क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है

ऐसे में पैसा दुनिया के किसी भी कोने से दूसरे कोने में पलक झपकते ही पहुंच जाता है और इसका कोई रूप नहीं होता. एक देश से दूसरे देश तक यह लाखों कंप्यूटरों के जरिये जुड़ा हुआ है. इसमें हर ट्रांजेक्शन श्रृंखलाबद्ध तरीके से है. यह अति डिजिटाइजेशन का अद्भुत नमूना है जिसे कोई छेड़ नहीं सकता और उसमें कोई सेंध नहीं लगा सकता. इसमें डाली गई सूचना कभी भी बदली नहीं जा सकती. सारा पैसा कंप्यूटरों के हवाले. इसकी गोपनीयता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि कोई नहीं जानता किस महानुभाव ने ब्लॉकचेन बनाने की शुरुआत की और कैसे ये सारी दुनिया में फैल गई. ऐसा अंदाजा है कि आज दुनिया भर में लगभग पांच करोड़ लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.
Cryptocurrency in Hindi | क्रिप्टोकरेंसी क्या है और मैं इसमें कैसे निवेश करूं?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) आज के युवा पीढ़ी का पसंदीदा एसेट है। आज हर कोई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहता है, सिर्फ और सिर्फ बिटकॉइन की प्राइस को देखकर। एक सर्वे के मुताबिक भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने बाले लोगों की संख्या 10 करोड़ के करीब है जब की शेयर मार्किट में यह आंकड़ा 8 करोड़ के करीब है। भारत के क्रिप्टो करेंसी निवेशक में 62 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने आपना पहला Investment क्रिप्टो में किया हुआ है।
इस डाटा के आधार पर यह कह सकते हैं के भारत में क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन क्या इन सभी लोगों को क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानकारी है और क्या हम क्रिप्टो में निवेश करने से पहले उसके बारे में रिसर्च करते हैं ? अगर में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करूं तो मुझे क्रिप्टोकरेंसी क्या है (What is Cryptocurrency in Hindi) समझना होगा और साथ ही शेयर बाजार की पूरी जानकारी भी रखनी होगी।
Cryptocurrency in Hindi | क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल और डिजिटल मुद्रा है जिसे क्रिप्टोग्राफ़ी के मदद से बनता है, जिसे न हम छू सकते हैं न हम देख सकते हैं। यह एक फिजिकल करेंसी नहीं है जैसे की डॉलर, रुपया आदि। इसे केवल एक सिक्योर ट्रांज़ैक्शन के तोर पे इस्तेमाल करने के लिए बनाया जाता है। क्रिप्टो करेंसी की ट्रांज़ैक्शन के लिए कोई थर्ड पार्टी (जैसे की बैंक) की जरुरत नहीं होती।
आज हज़ारों क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) मार्किट में Available हैं, इनमे से कई Decentralized करेंसी होते हैं, कई Privacy कॉइन होते हैं, कई Stable कॉइन होते और कई टोकन होते हैं जो दूसरे ब्लॉकचैन प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं। ये सभी कॉइन और टोकन Private होते हैं क्यूंकि इन Crypto Coins और Tokens को किसी भी देश की सरकार नहीं चलाती।
दुनिया का पहला क्रिप्टोकरेंसी 2009 में Santoshi Nakamoto ने Invent किया था, जिसे हम Bitcoin के नाम से जानते हैं। क्रिप्टो करेंसी में बिटकॉइन काफी पॉपुलर है और इसकी Success के बाद आज हज़ारों Cryptocurrency मार्किट में देखने को मिलते हैं।
क्रिप्टो करेंसी के प्रकार
