बिटकॉइन क्या है

Bitcoin ही एक ऐसी करेंसी हो ज्यादातर लोगों को Cryptocurrency की दुनिया में खींच रही है। Bitcoin कई देशों में पूर्ण रूप से मान्य है लेकिन कुछ देशों में ये अभी गैर कानूनी है। जापान ने इसे ‘वैध’ दर्जा दिया हुआ है।
Bitcoin कैसे काम करता है?
यह प्रश्न अक्सर भ्रम और हलचल मचाता है। यह रहा एक त्वरित विवरण!
एक नए उपयोगकर्ता के रूप में, तकनीकी जानकारी को समझने के बिना आप आरंभ कर सकते हैंBitcoin. अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर Bitcoin बटुए स्थापित करते हैं तो यह आपका पहला Bitcoin पता उत्पन्न करेगा और जरूरत पड़ने पर आप अधिक बना सकते हैं। आप अपने मित्रों को अपना पता बता सकते हैं ताकि आप उनको या वे आपको भुगतान कर सकते हैं। वास्तव में, यह ईमेल की तरह काम करता है फरक यह है कि पता केवल एक ही बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
शेष - ब्लॉक श्रृंखला
ब्लॉक चेन सार्वजनिक साझा बही खाता है जिस पर पूरा Bitcoin नेटवर्क निर्भर करता है। सभी पुष्टि लेनदेन ब्लॉक चेन में शामिल होते हैं। इस तरह, Bitcoin बटुआ खर्च हो सकने वाली शेष राशि की गणना कर सकता है और नए लेनदेन सत्यापित किए जा सकते हैं जानने के लिए कि कितने bitcoins है जो वास्तव में खर्चा करने वाले के स्वामित्व में हैं। ब्लॉक चेन की अखंडता और क्रमांक आदेश गूढ़लेखन. के साथ लागू होते हैं।
लेन – देन Bitcoin बटुओं के बीच मूल्य का हस्तांतरण हैं, जो ब्लॉक चेन में शामिल हो जाते हैं। Bitcoin बटुआ गुप्त डेटा रखता है जो निजी कुंजी या बीज कहलाता है जो लेनदेन पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है, इस बात का प्रमाण देते हुए कि यह मालिक के बटुए से आए हैं। हस्ताक्षर एक बार जारी किए जाने के बाद लेन – देन, किसी के द्वारा परिवर्तित किए जाने से रोकता है। सभी लेनदेन उपयोगकर्ताओं के बीच प्रसारित किए जाते हैं और 10 मिनट में अंदर नेटवर्क द्वारा पुष्टि शुरू होती है, उस प्रक्रिया के माध्यम से जिसे मायनिंग कहते हैं।
प्रसंस्करण - खनन
मायनिंग/खनन वितरित अनुकूलता प्रणाली को कहते हैं जो रुके हुए लेनदेन के पुष्टि ब्लॉक चेन में उन्हें शामिल करके करता है। यह ब्लॉक चेन में क्रमिक आदेश लागू करता है, नेटवर्क की तटस्थता की रक्षा करता है, और विभिन्न कंप्यूटर को प्रणाली स्थीति पर सहमती देने की अनुमति देता है। पुष्टि करने के लिए लेनदेन पैक किए जाना चाहिएब्लॉक में जो बहुत कड़े क्रिप्टोग्राफिक नियमों में फिट बैठते हैं और उस नेटवर्क द्वारा सत्यापित किए जाएंगे। ये नियम पिछले ब्लॉकों को संशोधित किए जाने से रोकते हैं क्योंकि ऐसा करने से सभी निम्न ब्लॉक रद्द हो जाएंगे। मायनिंग से प्रतियोगी लॉटरी के बराबरी बनाती है जो किसी भी व्यक्ति को आसानी से नए ब्लॉक को ब्लॉक श्रृंखला में यथाक्रम से जोड़ने में रोकता है। इस तरह, कोई भी व्यक्ति ब्लॉक श्रृंखला में क्या शामिल है इस पर नियंत्रित नहीं कर सकता या अपने ही खर्च को वापस रोल करने के लिए ब्लॉक श्रृंखला के भागों की जगह को बदल सकता।
बिटकॉइन क्या होता है? बिटकॉइन कैसे बनता है? बिटकॉइन कैसे खरीदें ?
Bitcoin Kya hai ? What is Bitcoin in Hindi –
बिटकॉइन क्या है ? (bitcoin kya hai) बिटकॉइन का प्राइस क्या ? बिटकॉइन कैसे ख़रीदे? बिटकॉइन क्या होता है ? बिटकॉइन कैसे बनता है ? बिटकॉइन अकाउंट ? बिटकॉइन रेट क्या है ?
