क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है?

4. दूसरों को देखकर न लगाए होड़
शेयर बाजार में शुरू करना चाहते हैं कामयाबी का सफर, इन 5 कदमों से मिलेगी मंजिल
बाजार में निवेशकों को कई तरह की सावधानियां रखनी जरूरी होती हैं। इसमें सबसे अहम है कि आप लालच में आकर निवेश का कोई फैसला न करें और अनजाने लोगों से मिली सलाहों सोशल मीडिया से मिल रही सलाहों से दूर रहें।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। आपने अक्सर न्यूज चैनल में या खबरों में ऐसी तस्वीरें देखी होगी जिसमें बीएसई के बाहर लोग खड़े होकर बड़ी स्क्रीन पर बाजार की खबरें देखते हुए या शेयर के भाव पढ़ते हुए दिखते हैं। क्या आप भी ऐसे लोगों में शामिल है जो बाजार से बाहर रहकर बाजार पर उम्मीद भरी नजर लगाए खड़े हैं। छोड़िए अब ये इंतजार और हमारे साथ करिए शेयर बाजार में एंट्री और बनिए उन सभी सफल कहानियों का हिस्सा जिनकी वजह से बाजार आपकी राह रोक लेता है। आगे बढ़ने से पहले ये बताना क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है? भी जरूरी है कि बाजार में सफल कहानियों का हिस्सा बनना किसी भी कीमत पर आसान काम नहीं है। लेकिन थोड़ी तैयारी कुछ प्लानिंग और उस प्लानिंग पर मेहनत आपको सफल बना सकती है। आज हम आपको बाजार में अपनी शुरूआत करने की एक आसान योजना बता रहे हैं जिस पर आप आगे बढ़ सकते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट खोलना
शेयर बाजार में कामयाबी तभी मिलती है जब आप सही समय पर कदम उठाएं। इसलिए निवेश शुरू करने से पहले आप तय कर लें कि आपके पास सही टूल्स मौजूद हों। इसमें सबसे अहम होता है ट्रेडिंग अकाउंट। Trading Account का मतलब वो अकाउंट जिसकी मदद से आप सौदे कर सकें। देश भर में छोटे-बड़े कई ब्रोकिंग फर्म मौजूद हैं जो कि तेजी के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खोलती हैं। हालांकि ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके दस्तावेज कितने पूरे हैं। वास्तव में इस प्रक्रिया में तीन अकाउंट शामिल होते हैं। पहला बैंक खाता जो पैसों से जुड़ा होता है, दूसरा डीमैट खाता जहां सिक्योरिटी जमा होती है और तीसरा ट्रेडिंग खाता जहां से आप ट्रेड करते है। हर ब्रोकिंग फर्म के ट्रेडिंग अकाउंट के अलग अलग फंक्शन होते हैं और उन्हें पूरा समझने में आपको वक्त लग सकता है। वहीं ट्रेडिंग अकाउंट को ऑपरेट करते वक्त छोटी से गलती आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए बाजार में निवेश से पहले अच्छे ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना उसके फंक्शन समझना और ब्रोकर्स के द्वारा दी जा रही सुविधाओं को जानना क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है? बेहद अहम है। ये प्रक्रिया आपको बाजार में सौदा करने और बाजार के फंक्शन को समझने में भी मदद करेगी।
स्टॉक क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है? का चुनाव
एक बार जब आप बाजार में एंट्री के लिए तैयार हों तो उसके बाद अगला कदम आता है कि आप निवेश कहां करें। बाजार में निवेश से फायदा दो बातों पर निर्भर करता है। पहला-आपने किस स्टॉक में निवेश किया है और दूसरा-आपने कब इस स्टॉक में निवेश किया है। स्टॉक और उस समय की पहचान बेहद मुश्किल काम है। इसके लिए आप शुरुआत में बाजार के किसी जानकार की सलाह ले सकते हैं, और समय के साथ बाजार को लेकर अपनी समझ विकसित कर सकते हैं। शुरुआत में निवेश का हर फैसला अच्छी तरह से सोच समझ कर क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है? क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है? करें क्योंकि ऐसा देखा गया है कि आम निवेशक जिन्हें शुरूआती सौदों में नुकसान हुआ है उनमें से अधिकांश वापस बाजार में नहीं उतरते या फिर निवेश को लेकर आत्मविश्वास खो देते हैं। ध्यान रखें कि शुरुआती सौदे भले ही ऊंचे रिटर्न न दें लेकिन वो ऐसे हों जिसकी वजह से बाजार पर आपका भरोसा बना रहे।
