विदेशी मुद्रा व्यापार का परिचय

कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले

कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले

कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले

यह पुस्तक प्रसिद्ध रिसर्च एनालिस्ट महेश चंद्र कौशिक की नवीनतम पुस्तक है। वर्तमान में शेयर बाजार में पुरानी तकनीकें लगभग निष्प्रभावी हो चुकी है, क्योंकि डिस्काउंट ब्रोकर हाउसेज के आ जाने से व बाजार में ऑप्शन व डिलीवरी में रिटेल निवेशकों की भागीदारी के बढ़ जाने से अब वह समय चला गया, जब निवेशक किसी शेयर की बड़ी मात्रा को खरीदकर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न के लिए होल्ड करते थे। वर्तमान समय में ज्यादातर रिटेल निवेशक या तो इंट्रा-डे में ट्रेड करके एक ही दिन में मुनाफा समेट रहे हैं या ऑप्शन में सात दिवस की छोटी एक्सपायरी की कॉल पुट में पैसा बना रहे हैं या स्विंग ट्रेड में छोटे प्रॉफिट ले रहे हैं, जिससे मार्केट में छोटे दायरे में उतार-चढ़ाव ज्यादा होते हैं।
वर्तमान पुस्तक इसी संदर्भ में लिखी गई है। यह अपने प्रकार की अकेली ऐसी पुस्तक है, जिसमें इंट्रा-डे, ऑप्शन ट्रेड व स्विंग ट्रेड को शामिल करके लेखक ने गागर में सागर समेटने का सार्थक प्रयास किया है। इस पुस्तक में लेखक ने अपने 15 वर्ष के ट्रेडिंग अनुभव को 41 टिप्स के माध्यम से साझा किया है, जो शेयर बाजार में प्रॉफिट कमाने के इच्छुक छोटे व बड़े सभी निवेशकों के लिए आवश्यक है।
पुस्तक की प्रत्येक टिप विचारोत्तेजक है, जो निवेशक के दिमाग में आशा व विश्वास की नई रोशनी जगाकर उसकी शेयर बाजार पर नई-नई तकनीकों की तलाश को पूर्ण विराम देती है, क्योंकि पुस्तक में पूर्णतः अनुशासित तरीके से निवेश करने की सभी आधुनिक तकनीकों पर प्रकाश डाला गया है।

अनुक्रम

1. ट्रेड करने से पहले रणनीति जरूर बनाइए —Pgs. 13

2. छोटे पौधे से बरगद का बड़ा पेड़ उगाएँ —Pgs. 14

3. सिर्फ छोटी ट्रेड ही लें —Pgs. 17

4. मुनाफे का टारगेट हमेशा छोटा रखें और स्टॉप लॉस उससे भी छोटा रखें —Pgs. 20

5. लाभ व स्टॉप लॉस का अनुपात 2:1 हो, यह अनिवार्य है —Pgs. 23

6. ज्यादा वॉल्यूम वाले शेयरों में ही ट्रेड करें —Pgs. 26

7. शेयर कभी अच्छे या बुरे नहीं होते—या तो गिरनेवाले शेयर होते हैं या बढ़नेवाले —Pgs. 28

8. ट्रेडिंग के अलग-अलग सेगमेंट्स को मिक्स न करें —Pgs. 30

9. अपने लालच एवं डर पर नियंत्रण रखें —Pgs. 34

10. इंट्रा-डे में गिरती हुई पोजीशन को एवरेज आउट नहीं करें —Pgs. 36

11. ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा इंडीकेटर कौन सा है —Pgs. 39

12. ध्यान रखें, आपके ट्रेड को कोई देख रहा है —Pgs. 41

13. इंट्रा-डे की जगह बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड ही करें —Pgs. 45

14. विनिंग स्विंग ट्रेड का शेयर जीनियेस मैथड —Pgs. 46

15. VWAP से ब्रेकआउट मैथड —Pgs. 49

16. स्टॉप लॉस का स्मॉल ट्रेड मैथड —Pgs. 51

17. लिवरेज ट्रेडिंग की मानसिकता पर नियंत्रण —Pgs. 53

18. मार्केट से लड़िए मत —Pgs. 56

19. इंट्रा-डे ट्रेडिंग व लॉन्ग टर्म निवेश मिक्स न करें —Pgs. 59

20. मार्केट का ट्रेंड देखकर ट्रेड करें —Pgs. 61

21. शेयर का ट्रेंड देखकर निवेश करें —Pgs. 63

22. स्विंग ट्रेड का VWAP मैथड अपनाएँ —Pgs. 64

23. स्विंग ट्रेड में एक शेयर में कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले कितनी राशि लगाएँ —Pgs. 67