Crypto Exchanges में हमे कई सारे कॉइन और टोकन देखने को मिलते हैं जिन्हे हम क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इनमे से हर एक क्रिप्टो करेंसी की अलग अलग यूज़ केस है और कई प्रकार के होते हैं। यूज़ केस के अनुसार Cryptocurrencies कई प्रकार के होते हैं, जैसे की
- Payment क्रिप्टोकरेंसी
- Blockchain क्रिप्टोकरेंसी
- Privacy क्रिप्टोकरेंसी
- Stable क्रिप्टोकरेंसी
Payment क्रिप्टोकरेंसी
इन क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency in Hindi) को किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट को खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कई कंपनी और कई ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट आपने प्रोडक्ट और सर्विसेस को बेचने के लिए क्रिप्टो करेंसी में भी Payment लेते हैं।
Bitcoin और Litecoin दो पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी हैं जिनको Payment के तोर पे यूज़ किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) काम करती है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पे, यह एक डिजिटल Ledger होता है जिसमे क्रिप्टो करेंसी की साड़ी ट्रांज़ैक्शन का details स्टोर होता है। ब्लॉकचैन में ब्लॉक्स के मदद से डाटा को स्टोर किया जाता है। एक ब्लॉक में डाटा फुल होने के बाद Automatically दूसरा ब्लॉक Create हो जाता है, और फिर तीसरा, चौथा, पांचवा. ऐसे ब्लॉक्स बनते जाते हैं।
यह सारे ब्लॉक्स एक दूसरे के साथ एक Hash Code के जरिये जुड़े रहते हैं। पहला ब्लॉक का Current Hash दूसरे ब्लॉक का Previous Hash होता है, दूसरे ब्लॉक का Current Hash तीसरे ब्लॉक का Previous Hash होता है। इसीतरह सारे ब्लॉक्स आपस में जुड़े होते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में है करप्शन, निवेश का रास्ता या पैसा छुपाने का माध्यम
पिक्साबे से ग्राफिक
यह साल ऐसा है कि दुनिया भर के कई निवेशक रातों रात मालामाल हो गए हैं. उन्होंने न तो शेयर बाज़ार में निवेश किया था और न ही सोने में और न ही किसी और प्रचलित माध्यम में. उनका निवेश था क्रिप्टो करेंसी में जो न तो दिखता है और न ही जिसे कोई बैंक जारी करता है. दुनिया भर के कंप्यूटरों में उपलब्ध यह करेंसी कहीं भी कभी भी खरीदी या बेची जा सकती है. इसके लिए न तो किसी कागज की जरूरत है न ही किसी रसीद की . किसी तिलस्मी कथा की तरह हर चीज यहां रहस्यमय है. इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसे पूरी तरह समझने के लिए बहुत वक्त चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि इसने लाखों लोगों की तकदीर कुछ मिनटों में बदल दी.
क्रिप्टो करेंसी कैश सिस्टम है
आजकल जिस बिटकॉयन की चर्चा जोर-शोर से हो रही है वह दरअसल क्रिप्टो करेंसी ही है. यह इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है. किसी समय महज एक डॉलर से शुरू हुई इस करेंसी की आज कीमत 66,000 डॉलर है. इसी की तर्ज पर और भी कई और डिजिटल क्रिप्टो कैश आ गए हैं. इनमें सबसे ऊपर है एथिरियम जो बिटकॉयन की तरह ही विकेन्द्रित और ओपनसोर्स ब्लॉकचेन है. इन दोनों में फर्क यह है कि इसे डेवलप करने वालों के बारे में सभी को पता है. 2013 में एक प्रोग्रामर बिटालिक बुटेरिन ने इसे तैयार किया था. इसकी कीमत बिटकॉयन से काफी कम है क्योंकि यह उस पैमाने पर पॉपुलर नहीं हो सका है. ऐसी ही एक करेंसी सालोना है जिसकी कीमत लगभग 190 डॉलर है.
