पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है?

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
गलती खोजना
ट्रैकिंग त्रुटि पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? एक पोर्टफोलियो के रिटर्न और उसके बेंचमार्क के बीच अंतर का एक उपाय है। ट्रैकिंग त्रुटि को कभी-कभी सक्रिय जोखिम कहा जाता है। यह संख्या जितनी कम पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? होगी, बेहतर है, यदि ट्रैकिंग त्रुटि अधिक है तो फंड मैनेजर ने जोखिम का सही स्तर नहीं लिया है, यह अधिक या कम प्रदर्शन की परवाह किए बिना है। ट्रैकिंग त्रुटि ज्यादातर निष्क्रिय निवेश वाहनों से जुड़ी होती है।
यह पता लगाने के लिए कि कौन सा फंड सबसे अच्छा ट्रैक करता है aआधारभूत सूचकांक, हम फंड की ट्रैकिंग त्रुटि की गणना कर सकते हैं।
ट्रैकिंग त्रुटि फॉर्मूला
ट्रैकिंग त्रुटि को मापने के दो तरीके हैं-
पहला है बेंचमार्क के संचयी रिटर्न को पोर्टफोलियो के रिटर्न से घटाना, इस प्रकार है:
कहा पे: p = पोर्टफोलियो i = इंडेक्स या बेंचमार्क
हालांकि, दूसरा तरीका अधिक सामान्य है, जो कि गणना करना हैमानक पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? विचलन समय के साथ पोर्टफोलियो और बेंचमार्क रिटर्न में अंतर।
दूसरी विधि का सूत्र है:
ट्रैकिंग त्रुटि निवेशकों के लिए यह जानने का एक महत्वपूर्ण उपाय है कि पोर्टफोलियो कितनी अच्छी तरह सूचकांक की नकल कर रहा है।
ट्रैकिंग त्रुटि का निर्धारण करने वाले कारक
पोर्टफोलियो की ट्रैकिंग त्रुटि को निर्धारित करने वाले कई कारक हैं:
- में मतभेदमंडी पूंजीकरण, निवेश शैली, समय और पोर्टफोलियो की अन्य मूलभूत विशेषताएं और बेंचमार्क
- जिस हद तक पोर्टफोलियो और बेंचमार्क में प्रतिभूतियां समान हैं
- पोर्टफोलियो और बेंचमार्क के बीच परिसंपत्तियों के भार में अंतर
- बेंचमार्क की अस्थिरता
- प्रबंधन शुल्क, ब्रोकरेज लागत, हिरासत शुल्क और पोर्टफोलियो को प्रभावित करने वाले अन्य खर्च जो बेंचमार्क को प्रभावित नहीं करते हैं
- पोर्टफोलियो काबीटा
इसके अलावा, पोर्टफोलियो मैनेजर को निवेशकों से नकदी की आमद और बहिर्वाह एकत्र करना चाहिए, जो उन्हें समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? को पुनर्संतुलित करने के लिए मजबूर करता है। इसमें अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष लागत भी शामिल है।
काम की बात: एनपीएस में थोड़े जोखिम से बना सकते हैं ज्यादा पैसे
सेवानिवृत्ति के बाद की चिंता हर नौकरीपेशा को रहती है। इसके लिए वह अलग-अलग विकल्पों में निवेश करता है। एनपीएस इस दिशा में सबसे कारगर विकल्प माना जाता है, लेकिन यहां भी जोखिम और सुरक्षित निवेश के दो रास्ते होते हैं। अपनी उम्र और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर आप थोड़े निवेश से किस तरह भविष्य के लिए बड़ी पूंजी बना सकते हैं, पढ़ें प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट.
वित्तीय समझ है तो खुद बनाएं पोर्टफोलियो
बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? सेवानिवृत्ति के बाद न सिर्फ एकमुश्त मोटी रकम दिलाता है, बल्कि हर महीने वेतन की तरह खर्च के लिए राशि भी देता है। यहां निवेश की गई राशि शेयर बाजार, सरकारी प्रतिभूतियों, कॉरपोरेट डेट फंड और रियल एस्टेट, कमोडिटी, हेज डेरिवेटिव जैसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) में लगाई जाती है। अगर आप वित्तीय मामलों की समझ रखते हैं, तो अपने एनपीएस का पोर्टफोलियो खुद बनाएं।
विस्तार
सेवानिवृत्ति के बाद की चिंता हर नौकरीपेशा को रहती है। इसके लिए वह अलग-अलग विकल्पों में पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? निवेश करता है। एनपीएस इस दिशा में सबसे कारगर विकल्प माना जाता है, लेकिन यहां भी जोखिम और सुरक्षित निवेश के दो रास्ते होते हैं। अपनी उम्र और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर आप थोड़े निवेश से किस तरह भविष्य के लिए बड़ी पूंजी बना सकते हैं, पढ़ें प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट.