24. प्रॉफिट टारगेट का निर्धारण —Pgs. 70

25. सिर्फ इंडेक्स स्टॉक्स में ही स्विंग ट्रेड करें —Pgs. 74

26. इंट्रा-डे को बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड में नहीं बदलें —Pgs. 76

27. शेयर बाजार में लालच बुरी बला है —Pgs. 77

28. अपने बुरे निवेश से कैसे बाहर निकलें —Pgs. 79

29. बोनस के चक्कर में मत पड़िए —Pgs. 82

30. एवरेज आउट करना हर बार बुरा नहीं होता —Pgs. 84

31. या तो सच्‍चे लंबी अवधि के निवेशक बनें या स्विंग ट्रेड करें —Pgs. 85

32. इंडेक्स शेयरों में निवेश क्यों करना चाहिए —Pgs. 87

33. ट्रेडिंग व स्विंग ट्रेडिंग के लिए भी निफ्टी के शेयरों का चयन करें —Pgs. 88

34. इंडेक्स की तरह स्विंग ट्रेड के पोर्टफोलियो की समीक्षा करें —Pgs. 89

35. ट्रेडिंग के लिए शेयरों का चयन कैसे करें —Pgs. 90

36. शेयर कभी लगातार नहीं गिरते —Pgs. 92

37. डिविडेंड देनेवाले शेयरों में ट्रेडिंग करने का फायदा —Pgs. 95

38. इन्‍कम टैक्स हार्वेस्टिंग से कैपिटल गेन्स की बचत —Pgs. 98

39. ऑप्शन ट्रेडिंग में 4 स्ट्रोक मैथड का प्रयोग करें —Pgs. 101

40. इंट्रा-डे से बेहतर ऑप्शन ट्रेडिंग है —Pgs. 105

41. मार्केट में खबरों एवं कथित विशेषज्ञों की राय पर ट्रेड नहीं करें —Pgs. 107

The Author

भारतीय संस्कृति के अध्येता और संस्कृत भाषा के विद्वान् श्री सूर्यकान्त बाली ने भारत के प्रसिद्ध हिंदी दैनिक अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ के सहायक संपादक (1987) बनने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। नवभारत के स्थानीय संपादक (1994-97) रहने के बाद वे जी न्यूज के कार्यकारी संपादक रहे। विपुल राजनीतिक लेखन के अलावा कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले भारतीय संस्कृति पर इनका लेखन खासतौर से सराहा गया। काफी समय तक भारत के मील पत्थर (रविवार्ता, नवभारत टाइम्स) पाठकों का सर्वाधिक पसंदीदा कॉलम रहा, जो पर्याप्त परिवर्धनों और परिवर्तनों के साथ ‘भारतगाथा’ नामक पुस्तक के रूप में पाठकों तक पहुँचा। 9 नवंबर, 1943 को मुलतान (अब पाकिस्तान) में जनमे श्री बाली को हमेशा इस बात पर गर्व की अनुभूति होती है कि उनके संस्कारों का निर्माण करने में उनके अपने संस्कारशील परिवार के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज और उसके प्राचार्य प्रोफेसर शांतिनारायण का निर्णायक योगदान रहा। इसी हंसराज कॉलेज से उन्होंने बी.ए. ऑनर्स (अंग्रेजी), एम.ए. (संस्कृत) और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से ही संस्कृत भाषाविज्ञान में पी-एच.डी. के बाद अध्ययन-अध्यापन और लेखन से खुद को जोड़ लिया। राजनीतिक लेखन पर केंद्रित दो पुस्तकों—‘भारत की राजनीति के महाप्रश्न’ तथा ‘भारत के व्यक्तित्व की पहचान’ के अलावा श्री बाली की भारतीय पुराविद्या पर तीन पुस्तकें—‘Contribution of Bhattoji Dikshit to Sanskrit Grammar (Ph.D. Thisis)’, ‘Historical and Critical Studies in the Atharvaved (Ed)’ और महाभारत केंद्रित पुस्तक ‘महाभारतः पुनर्पाठ’ प्रकाशित हैं। श्री बाली ने वैदिक कथारूपों को हिंदी में पहली बार दो उपन्यासों के रूप में प्रस्तुत किया—‘तुम कब आओगे श्यावा’ तथा ‘दीर्घतमा’। विचारप्रधान पुस्तकों ‘भारत को समझने की शर्तें’ और ‘महाभारत का धर्मसंकट’ ने विमर्श का नया अध्याय प्रारंभ किया।

कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले

यह पुस्तक प्रसिद्ध रिसर्च एनालिस्ट महेश चंद्र कौशिक की नवीनतम पुस्तक है। वर्तमान में शेयर बाजार में पुरानी तकनीकें लगभग निष्प्रभावी हो चुकी है, क्योंकि डिस्काउंट ब्रोकर हाउसेज के आ जाने से व बाजार में ऑप्शन व डिलीवरी में रिटेल निवेशकों की भागीदारी के बढ़ जाने से अब वह समय चला गया, जब निवेशक किसी शेयर की बड़ी मात्रा को खरीदकर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न के लिए होल्ड करते थे। वर्तमान समय में ज्यादातर रिटेल निवेशक या तो इंट्रा-डे में ट्रेड करके एक ही दिन में मुनाफा समेट रहे हैं या ऑप्शन में सात दिवस की छोटी एक्सपायरी की कॉल पुट में पैसा बना रहे हैं या स्विंग ट्रेड में छोटे प्रॉफिट ले रहे हैं, जिससे मार्केट में छोटे दायरे में उतार-चढ़ाव ज्यादा होते हैं।
वर्तमान पुस्तक इसी संदर्भ में लिखी गई है। यह अपने प्रकार की अकेली ऐसी पुस्तक है, जिसमें इंट्रा-डे, ऑप्शन ट्रेड व स्विंग ट्रेड को शामिल करके लेखक ने गागर में सागर समेटने का सार्थक प्रयास किया है। इस पुस्तक में लेखक ने अपने 15 वर्ष के ट्रेडिंग अनुभव को 41 टिप्स के माध्यम से साझा किया है, जो शेयर बाजार में प्रॉफिट कमाने के इच्छुक छोटे कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले व बड़े सभी निवेशकों के लिए आवश्यक है।
पुस्तक की प्रत्येक टिप विचारोत्तेजक है, जो निवेशक के दिमाग में आशा व विश्वास की नई रोशनी जगाकर उसकी शेयर बाजार पर नई-नई तकनीकों की तलाश को पूर्ण विराम देती है, क्योंकि पुस्तक में पूर्णतः अनुशासित तरीके से निवेश करने की सभी आधुनिक तकनीकों पर प्रकाश डाला गया है।

अनुक्रम

1. ट्रेड करने से पहले रणनीति जरूर बनाइए —Pgs. 13

2. छोटे पौधे से बरगद का बड़ा पेड़ उगाएँ —Pgs. 14

3. सिर्फ छोटी ट्रेड ही लें —Pgs. 17

4. मुनाफे का टारगेट हमेशा छोटा रखें और स्टॉप लॉस उससे भी छोटा रखें —Pgs. 20

5. लाभ व स्टॉप लॉस का अनुपात 2:1 हो, यह अनिवार्य है —Pgs. 23

6. ज्यादा वॉल्यूम वाले शेयरों में ही ट्रेड करें —Pgs. 26

7. शेयर कभी अच्छे या बुरे नहीं होते—या तो गिरनेवाले शेयर होते हैं या बढ़नेवाले —Pgs. 28

8. ट्रेडिंग के कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले अलग-अलग सेगमेंट्स को मिक्स न करें —Pgs. 30

9. अपने लालच एवं डर पर नियंत्रण रखें —Pgs. 34

10. इंट्रा-डे में गिरती हुई पोजीशन को एवरेज आउट नहीं करें —Pgs. 36

11. ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा इंडीकेटर कौन सा है —Pgs. 39

12. ध्यान रखें, आपके ट्रेड को कोई देख रहा है —Pgs. 41

13. इंट्रा-डे की जगह बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड ही करें —Pgs. 45

