भारत के प्रमुख शेयर बाजार

सप्ताह के आखिरी दिन शेयर बाजार में उछाल, सेंसेक्स 300 अंक से अधिक चढ़ा
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को शेयर बाजार (Share Market) हरे निशान पर खुला। शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स (Sensex) में 300 अंकों से अधिक की तेजी हुई और इस दौरान इंफोसिस, टीसीएस और एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े शेयरों में तेजी और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते बाजार को मजबूती मिली। वहीं निफ्टी (Nifty) 14,200 के पार कारोबार कर रहा था।
सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स (BSE Sensex) शुरुआती कारोबार में 328.75 अंक या 0.68 प्रतिशत बढ़कर 48,422.07 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी (NSE Nifty) 101.15 अंक या 0.72 प्रतिशत चढ़कर 14,238.50 पर पहुंच गया।
इन शेयरों में आई बढ़त
सेंसेक्स में करीब दो प्रतिशत की तेजी के साथ सन फार्मा में सबसे अधिक बढ़त रही, जबकि इंफोसिस, पावरग्रिड, टीसीएस, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, डॉ रेड्डीज और बजाज ऑटो भी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
इन शेयरों में आई गिरावट
दूसरी ओर एचडीएफसी, टाइटन, कोटक बैंक और बजाज फिनसर्व में गिरावट हुई।
गुरुवार को बढ़त के साथ बंद हुआ बाजार
पिछले सत्र में सेंसेक्स 80.74 अंक या 0.17 प्रतिशत टूटकर 48,093.32 पर बंद हुआ था, और निफ्टी 8.90 अंक या 0.06 प्रतिशत फिसलकर 14,137.35 पर आ गया था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने गुरुवार को सकल आधार पर 382.30 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
सिक्का बाजार
सिक्का बाजार भारतीय शेयर मार्केट (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्टेड सभी कंपनीयों से जुडी जानकारीयों को एकत्र करती है। यह लगभग ४ हज़ार कंपनियों का डाटा उपलब्ध करवाती है ,यहाँ पर आपको कंपनी का वर्तमान भाव से लेकर कंपनी रिसर्च करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी सहित कंपनी के तिमाही परिणाम, लाभ हानि भारत के प्रमुख शेयर बाजार रिपोर्ट, नकदी प्रवाह तथा वित्तीय स्थिति का विवरण हिंदी भाषा में मिलेगा।
शेयर बाजार लगातार तीसरे दिन हरे निशान में बंद, सेंसेक्स 550 अंक उछला
घरेलू शेयर बाजारों (Stock Markets) में लगातार तीसरे दिन तेजी रही और BSE Sensex में 549 अंक से अधिक मजबूत हुआ. वैश्विक बाजारों भारत के प्रमुख शेयर बाजार में सकारात्मक रुख और सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में लिवाली से बाजार लाभ में रहा. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 549.62 अंक उछलकर 58,960.60 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 732.68 अंक तक चढ़ गया था. दिन की शुरुआत में सेंसेक्स बढ़त के साथ 58,744.13 पर खुला. पूरे दिन में इसने 59,143.66 का उच्च स्तर और 58,744.13 का निचला स्तर छुआ.
सेंसेक्स पर लिस्टेड 30 कंपनियों में से 5 के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) रहा, जो सबसे ज्यादा 3.41 प्रतिशत चढ़ा. इसके अलावा, ITC, नेस्ले इंडिया, भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और लार्सन टुब्रो भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे. नुकसान में रहने वाले शेयरों में HDFC लि., NTPC, HDFC बैंक, टेक महिंद्रा और सन फार्मा शामिल हैं.
Nifty50 पर कैसा रहा ट्रेंड
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (NSE Nifty) 175.15 अंकों की बढ़त के साथ 17,486.95 पर बंद हुआ. एनएसई पर सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए हैं. सबसे ज्यादा 3.97 प्रतिशत निफ्टी पीएसयू बैंक चढ़ा है. निफ्टी पर एसबीआई, अडानी पोर्ट्स, आयशर मोटर्स, नेस्ले इंडिया, आईटीसी टॉप गेनर्स रहे. नुकसान में भारत के प्रमुख शेयर बाजार रहने वाले शेयरों में एचडीएफसी लि., एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा और सन फार्मा शामिल हैं. दूसरी ओर एनटीपीसी, एचडीएफसी, सनफार्मा, टेक महिन्द्रा, बीपीसीएल टॉप लूजर्स रहे.
वैश्विक बाजारों की कैसी भारत के प्रमुख शेयर बाजार रही चाल
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंग लाभ में, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक नुकसान में रहा. यूरोप के प्रमुख भारत के प्रमुख शेयर बाजार शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में सकारात्मक रुख रहा. अमेरिकी शेयर बाजार वाल स्ट्रीट में सोमवार को अच्छी तेजी थी. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 91.02 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार शुद्ध रूप से बिकवाल बने हुए हैं. उन्होंने सोमवार को 372.03 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
रुपया 7 पैसे की गिरावट के साथ 82.37 प्रति डॉलर पर
सीमित कारोबार के दौरान रुपया मंगलवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले सात पैसे की गिरावट के साथ 82.37 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ. शुरुआती कारोबार में रुपये में तेजी थी, लेकिन वह बरकरार नहीं रह पायी. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.21 पर खुला. कारोबार के दौरान 82.02 के उच्च स्तर और 82.37 के निचले स्तर को छुआ. कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव 82.30 प्रति डॉलर के मुकाबले सात पैसे की गिरावट के साथ 82.37 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत बढ़कर 112.24 हो गया.