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सरकारों के सामने बड़ी चुनौती
क्रिप्टो करेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है. बिना कोई कागजात के ये चाहें तो करोड़ों-अरबों डॉलर इसमें लगा सकते हैं. इसका पता कोई नहीं लगा सकता है क्योंकि इसमें गोपनीयता इतनी है कि जांच एजेंसियों के छक्के छूट जाएंगे. इसमें कोई दस्तावेज या कोई सबूत नहीं होता है. होता है कूट भाषा में बना कोड जिसके जरिये सारा खेल होता है. यह पैसा मिनट भर में सौ-डेढ़ सौ देशों की सीमाएं पार करने की क्षमता रखता है. यानी अवैध पैसा भेजने वाला निश्चिंत रह सकता है कि उसके धन पर किसी भी जांच एजेंसी की नजर नहीं पड़ सकती. किसी तरह की निगरानी भी बैकार है. यह दुनिया भर की सरकारों के लिए के सिरदर्द साबित हुआ है. भारत सरकार ने इस पर कुछ समय के लिए रोक भी लगाई थी और आगे के लिए कानून बनाने की बात सोची थी लेकिन सरकार के कुछ सलाहकारों ने ऐसा न करने की हिदायत दी. इसके बाद इस पर से प्रतिबंध हट गया है. इसकी बजाय अब सरकार एक डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रही है जिसमें कोई नकदी नहीं होगी और न ही होगा कोई क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेकिन यह होगा विशुद्ध देसी.
अब आधिकारिक तौर पर ‘क्रिप्टोकरेंसी’ खत्म होने के कगार पर है
10 नवंबर 2021 को बिटकॉइन का मूल्य 69,000 डॉलर था. किन्तु, उसके बाद से अचानक से ही सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने अपना आधा मूल्य खो दिया है। 69,000 डॉलर से यह सीधे 30,000 डॉलर पर गिरा। 12 मई 2022 को तो इसने अपने 17 महीने के सबसे निचले स्तर को छू लिया, जो 25,401 डॉलर था। हालांकि, मार्केट कैप के हिसाब से क्रिप्टोकरेंसी अभी भी सबसे बड़ी डिजिटल संपत्ति बनी हुई है, लेकिन अब स्थिति उतनी अच्छी नहीं रही। क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार मूल्य अब 200.3 ट्रिलियन है। डेटा प्लेटफॉर्म कॉइनग्लास का बिटकॉइन फियर एंड ग्रीड इंडेक्स ऑफ मार्केट सेंटिमेंट जो इसके संभावित नुकसान और मुनाफे को दर्शाता है उसकी वैल्यू (-13) हो चुकी है। अगर साधारण शब्दों में समझे तो यह आंकड़ा इसके नकारात्मक विकास को इंगित करता है।
ट्रेडिंग वॉल्यूम गिर गया
1 अप्रैल को बजट पास होने के बाद से इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में 50% तक की गिरावट आएगी। वॉल्यूम के हिसाब से भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज वज़ीर एक्स ने अपने कारोबार में 90% तक की गिरावट देखी। जैसे ही क्रिप्टोकरेंसी लोकप्रिय हुई, लोगों ने दुनिया भर में क्रिप्टो में निवेश और व्यापार करना शुरू कर दिया। यही बात भारत में भी देखी जा सकती है। भारत में इसका प्रचलन मुख्यतः वर्ष 2020-2021 के आरम्भ में हुआ। RBI ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई नियम बनाए हैं, लेकिन इसके ट्रेडिंग में अभी भी कुछ खास गिरावट देखने को नहीं मिली है।
अब इसे न तो उन्हें सरकार द्वारा कानूनी निविदा के रूप में मान्यता दी जाती है और न ही उन्हें RBI द्वारा विनियमित किया जाता है। उसके बाद बजट में वित्त मंत्री और फिर RBI ने डिजिटल करेंसी की बात कर दी। सरकार द्वारा बनाए गए कानून में क्रिप्टो में ट्रेडिंग को प्रतिबंधित करने वाला कोई कानून तो नहीं है, लेकिन उसकी स्वछंदता सीमित कर दी गयी है। उस अर्थ में क्रिप्टोकरेंसी अब सोना, कमोडिटी इत्यादि जैसी किसी अन्य संपत्ति जैसी हो गयी है।
मौजूदा खतरे
दमनकारी कर व्यवस्था क्रिप्टो निवेशकों के साथ जुआरी से भी बदतर व्यवहार करती है। कोई भी निवेशक 30 फीसदी के निषेधात्मक कर ब्रैकेट के साथ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकता है, लेकिन क्रिप्टो व्यापारी अपने कर के बोझ को कम करने के लिए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते। उद्योग की शुरुआती और अस्थिर प्रकृति को देखते हुए यह एक बहुत बड़ा अवरोध है। सभी क्रिप्टो लेनदेन पर स्रोत (TDS) पर 1% कर कटौती ट्रेडिंग वॉल्यूम को और प्रभावित करेगी और व्यापारियों को दूर भगाएगी।
हम सभी जानते हैं कि भारतीय एक्सचेंजों ने स्थिर भुगतान भागीदारों (बैंक, भुगतान एग्रीगेटर, ई-वॉलेट) के लिए संघर्ष किया है। हालांकि, 1 अप्रैल के बाद से ये चुनौतियां कई गुना बढ़ गई हैं। सबसे पहले वॉलेट प्रदाता MobiKwik ने एक्सचेंजों के साथ काम करना बंद कर दिया। यह एक मुख्य कारण था कि अधिकांश बड़े प्लेटफॉर्म जीवित रहने में सक्षम थे। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ऑपरेटर, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने भी क्रिप्टो एक्सचेंजों से खुद को अलग कर लिया, जिसके कारण कॉइनस्विच कुबेर और कॉइनबेस दोनों ने अपने प्लेटफॉर्म से विकल्प को हटा दिया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