वित्तीय समझ है तो खुद बनाएं पोर्टफोलियो
बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस सेवानिवृत्ति के बाद न सिर्फ एकमुश्त मोटी रकम दिलाता है, बल्कि हर महीने वेतन की तरह खर्च के लिए राशि भी देता है। यहां निवेश की गई राशि शेयर बाजार, सरकारी प्रतिभूतियों, कॉरपोरेट डेट फंड और रियल एस्टेट, कमोडिटी, हेज डेरिवेटिव जैसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) में लगाई जाती है। अगर आप वित्तीय मामलों की समझ रखते हैं, तो अपने एनपीएस का पोर्टफोलियो खुद बनाएं।
18 लाख निवेश पर 94 लाख का ब्याज
आप 30 साल की उम्र में एनपीएस खाता खोलते हैं और सेवानिवृत्ति (60 साल) तक 5 हजार रुपये हर महीने निवेश करते हैं, तो 30 साल में एनपीएस के तहत कुल निवेश की गई रकम 18 लाख रुपये होगी।
इस पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? पर सालाना 10 फीसदी का औसत ब्याज लगाया जाए, तो कुल फंड 1 करोड़ 11 लाख 98 हजार 471 रुपये होगा। यानी आपने 93 लाख 98 हजार 471 रुपये ब्याज के रुपये में अर्जित किए। इसके अलावा 5.40 लाख रुपये की बचत टैक्स के रूप में भी होगी। इसे भी रिटर्न में जोड़ें तो करीब 1 करोड़ का फायदा होगा।
सालाना 2 लाख रुपये तक कर मुक्त निवेश
एनपीएस में कर मुक्त निवेश के भी दो विकल्प मिलते हैं। पहला आप आयकर की धारा 80सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख की पूरी रकम यहां लगा सकते हैं। दूसरा, 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार का अतिरिक्त निवेश एनपीएस में किया जा सकता है, जो कर मुक्त होगा। 60 साल के बाद इससे मिलने वाले रिटर्न पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, अगर आप बीच में ही खाता बंद कराते हैं, तो निकासी पर आयकर स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा।
भारत का श्रेष्ठ म्यूच्यूअल फंड ऐप
‘‘चॉइस इंडिया द्वारा लॉन्च किए गए म्यूच्यूअल फंड ऐप के मार्फत हम सरलतापूर्वक निवेश कर पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है? सकते हैं क्योंकि एसआईपी म्यूच्यूअल फंड में हर कोई निवेश करना चाहता है। यह निवेश करने का श्रेष्ठ मंच है। आप सरलता से स्टॉक का विवरण प्राप्त कर सकते हैं और यह कागजरहित निवेश है। इंवेस्टिक को मैं पसंद करती हूं।’’
‘‘यह मुझे मिला श्रेष्ठ म्यूच्यूअल फंड ऐप है। एप बहुत सरल है जिससे शुरूआत करने वाला भी ५०० रू.जैसी छोटी रकम द्वारा निवेश कर निवेश कर सकता है और सीख सकता है। एसआईपी कैल्क्युलेटर और पोर्टफोलियो मैनेजर जैसी विशेषताएं प्रभावशाली हैं। सभी तरह के निवेश के लिए अति संस्तुत।’’
‘‘अच्छी तरह से तैयार किए गए इस एप ने मार्केट एवं म्यूच्यूअल फंडों के पूर्व विश्लेषणों को जानने एवं समझने में मेरी मदद की। वित्तीय रिपोर्ट और निवेश पर सिफारिश प्रदान करने में ऑप्टिमो श्रेष्ठ है। टीम को धन्यवाद।’’
होम लोन चुकाने की है आप पर जिम्मेदारी, तो सबसे पहले सुधार लें अपना निवेश पोर्टफोलियो
Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: December 30, 2015 7:23 IST
होम लोन चुकाने की है आप पर जिम्मेदारी, तो सबसे पहले सुधार लें अपना निवेश पोर्टफोलियो
नई दिल्ली। होम लोन लेने के बाद सैलरी का एक बड़ा हिस्सा ईएमआई के रूप में हर महीने निकल जाता है। इसके बाद सीमित धन के साथ घर के फंड मैनेजर के रूप में आपको काफी सारी जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं। ऐसे में कई बार परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। सबसे पहले आप अपने लोन और बचत के साथ-साथ निवेश की एक लिस्ट बना लें। इसके बाद यह देखें कि बचत और निवेश से आने वाला रिटर्न, क्या आपके लोन की ब्याज की तुलना में कम हैं। आज हम आपको यहां बता रहे हैं कि यदि आपने निवेश या बचत के लिए कोई प्लान लिया है तो क्या वह आपके लिए फायदेमंद है या नहीं। हमारा सुझाव है कि कम रिटर्न देने वाली बचत और निवेश को बंद करें और सबसे पहले होमलोन को चुकाने पर ध्यान केंद्रित करें।