हेजिंग टूल्स

यह लॉन्च इस तथ्य से काफी हद तक प्रेरित है कि ग्वार बीज एनसीडीईएक्स प्लेटफॉर्म पर सबसे अधिक तरल अनुबंधों में से एक है और राजस्थान के कुछ समुदायों में बड़ी संख्या में अनौपचारिक व्यापार केंद्र के साथ पहले से ही अनौपचारिक ऑप्शंस ट्रेडिंग के किसी रूप में शामिल है.
Trading strategies
Forex trading strategies vary in time and effort required, analysis and tools they are based on and, most importantly, market situation they suit. Getting familiar with several strategies may prove beneficial for your trading.
Below you will find a brief description of several commonly used trading strategies. Note, however, that you do not have to follow them to the letter. Whichever strategy you choose, feel free to modify it whenever market situation dictates. Before applying a strategy to your real trading, you can test it risk free on a demo account.
Position trading
Position trading is the polar opposite of scalping: it is a long term strategy where trades can be open for days, weeks or even months. The main objective is to gain substantial profit by participating in a major trend. It requires a proper understanding of fundamentals and a deposit sufficient to sustain minor adverse price fluctuations.
When applying this strategy keep in mind that positions held for more than one day can be subject to swaps or rollover fees. At OctaFX, we do not charge either of them. All our accounts are swap-free.
Hedging
Hedging is a strategy that is often employed to reduce the risk exposure in case of adverse price fluctuations. A hedge trade is opened in opposite direction to a primary position; required margin in this case is divided among the two orders.
However, even when the trades are hedged you still may be at a risk of suffering significant losses. Since buy orders are closed at bid price and sell orders are closed at ask price, spreads widening can increase the loss for both long and short position.
वित्त मंत्री 14 जनवरी को लॉन्च करेंगे एनसीडीईएक्स पर एग्री-ऑप्शंस
कृषि उत्पादों का देश में सबसे बड़ा वायदा बाजार, नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) हेजिंग टूल एनसीडीईएक्स ग्वार बीज ऑप्शंस लाने जा रहा है.
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एनएसई को साप्ताहिक विकल्प लांच करने की मंजूरी, तारीख की घोषणा जल्द
प्रमुख शेयर बाजार एनएसई ने मंगलवार को कहा कि उसे निफ्टी-50 इंडेक्स पर साप्ताहिक विकल्प लांच करने के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिल गई है। एनएसई ने कहा कि फिलहाल वह साप्ताहिक विकल्प लांच करने के लिए बाजार प्रतिभागियों की तत्परता का मूल्यांकन कर रहा है।
लांच की तारीख की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। एनएसई के एमडी और सीईओ विक्रम लिमये ने अपने बयान में कहा कि यह एक ऐसा कदम है, जो पोर्टफोलियो जोखिम को अधिक प्रभावी ढंग से संभालने के लिए बाजार प्रतिभागियों को हेजिंग टूल प्रदान करेगा।
जेटली ने लाँच किया देश का पहला एग्री ऑप्शंस
नयी दिल्ली, 12 जनवरी, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) के किसानों के हेजिंग टूल्स लिए कृषि-अर्थव्यवस्था को अधिक कुशल बनाने और उन्हें उनकी पैदावार को बेहतर मूल्य दिलाने के प्रयास में ग्वार बीज में देश के पहले एग्री कमोडिटी आॅप्शंस की शुरुआत किया। श्री जेटली ने मकर संक्रांति के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम ग्वार उत्पादक किसानों की मौजूदगी में घंटी बाजार कर इसकी शुरूआत की जो एक हेजिंग टूल है। इसके किसान ग्वार बीज की कीमत की हेजिंग कर सकेंगे जिससे इस कृषि उत्पाद की कीमतों में गिरावट आने पर उन्हेें नुकसान नहीं होगा और कीमत के हेजिंग मूल्य से अधिक होने पर किसानों को लाभ होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और सरकार की कोशिश आर्थिक लाभों को समाज के सभी तबकों विशेषकर किसानों तक पहुंचाने की है। उन्होंने इसे किसानों के लिए गेम चेंजर बताते हुये कहा कि इस अनूठे हेजिंग टूल से किसानों को कीमतों की जोखिम से निपटने और कीमतें बढ़ने पर अधिक लाभ कमाने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर श्री जेटली हेजिंग टूल्स ने एक मोबाइल ऐप भी लाँच किया जिससे किसानों को एग्री ऑप्शंस के बारे में जानने में मदद मिलेगी। इस मौके पर देशभर के विभिन्न राज्यों विशेषकर राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आए किसानों और एफपीओ भी मौजूद थे। एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर शाह ने कहा कि ग्वार बीज आॅप्शंस एक महत्वपूर्ण हेजिंग टूल है। एग्री कमोडिटी मार्केट के लिए इसकी अहमियत को देखते हुए इस नए साधन को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर लाॅन्च किया गया है, जो कि देशभर में फसल से जुडे एक प्रमुख उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
बढ़ती महंगाई और मजबूत डॉलर कर रहे Gold को कमजोर, जानिए कहां तक जाएगा भाव
सदियों से महंगाई से बचाने वाला हेजिंग टूल यानी सोना अब अपनी चमक खो चुका है. हाल के दिनों में सोने की चाल ने सबको हैरत में डाल दिया है. दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही महंगाई के बाद भी सोने की कीमतों में उछाल नहीं आ रहा है. परंपरागत रूप से महंगाई बढ़ने पर सोने की कीमतें बढ़ती हैं. इससे महंगाई के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाती है. लेकिन इस बार ये ट्रेंड पूरी तरह से नदारद है.
