शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है

2017 में बैंकों में कौन से नये नियम लागू हैं?
इसी प्रकार यदि दोनों कम्पनियों के शेयर मूल्यों में कमी आ जाती है तो BSE का कुल बाजार पूंजीकरण भी कम हो जायेगा.
BSE में यह उतार चढ़ाव हर मिनट पर होता रहता है. यदि कंपनियों के शेयरों की खरीदारी ज्यादा होती है तो सेंसेक्स ऊपर जाता है और यदि बिकवाली शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है ज्यादा होती है तो सेंसेक्स नीचे आता है.
Sensex और Nifty क्या है – निफ्टी और सेंसेक्स के बीच क्या अंतर है पूरी जानकारी हिंदी
शेयर मार्केट में सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में सबसे ज्यादा बात होती है. जितने भी लोग शेयर मार्केट में पैसा निवेश करते हैं या ट्रेडिंग करते हैं वह लोग सेंसेक्स और निफ्टी को जरूर चेक करते हैं और सेंसेक्स और निफ्टी के आधार पर ही शेयर मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग करते हैं.
लेकिन ऐसा क्यों है, क्यों सेंसेक्स और निफ्टी इतनी ज्यादा जरूरी है शेयर मार्केट में पैसा कमाने के लिए, तो चलिए जानते हैं सेंसेक्स और निफ्टी क्या है.
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Sensex or Nifty Kya Hai
सेंसेक्स और निफ्टी यह दोनों बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स सूचकांक है. जहां निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया का इंडेक्स सूचकांक है वहीं सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स सूचकांक है.
चलिए अब हम सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में और भी विस्तार से जानते हैं.
Sensex Kya Hai
सेंसेक्स को हम सेंसेक्स 30 भी कहते हैं क्योंकि सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है जिसमें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अंदर लिस्टेड भारत की टॉप 30 कंपनियां आती हैं. सेंसेक्स की मदद से ही बॉम्बे शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है स्टॉक एक्सचेंज में Share पर होने वाली उतार-चढ़ाव को देखा जाता है.
सेंसेक्स के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पड़े.
Nifty Kya Hai
निफ्टी को हम nifty 50 भी कहते हैं और बैंक निफ्टी भी कहते हैं. निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया का सूचकांक है जिसके अंदर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की टॉप 50 कंपनियां आती हैं.
निफ्टी की मदद से ही नेक्स्ट नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया के शेयर पर होने वाले शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है उतार-चढ़ाव को देखा जाता है.
निफ्टी के बारे में और भी अधिक जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में जानने के बाद चलिए आप जानते हैं निफ्टी और सेंसेक्स के बीच का अंतर.
Sensex Or Nifty Me Antar
निफ्टी और सेंसेक्स के बीच में निम्नलिखित अंतर है.
- निफ्टी के अंदर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है टॉप 50 कंपनियां आती हैं
- सेंसेक्स के अंदर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की टॉप 30 कंपनियां आती हैं
- निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है
- सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है
- अगर आप बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की टॉप कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सेंसेक्स में निवेश करना होगा
- अगर आप नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की टॉप कंपनियों में निवेश करना चाहते हो तो उसके लिए आपको निफ्टी में निवेश करना होगा
- सेंसेक्स सूचकांक निफ़्टी से काफी पुराना है
- निफ्टी सूचकांक भारत का पहला डिजिटल टर्मिनल वाला सूचकांक है
sensex kya hota hai / सेंसेक्स क्या होता है।
sensex ये शब्द कई बार आपने सुना होगा। लेकिन इसे कभी जानने की कोशिश नहीं की होगी। दरअसल सेंसेक्स ये शेयर बाजार से जुड़ा हुआ शब्द है। कई बार आपको न्यूज़ में सुनाई दिया होगा की सेंसेक्स आज १ परसेंट ऊपर है सेंसेक्स आज १ पर्सेंट नीचे है।
सेंसेक्स एक इंडेक्स है। जैसे की हमने पिछली पोस्ट nse aur bse में पढ़ा है की निफ़्टी ५० क्या होता है। वैसे ही सेंसेक्स होता है। लेकिन निफ़्टी ५० ये ५० कंपनी का एक इंडेक्स होता है। जो ५० कंपनी के बारे में दर्शाता है। लेकिन सेंसेक्स ये ३० कंपनी को दर्शाता है। जो की bse में लिस्टेड होती है। सेंसेक्स ये bse का इंडेक्स है। निफ़्टी ५० ये nse का इंडेक्स है।
