क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

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टीथर – रोजमर्रा की जिंदगी के लिए क्रिप्टोकरेंसी
टीथर एक फिएट मुद्रा से जुड़ा है, जो यू.एस. डॉलर है। इसी वजह से टीथर को स्टेबल कॉइन कहा जाता है। इस प्रकार का कॉइन बिटकॉइन और एथेरियम जैसी मानक क्रिप्टोकरेंसी से भिन्न होता है, जिनकी कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव होता है और जिनका मूल्य राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं से लगातार प्रभावित होता है।
इस तरह की डिजिटल संपत्ति को वास्तविक रूप से उसके द्वारा प्रतिनिधित्व की जाने वाली फिएट मुद्रा के मूल्य से बंधा होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दूसरे शब्दों में, प्रत्येक टीथर टोकन का मूल्य हर समय एक डॉलर होना चाहिए – इसलिए स्थिरता।
वर्तमान में, चार टीथर मुद्राएँ हैं: USDT (अमेरिकी डॉलर के लिए आंकी गई), EURT (यूरो से आंकी गई), CHNT (चीनी युआन से आंकी गई), और XAUT (सोने के लिए आंकी गई)।
इसलिए यदि आपके पास 100 USDT है, तो आप $100 मूल्य की वस्तुएँ या सेवाएँ खरीद सकते हैं। हम बिटकॉइन और अधिकांश अन्य क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ऐसा नहीं कह सकते।
टीथर का इतिहास
टीथर का इतिहास रियलकोइन परियोजना से शुरू होता है। Realcoin ने जुलाई 2014 में एक श्वेत पत्र के साथ बाजार में प्रवेश किया। इस दस्तावेज़ ने क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास कई कारणों से समुदाय में भारी हलचल मचाई। क्रांतिकारी तकनीकी पहलुओं के अलावा, दस्तावेज़ के लेखक क्रिप्टोकरेंसी समुदाय में सबसे सम्मानित लोगों में से कुछ हैं। विशेष रूप से, ब्रॉक पियर्स, रीव कॉलिन्स क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास और क्रेग सेलर्स।
दिलचस्प बात यह है कि रियलकोइन का नाम बहुत लंबे समय तक नहीं चला। नवंबर 2014 में, सांता मोनिका-आधारित स्टार्टअप ने प्रोजेक्ट का नाम बदल कर टीथर रख दिया।
टीथर के साथ पेमेंट क्यों करें?
टीथर वर्तमान में ब्लॉकचेन तकनीक के सभी लाभों के साथ डिजिटल मुद्रा को स्टोर करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह वैश्विक, अर्ध-विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी शून्य अस्थिरता के साथ तेज और सुरक्षित लेनदेन प्रदान करती है।
टीथर का विभिन्न एक्सचेंजों और सेवा प्रदाताओं के साथ व्यापक एकीकरण है। टीथर व्यापारियों, ब्लॉकचेन कंपनियों और क्रिप्टोकरेंसी उत्साही लोगों के लिए समान रूप से सुलभ है। USDT व्यापारियों के लिए क्रिप्टो पेमेंट स्वीकार करना भी आसान बनाता है।
सुरक्षित वॉलेट और पुष्टिकरण प्रोटोकॉल आपके लेनदेन को सुरक्षित बनाते हैं। यह भी ध्यान देने योग्य है कि फिएट मनी के बजाय टीथर का उपयोग करने से आपको लेनदेन पर काफी बचत करने में मदद मिलती है।
वैसे, आप टीथर में डॉलर, यूरो और युआन स्टोर कर सकते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आप टीथर को अपने पसंदीदा सामान और सेवाओं पर खर्च कर सकते हैं और कम शुल्क का आनंद ले सकते हैं।
Cryptocurrency Rates Today: क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में गिरावट, बिटकॉइन 8 फीसदी टूटी, जानें अन्य का हाल
By: ABP Live | Updated at : 14 Sep 2022 03:28 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
क्रिप्टोकरेंसी (फाइल फोटो) ( Image Source : Alesia Kozik/Pexels )
Cryptocurrency Rate Today 14 September: क्रिप्टो बाजार में आज लाल निशान छाया हुआ है और प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी गिरावट के साथ कारोबार कर रही हैं. दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में कल से आज तक जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है. कल अमेरिकी बाजारों में जोरदार गिरावट के चलते क्रिप्टोकरेंसी के बाजार धड़ाम से गिरे हैं. हालांकि ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप में कल से आज तक 5 फीसदी गिरावट के बावजूद 1 क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास खरब डॉलर से ऊपर यानी 1.04 खरब डॉलर का मार्केट कैप देखा जा रहा है.