14. विनिंग स्विंग ट्रेड का शेयर जीनियेस मैथड —Pgs. 46

15. VWAP से ब्रेकआउट मैथड —Pgs. 49

16. स्टॉप लॉस का स्मॉल ट्रेड मैथड —Pgs. 51

17. लिवरेज ट्रेडिंग की मानसिकता पर नियंत्रण —Pgs. 53

18. मार्केट से लड़िए मत —Pgs. 56

19. इंट्रा-डे ट्रेडिंग व लॉन्ग टर्म निवेश मिक्स न करें —Pgs. 59

20. मार्केट का ट्रेंड देखकर ट्रेड करें —Pgs. 61

21. शेयर का ट्रेंड देखकर निवेश करें —Pgs. 63

22. स्विंग ट्रेड का VWAP मैथड अपनाएँ —Pgs. 64

23. स्विंग ट्रेड में एक शेयर में कितनी राशि लगाएँ —Pgs. 67

24. प्रॉफिट टारगेट का निर्धारण —Pgs. 70

25. सिर्फ इंडेक्स स्टॉक्स में ही स्विंग ट्रेड करें —Pgs. 74

26. इंट्रा-डे को बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड में नहीं बदलें —Pgs. 76

27. शेयर बाजार में लालच बुरी बला है —Pgs. 77

28. अपने बुरे निवेश से कैसे बाहर निकलें —Pgs. 79

29. बोनस के चक्कर में मत पड़िए —Pgs. 82

30. एवरेज आउट करना हर बार बुरा नहीं होता —Pgs. 84

31. या तो सच्‍चे लंबी अवधि के निवेशक बनें या स्विंग ट्रेड करें —Pgs. 85

32. इंडेक्स शेयरों में निवेश क्यों करना चाहिए —Pgs. 87

33. ट्रेडिंग व स्विंग ट्रेडिंग के लिए भी निफ्टी के शेयरों का चयन करें —Pgs. 88

34. इंडेक्स की तरह स्विंग ट्रेड के पोर्टफोलियो की समीक्षा करें —Pgs. 89

35. ट्रेडिंग के लिए शेयरों का चयन कैसे करें —Pgs. 90

36. शेयर कभी लगातार नहीं गिरते —Pgs. 92

37. डिविडेंड देनेवाले शेयरों में ट्रेडिंग करने का फायदा —Pgs. 95

38. इन्‍कम टैक्स हार्वेस्टिंग से कैपिटल गेन्स की बचत —Pgs. 98

39. ऑप्शन ट्रेडिंग में 4 स्ट्रोक मैथड का प्रयोग करें —Pgs. 101

40. इंट्रा-डे से बेहतर ऑप्शन ट्रेडिंग है —Pgs. 105

41. मार्केट में खबरों एवं कथित विशेषज्ञों की राय पर ट्रेड नहीं करें —Pgs. 107

The Author

भारतीय संस्कृति के अध्येता और संस्कृत भाषा के विद्वान् श्री सूर्यकान्त बाली ने भारत के प्रसिद्ध हिंदी दैनिक अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ के सहायक संपादक (1987) बनने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। नवभारत के स्थानीय संपादक (1994-97) रहने के बाद वे जी न्यूज के कार्यकारी संपादक रहे। विपुल राजनीतिक लेखन के अलावा भारतीय संस्कृति पर इनका लेखन खासतौर से सराहा गया। काफी समय तक भारत के मील पत्थर (रविवार्ता, नवभारत टाइम्स) पाठकों का सर्वाधिक पसंदीदा कॉलम रहा, जो पर्याप्त परिवर्धनों और परिवर्तनों के साथ ‘भारतगाथा’ नामक पुस्तक के रूप में पाठकों तक पहुँचा। 9 नवंबर, 1943 को मुलतान (अब पाकिस्तान) में जनमे श्री बाली को हमेशा इस बात पर गर्व की अनुभूति होती है कि उनके संस्कारों का निर्माण करने में उनके अपने संस्कारशील परिवार के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज और उसके प्राचार्य प्रोफेसर शांतिनारायण का निर्णायक योगदान रहा। इसी हंसराज कॉलेज से उन्होंने बी.ए. ऑनर्स (अंग्रेजी), एम.ए. (संस्कृत) और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से ही संस्कृत भाषाविज्ञान में पी-एच.डी. के बाद अध्ययन-अध्यापन और लेखन से खुद को जोड़ लिया। राजनीतिक लेखन पर केंद्रित दो पुस्तकों—‘भारत की राजनीति के महाप्रश्न’ तथा ‘भारत के व्यक्तित्व की पहचान’ के अलावा श्री बाली की भारतीय पुराविद्या पर तीन पुस्तकें—‘Contribution of Bhattoji Dikshit to Sanskrit Grammar (Ph.D. Thisis)’, ‘Historical and Critical Studies in the Atharvaved (Ed)’ और महाभारत केंद्रित पुस्तक ‘महाभारतः पुनर्पाठ’ प्रकाशित हैं। श्री बाली ने वैदिक कथारूपों को हिंदी में पहली बार दो उपन्यासों के रूप में प्रस्तुत किया—‘तुम कब आओगे श्यावा’ तथा ‘दीर्घतमा’। विचारप्रधान पुस्तकों ‘भारत को समझने की शर्तें’ और ‘महाभारत का धर्मसंकट’ ने विमर्श का नया अध्याय प्रारंभ किया।