आज कल ट्रेडिंग अकाउंट से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है और आप एक मिनट में सौदे कर सकते हैं। प्रक्रिया में आपको ये बताना होता है कि आप कितने शेयर लेना चाहते हैं और किस भाव पर लेना चाहते हैं और बीएसई या एनएसई किससे खरीद करना चाहते हैं। एक बार ये तय होने पर ब्रोकर अपने ब्रोकरेज के साथ आपको सौदे की पूरी जानकारी दे देगा,आपके अप्रूवल के साथ आपका ऑर्डर बाजार पहुंच जाएगा। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि ये आपका ऑर्डर है और ये तभी पूरा होगा जब कोई दूसरा आपका ऑर्डर स्वीकार करेगा। अगर सौदा पूरा होता है तो आपके खाते में शेयर ट्रांसफर होने में 2 दिन लगते हैं। ये प्रक्रिया बेहद आसान लेकिन काफी अहम होती है और इसमें गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती। ध्यान रखें कि ऑर्डर भरते वक्त अगर आपसे कोई गलती हुई तो इसका नुकसान आपको ही उठाना होगा।
बाजार में निवेश की रणनीति
एक बार stock का चुनाव करने के बाद आपको तय करना होता है कि आपकी निवेश रणनीति क्या होगी। बाजार में निवेश की रणनीति इस बात पर तय होती है कि आप बाजार में कब तक बने रहना चाहते हैं। आप कुछ मिनटों में सौदा कर सकते हैं तो वहीं आप दशकों तक भी पैसा लगाए रख सकते हैं। जानकार सलाह देते हैं कि शुरुआती निवेशक day trading या short term investment को पहले समझें, सही गाइडेंस के साथ ट्रेडिंग के हुनर सीखें फिर आगे बढ़ें इससे आपके सफल काराबोरी बनने की संभावनाएं मजबूत होंगी। एक दिन के कारोबार या एक हफ्ते के कारोबार में स्टॉक में किसी भी फैक्टर का असर देखने को मिल सकता है जो कि जरूरी नहीं कंपनी के अपने प्रदर्शन से संबंधित हो, ऐसे में बाजार की समझ विकसित होने तक नए निवेशक बाजार को वक्त देने की रणनीति पर काम करें।
बाजार में निवेशकों को कई तरह की सावधानियां रखनी जरूरी होती हैं। इसमें सबसे अहम है कि आप लालच में आकर निवेश का कोई फैसला न करें और अनजाने लोगों से मिली सलाहों, सोशल मीडिया से मिल रही सलाहों से दूर रहें। वही नए निवेशकों को बिना सोचे समझे तेज और आक्रामक सौदों से भी बचना चाहिए। सलाह दी जाती है कि जब तक बाजार को लेकर आप पूरी जानकारी न हासिल कर लें तब तक किसी भरोसेमंद सलाहकार की मदद से शेयर बाजार में धीरे धीरे आगे बढ़ें। 5paisa भी आपके लिए एक ऐसा ही भरोसेमंद सलाहकार है जो बाजार को लेकर आपकी समझ विकसित करने और आपको एक कामयाब निवेशक बनाने में मदद करता है। 5paisa कई ऐसे टूल्स ऑफर करता है जहां आप खुद बाजार को समझ सकते हैं, स्टॉक का चुनाव कर सकतें और अपने बल पर सीखने के साथ निवेश के फैसले ले सकते हैं। ऐसा ही एक टूल FinSchool है जो आपको बेहद आसान तरीके से बाजार को समझने में मदद करेगा. आप बाजार में नए हैं या फिर बाजार को लेकर एडवांस कोर्स करना चाहते हैं, फिनस्कूल पर आपको अपनी जरूरत की हर जानकारी मिलेगी। फिनस्कूल जैसे टूल्स के साथ 5paisa की गाइडेंस में आप आने वाले समय में बाजार के हर हिस्से से मुनाफा पाने की स्थिति में पहुंच सकते हैं।
तेजी और मंदी शेयर बाजार का चरित्र है, क्या ये फिर गिरेगा
बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज | फाइल फोटो
पिछले दिनों भारतीय शेयर बाजार क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है? ने चमक बिखेर दी और सेंसेक्स 60,000 के पार तो हो गया लेकिन उसने यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या इन बुलंदियों पर जाने के बाद यह अब धराशायी हो जाएगा? उसके इस रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाने के बाद तरह-तरह की आशंकाएं खड़ी हो गईं हैं. हालांकि पिछले हफ्ते इसमें पांच हफ्तों के बाद गिरावट आई और यह 1282 अंक गिरकर 58,766 पर चला गया. निफ्टी में भी 321 अंकों की गिरावट आई और 17,532 अंकों पर था.
इससे पहले कि यह बहस तेज हो कि क्या यह गिरावट स्थायी है, सोमवार को सेंसेक्स में 625 अंकों की बढ़ोत्तरी हो गई.
