चरण व्यापार

“अब यह संभावना प्रतीत होती है कि लिज़ ट्रस सरकार के तहत संभावित यूके-भारत एफटीए उतना वास्तविक नहीं होगा और न ही उतना व्यापक होगा जितना कि पिछली बोरिस जॉनसन सरकार द्वारा परिकल्पित किया गया था, क्योंकि गतिशीलता / प्रवासन और टैरिफ के प्रमुख मुद्दों पर बातचीत जारी रहने की उम्मीद की जा सकती है। लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) थिंक टैंक में दक्षिण एशिया के सीनियर फेलो राहुल रॉय-चौधरी ने कहा, “चरण व्यापार समझौते के दूसरे चरण के गैर-समयबद्ध दूसरे चरण की ओर।”
व्यापार चक्र में कितने चरण होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंहिक्स के व्यापार चक्र सिद्धांत का अर्थ स्वतन्त्र निवेश तथा प्रेरित निवेश चरण व्यापार में अन्तर इस प्रकार किया गया है कि प्रेरित निवेश उत्पादन स्तर में परिवर्तन का तथा स्वतन्त्र निवेष वर्तमान उत्पादन स्तर का फलन है। हिक्स स्वतन्त्र निवेश में सार्वजनिक निवेष को सम्मिलित करता है जो आविश्कार होने के साथ-साथ बढ़ता है।
व्यापार चक्र का मनोवैज्ञानिक सिद्धांत क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमनोवैज्ञानिक सिद्धांत: पिगौ के अनुसार, व्यापार चक्र का मुख्य कारण व्यापारियों और बैंकरों के बीच आशावाद और निराशावाद है। अच्छे व्यापार की अवधि के दौरान, उद्यमी आशावादी हो जाते हैं जिससे उत्पादन में वृद्धि होंगी। आशावाद की भावना दूसरे में फैलती है।
व्यापार चक्र अवधारणा में लंबी लहर की अवधि कितनी है?
इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार विभिन्न परिभाषाओं से यह स्पष्ट होता है कि व्यापार चक्र पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में आर्थिक क्रियाओं के उतार-चढ़ाव का घोतक है जिसमें एक निश्चित अवधि के पश्चात नियमित रूप से तेजी औरमंदीकी अवस्थाएंबारी बारी से आती रहती है। विचार में व्यापार चक्र की सामान्य अवधि 7 से 10 वर्ष की होती हैं ।
हाल के पोस्ट
- Prorganiq – Best Whey Protein Isolate Supplement
- Prorganiq – Mass Gainer Supplement
- Prorganiq – Best Whey Protein Supplement
- शीर्ष 8 आल्टक्वाइंस जिन्हें आपको 2022 में भारत में खरीदनी चाहिए (Top 8 Altcoins To Buy In India In 2022)
- दुनिया भर के क्रिप्टो-फ्रेंडली देशों का क्रिप्टो के विनियमन के बारे में क्या कहना है? (How are crypto-friendly nations around the globe approaching Crypto regulations?)
- पतंजलि एलोवेरा साबुन Patanjali Aloe Vera Kanti Soap
- पतंजलि पाचक हींग गोली की जानकारी Patanjali Pachak Hing Goli
- सर्दियों में हरी मटर के कुरकुरे पकौड़े बनाकर सॉस के साथ इनका मज़ा ले Matar Pakoda Recipe
- घर पर रखी बस तीन सामग्री से बनाएं इतने क्रंची कुकीज़ Jam Cookies Recipe
- बाल्टी चिकन इतना लज़ीज़ कि जिसको खाकर सब कहेगे वाह Balti Chicken Recipe
भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विभिन्न चरण (Different stages of British colonialism in india)
उपनिवेशवाद के प्रथम चरण में अंग्रेजों का ध्यान आर्थिक लूट पर ही केंद्रित रहा कंपनी भारत के साथ व्यापार पर अपना वर्चस्व चाहती थी जिससे कि उसके साथ प्रतिस्पर्धा करने वाला कोई अन्य ब्रिटिश अथवा यूरोपीय व्यापारी या व्यापारिक कंपनी न हो। यूरोप के अन्य राष्ट्रों को भारत से दूर रखने के लिए कंपनी को फ्रांसीसीयों तथा डचों के साथ भीषण लड़ाई लड़नी पड़ी।
उपनिवेशवाद का द्वितीय चरण :औद्योगिक चरण(1813-1860ई.)