Independence Day: करीब 147 साल पुराना है देश में स्टॉक ट्रेडिंग का इतिहास, यहां पढ़ें पूरी डिटेल
डीएनए हिंदी: आज यानी सोमवार को पूरा देश एवं दुनियाभर में रहने वाले भारतीय भारत की आजादी का अमृत महोत्सव सेलीब्रेट कर रहे हैं. देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन देश में स्टॉक ब्रोकिंग का इतिहास (Stock Broking History) करीब 147 साल पुराना है. जी हां, बांबे स्टॉक एक्सचेंज एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज (BSE Asia Oldest Stock Exchange) हैं, जिसकी शुरूआत 1875 में शुरू हुर्ह थी. वैसे सिक्योरिटी एवं बांड में कारोबार और शेयर बाजार की नींव तो और भी पहले पडऩी शुरू हो गई थी. आइए आपको भी बताते हैं कि दुनिया के 11वें सबसे बड़े शेयर बाजार (Share Market) के इतिहास के बारे में.
18वीं शताब्दी में पडऩी शुरू हो गई थी नींव
भारत में स्टॉक ट्रेडिंग 18वीं शताब्दी में ही शुरू हो गई थी, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने लोन सिक्योरिटीज में व्यापार करना शुरू किया था. बाद में 1830 के दशक में, बैंक और कॉटन प्रेस के स्टॉक के साथ बॉम्बे में कॉर्पोरेट शेयरों का कारोबार शुरू हुआ. भारत में स्टॉक एक्सचेंज अनौपचारिक रूप से 1850 के दशक में शुरू हुए जब 22 स्टॉक ब्रोकरों ने भारत के प्रमुख शेयर बाजार एक बरगद के पेड़ के नीचे बॉम्बे के टाउन हॉल के सामने कारोबार करना शुरू किया. कंपनी अधिनियम 1850 में पेश किया गया था, जिसके बाद निवेशकों ने कॉर्पोरेट सिक्योरिटीज में रुचि दिखाना शुरू कर दिया.
1875 में बीएसई की हुई शुरुआत
ब्रोकर्स की संख्या लगातार बढ़ती रही और अंतत: 1874 में उस जगह पर आ गए जिसे मौजूदा समय में दलाल स्ट्रीट कहा जाता है. नेटिव शेयर एंड स्टॉकब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से जाने जाने वाले एक अनौपचारिक समूह ने 1875 में खुद को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के रूप में संगठित किया. बीएसई एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत पहली बार स्थायी मान्यता दी गई थी. 1894 में, बीएसई के बाद अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज आया जिसने कपड़ा मिलों के शेयरों में फोकस किया. 1908 में कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज में बागानों और जूट मिलों के शेयरों का कारोबार शुरू हुआ. 1920 में मद्रास स्टॉक एक्सचेंज स्थापित हुआ.
आजादी के बाद स्टॉक एक्सचेंज
स्वतंत्रता के बाद, बीएसई व्यापार की मात्रा पर हावी था. हालांकि, पारदर्शिता के निम्न स्तर और अविश्वसनीय समाशोधन और निपटान प्रणाली ने वित्तीय बाजार नियामक की आवश्यकता को बढ़ा दिया. सेंसेक्स या संवेदनशील सूचकांक 1986 में शुरू किया गया था, इसके बाद 1989 में बीएसई राष्ट्रीय सूचकांक जारी किया गया था. 1988 में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड का जन्म एक गैर-सांविधिक निकाय के रूप में हुआ था, जिसे आगे 30 जनवरी, 1992 को सेबी अधिनियम पारित करके वैधानिक दर्जा दिया गया था.
बीएसई के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक और स्टॉक एक्सचेंज की जरूरत को पूरा करने और शेयर बाजार में पारदर्शिता की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 1994 में अस्तित्व में आया. एनएसई ने 1994 में होल सेल डेट मार्केट (डब्ल्यूडीएम) सेगमेंट, 1994 में इक्विटी सेगमेंट और 2000 में डेरिवेटिव सेगमेंट में कारोबार करना शुरू किया.
1995 में, बीएसई ने ओपन-फ्लोर सिस्टम से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम पर स्विच किया. 2015 में, कमोडिटी मार्केट रेगुलेशन को मजबूत करने, घरेलू और विदेशी संस्थागत भागीदारी को सुविधाजनक बनाने और नए उत्पादों को लॉन्च करने के लिए सेबी को फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) के साथ मिला दिया गया था.
देश में कितने हैं स्टॉक एक्सचेंज
देश को आजादी मिलने के बाद, बीएसई के अलावा 23 स्टॉक एक्सचेंज जोड़े गए, लेकिन वर्तमान में, बीएसई और एनएसई के अलावा केवल पांच मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज हैं:
- कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड
- मगध स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड
- मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड
- इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (इंडिया आईएनएक्स)
- एनएसई आईएफएससी लिमिटेड
वर्तमान में, बीएसई को दुनिया के 11वें सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मापा जाता है, जिसका मार्केट कैप लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर है. एनएसई का बाजार पूंजीकरण 1.65 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है. बीएसई के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स को सेंसेक्स कहा जाता है और एनएसई के लिए यह निफ्टी 50 है.
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