बिटकॉइन से जुड़े हुए ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके बारे में बिटकॉइन क्या है हर कोई जानना चाहता है. बिटकॉइन की कीमत के बारे में बात करें तो यह 28,91,153.04 भारतीय रुपया है. काफी टाइम से बिटकॉइन के प्राइस में कभी उतार तो उछाल देखने को मिल रहा है. वहीं अगर डॉलर में बिटकॉइन की कीमत बताएं तो यह 39,529.00 United States Dollar है.
कई बार ऐसा भी समय आया जब यह कहा जाने लगा कि दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत एक करोड़ रुपए तक पहुँच सकती है. देखने को मिला था कि क्रिप्टोकरेंसी भुगतान पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने के आरबीआई के आदेश के बाद बड़ी संख्या में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी की तरफ अपना रुख किया था. चलिए जानते हैं बिटकॉइन से जुड़े कुछ सवालों के जवाब :-
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बिटकॉइन कैसे बनता है? (How Bitcoin is made)
बिटकॉइन का आविष्कार साल 2009 में सतोषी नाकामोटो ने किया था.
बिटकॉइन का मालिक कौन है? (Who owns bitcoin)
Bitcoin का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है. Bitcoin भी internet की तरह है. यानी Bitcoin एक decentralized currency है. इसे कोई भी control नहीं करता है. कोई भी bank या authority या सरकार यानि की कोई इसका मालिक नहीं है.
बिटकॉइन कैसे काम करता है? (How does bitcoin work)
बता दे कि बिटकॉइन का इस्तेमाल online payment करने के लिए किया जाता है. बिटकॉइन peer to peer network पर काम करता है. इसमें दो व्यक्ति बिना किसी bank, credit card या company के माध्यम से transactions कर सकते है. बिटकॉइन एक पर्सनल e- wallet से दूसरे पर्सनल e- wallet में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये e- wallets आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं.
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2. दूसरा तरीका यह है कि अगर आप अपनी कोई चीज ऑनलाइन बेच रहे हो और सामने वाले व्यक्ति के पास bitcoin है तो आप अपनी चीज के बदले उससे bitcoin भी ले सकते है. इस bitcoin को आप अपने bitcoin wallet में store करके रख सकते है. बाद आप bitcoin को बेचकर आए रुपयों को अपने bank में transfer कर सकते है.
3. तीसरा तरीका यह है कि अगर आपके पास High speed processor वाला computer है तो आप bitcoin mining का काम भी कर सकते है. Bitcoin miner का काम होता है कि बिटकॉइन क्या है वह bitcoin में होने वाले transjaction को verify करने का काम करता है. इसके बदले उन्हें कुछ Bitcoin इनाम के तौर पर मिलते है. इससे मार्किट में नए Bitcoin आते हैं.
बाजार में कितने बिटकॉइन है? (How many bitcoins are in the market)
बता दे कि जिस तरह हर देश में currency छापने की एक सीमा होती है, उसी तरह bitcoin की भी एक सीमा है. दरअसल मार्किट में कभी भी 21 million से बिटकॉइन क्या है ज्यादा bitcoins नहीं आ सकते है. इस समय मार्केट में 13 million bitcoins है. बाकी bitcoins mining के जरिए मार्किट में आएंगे.
बिटकोइन को कैसे खरीदे?
बिटकॉइन खरीदने के नियम है.इसे एक उचित माध्यम से ही ख़रीदा और बेचा जा सकता है.
- इसके लिए सामान्य बैंकिंग नियम के अनुसार परिचय पत्र ID प्रूफ होना अनिवार्य है.
- आपका किसी भी पारंपरिक बैंक में खाता होना अनिवार्य है.
- आपके पास पेन कार्ड होना अनिवार्य है.
- बिट कोइन को आप ऑनलाइन खरीद बेच सकते है.
बिटकॉइन वास्तव में एक माइनिंग की प्रक्रिया को कहते है जैसे खदानों से सोना, चांदी, खनिज, कोयला निकला जाता है वैसे ही बिटकॉइन को उच्च गड़ना वाले कंप्यूटर से संचालित किया जाता है.
बिटकॉइन की लोकप्रियता
सन 2011 में बिटकॉइन की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। लोग धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल करने लगे थे. चूँकि इस मुद्रा से लोगों का पैसा दिन दुगना रात चोगुना बिटकॉइन क्या है बढ़ रहा था. सरकार या किसी बैंक की इस में दखलअंदाजी नहीं होती. दूसरी प्रतिस्पर्धी कंपनी भी बाजार में आ रही थी औ बिटकोइन का मूल्य बढ़ रहा था.
लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा की इस पर कानून बनना चाहिय. अभी आरबीआई ने फिर एक बार कहा था कि वे भारत की ख़ुद की क्रिप्टो करेंसी को लाने और उसके चलन को लेकर विकल्प तलाश रही है. सरकार के भविष्य के फ़ैसले को लेकर एक नज़रिया यह भी बेहद निर्णायक होगा कि भारत में इस मुद्रा का कैसे इस्तेमाल होगा. सरकार ने साफ़ किया है कि वे क्रिप्टो करेंसी को रखने वालों को इसे बेचने के लिए वक़्त देगी. इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टो करेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है.
कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग? (How to trade in bitcoin?)
बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है. बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. दुनियाभर बिटकॉइन क्या है की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है. इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल (Digitally controlled currency) होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है. इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है.
बिटकॉइन यह क्रिप्टो करेंसी की पहली विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित नहीं होती बल्कि कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान है. कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल करके ट्रांजैक्शन को किया जाता है. नेट पर पूरी तरह से सुरक्षित होता है यह एक बिट कंप्यूटर सेंटर की तरह होता है जो जिसका बिटकॉइन क्या है कोई केंद्रीय मुख्यालय नहीं होता है. पूरे विश्व में अलग-अलग जगह संचालित होता है यह वही लोग कर पाते हैं जो उच्च स्तरीय कंप्यूटर के मास्टर होते हैं और विशेष गणना वाले जिनके पास कंप्यूटर होते हैं. सुपर कंप्यूटर टाइप के बिटकॉइन के लेनदेन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग करके कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खाता बनाकर इसके जरिए बिटकॉइन का लेनदेन कर सकता है.
बिटकॉइन के क्या फायदे हैं ? Bitcoin ke kya fayade hai
1. Bitcoin को आप किसी भी मुद्रा में खरीद सकते हैं।
2. Bitcoin का लेन-देन आप पूरी दुनिया में कहीं भी और कभी कर सकते हैं।
3. Bitcoin भेजने में शुल्क लगता हैं वो Debit card और Credit card के मुकाबले बहुत ही कम होता हैं।
4. Bitcoin ने साल 2020 में 302% रिटर्न दिया है। इस हिसाब से ये निवेश के लिए एक अच्छा साधन हो सकता है!
5. Bitcoin का मार्किट 24×7 खुला रहता है। जिसमे आप कभी भी निवेश कर सकते हैं।
बिटकॉइन के क्या नुकसान हैं ? Bitcoin ke kya nuksan hai
1. Bitcoin को अभी भारत में पूरी तरह से authority नहीं मिली है। अगर किसी कारणवश आपका अकाउंट हैक हो जाता है, तो आप इसकी शिकायत कहीं नहीं कर सकते।
2. Bitcoin को भारत में पूर्ण authority नहीं मिलने के कारण ये कभी बैन भी हो सकता है।
3. Bitcoin मार्किट जिस स्पीड से ऊपर जाता है तो कभी उसी स्पीड से नीचे भी गिरता है। जो आपके लिए नुकसान साबित हो सकता है।
बिटकॉइन कहाँ से और कैसे खरीदें? Bitcoin kaise khareede
आप Bitcoin बहुत ही आसानी से खरीद बिटकॉइन क्या है सकते है। इसे आप भारतीय मुद्रा (रुपए) में भी खरीद सकते हैं। इस समय भारत में कुछ websites उपलब्ध हैं, जिनके जरिये आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आप को उन websites या App पर Register करना होता है। उसके बाद आपको websites या App के Wallet में रुपये Add करने होंगे। फिर आप Bitcoin की खरीददारी कर सकते हैं।
दोस्तों, आज की पोस्ट “Bitcoin Kya Hai” में आपने Bitcoin के बारे में जाना। आपने Bitcoin की समस्त जानकारी विस्तारित रूप में समझी। Bitcoin भारत में वैध है या अवैध है ये भी जाना। साथ ही ये भी जाना कि आप Bitcoin को कैसे और कहाँ से खरीद सकते है ? इसके अलावा Bitcoin kaise kaam karta hai? इसके क्या फायदे और नुकसान है ? आपको ये पोस्ट कैसी लगी हमें आपने विचार हमारे साथ अवश्य साझा करें।
क्या होती है Bitcoin की हार्ड लिमिट, क्यों दुनिया में बस 2.1 करोड़ बिटकॉइन ही बनाए जा सकते हैं, जानते हैं?
दुनिया में 21 मिलियन Bitcoin ही माइन किए जा सकते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
2009 में अस्तित्व में आने के बाद से क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने लंबा सफर तय किया है. 2010 में कभी 10,000 बिटकॉइन्स में 2 पिज़्जा खरीदे गए थे बिटकॉइन क्या है और आज बिटकॉइन का मार्केट कैप क्रिप्टो बाजार में सबसे ज्यादा है. इसकी कीमत आज 67,000 डॉलर यानी 54 लाख के ऊपर पहुंच चुकी है. ऐसे में कह सकते हैं कि बिटकॉइन का कायापलट हो चुका है. हालांकि, एक चीज है, जो नहीं बदली है, वो है बिटकॉइन माइनिंग की हार्ड लिमिट.