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कमजोर मांग के कारण शुक्रवार को भारत में भी सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना अक्टूबर फ्यूचर 76 रुपए की गिरावट के साथ 49,236 रुपए प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था. हाजिर बाजार में भी सोना गुरुवार को 303 रुपए की गिरावट के साथ 50,290 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. दुनियाभर में पीली धातु की कीमत शुक्रवार को दो साल के निचले स्तर पर थी.
क्यों नहीं बढ़ रहे सोने के दाम
इस बार महंगाई बढ़ने से सोने को फायदा क्यों नहीं हो रहा है? इसकी वजह है डॉलर का मजबूत होना. अमेरिका में महंगाई दर 8.5 फीसदी तक पहुंचने से यूएस फेडरल रिजर्व लगातार ब्याज बढ़ा रहा है और अगले हफ्ते फिर से ब्याज दरों में बढ़ी बढ़ोतरी की आशंका मजबूत हो रही है. इससे डॉलर इंडेक्स मजबूत हो रहा है. डॉलर इंडेक्स डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं के प्रदर्शन को बताता है. हाल ही में डॉलर इंडेक्स ने 110 का स्तर पार किया है जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है. जून 2002 के बाद यह डॉलर इंडेक्स का सबसे ऊंचा स्तर है.
आखिर डॉलर इतना मजबूत हो क्यों रहा है? इसकी वजह यह है कि मैक्रोइकोनॉमिक एनवायरमेंट में अनिश्चितता बढ़ गई है. महंगाई बढ़ने से मंदी गहराने की आशंका भी बढ़ रही है. चीन की विकास दर धीमी पड़ रही है और रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध के असर से निवेशक अपनी अन्य संपत्तियों को बेचकर डॉलर में निवेश कर रहे हैं. इसलिए सोना गिर रहा है और डॉलर मजबूत हो रहा है. ट्रेडबुल सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी एनालिस्ट भाविक पटेल का कहना है कि अगले हफ्ते अमेरिका में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ब्याज दरों को लेकर 21 सितंबर को घोषणा करेगी. तब तक सोने की कीमतों पर दबाव बना रहेगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एंजल वन में नॉन-एग्री कमोडिटीज और करेंसी के एवीपी प्रथमेश माल्या का कहना है कि ब्याज दरों में अक्रामक ढंग से हो रही बढ़ोतरी ने नॉन-यील्डींग मेटल की मांग ज्यादा बढ़ा दी है. आर्थिक संकट के समय सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है. इस तथ्य के बावजूद लोग सोना नहीं खरीद रहे हैं. इसका कारण है यूएस डॉलर इंडेक्स का बढ़ना, यूएस ट्रेजरी यील्ड में तेजी आना और अमेरिका में ऊंची महंगाई दर. इन सभी ने मिलकर सोना खरीदने वाले लोगों को बाजार से बाहर कर दिया है. सोना 48870 के लेवल तक जा सकता है और अगर यहां ब्रेक मिला तो फिर ये और भी नीचे 48450 के लेवल को भी छू सकता है.
केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि पिछले हफ्ते हेजिंग टूल्स अमेरिका में महंगाई के आंकड़े बहुत खराब आए थे. इस वजह से आशंका है अगले हफ्ते अमेरिका में ब्याज दरें बहुत ज्यादा बढ़ सकती हैं. वहीं रुपए की गिरावट की वजह से घरेलू बाजार में भी सोना एमसीएक्स पर 49000 का लेवल तोड़ चुका है. हालांकि फिजिकल मार्केट में गोल्ड की डिमांड लगातार बनी हुई हेजिंग टूल्स है जो फेस्टिव सीजन में और बढ़ेगी. ऐसे में साल के अंत तक एमसीएक्स पर सोना 48,600 से लेकर 48,500 के लेवल तक जा सकता है.