विदेशी मुद्रा व्यापार का परिचय

ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी

ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी
इसलिए, 30 सालों के बाद खर्च समान नहीं होगा और आपको रिटायरमेंट के वर्षों के दौरान इस तरह के ज्यादा खर्चों को पूरा करने के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है.

भारत और चीन का झंडा (फाइल फोटो)

stop loss (Page 182)

कहीं से खास अच्छी खबर नहीं आई। वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष 2014-15 में 5.6% रहेगी। वहीं, आईएमएफ ने 2015 व 2016 में विश्व की आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर क्रमशः 3.5% व 3.7% कर दिया। फिर भी सेंसेक्स 2.01% और निफ्टी 1.89% बढ़कर नए शिखर पर पहुंच गए। क्यों और कैसे? बाज़ार को समझने की कुंजी छिपी है इसके जवाब में। अब पकड़ें बुध की बुद्धि…और और भी

किसी भी बाज़ार के सफल कामकाज़ के लिए भावों पर असर डालने वाली सारी घोषित सूचनाओं तक सभी ट्रेडरों की समान पहुंच का होना ज़रूरी है। पर व्यवहार में ऐसा होता नहीं। अपने यहां तो खुद प्रवर्तक, ऑपरेटरों के साथ मिलकर खेल करते हैं। अंदर की खबरों पर आधारित इस तरह की इनसाइडर ट्रेडिंग अवैध है। फिर भी सेबी की तमाम कोशिशों के बावजूद यह अपने यहां की कड़वी हकीकत है। करते हैं अब मंगल का अभ्यास…और और भी

सावधान! सामने बैठा है घाघ खिलाड़ी

ट्रेडिंग में वही रिस्क उठाने चाहिए जिसमें अपने फायदे की गुंजाइश ज्यादा और नुकसान की न्यूनतम हो। अंधे रिस्क का कोई मतलब नहीं क्योंकि याद रखें कि सामनेवाला घाघ खिलाड़ी घात लगाए बैठा है। इसलिए बाज़ार में उतरें तो पूरी तैयारी और गणना के साथ कि फायदे की प्रायिकता और दांव उल्टा पड़ने की आशंका कितनी है। सतर्क रहें और दांव उल्टा पड़ते ही कम से कम नुकसान में बाहर निकल लें। अब देखें सोम का व्योम…और और भी

भाव उम्मीदों से बनते हैं और उम्मीद बनती है माकूल खबर से। इसलिए ब्याज दर में कमी की खबर लगते ही निफ्टी सारी सुस्ती छोड़कर खुला ही करीब 150 अंक या 1.78% ऊपर। लगातार बढ़ता-बढ़ता 2.50 बजे के आसपास 3% चढ़ गया और आखिर में 2.62% की बढ़त के साथ 8500 से ज़रा-सा नीचे बंद हुआ। यह 9 मई 2014 के बाद पिछले आठ महीनों की सबसे बड़ी दैनिक बढ़त है। करते हैं अब शुक्रवार का अभ्यास…और और भी

भावों की भाषा है, अबूझ भगवान नहीं

भावों की भाषा सीखना-समझना फैंच या स्पैनिश सीखने से कम नहीं। लेकिन ट्रेडिंग में सफल होना है तो भावों की भाषा में पारंगत होना बहुत ज़रूरी है। भाव को भगवान मानने से काम नहीं चलेगा। उसकी तह में पैठने के लिए तमाम किताबें पढ़नी पड़ेंगी, टेक्निकल एनालिसिस तक की थाह लेनी पड़ेगी। कारण, हमारे पास देखने को भाव और आजमाने को अपनी बुद्धि व अभ्यास के अलावा और कुछ नहीं है। अब परखते हैं गुरु की दशा-दिशा…और और भी

कल बाज़ार के एक पुराने जानकार से मिला। कहने लगे कि सच बहुत कड़वा होता है, पर सच यही है कि बीते दो दशक में अच्छी पारदर्शिता आने के बावजूद अपना बाज़ार अभी सचमुच पूरा पारदर्शी नहीं हुआ है। एक्सचेंज या सेबी वही आंकड़े बताते हैं जिनमें गहरा गोता लगाकर भी सच की मणि नहीं मिलती। मैं भी सोचने लगा कि अक्सर ठीक ढाई बजे बाज़ार अचानक पलटी क्यों मारता है? सोचिए, समझिए। अब बुधवार की बुद्धि…और और भी

ट्रेडिंग शरू कैसे करे और ट्रेडिंग शरू करने के रूल्स। How to Start trading on Stock Market