-भारत के व्यापार से कंपनी का एकाधिकार समाप्त हो गया और यहीं से औद्योगिक पूंजीवाद द्वारा भारत के शोषण का नया रूप सामने आया।
-औद्योगिक पूंजीवाद के अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय शिल्प उद्योगों को नष्ट कर दिया।
-स्थाई बंदोबस्त की शुरुआत की गई।
-भारत से कच्चे माल के निर्यात में तेजी आई, वहीं दूसरी ओर इंग्लैंड से सूती कपड़ों के आयात में वृद्धि हुई।
-रेलवे का विकास इसी चरण में हुआ।
उपनिवेशवाद का तृतीय चरण: वित्तीय पूंजीवाद(1860 के पश्चात)
-उपनिवेशवाद का यह चरण प्रथम दो चरणों की ही तार्किक परिणति थी जिसके अंतर्गत उन चरणों की शोषण प्रक्रिया तो जारी रही ही किंतु उसके स्वरूप में परिवर्तन आ गया।
-यूरोप के बढ़ते औद्योगीकरण के कारण वहां कच्चे चरण व्यापार माल की प्राप्ति व बाजार उपलब्धता के लिए प्रतिस्पर्धा थी।
-इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के ऊपर स्वरूप वृहद पूंजी का सृजन हो गया था जिसके निवेश हेतु भारत एक अच्छा बाजार का विकल्प था।
-वित्तीय पूंजीवाद के दुष्प्रभावों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पहले से अधिक खोखला बना दिया इस दौरान भारतीयों को सार्वजनिक ऋण पर ब्याज की अदायगी करनी पड़ी जिससे पूंजी निर्माण व निवेश की प्रक्रिया कमजोर हो गई।
-स्वदेशी उद्योगों तथा कृषि के विकास को इस विदेशी वित्तीय पूंजीवाद ने पनपने नहीं दिया।
चरण व्यापार
- लाइसेंस धारी उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम 1964 और चरण व्यापार तदैन बनायी गई नियमावली और लाइसेंस जारी करने वाली मण्डी समिति की उपविधियों के उपबन्धों का पालन करेगा।
- लाइसेंस धारी अधिनियम नियमावली तथा मण्डी समिति की उपविधियों के किन्हीं भी उपबन्धों के उपवचन अथवा् उल्लंघन की अनुज्ञा न देना और को भी उपवचन या उल्लंघन जो उसकी जानकारी में आये उसकी लिखित सूचना मण्डी समिति को देगा।
- लाइसेंस धारी अपने कारोबार का संचालन न्यायगत व्यवहार के सिद्धान्तों के आधार पर ईमानदारी और उचित रूप से करेगा
- लाइसेंस धारी निर्दिष्ट कृषि उत्पादन के सम्बन्ध में ऐसे प्रपत्रों में ऐसे लेखे रखेगा और ऐसी विवरणियाँ प्रस्तुत करेगा जो समय-समय पर मण्डी समिति द्वारा निर्दिष्ट की जाय।
- लाइसेंस धारी समस्त सौंदों को जैसे ही वह हो जायें अभिलेखों में दर्ज करेगा तथा स्टाफ की स्थिति के अनुसार अभिलेखों को अद्यावधि रखेगा।
- लाइसेंस धारी लाइसेंस के अधीन किसी कारोबार के सौदों के लिए जिसमें कृषि उत्पादन के संग्रह अथवा् प्रक्रिया भी सम्मिलित है। लाइसेंस के लिए दिये गये प्रार्थना पत्र में उल्लिखित भू-गृहादि के अतिरिक्त जब कभी कोई भू-गृहादि बढ़ायेगा अथवा् उसमें परिवर्तन करेगा तो उसकी लिखित सूचना मण्डी समिति को देगा।