लेकिन विशेषज्ञ यहां मानते हैं कि शेयर बाज़ार के इन ऊंचाइयों पर जाने की कोई ठोस वजह नहीं है. यह या तो अति उत्साह में की गई खरीदारी है या सटोरियों का खेल. अगर हम ध्यान से देखें तो इस समय निवेश के सारे रास्ते बंद हो गये हैं. रियल एस्टेट मंदी के भीषण दौर से गुजर रहा है, सोना नई ऊंचाइयों पर जाने के बाद नीचे तो आया है लेकिन इतना भी नहीं कि खरीदारी हो सके, सरकारी बांडों और ऋण बाजारों में भी खास रिटर्न नहीं है. फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दरें इतनी कम हो गईं हैं कि यह निरर्थक हो गया है. सच तो है कि महंगाई की दर इतनी ज्यादा हो गई है कि उसके कारण डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज निगेटिव में चला गया है. इसका मतलब हुआ कि अब फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे डालने का कोई फायदा नहीं है. तो फिर सेविंग के जरिये कमाने का क्या जरिया बचता है? शेयर बाजार और उस पर आधारित म्यूचुअल फंड. यही कारण है कि निवेशक इनमें बड़े पैमाने पर धन लगा रहे हैं. इन दोनों ने निवेशकों को निराश नहीं किया और अच्छा रिटर्न भी दिया है. सिर्फ इस साल ही सेंसेक्स 13,000 अंकों से भी ज्यादा बढ़ गया है. उधर म्यूचुअल फंडों में कई तो ऐसे हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न दे दिया है.
उभरती अर्थव्यवस्था, भारत और एफडीआई
लेकिन लाख टके का सवाल है कि क्या सिर्फ इस कारण से ही शेयर बाजार इतना ऊपर चला गया? इसके कई उत्तर हैं. सबसे बड़ा फैक्टर है, सारी दुनिया में ब्याज दरों का गिरना. इस समय अमेरिका और पश्चिमी देशों और जापान वगैरह में ब्याज दरें शून्य पर हैं. भारत में भी यह अपने न्यूनतम पर हैं. ऐसे में निवेशक बैंकों से पैसा लेकर या वहां जमा न कर भारतीय शेयर बाजारों में लगा रहे हैं. विदेशी वित्तीय संस्थान और एनआरआई ने भी निवेश किया. इस बात का अंदाजा इसी से मिलता है कि 2021-22 (जून) में यहां के वित्तीय बाजारों में उन्होंने 4433 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह राशि बाजार में आग लगाने का काम कर रही है.
दरअसल, इस समय उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में निवेश क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है? के लिए उपयुक्त स्थानों में भारत ऊंचे स्थान पर है. इस समय यहां निवेश करना विदेशी निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है. यहां की तमाम परिस्थितियां उनके अनुकूल हैं. ऐसे में निवेशक आश्वस्त भाव से निवेश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लगातार तीसरे साल भी विदेशी निवेशकों ने भारत में कुल कुल 9 अरब डॉलर निवेश कर दिया है.
राजनीतिक अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था
मतलब साफ है कि तेजी से भागते बाजार को कभी भी ब्रेक लग सकता है और यह कभी भी औंधे मुंह गिर सकता है. कुछ एनालिस्ट मानते हैं कि अब बाजार के 10 से 25 प्रतिशत तक गिरने की संभावना बनती जा रही है क्योंकि यह ठोस जमीन पर खड़ा नहीं है.
एक बात और जो याद रखनी चाहिए कि शेयर बाजार अवधारणाओं या सेंटिमेंट पर चलते हैं. ये काफी आगे तक के फैक्टर को डिस्काउंट कर लेते हैं. इस बार भी ऐसा हो रहा है. देश में राजनीतिक स्थिरता है और अर्थव्यवस्था ‘वी’ शेप में ऊपर की ओर जा रही है. इसलिये भी निवेशक यहां पैसे लगा रहे हैं.
एक बात जो देखने की है और वह यह कि इस समय बीएसई या निफ्टी में बड़े पैमाने पर शेयर ऐसे हैं जो बढ़े ही नहीं, बढ़े तो नाम भर के ही जबकि उनकी कंपनियां काम अच्छा ही कर रही हैं. दूसरी ओर कुछ शेयर ऐसे हैं जो अपने अधिकतम पर हैं या फिर दोगुनी कीमत के हो गये हैं. यानी यह एक बड़ा विरोधाभास है.
इन 5 अहम बातों का ध्यान रखने से शेयर मार्केट में नहीं डूबेगा आपका पैसा
एक समय था जब लोग शेयर मार्केट का नाम सुनते ही पैसा इंवेस्ट करने से घबराते थे। इसे दिग्गजों का खेल कहा जाता था लेकिन आज हर कोई शेयर मार्केट में पैसा लगा रहा है। कई लोग इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं लेकिन इसके विपरीत शेयर मार्केट की सही जानकारी न होने के कारण बहुत से लोगों कोअपनी मेहनत की कमाई को गंवाना पड़ रहा है। जैसा कि आप जानते हैं कि कोई भी कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं तो उस पर निवेशक पैसा लगाते हैं। कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयर में निवेश करते हैं। शेयर मार्केट में रिस्क ज़रूर है लेकिन अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखते हैं तो आपको यहां पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है और यह आपके लिए एक फायदे का सौदा साबित हो सकता है। तो आइए जानते हैं किन बातों का ध्यान रखकर आप भी शेयर मार्केट में अपने पैसों को डूबने से बचा सकते हैं और अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं।