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अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है। इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य में है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: उद्देश्य

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एवं मौद्रिक स्थिरता को बनाये रखने के उपाय करना तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विस्तार एवं पुनरुत्थान हेतु वित्तीय आधार उपलब्ध कराना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है।

इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्यों में एक स्थायी संस्था (जो अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक समस्याओं पर सहयोग व परामर्श हेतु एक तंत्र उपलब्ध कराती है) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विस्तार एवं संतुलित विकास को प्रोत्साहित करना तथा इस प्रकार से सभी सदस्यों के उत्पादक संसाधनों के विकास और रोजगार व वास्तविक आय के उच्च स्तरों को कायम रखना; विनिमय स्थिरता को प्रोत्साहित करना तथा सदस्यों के बीच व्यवस्थित विनिमय प्रबंधन को बनाये रखना; सदस्यों के मध्य चालू लेन-देन के संदर्भ में भुगतानों की एक बहुपक्षीय व्यवस्था की स्थापना में सहायता देना; सदस्यों को अस्थायी कोष उपलब्ध कराकर उन्हें अपने भुगतान संतुलनों के कुप्रबंधन से निबटने का अवसर एवं क्षमता प्रदान करना तथा सदस्यों के अंतरराष्ट्रीय भुगतान संतुलनों में व्याप्त असंतुलन की मात्रा व अवधि को घटाना इत्यादि सम्मिलित हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: संक्षिप्त इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना जुलाई 1944 में सम्पन्न हुए संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में हस्ताक्षरित समझौते के अंतर्गत की गई, जो 27 दिसंबर, 1948 से प्रभावी हुआ। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा 1 मार्च, 1947 को औपचारिक रूप से कार्य करना शुरू कर दिंया गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आर्थिक व सामाजिक परिषद के साथ किये गये एक समझौते (जिसे 15 नवंबर, 1947 को महासभा की मंजूरी प्राप्त हुई) के उपरांत संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बन गया।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: संरचना

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक का एक संगठनात्मक ढांचा एक समान है।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स, बोर्ड ऑफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स, अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली पर एक अंतरिम समिति तथा एक प्रबंध निदेशक व कर्मचारी वर्ग के द्वारा अपना कार्य करता है।
बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की सभी शक्तियां बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में निहित होती हैं। इस बोर्ड में प्रत्येक सदस्य देश का एक गवर्नर एवं एक वैकल्पिक प्रतिनिधि शामिल रहता है। इसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है।

बोर्ड ऑफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स: बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा अपनी अधिकांश शक्तियां 24 सदस्यीय कार्यकारी निदेशक बोर्ड को हस्तांतरित कर दी गयी हैं। इस कार्यकारी निदेशक बोर्ड की नियुक्तियां निर्वाचन सदस्य देशों या देशों के समूहों द्वारा किया जाता है। प्रत्येक नियुक्त निदेशक को अपनी सरकार के निर्धारित कोटे के अनुपात में मत शक्ति प्राप्त होती है। जबकि प्रत्येक निर्वाचित निदेशक अपने देश समूह से सम्बद्ध सभी वोट डाल सकता है।
प्रबंध निदेशक: कार्यकारी निदेशकों द्वारा अपने प्रबंध निदेशक का चयन किया जाता है, जो कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। प्रबंध निदेशक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सम्पन्न करता है। एक संधि समझौते के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रबंध निदेशक यूरोपीय होता है जबकि विश्व बैंक का अध्यक्ष अमेरिकी नागरिक होता है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: कार्य
अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्य इस प्रकार है:
1 आईएमएफ की स्थापना के समय, इसके तीन प्राथमिक कार्य होते थे: देशों के बीच निश्चित विनिमय दर की व्यवस्था की निगरानी करना, इस प्रकार राष्ट्रीय सरकारों ने अपने विनिमय दरों का प्रबंधन करने और इन सरकारों को आर्थिक विकास को प्राथमिकता देने की अनुमति दी, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संकटों को फैलाने से रोकने के लिए सहायता करना था । महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के टुकड़ों को सुधारने में आईएमएफ का भी इरादा था। साथ ही, आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे जैसे परियोजनाओं के लिए पूंजी निवेश प्रदान करना।
2 अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष वैश्विक विकास और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए काम करता है, जिससे वे विकासशील देशों के साथ काम कर, नीतिगत, सलाह और सदस्यों को वित्तपोषण करके व्यापक आर्थिक स्थिरता हासिल करने और गरीबी को कम करने में मदद करते हैं।
3 अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष वित्तपोषण के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं भारत
भारत का अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष से घनिष्ठ संबंध रहा है और उसके नीति-निर्माण एवं कार्य संचालन में भारत निरंतर योगदान देता रहा है। समय-समय पर आर्थिक सहायता और परामर्श द्वारा भारत मुद्रा कोष से लाभान्वित हुआ है।भारत, जो अभी तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से समय-समय पर अपनी आवश्यकतानुसार ऋण लेता रहा है, अब इसके वित्त पोषक राष्ट्रों में शामिल हो गया है। अब भारत इस बहुपक्षीय संस्था को ऋण उपलब्ध कराने लगा है।

दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश मंडप की धूम

भोपाल। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर-2021 (India International Trade Fair-2021) में मध्यप्रदेश के मंडप (Pavilions of Madhya Pradesh) में ग्रामीणों द्वारा उत्पादित सामग्रियों ने धूम मचा दी हैं। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने मध्यप्रदेश पेवेलियन का रविवार को उद्घाटन किया।

पेवेलियन में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम, एमपी पर्यटन, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, लघु उद्योग निगम, मृगनयनी एंपोरियम, कृषि एवं किसान कल्याण, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने भाग लिया और अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया। प्रमुख उत्पादों में सीधी जिले का कोदो-कुटकी और पंजा दरी, टीकमगढ़ के पीतल के उत्पाद, शिवपुरी की कपड़े की जैकेट, भोपाल के हस्तकला उत्पाद, रतलामी सेंव के साथ मृगनयनी एम्पोरियम द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही कृषि आधारित एक स्टार्टअप Inventohack ने भी प्रदर्शनी में भाग लिया।

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प्रति वर्ष प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 14 से 27 नवम्बर में यह मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में अन्य देशों के अलावा विभिन्न राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश, भारत शासन के मंत्रालय द्वारा भाग लिया जाता है। देश की आजादी के 75 वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित 40वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2021 आत्म निर्भर भारत की थीम पर केन्द्रित है। इस आयोजन से देश में निवेश और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

उद्घाटन में मध्य प्रदेश शासन के आवासीय आयुक्त पंकज राग, अपर आवासीय आयुक्त प्रकाश उन्हाले, मप्र लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक विशेष गढ़पाले, मृगनयनी मप्र एम्पोरियम, नई दिल्ली के प्रभारी उप मुख्य महाप्रबंधक बीएन तिवारी के साथ-साथ दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)

पंजाब को पर्यटन के केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए सरकार प्रतिबद्धः मंत्री

मान ने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान पंजाब के उत्पादों को भरपूर सराहना मिली है और पंजाब के उत्पादों को और अधिक प्रचारित करने के लिए संजीदगी से प्रयास किए जा रहे हैं.

पंजाब को पर्यटन के केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए सरकार प्रतिबद्धः मंत्री

मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार प्रदेश के लोगों की आशाओं पर खरी उतरेगी.

पंजाब के पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं का पता लगा इसे पर्यटन के केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले, निवेश प्रोत्साहन, श्रम एवं शिकायत निवारण संबंधी कैबिनेट मंत्री अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे मान ने दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 41वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला-2022 में पंजाब दिवस समारोह के अवसर पर पंजाब पैविलियन का उद्घाटन किया.

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इस अवसर पर पत्रकारों के साथ बात करते हुए मान ने कहा कि पंजाब के पर्यटन क्षेत्र की पूरी संभावनाओं को उजागर करने और इसके प्रचार के लिए विशेष एप तैयार अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पंजाब की सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक इमारतों को और अधिक विकसित किया जाएगा व सैलानियों अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे की सुविधा के लिए पर्यटन परिवहन नेटवर्क को मज़बूत किया जाएगा.

मान ने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान पंजाब के उत्पादों को भरपूर सराहना मिली है और पंजाब के उत्पादों को और अधिक प्रचारित करने के लिए संजीदगी से प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार प्रदेश के लोगों की आशाओं पर खरी उतरेगी.

इसके बाद मंत्री ने पंजाब पैविलियन में विभिन्न विभागों और संस्थानों जैसे मार्कफेड, वेरका, पीएसआईईसी, इनवैस्ट पंजाब, पंजाब पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग, विज्ञान प्रौद्योगिकी, टेक्नोलॉजी एवं पर्यावरण विभाग, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा स्थापित स्टॉलों का दौरा किया. पंजाब दिवस समारोह के अवसर पर नूरां बहनों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया.

