Technology) के साथ हर रोज एक नया आविष्कार कर के लोगो में जागरुकता फेला रहा है। लेकिन कई लोगो के मन में अभी भी ये प्रश्न है की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है? और ये करेंसी डिजिटल हो के भी काम कैसे करती हैं? साथ ही इसे इस्तमाल करने के फ़ायदे क्या है?
सारे स्वालो के जवाब जान ने के लिए आर्टिकल (Article) को पूरा जरूर पढ़े।
मुद्रा (Currency) क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को समझने से पहले हम जानेंगे की करेंसी (Currency) क्या है।
देखा जाए तो आज हर देश के पास अपनी-अपनी करेंसी है। जेसे भारत के पास अपनी मुद्रा (Currency) रुपया है, वेसे ही अमेरिका के पास डॉलर है। और हर एक देश के पास ठीक इसी तरह अपनी-अपनी देश की मुद्रा (Currency) है। करेंसी वो है जो देश दवारा मान्याता प्रपात की गई हो। तभी उस करेंसी की असली वैल्यू (Value) मानी जाती है। करेंसी के बदले में कोई भी वस्तु या सेवा खरीदी जा सके, उसे ही करेंसी कहा जाता है। देखा जाए तो करेंसी कागज और धातु के रूप में बनाये जाते हैं जो सरकार द्वार मान्य हो। इन करेंसी को हम आशनी से छू सकते है, पकड़ सकते हैं या फिर पर्स में रख भी सकते हैं। तभी इनको भौतिक मुद्रा (Physical Currency) के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले ऐसा नहीं होता है।
जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी , जिसे क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की डिजिटल या आभासी मुद्रा (Virtual Currency) है जो लेनदेन की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है। क्रिप्टोकरेंसी ऐसी मुद्रा है जिसे विकेंद्रीकृत प्रणाली (Decentralized System) द्वारा प्रबंधित (managed) किया जाता है।
दूसरे शब्दों में समझे तो ये एक ऐसी करेंसी है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) पर आधारित है, जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित भी है। जिस कारण से इसे हैक (Hack) करना या कॉपी (Copy) करना बहुत ही मुश्किल है।
देखा जाये तोह क्रिप्टोकरेंसी का Physical कोई भी अस्तित्व नहीं है क्योंकि यह ऐसी डिजिटल करेंसी है जो Computer Algorithm पर बनी है। क्रिप्टोकरेंसी की सबसे खास बात यह है कि ये पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है मतलब किसी भी देश या सरकार का इस पर नियंत्रण (Control) नहीं है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी की Value है?
क्रिप्टोकरेंसी को भले ही किसी नोट या सिक्को में प्रिंट (Print) नहीं किया जाता। लेकिन आज के समय में इसकी अपनी वैल्यू है। इसे भले ही आप अपने पॉकेट या तिजोरी में रख नहीं सकते लेकिन आप इसका भरपुर इस्तेमाल कर सकते है जैसे आप देश की करेंसी को करते है।
क्रिप्टोकरेंसी से आप सामान खरीद सकते है, Investment कर सकते है, Trade कर सकते है। फर्क सिर्फ इतना है कि आप इसे किसी भी बैंक या लॉकर में नहीं रख सकते हैं क्योंकि यह पूरी तरह से डिजिट (Digit) पर आधारित है यानी आप इसे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (Online Transaction) के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसीलिए इसे डिजिटल मनी (Digital Money) और वर्चुअल मनी (Virtual Money) भी कहा जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार:
दुनिया का सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी “Bitcoin” है। इसका आविष्कार सातोशी नाकामोतो नामक एक इंजीनियर ने 2008 में किया था और 2009 में इसे ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। कहा जाता है ब्लॉकचेन पे सबसे पहले रन होने वाली करेंसी भी बिटकॉइन “Bitcoin” ही थी।
कुछ विशेषज्ञ (Experts) के अनुसार सन 2008 से लेकर सन 2022 तक अनुमान लगाया जा रहा है की मार्केट में 20,000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरंसी लॉन्च हो चुके हैं। मतलब क्रिप्टोकोर्रेंसी शुरुआती दौर से ही अपनी कामियाबी आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना की छाप छोड़ता जा रहा है। कहा जाता है की आने वाले समय में क्रिप्टोकुरेंसी और भी ज्यदा उपयोगी और फायदेमंद सबित होगा।
Top क्रिप्टोकुरेंसी (Cryptocurrencies)
Bitcoin: हाल ही आपने लेख (Article) में पढ़ा की बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी है।
Ethereum: एथेरियम एक विकेंद्रीकृत ओपन-सोर्स ब्लॉकचेन है। CoinMarket Cap के हिसब से यह दुनिया की दुसरी बड़ी क्रिप्टो करेंसी में से है। इसका आविष्कार 2015 में हुआ था और से ईथर (Ether) के नाम से भी जाना जाता है।
Dogecoin: डॉगकॉइन का निर्माण 2013 में दुनिया के सबसे बेहतरीन दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स ने किया था। यह ऐसी क्रिप्टोकरेंसी है जिसका नाम एक Sarcastic meme के आधार पर रखा गया है।
CNF Token: CNF टोकन का निर्माण 2021 में हुआ था। CNF टोकन TRC 20 टोकन है जो ट्रॉन ब्लॉकचेन (आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना Tron Blockchain) पर बनाया गया है।
आज के समय में सभी को क्रिप्टोकरेंसी से वर्चित होना चाहिए क्योकि क्रिप्टोकरेंसी हमारा फ्यूचर मनी (Future Money) है आज नहीं तो कल ये हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण (Important) हिसा जरूर बन जाएगा और तकनीक (Technology) भी तेज गति से आगे बढ़ रही है और आने वाले समय में ये और भी ज्यादा फास्ट (Fast) और उपयोगी (Useful) होने वाला है।