हेलो दोस्तों आपका हमारा ब्लॉग में स्वागत हे। दोस्तों अगर आप वो लोग है जो ट्रेडिंग से पैसा कामना तो चाहते है लेकिन कमाने जगह पैसा गवा देते ह। आप किसी ट्रेडर को देखकर या किसी यूट्यूब में देखकर जो महीने के लाखो रुपये काम रहे है तो आप भी उसकी तरह लाखो पुरिये कमाएंगे लेकिन रुपये कमाने जगाये रुपये गवाते है। आप ने हर कोशिश कर के देखा ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी ली बहुत ज्यादा स्ट्रॅटजी सिखली फिर भी आप लोस्स कर रहे है। अगर असा है तो है आर्टिकल आपकी जिंदगी बदल देग। तो आज में ट्रेडिंग के बारेमे बहुत सारा राज़ खोलने वाला हु।

Retirement Planning: रिटायरमेंट के लिए कैसी हो निवेश की रणनीति, अपनी जरूरतों के हिसाब से कैसे करें प्लान, समझें पूरा गणित

Retirement Planning: रिटायरमेंट के लिए कैसी हो निवेश की रणनीति, अपनी जरूरतों के हिसाब से कैसे करें प्लान, समझें पूरा गणित

रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर जितनी जल्दी तैयारी शुरू कर दी जाए, उतना ही बेहतर होता है.

Retirement Planning: जब भी रिटायरमेंट प्लानिंग की बात आती है, तो कई लोग इसे अहमियत नहीं देते हैं. जितनी जल्दी आप अपने रिटायरमेंट की तैयारी करेंगे, यह आपके भविष्य के लिए उतना ही बेहतर होगा. कई लोग सोचते हैं कि रिटायरमेंट प्लानिंग उन्हें करना चाहिए, जिनका रिटायरमेंट करीब हो या जिनकी उम्र साठ साल के आसपास हो, पर ऐसा सोचना पूरी तरह सही नहीं है. रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर जितनी जल्दी तैयारी शुरू कर दी जाए, उतना ही बेहतर होता है. रिटायरमेंट की रणनीति ऐसी बनानी चाहिए, जिसे लेकर हम फाइनेंशियली कॉन्फिडेंट हों और रिटायरमेंट गोल्स को हासिल करने के लिए बनाए अपने प्लान पर टिके रह सकें.

क्यों जरूरी है रिटायरमेंट प्लानिंग

बढ़ गई है औसत आयू: आज के समय में लोगों की औसत आयू पहले की तुलना में बढ़ गई है. इसलिए अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग जल्दी शुरू करने में ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी समझदारी है. लंबी उम्र का मतलब यह है कि जब आप रिटायर हो जाएंगे, तब लंबे समय तक एक आसान ज़िंदगी जीने के लिए आपको ज्यादा पैसों की जरूरत होगी.

भविष्य की बाधाओं के लिए रहें तैयार: अपने भविष्य को लेकर सकारात्मक होना अच्छी बात है, लेकिन यह अनुमान लगाना भी व्यावहारिक है कि आपके जीवन में आगे कुछ ऐसी बाधाएं आ सकती हैं, जहां आपको पैसों की जरूरत पड़े. ऐसे में आप अपने रिटायरमेंट प्लान पर ध्यान देकर भविष्य की इन आर्थिक जरूरतों के लिए पहले से तैयार रह सकते हैं.

New Fund Offer: ICICI प्रूडेंशियल का नया फंड लॉन्च, फाइनेंशियल सर्विस कंपनियों पर है फोकस, चेक करें डिटेल

रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करने का सही समय

ऐसा माना जाता है कि रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करने का सबसे अच्छा समय वह दिन है जब आपको आपकी पहली सैलरी मिले. इसलिए, भले ही आपको ऐसा लगे कि रिटायरमेंट दूर है, लेकिन 20-25 साल की उम्र में प्लानिंग शुरू कर देने में कोई जल्दबाजी नहीं है. अगर ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी आप जल्दी निवेश करना शुरू करेंगे, तो इससे आपकी बचत करने की आदत बनी रहेगी. ऐसा भी नहीं है कि प्लान करने से आप चूक गए और अब देर हो गई है. एक कहावत है, जब जागो तभी सवेरा. इस कहावत पर अमल करते हुए निराश होने से बेहतर है कि आप आज से ही रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू कर दें.

यहां हम आपको बता रहे हैं कि रिटायरमेंट को लेकर अपनी व्यक्तिगत आर्थिक जरूरतों के आधार पर प्लानिंग कैसे किया जा सकता है.