intraday trading in hindi इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे

intraday trading in hindi आर्टिकल में हम इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है और कैसे करते है इस विषय में जानेंगे. शेयर मार्केट में अगर आप काम करना चाहते है तो intraday trading कैसे करते है और इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय किन बातो का ख्याल रखना चाहिए उसके बारे मेंआपको पता होना चाहिए.

intraday trading से कम समय में आप ज्यादा पैसा बना सकते है.अगर आपके पास मार्केट का अनुभव है तो इंट्राडे ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट है. लेकिन अगर आप मार्केट के बारे में ज्यादा नहीं जानते है तो आपको सावधानी रखनी चाहिए.

intraday trading in hindi में कम समय में मुनाफा होता है लेकिन अगर आपको मार्केट का अनुभव नहीं है तो आपको intraday trading में ज्यादा लोस भी हो सकता है.

intraday trading in hindi आर्टिकल में इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अब हम विस्तार से जानेंगे.

intraday trading in hindi

Table of Contents

जिस ट्रेडिंग की समय अवधि मार्केट के खुलने से बंध होने तक की होती है उस प्रकार की ट्रेडिंग को intraday trading कहते है.

मतलब की अगर आप सुबह कोई शेयर ख़रीदे तो आपको मार्केट बंध होने तक उसे बेच देना पड़ता है चाहे आपको मुनाफा हो रहा हो या नुकशान आपको आपने ख़रीदे हुए शेयर को मार्केट बंध होने तक बेच देना पड़ता है इस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है.

मान लीजिये के आपने मार्केट के खुलने के बाद Reliance का एक शेयर १००० रुपये में ख़रीदा और उसका भाव अभी १०१२ चल रहा है तो आपको मार्केट के बंध होने से पहले रिलायंस के शेयर को बेच देना होता है.

चाहे उसका भाव १०१२ चल रहा हो या ९८० आपको मार्केट बंध होने तक इस सोदे को बंध याने की क्लोज करना ही पड़ता है. इस प्रकार की ट्रेडिंग को intraday trading कहते है.

intraday trading in hindi के फायदे

i ntraday trading का मतलब समजने के बाद हम जानने वाले है की intraday trading के फायदे क्या है. इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे इस प्रकार है.

-कम समय में आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है

-सौदा एक दिन में ही पूरा हो जाता है अगले दिन शेयर का भाव क्या होगा उसकी चिंता नहीं रहती है

-इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा लीवरेज मिलती है याने की अगर आपके पास १० हजार तक की राशी है तो आप १ लाख तक के शेयर खरीद या बेच सकते है

-पैसे को लम्बे समय तक इन्वेस्ट नहीं करना पड़ता है

– किसी शेयर में आये अच्छे न्यूज़ या रिजल्ट का फायदा कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले आप कम समय में उठा के अच्छा रिटर्न कमा सकते है.

intraday trading in hindi के नुकशान

intraday trading in hindi की समय अवधि सिर्फ एक दिन की होने के कारण आपने जो शेयर लिए है उसका दाम अगर गिर जाए तो नुकशान होते हुए भी आपको कम दाम में शेयर बेचने पड़ सकते है.

-कम समय अवधि के कारण आप जो भी ट्रेड ले उस पर पुरे दिन नजर कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले बनाये रखनी पड़ती है याने की आपको अपना पूरा समय ट्रेडिंग के पीछे लगाना पड़ता है.