बिटकॉइन के दाम
अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े आने के बाद बिटकॉइन के दाम में अपेक्षा से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है. कल जहां ये 22,000 डॉलर के पार चली गई थी वहीं आज ये 8 फीसदी की भारी-भरकम गिरावट के साथ 20373 डॉलर पर ट्रेड कर रही है. कल यानी मंगलवार के कारोबार में जोरदार तेजी की बदौलत बिटकॉइन 22,000 डॉलर के क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास पार चली गई थी पर आज ये फिर 20,000 डॉलर के ऊपर आ गई है.
13 साल का हुआ बिटकॉइन, निवेशकों के 1000 रुपये को बना दिया 76.4 करोड़
Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए हैं। हालांकि, बिटकॉइन का श्वेतपत्र सातोशी नाकामोतो द्वारा 28 अक्टूबर, 2008 को जारी किया गया था, लेकिन मिंट डेट 3 जनवरी, 2009 है, इसीलिए लोग 3 जनवरी को ही इसका बर्थडे मानते हैं। Mudrex के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल (Edul Patel) ने कहा कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन (blockchain) के उदय के पीछे बिटकॉइन की अहम भूमिका रही है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है और भारत मार्किट
क्रिप्टोकरेंसी word आपने कई बार सुना होगा क्योंकि चाहे Elon Musk हो या फिर Warren Buffett कोई भी क्रिप्टोकरेंसी के नाम से अछूता नहीं है। अग़र आप क्रिप्टो के बारे में नहीं जानते है तो ये Article आपके लिए है। इस Article में हमने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है, जो आपको इस वर्चुअल करेंसी को समझने में वहुत मदद मिलेगी।
आसान भाषा में कहे तो क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास क्रिप्टोकरेंसी डिजिटिल फोर्म में है जो एक डिजिटल क़ैश प्रणाली है जिसे कंप्यूटर के कोडिंग language के algorithem पर काम करती है। ये डिजिटल फॉर्म उसी तरह सुरक्षित है जिस तरह अन्य देशों की मुद्रा। यह एक वर्चुअल करेंसी है जिसे छुआ नहीं जा सकता। आजकल इस मुद्रा का चलन काफी बढ़ता जा रहा है, इस डिजिटल क्रिप्टो करेंसी का उपयोग इंटरनेशनल मार्किट में खरीदारी, इन्वेस्टमेंट और सर्विसेज़ में किया जा रहा है। इसका उपयोग आप कहीं भी किसी भी Time कर सकते है और साथ ही इन्वेस्ट करके अपने पैसे में मुनाफा कमा सकते है।
क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार
April,2021 तक लगभग 10000 प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी हो गयी है। इस बात से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होने वाला है। Cripto में सबसे ज्यादा फेमस Bitcoin है, इसके अलावा और भी Cripto काफी Famous हो रही है जैसे –
Rank | Name | Symbol |
1 | Bitcoin | BTC |
2 | Ethereum | ETH |
3 | Binance Coin | BNB |
4 | Cardano | ADA |
5 | Tether | USDT |
6 | XRP | XRP |
7 | Dogecoin | DOGE |
8 | USD Coin | USDC |
9 | Polkadot | DOT |
10 | Uniswap | UNI |
भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो को कभी भी आधिकारिक मंजूरी नहीं दी है तथा इसे अवैध भी करार नहीं किया है क्योंकि क्रिप्टो पर किसी का अधिकार नहीं है तो rbi इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देता है इसलिए ही rbi ने अपनी खुद की डिजिटल करेंसी रेगुलेट करने के बारे में कहा है। सूत्रों से पता चला है की rbi इस साल के अंत तक अपनी करेंसी लेकर आ सकता है जो क्रिप्टो की तरह ही वर्क करेगी पर उसका रेगुलेशन rbi ही करेगा। इस करेंसी का नाम होगा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central bank digital currency ) क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास होगा।
क्रिप्टोकरेंसी के लाभ
- क्रिप्टोकरेंसी के लेन -देन कहीं से भी किया जा सकता है और किसी भी टाइम।