स्टेप 1: महीने में होने वाले खर्चों का लगाएं हिसाब

एक महीने में होने वाले अपने सभी खर्चों को नोट कर लें. इसमें उन खर्चों को शामिल ना करें, जो रिटायरमेंट के बाद नहीं होंगे. यहां इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि कुछ ऐसे खर्च हो सकते हैं, (जैसे मेडिकल) जो रिटायर होने के बाद बढ़ जाएं. हालांकि इन्हें उन खर्चों से बैलेंस किया जा सकता है जो रिटायरमेंट के बाद कम होने वाले हैं. मान लीजिए, आपकी उम्र 30 साल है और आपका एक परिवार है. आप अपने परिवार के खर्चों को इस तरह अलग-अलग कैटेगरी में रख सकते हैं:

अपनी रिटायरमेंट के लिए कहां कर सकते हैं निवेश

कहीं भी निवेश करते समय अपने जोखिम उठाने की क्षमता पर ध्यान देना चाहिए. अगर आपके रिटायरमेंट को अभी 10 साल से ज्यादा का वक्त बचा हुआ है, तो आप इक्विटी में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. इसमें सबसे ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है. इसमें शॉर्ट-टर्म के निवेश में जोखिम होता है, लेकिन अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने जा रहे हैं तो जोखिम को कम किया जा सकता है.

इसके अलावा, आप डायरेक्ट इक्विटी इंवेस्टमेंट या म्यूचुअल फंड का विकल्प भी चुन सकते हैं. म्युचुअल फंड न केवल आपको अलग-अलग एसेट वर्गों में एक्सपोजर दे सकता है, बल्कि लंबे समय तक इसमें निवेश करके आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. अपनी रिटायरमेंट के लिए निवेश करने का एक बढ़िया तरीका म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) का विकल्प चुनना है. आप एक मासिक SIP शुरू कर सकते हैं. इसके तहत एक नियमति अंतराल पर एक निश्चित रकम आपके बैंक अकाउंट से कट जाता है और इसे म्यूचुअल फंड में निवेश कर दिया जाता है.

पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में दिख रही है अनिश्चतता, आप निवेशक हैं तो जानिए कैसे हैंडल करके आप इससे जीत सकते हैं

निवेशकों को अस्थिर बाजार के संभावित जोखिमों पर गहरी नजर रखने और सावधान रहने की जरूरत है। यदि आपके पास आजमाई हुई स्ट्रैटेजी है, तो आप निवेश करते रह सकते हैं - Dainik Bhaskar

शेयर बाजार की अस्थिरता से हर कोई निवेशक डरता है। यह पता नहीं होता है कि अगले घंटे में बाजार हमें लाभ देगा या घाटा देगा। हालांकि इस अनिश्चितता या उतार-चढ़ाव का कई कारण होता है। इन कारणों का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। अगर आप इस उतार-चढ़ाव का सही आंकलन कर लाभ कमाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए लंबी अवधि की निवेश की रणनीति अपनानी होगी।

स्टॉक मार्केट की इस अस्थिरता से निपटने के लिए आवश्यक पहलुओं के बारे में एंजल ब्रोकिंग के सीनियर रिसर्च जयकिशन परमार ने बताया। जानते हैं बाजार की ऐसी स्थिति में क्या रणनीति आपको अपनानी चाहिए।

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: चीन से आर्थिक मुकाबले की रणनीति बनाएं

Blog on India-china: India Create an Economic Compete Strategy with China | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: चीन से आर्थिक मुकाबले की रणनीति बनाएं

सोमवार को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के द्वारा किए गए विश्वासघात और खूनी संघर्ष के बाद पूरे भारत में चीन विरोधी माहौल दिखाई दे रहा है. ऐसे में सरकार के साथ-साथ पूरा देश चीन से आर्थिक मोर्चे पर मुकाबले के लिए तैयारी करते हुए दिखाई दे रहा है.वस्तुत: इस समय दिखाई दे रही चीन की बौखलाहट के पीछे कुछ स्पष्ट कारण दिखाई दे रहे हैं. चीन से निवेश निकलकर भारत आने का परिदृश्य चीन की बौखलाहट का बड़ा कारण है. ख्यात वैश्विक कंपनी ब्लूमबर्ग के द्वारा प्रकाशित नई रिपोर्ट मई 2020 के मुताबिक कोविड-19 महामारी के कारण चीन के प्रति नाराजगी से चीन में कार्यरत कई वैश्विक निर्यातक कंपनियां अपने मैन्युफैक्चरिंग का काम पूरी तरह या आंशिक रूप से चीन से बाहर स्थानांतरित करने की तैयारी कर रही हैं.

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