कमिटमेंट पर खरा उतरें और साख को बनाए रखें

आगरा के उद्यमियों ने निर्यातक बनने के गुर सीखे। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स की तरफ से कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

आगरा. आगरा के उद्यमियों ने बुधवार को निर्यातक बनने के गुर सीखे। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स की तरफ से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें उन्हें निर्यातक बनने के फायदे बताए गए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विदेश व्यापार के संयुक्त महानिदेशक मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि अपने देश में व्यापार करने से ज्यादा आसान है अंतरराष्ट्रीय व्यापार करना। बशर्ते हम इसकी बारीकियों को समझें और उसका पालन करें। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार की सबसे पहली शर्त है कमिटमेंट पर खरा उतरना। जिस समय पर खरीदार को प्रोडक्ट उपलब्ध कराने का वादा करें उसे जरूर पूरा करें, क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में स्टोरेज की समस्या है। दूसरी सबसे अहम शर्त है अपनी साख को बनाए रखें। खरीदार से चीटिंग नहीं करें। ऐसा करने से न केवल उस व्यक्ति की बल्कि पूरे इलाके की छवि प्रभावित होती है। उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व में आगरा के एक जूता निर्यातक ने एक जूता सात नंबर का तथा दूसरा जूता आठ नंबर का सप्लाई कर दिया था। इसी प्रकार आगरा के ही एक अन्य निर्यातक ने एक जूता काला तथा दूसरा जूता ब्राउन कलर का सप्लाई कर दिया। इस तरह की लापरवाही का खामियाजा सिर्फ उस निर्यातक को ही नहीं पूरे शहर को भुगतना पड़ता है। बायर उस स्थान के किसी भी बने हुए प्रोडक्ट को खरीदने से परहेज करता है।

मानवेन्द्र सिंह ने निर्यात को प्रोत्साहित करनेवाली योजनाओं को भी विस्तार से बताया। कहा, खटमल की तरह इन सरकारी योजनाओं का लाभ लें। इससे आपके प्रोडक्ट की कीमत कम होगी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में ज्यादा मुनाफा दिलाएगी। उन्होंने कहा कि भारत ने कई देशों के साथ मुक्त व्यापार की संधि कर रखी है। यह व्यापार किन देशों के साथ हो रहा है, इसकी पूरी जानकारी रखें। एमएसएमई की तरफ से आए वीरेन्द्र सिंह ने भी निर्यात संवर्धन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी दी।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स ऑर्गेनाइजेशन (फियो) से आए आलोक श्रीवास्तव ने केन्द्र सरकार की विदेश व्यापार संबंधी नीतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमें एकलव्य और अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर ही ध्यान रखना होगा तभी सफलता मिलेगी। श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार को दोष देने की बजाय खुद को तैयार करें। उन्होंने विश्व व्यापार में भारत की स्थिति का तुलनात्मक ब्यौरा भी पेश किया।

कार्यक्रम के दौरान कई पुराने निर्यातकों ने अपने अनुभव शेयर किए। आगरा के प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर निर्यातक शैलेन्द्र बंसल ने बताया कि इंजीनियरिंग करने के बाद सबसे पहले वे हार्डवेयर का काम करते थे। इसी दौरान आगरा में एक एसएसपी विश्वकर्मा आए, जिन्होंने मुझसे इटावा के डकैत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे पकडऩे के लिए मदद मांगी। एसएसपी के मुताबिक जीपीएस डिवाइस लगे कंप्यूटर से डाकू को आसानी से पकड़ा जा सकता था। उनके कहने पर मैंने जीपीएस डिवाइस बनाई, जिससे डकैत पकड़ा गया। इसके बाद मेरा हौसला बढ़ गया। हार्डवेयर के साथ-साथ सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में कदम रख दिया। विदेशों में भी खरीदारों की तलाश में गया। मेरी कंपनी आज साफ्टवेयर के क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भारत की साख अच्छी है। साफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत चीन से काफी आगे है। इसका लाभ भारतीय उद्यमियों को उठाना चाहिए। बंसल की संघर्षभरी कहानी को सुनकर सभागार में बैठे सभी लोगों ने ताली बजाकर स्वागत किया।

चैंबर अध्यक्ष भुवेश कुमार अग्रवाल, राजेश, अवनीश कौशल, संजय गोयल, सीताराम अग्रवाल, सोहन लाल जैन, अमर मित्तल, मनीष अग्रवाल, वीरेन्द्र गुप्ता, सुरेश चंद्र बंसल, अमित अग्रवाल सहित काफी संख्या में उद्यमी मौजूद थे।

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