- इस तरह की करेंसी में गोपनीयता बहुत होती है जिसकी वजह से लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित रहती है।
- इन करेंसी का उपयोग विश्व में कहीं भी किया जा सकता है बिना किसी अतरिक्त शुल्क के।
- कोई भी व्यक्ति इसका उपयोग कर सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य उसके इन्वेस्टर और ट्रेडिंग के भरोसे पर निर्भर रहेगा। कई देशों ने इसे अपनाकर और वड़े -वड़े इन्वेस्टरों ने इसमें पैसा लगाकर इस पर भरोसा जताया गया है और इसका नतीजा इसकी आर्थिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ना। आज लोग धीरे -धीरे जागरूक हो रहे हैं साथ ही इसमें इन्वेस्ट करके अच्छा मुनाफा भी कमा रहे है। वहीँ दूसरी और कुछ देशों में इसे सही नहीं माना जा रहा है क्योंकि इसकी रेगुलेटरी कोई भी नहीं है तो इसकी जवावदेही भी किसी की क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास नहीं बनती। वैसे यह भी देखा जा रहा है की कुछ देश रेगुलेटरी के साथ अपनी -अपनी क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास डिजिटल मुद्रा को लाने की तैयारी भी कर रहे हैं। इससे यह कहा जा सकता है की क्रिप्टो आगे चलन में आएगी जो आजकल दिख भी रहा है।
क्रिप्टोकरेंसी की इस बात में कोई दोहराह नहीं है कि यह व्यापार,निवेश और अन्य बिभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और काम खर्च वाली डिजिटल प्रणाली है लेकिन फिर भी अगर वर्तमान स्वरुप पर गौर किया जाये तो इसकी गोपनीयता, अस्थिरता और इसकी नीति की वजह किसी भी देश को अनिवार्यता देना बहुत मुश्किल होगा। लेकिन भविश्य को अगर देखा जाये तो इसमें उपलब्ध अवसरों को ध्यान में रखते हुए सरकार और क्रिप्टोकरेंसी के बीच समन्वय को बढ़ाने पर वाल देना होगा साथ ही जन जागृति भी लानी होगी जिससे एक हितकारी तंत्र बन सके।
बाजार की मांग के साथ बदलाव
पॉलीगॉन के सह संस्थापक संदीप नैनवाल ने कहा, "पिछले कुछ समय में पॉलीगॉन की ग्रोथ में काफी तेजी रही है। किसी भी क्रिप्टोकरंसी के साथ स्पेकुलेशन जुड़ा होता है और इसके साथ भी यह सच है कि हमने अपना विजन और कामकाज का स्कोप बढ़ाया है। रियल वर्ल्ड एप्लीकेशन और ग्राहकों की दिलचस्पी बढ़ने की वजह क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास से पॉलीकॉन का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। पॉलीगॉन के अन्य संस्थापकों में जयंती कानानी और अनुराग अर्जुन शामिल हैं।
पॉलीगॉन से पावरहाउस
इस साल जनवरी से मई के बीच में पॉलीगॉन पर बनने वाले एप्लीकेशन की संख्या 8 गुना बढ़कर 400 तक पहुंच गई है। पॉलीगॉन इथेरियम ब्लाकचैन पर आधारित क्रिप्टोकरंसी है। ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी भी ऐसा एक एप्लीकेशन यूज कर रहे हैं। वह भी एनएफटी की तर्ज पर इस तरह के एप्लीकेशन की मदद से मिंटिंग में जुटे हैं। नैनवाल ने कहा, "हम चाहते हैं कि भारत दुनिया में ब्लॉकचेन का पावर हाउस बने।" उनका लक्ष्य दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो प्रोजेक्ट बनाना है। बिटकॉइन और इथेरियम के बाद वे पॉलीगॉन को देखना चाहते हैं।
बिटकॉइन से मुकाबला
अगर अमेरिकी यूरोप और चीन की ब्लॉकचेन तकनीक की बात करें तो भारत का यह ब्लॉकचेन स्टार्टअप अभी नवजात अवस्था में है। पश्चिमी देशों की दमदार मौजूदगी वाले स्पेस में भारत के इस कामकाज को नोटिस करने में वक्त लग सकता है। वेस्टर्न प्रोजेक्ट अभी क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास काफी प्रीमियम पर चल रहे हैं। अटेंशन पाने के लिए भारत की कंपनी को 5 गुना अधिक काम करना पड़ सकता है। साल 2019 में पहली बार पॉलीगॉन का टोकन बांटा गया था।
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