क्रिप्टो उद्योग किसी तरह से टिका है लेकिन वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को क्रिप्टो कंपनियों से निपटने से प्रतिबंधित करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के 2018 के फैसले को उलट दिया। अब उद्योग के पास अपने मामले को एक बार फिर अदालत में ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा होगा, क्योंकि सरकार नियमों पर अपना समय लेती है। किसी भी संपत्ति की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि नए निवेशक उसे कितना चाहते हैं। किसी न किसी रूप में नियमों के संकेत के साथ-साथ केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की घोषणा ने इसके प्रति सभी आशाओं को ध्वस्त कर दिया है। भले ही खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी और भावना दुनिया भर में बढ़ती रही हो, लेकिन क्रिप्टो व्यापार की मात्रा और निवेश में तेजी नहीं आई है। ऐसा लगता है कि दुनिया भर में लोग क्रिप्टो बाजार दुर्घटना की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए वे क्रिप्टो जैसे उच्च-जोखिम, उच्च-वापसी परिसंपत्ति वर्गों की तुलना में सुरक्षित संपत्ति में निवेश करने की अधिक संभावना रखते हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की तैयारी, जानिए अन्य देशों में इसको लेकर क्या है नियम
भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाए जाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने का निर्णय किया है। सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले विधेयकों की मंगलवार को जारी की गई सूची में क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है भी क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक शामिल था। हालांकि, भारत से पहले कई अन्य देश भी क्रिप्टोकरेंसी पर सख्ती बरत चुके हैं। यहां जानते हैं कि अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर क्या नियम है।
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। इसे देखा या छुआ नहीं जा सकता है, लेकिन डिजिटल कॉइन के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में जमा किया जा सकता है। यह एक तरह की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो पूरी तरह के कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर निर्भर है। इसी पर किसी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इसकी शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए।
cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in hindi
what is cryptocurrency in hindi (cryptocurrency क्या है?) ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो ऑनलाइन तेजी से पैसा कमाना चाहता है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। जहां दुनिया भर में cryptocurrency की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वहीं हमारे देश क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज हर कोई क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी लेना चाहता है। आज हम आपको बताएँगे आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और cryptocurrency किस तरह काम करती है?
cryptocurrency क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। cryptocurrency का पूरा कारोबार ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो बिल्कुल रुपये या डॉलर के समान ही होता है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह वर्चुअल यानी आभाषी होता है जो और दिखाई नहीं देती क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है और इसे न ही आप छू सकते हैं। क्रिप्टोकरंसी एक तरह की प्राइवेट करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप नोट या सिक्के की तरह अपने हाथ में ले नहीं सकते। cryptocurrency का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। यह वर्चुअल होती है और डिजिटल एसेट्स के रूप में मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी के जरिये सेक्योर किया जाता है। प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम के कोड से बनाई जाती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी की पूरी की पूरी कॉपी बना लेना तकरीबन नामुमकिन होता है। आइये जानते है क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency क्या है?) से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी।
cryptocurrency का मतलब क्या है?
Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।
किसने बनाई cryptocurrency?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।