शेयर बाजार में ४ चार हजार से पांच हजार कंपनी लिस्टेड है। इन सब को देखना बहुतही कठिन हो जाता है। इसीलिए उनको दर्शाने के लिए इंडेक्स बनाये गए है। जो की इन कंपनी को चढउतार को दर्शाता है।
sensex kaise banata hai
सेंसेक्स ये इंडिया की सबसे बड़ी मार्किट कैपिटल ३० कंपनी को मिलाके बनता है। और ये ३० कंपनी के ग्रोथ को दर्शाता है। अगर ये ३० कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही हो तो सेंसेक्स ऊपर रहता है। लेकिन अगर ३० कंपनी प्रदर्शन बुरा हो रहा है। मतलब जैसे की अभी covid महामारी की वजह से बहुतसे कंपनी को भरी नुकसान हुआ। और उसकी वजह से सेंसेक्स भी काफी ज्यादा निचे गिरा था।
जैसे कंपनी उतर चढाव होता है। वैसे ही सेंसेक्स का भी उतर चढाव होता है। और इन ३० कंपनी को मिलकर ही सेंसेक्स बनता है। अभी हमने जाना की sensex kya hota hai .और कैसे बनता है। अब हम जानेंगे की सेंसेक्स के क्या फायदे होते है।
sensex ke kya fayde hai
शेयर बाजार में हम एकसाथ पांच हजार कंपनीया नहीं देख सकते। इसीलिए सेंसेक्स बनाया गया है। ताकि टॉप ३० कंपनी के बारे में ये हमें जानकारी दे सके। हमें सेंसेक्स को देखकर पता चलता हे की आज मार्किट का क्या हल रहा है। और आगे क्या हो सकता है इसका अंदाजा भी हम लगा सकते है।
अगर सेंसेक्स ऊपर है। तो हम समज सकते है की मार्किट तेजी में है। और हम अच्छे कंपनी में निवेश कर सकते है।ताकि भविष्य में हमें अच्छा रिटर्न्स मिल सके। इसके लिए सेंसेक्स बहुत फायदे मंद है।
sensenx ki prize kya hai
२०२० में covid की वजह से हमारे इंडिया का ग्रोथ बहुत धीमा हो गया था। और सेंसेक्स काफी निचे गिटर गया था। लेकिन फिलाल अभी स्तिति काबू में आगयी है। इसीलिए सेंसेक्स भी काफी जोरोसे ऊपर उठा है। और २०२१ अगस्त में सेंसेक्स ने अपना लाइफटाइम नया हाई बनाया हे। सेंसेक्स अभी फिलाल ५५००० के ऊपर ट्रेड कर रहा है।
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सेंसेक्स क्या होता है और इसकी गणना कैसे की जाती है?
सेंसेक्स में 30 कम्पनियों के शेयर मूल्यों में उतार चढ़ाव का मूल्यांकन किया जाता है.यदि सेंसेक्स बढ़ रहा होता है, तो यह दर्शाता है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की ज्यादातर कंपनियों का स्टॉक मूल्य बढ़ गया है और यदि सेंसेक्स में कमी आई तो यह दर्शाता है कि BSE की ज्यादातर कंपनियों का शेयर मूल्य नीचे गिरा है. सेंसेक्स में उतार चढ़ाव का मुख्य कारण शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है इन 30 कंपनियों के मूल्यों में उतार चढ़ाव होता है.
सेंसेक्स या संवेदी सूचकांक का शुभारंभ "बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज" (BSE) द्वारा 1 जनवरी 1986 को किया गया था.यह भारत के प्रमुख शेयर बाजार इंडेक्स में से एक है. इस सेंसेक्स की स्थापना बाजार में कम्पनियों के शेयर मूल्यों में उतार-चढ़ाव को जानने के लिए की गयी थी. इसमें 30 कम्पनियों के शेयर मूल्यों में उतार चढ़ाव का मूल्यांकन किया जाता है. ये 30 कम्पनियाँ मार्किट वैल्यू के हिसाब से बड़ी, नामी -गिरामी और आर्थिक रूप से मजबूत होती हैं. यदि सेंसेक्स बढ़ रहा होता है, तो यह दर्शाता है कि BSE की ज्यादातर कंपनियों का स्टॉक मूल्य बढ़ गया है और यदि सेंसेक्स में कमी आई तो यह दर्शाता है कि BSE की ज्यादातर कंपनियों का शेयर मूल्य नीचे गिरा है. सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है और इस समय के लिए बेस इंडेक्स वैल्यू 100 पर सेट है.
सेंसेक्स में उतार चढ़ाव की गणना कैसे की जाती है ?
बीएसई में 30 सूचीबद्ध कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के खाते में दैनिक आधार पर सेंसेक्स के मूल्य की गणना की गई है.
तेजी और मंदी शेयर बाजार का चरित्र है, क्या ये फिर गिरेगा
बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज | फाइल फोटो
पिछले दिनों भारतीय शेयर बाजार ने चमक बिखेर दी और सेंसेक्स 60,000 के पार तो हो गया लेकिन उसने यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या इन बुलंदियों पर जाने के बाद यह अब धराशायी हो जाएगा? उसके इस रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाने के बाद तरह-तरह की आशंकाएं खड़ी शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है हो गईं हैं. हालांकि पिछले हफ्ते इसमें पांच हफ्तों के बाद गिरावट आई और यह 1282 अंक गिरकर 58,766 पर शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है चला गया. निफ्टी में भी 321 अंकों की गिरावट आई और 17,532 अंकों पर था.
इससे पहले कि यह बहस शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है तेज हो कि क्या यह गिरावट स्थायी है, सोमवार को सेंसेक्स में 625 अंकों की बढ़ोत्तरी हो गई.
लेकिन विशेषज्ञ यहां मानते हैं कि शेयर बाज़ार के इन ऊंचाइयों पर जाने की कोई ठोस वजह नहीं है. यह या तो अति उत्साह में की गई खरीदारी है या सटोरियों का खेल. अगर हम ध्यान से देखें तो इस समय निवेश के सारे रास्ते बंद हो गये हैं. रियल एस्टेट मंदी के भीषण दौर से गुजर रहा है, सोना नई ऊंचाइयों पर जाने के बाद नीचे तो आया है लेकिन इतना भी नहीं कि खरीदारी हो सके, सरकारी बांडों और ऋण बाजारों में भी खास रिटर्न नहीं है. फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दरें इतनी कम हो गईं हैं कि यह निरर्थक हो गया है. सच तो है कि महंगाई की दर इतनी ज्यादा हो गई है कि उसके कारण डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज निगेटिव में चला गया है. इसका मतलब हुआ कि अब फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे डालने का कोई फायदा नहीं है. तो फिर सेविंग के जरिये कमाने का क्या जरिया बचता है? शेयर बाजार और उस पर आधारित म्यूचुअल फंड. यही कारण है कि निवेशक इनमें बड़े पैमाने पर धन लगा रहे हैं. इन दोनों ने निवेशकों को निराश नहीं किया और अच्छा रिटर्न भी दिया है. सिर्फ इस साल ही सेंसेक्स 13,000 अंकों से भी ज्यादा बढ़ गया है. उधर म्यूचुअल फंडों में कई तो ऐसे हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न दे दिया है.
उभरती अर्थव्यवस्था, भारत और एफडीआई
लेकिन लाख टके का सवाल है कि क्या सिर्फ इस कारण से ही शेयर बाजार इतना ऊपर चला गया? इसके कई उत्तर हैं. सबसे बड़ा फैक्टर शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है है, सारी दुनिया में ब्याज दरों का गिरना. इस समय अमेरिका और पश्चिमी देशों और जापान वगैरह में ब्याज दरें शून्य पर हैं. भारत में भी यह अपने न्यूनतम पर हैं. ऐसे में निवेशक बैंकों से पैसा लेकर या वहां जमा न कर भारतीय शेयर बाजारों में लगा रहे हैं. विदेशी वित्तीय संस्थान और एनआरआई ने भी निवेश किया. इस बात का अंदाजा इसी से मिलता है कि 2021-22 (जून) में यहां के वित्तीय बाजारों में उन्होंने 4433 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह राशि बाजार में आग लगाने का काम कर रही है.
दरअसल, इस समय उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में निवेश के लिए उपयुक्त स्थानों में भारत ऊंचे स्थान पर है. इस समय यहां निवेश करना विदेशी निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है. यहां की तमाम परिस्थितियां उनके अनुकूल हैं. ऐसे में निवेशक आश्वस्त भाव से निवेश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लगातार तीसरे साल भी विदेशी निवेशकों ने भारत में कुल कुल 9 अरब डॉलर निवेश कर दिया है.
राजनीतिक शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था
मतलब साफ है कि तेजी से भागते बाजार को कभी भी ब्रेक लग सकता है और यह कभी भी शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है औंधे मुंह गिर सकता है. कुछ एनालिस्ट मानते हैं कि अब बाजार के 10 से 25 प्रतिशत तक गिरने की संभावना बनती जा रही है क्योंकि यह ठोस जमीन पर खड़ा नहीं है.
एक बात और जो याद रखनी चाहिए कि शेयर बाजार अवधारणाओं या सेंटिमेंट पर चलते हैं. ये काफी आगे तक के फैक्टर को डिस्काउंट कर लेते हैं. इस बार भी ऐसा हो रहा है. देश में राजनीतिक स्थिरता है और अर्थव्यवस्था ‘वी’ शेप में ऊपर की ओर जा रही है. इसलिये भी निवेशक यहां पैसे लगा रहे हैं.
एक बात जो देखने की है और वह यह कि इस समय बीएसई या निफ्टी में बड़े पैमाने पर शेयर ऐसे हैं जो बढ़े ही नहीं, बढ़े तो नाम भर के ही जबकि उनकी कंपनियां काम अच्छा ही कर रही हैं. दूसरी ओर कुछ शेयर ऐसे हैं जो अपने अधिकतम पर हैं या फिर दोगुनी कीमत के हो गये हैं. यानी यह एक बड़ा विरोधाभास है.
शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है
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