अब तक कितने बिटकॉइन माइन किए जा चुके हैं?
अब तक 18.78 मिलियन बिटकॉइन माइन किए जा चुके हैं. यानी कि दुनिया में कभी भी जितने भी बिटकॉइन रहेंगे उसका लगभग 83 फीसदी हिस्सा अब तक माइन किया जा चुका है और ये हिस्सा सर्कुलेशन में है. मतलब अब बस लगभग 2 मिलियन बिटकॉइन ही माइनिंग के लिए रह गए हैं.
अगर सबकुछ ऐसा ही रहा तो, एक दशक में 97 फीसदी बिटकॉइन माइन किए जा चुके होंगे. लेकिन बाकी के तीन फीसदी कॉइन अगली एक शताब्दी में माइन हो पाएंगे. इस हिसाब से आखिरी बिटकॉइन सन् 2140 के आसपास माइन किया जाएगा. माइनिंग के धीमा होने के पीछे की वजह एक प्रकिया है, जिसे हाविंग यानी halving कहते हैं. जिस रेट पर बिटकॉइन जेनरेट किए जाते हैं, यह प्रक्रिया उस रेट को हर चार साल पर 50 फीसदी घटा देती है.
इस हार्ड लिमिट से बिटकॉइन को क्या फायदा होता है?
सीधा हिसाब है- जो चीज जितनी कम होगी, उसकी कीमत उतनी ज्यादा होगी. हां कीमत मांग पर निर्भर करती है. चूंकि क्रिप्टो की दुनिया में 21 मिलियन बिटकॉइन ही होंगे, लेकिन दिलचस्पी बढ़ने पर निवेशको की संख्या बढ़ेगी, यानी मांग बढ़ेगी. और मांग बढ़ेगी तो इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत भी बढ़ेगी.
अगर थ्योरी में देखें तो हां यह संभव है. लेकिन इसके लिए बहुत बड़े स्तर पर लोगों की सहमति लेनी होगी. जरूरत होगी कि अधिकतम बिटकॉइन निवेशक अपनी बिटकॉइन की पूंजी की कीमत को कम करने को तैयार हो जाएं, लेकिन ऐसा सोच बिटकॉइन क्या है पाना मुश्किल है कि कोई भी क्रिप्टो में अपने निवेश में ऐसा करके अपना नुकसान कराना चाहेगा.
पिछले कुछ सालों में कैसा रहा है बिटकॉइन का सफर?
अर्थशास्त्री अभी तक इस बात पर स्टडी कर रहे हैं कि हार्ड लिमिट का बिटकॉइन पर क्या असर हुआ है, लेकिन लॉन्च होने के एक दशक बाद तक इसकी कीमतें अप्रत्याशित ढंग से बढ़ी हैं. 2009 में एक ब्लॉक की माइनिंग से 50 बिटकॉइन जेनरेट किए जा सकते थे, लेकिन उस वक्त इसकी कीमत कम थी. एक साल बाद यानी 2010 में एक शख्स ने दो पिज़्जा खरीदने के लिए 10,000 बिटकॉइन चुकाया था.
2012 में यानी कि लॉन्चिंग के चार साल बाद पहली बार ‘halving' की प्रक्रिया हुई, जिसक बाद हर ब्लॉक से 25 बिटकॉइन जेनरेट होने लगे. इससे इस कॉइन की वैल्यू बढ़ी. 2013 के अंत तक इसकी कीमत 200 डॉलर थी. दूसरी 'halving' 2016 में हुई, जब एक ब्लॉक की माइनिंग से 12.5 बिटकॉइन जेनरेट होने लगे. 2020 में अगली 'halving' के बाद एक ब्लॉक से 6.25 बिटकॉइन जेनरेट होने लगे.
पिछले साल के शुरुआती महीनों में बिटकॉइन की कीमत लगभग 10,000 डॉलर थी और यह अप्रैल में 65,000 डॉलर के पार चली गई, जिसके बाद इसने तेज गिरावट देखा. हालांकि अगस्त, 2021 में यह करेंसी फिर से 50,000 के ऊपर के लेवल को छूने में कामयाब रही. इसके बाद अक्टूबर में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर बिटकॉइन फ्यूचर के तौर पर एक्सचेंज ट्रेडेड फंंड की शुरुआत होने से इसने बीते एक महीने में 65,000 से लेकर 67,000 डॉलर तक का सफर तय कर लिया है. बिटकॉइन की माइनिंग जितनी कठिन हुई है, इसकी कीमतें उतनी ही उछली हैं.