-अगर आपके पास शेयर मार्केट का ज्ञान नहीं है तो इंट्राडे ट्रेडिंग में भारी नुकशान का अंदेशा हमेशा रहता है.

intraday trading in hindi strategy

हमने जाना इस प्रकार Intraday trading की समय अवधि कम होने के कारन आप जो भी शेयर को चुने उसे पुरे रिसर्च करने के बाद चुने.आपको अपने मार्केट के पुरे अनुभव को यंहा पर लगाना होता है.

आपके पास Intraday trading की कुछ जरुरी स्ट्रेटजी होनी चाहिए जिससे आप इंट्राडे ट्रेडिंग में सफल हो पाए यंहा पर कुछ स्ट्रेटजी में आपको बताता हु जिससे आपको पता चल सके की आपको Intraday trading करते समय किन बातो का ख्याल रखना है.

रिसर्च करे

आप जिस भी शेयर को खरीदना चाहते है उसके बारे में अगर आपको नोलेज है तो आपके सफल होने का चांस बढ़ जाता है. इसलिए आप जो भी शेयर खरीदना चाहते है उसके बारे में पढ़े उसके बारे में रिसर्च कर्रे और उसके बाद ट्रेडिंग करे.

आप रिसर्च करने के लिए कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले टेक्नीकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते है ये एनालिसिस क्या होता है इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए हिन्दिसफ़र.नेट की विजिट करते रहिये आपको टेक्नीकल एनालिसिस का पूरा कोर्स यंहा पर फ्री में मिलता रहेगा.

मनी मेनेजमेंट

आपको शेयर मार्केट मे काम करते समय ये हमेशा ध्यान रखना है की आप इतने ही पैसे शेयर मार्केट में लगाये जितने पैसे अगर चले भी जाए तो आपको कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.

आपको अपनी धन राशी के २% से ज्यादा नुकशान किसी भी ट्रैड में करने से बचना चाहिए. इस प्रकार मनी मेनेजमेंट करना सिख ले ये मार्केट में काम करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है.

लिक्विडिटी वाले शेयर का चुनाव करे.

आपको Intraday trading करते समय कम लिक्विडिटी वाले याने के स्मोलकेप शेयर की बजाये लार्जकेप कम्पनी के शेयर का चयन करना चाहिए क्यूंकि कम लिक्विडिटी वाले शेयर में ट्रेडिंग काफी कम की जाती है जब की लिक्विडिटी वाले शेयर में भारी मात्रा में ट्रेडिंग होती है.

Intraday trading के लिए समय निश्चित करे

मार्केट के खुलते ही आप हो सके तो ट्रेडिंग न करे क्यूँकी इसमें ज्यादा जोखिम रहता है. हो सके तो मार्केट स्थिर हो जाने के बाद ट्रेडिंग करे क्यूंकि जब मार्केट ओपन होता है तब उसमे कुछ समय के लिए ज्यादा उछाल और गिरावट होती है.

इस समय से बचे और मार्केट ओपन होने के बाद कम से कम ३०- मिनिट से १ कलाक के समय के बाद ट्रैड करे.

डिसिप्लिन के साथ काम करे

Intraday trading में सबसे ज्यादा अगर कोई जरुरी बात है तो वो है डिसिप्लिन. अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको पुरे डिसिप्लिन के साथ काम करना पड़ेगा.

जब भी आप ट्रेड ले तो आप को पता होना चाहिए की कन्हा से एंट्री लेनी है और कन्हा पर निकल जाना है. अगर ये सब आगे से तय होगा तो नुकशान होने के चांस कम हो जाते है. अपनी भावनाओ पर काबू रखे और सही निर्णय ले.

टेक्नीकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखे.

अगर आपको मार्केट में सफलता चाहिए तो आपको टेक्नीकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस में से कोई एक या दोनों सीखते रहना चाहिए. इससे आपको शेयर के सपोर्ट, रेसिस्टेंट लेवल, के बारे में जानकारी मिलेगी.

कब शेयर खरीदना है बेचना है ये सभी की जानकारी इसके द्वारा आप लगा सकते है इस लिए हमेशा कुछ नया सीखते रहिये आपको मेरी वेबसाइट पर ये सारी जानकारी मिलती रहेगी.

निष्कर्ष

intraday trading in hindi में हमने जाना की इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए आपके पास मार्केट का अनुभव और ज्ञान होना जरुरी है.

इंट्राडे ट्रेडिंग तभी करे जब आप मार्केट के बारे में सारी बाते जानते हो. आपके पास टेक्नीकल और फंडामेंटल ज्ञान होना जरुरी है. आशा करता हु के आपको मेरा ये आर्टिकल मार्केट के बारे में जानकारी प्रदान करने में सहायक होगा.

टेक्नीकल एनालिसिस और शेयर बाजार से जुडी माहिती प्राप्त करने के लिए हिन्दिसफ़र.नेट को विजिट जरुर करे.

इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए?

दोस्तों Intraday trading में पैसे लगाने से पहले आपको मार्केट में चल रहे ट्रेंडस और खबरों के बारे में जानकारी होनी चाहिए क्योंकि एक गलत खबर आपका पूरे पैसौ का नुकसान करवा सकती हैइसके लिए आपको मार्केट में चल रहे ट्रेंड्स का एनालिसिस और अच्छी स्टडी करनी जिसके लिए आप किसी टूल्स का भी उपयोग कर सकते हैं। मार्केट ट्रेंड का एनालिसिस करने के लिए कई सारे टूल्स मार्केट में उपलब्ध है। ट्रेंड्स का एनालिसिस करने के बाद आप सही समय पर सही स्टॉक में अपना पैसा इंट्राडे ट्रेडिंग में लगा सकते हैं।

2.अपने लक्ष्य को निर्धारित करें

कई बार आपने देखा होगा की कई लोग अपनी दिनचर्या को सरल बनाने के लिए एक सूची तैयार करते है। उस सूची की मदद से वह दिन के ख़त्म होने तक अपने सारे काम आसानी से पूरा कर लेते है और कही न कही अपने जीवन के लक्ष्य को भी पूरा करने में सक्षम होते है।इसी तरह से एक ट्रेडर के लिए भी काफी ज़रूरी है कि वह एक लक्ष्य के साथ इंट्राडे ट्रेड में आए इस तरह से वह कई चीज़े जैसे किस तरह के स्टॉक्स का चयन करना है, कितने पैसो से ट्रेड करना है जैसे पेहलूओं की समझ के साथ ट्रेड करने से आप ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त कर सकते है

3. 2 मिनट में आप राजा और रंक हो सकते हैं

Intraday trading से कभी-कभी तो मिनटों में भी शेयर ट्रेडिंग करके पैसे कमा लेते हैं। जैसे कि आपने अभी किसी शेयर में पोजीशन ली और पांच-दस मिनट में उसका प्राइस बढ़ गया और आपने प्रॉफिट बुक कर लिया। इस तरह आप शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करके मिनटों में प्रॉफिट कमा सकते हैं।

4. नियम

कभी-कभी अकेले भटकने से बेहतर झुंड के साथ चलना बेहतर होता है. हमें सामान्य मार्किट में या फिर उस shares को सर्च करे, जिन्होंने ट्रेडर्स को अच्छा मुनाफा दिया है. जब भी शेयर बाजार में तेज से गिराबट आती है तब ट्रेडर्स को उन शेयर को तलाश करनी चाहिए जिनकी कीमत गिरती है, जब वह गिरते है तो आपके विश्लेषण के मुताबिक उनकी कीमत बढेगी

5.इंट्राडे स्टॉक चुने

इंट्राडे स्टॉक चुनने का विकल्प इंट्राडे के अनुभव के स्तर, ट्रेडिंग की शैली, उपलब्ध पूंजी कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले की मात्रा, ट्रेडर की जोखिम लेने की शक्ति , बाजार की स्थिति आदि सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। यह ट्रेडर की ट्रेडिंग योजना का एक हिस्सा है, हालांकि, प्रक्रिया गतिशील है और समय-समय पर विकसित होती रहती है क्योंकि ट्रेडर अपने अनुभवों से सीखता रहता हैं और अपनी ताकत और कमजोरियों को समझता हैं

क्योकि शेयर मार्केट जोखिमों के अधीन है

naidisha.tech यहाँ दी गई किसी भी जानकारी की वजह कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले से हुऐ किसी भी नुकसान के लिए इस ब्लॉग के लेखक व ब्लॉग जिम्मेदार नही होंगे। Nai Disha लेखक इस ब्लॉग में किसी भी पूर्व सुचना के कोई भी बदलाव करने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र है

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