- लाइसेंस धारी मण्डी समिति को पूर्व लिखित सूचना दिये चरण व्यापार बिना किसी भी व्यक्ति को जिसका नाम लाइसेंस के लिए दिये गये प्रार्थना पत्र में न हो अपने नियमित प्रदत्त रोजगार में नहीं लेगा।
- लाइसेंस धारी सचिव तथा किसी भी अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी का जो मण्डी समिति द्वारा लाइसेंस धारी के लेखों और स्टाफ की जांच करने के लिए प्राधिकृत किया गया हो, समस्त उचित सुविधायें देने की व्यवस्था करेगा।
- लाइसेंस धारी मांगने पर अपना लाइसेंस सभापति सचिव अथवा् मण्डी समिति द्वारा तदर्थ प्राधिकृत अन्य किसी व्यक्ति को प्रस्तुत करेगा।
- लाइसेंस धारी ऐसी कार्यवाहियों अथवा् व्यवहारों में निरत न होगा जो निर्दिष्ट कृषि उत्पादन के विक्रय तथा क्रय विनियम के लिए हानिकर हो।
- लाइसेंस धारी किसी लाइसेंस प्राप्त दलाल, तोलक, मापक या पल्लेदार को अपने नियमित प्रदत्त कर्मचारी के रूप में न तो रखेगा न बने रहने देगा।
- लाइसेंस धारी अपनी दुकान पर विक्रय अथवा् संग्रह के लिए लाये गये निर्दिष्ट कृषि उत्पादन की सुरक्षित अभिरक्षा तथा उसके संरक्षण के लिए उत्तरदायी होगा।
- लाइसेंस चरण व्यापार धारी प्रतियोगिता को हटाने के लिए क्रेताओं के साथ मिलकर कोई समुच्चय (चववस) अथवा् संयोजन नहीं बनायेगा तथा विक्रेता को उसके उत्पादन के उचित मूल्य से वंचित करने के लिए ऐसा करने का न कोई प्रयास करेगा और न उसके लिए उकसायेगा।
- लाइसेंस धारी यदि वह व्यापारी है मण्डी स्थल में निर्दिष्ट कृषि उत्पादन के लिए किये गये नीलामों में उपस्थिति होने से न तो स्वयं जानबूझकर अलग रहेगा और न अपने प्राधिकृत किसी प्रतिनिधि को अलग रहने देगा।
- लाइसेंस धारी अपने कारोबार के भू-गृहादि के किसी प्रमुख स्थान पर अपना लाइसेंस प्रदर्शित करेगा।
- लाइसेंस धारी मण्डी स्थल में निर्दिष्ट कृषि उत्पादन की बिक्री तथा क्रय के सम्बन्ध में न तो स्वयं बहिष्कार करेगा और न किसी अन्य लाइसेंस धारी के बहिष्कार को प्रोत्साहित करेगा।
- लाइसेंस धारी अधिनियम नियमावली तथा उपविधियों के अधीन मण्डी समिति के सभापति या सचिव द्वारा समय-समय पर जारी किये गये आदेषों तथा निर्देषों का पालन करेगा।
- लाइसेंस धारी से जब मण्डी समिति अथवा् उसके द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी द्वारा अपेक्षा की जाय तो अपने कारोबार से चरण व्यापार समयबद्ध विशयों पर ठीक-ठीक सूचना देगा।
- लाइसेंस धारी यदि उसके पास मण्डी स्थल का लाइसेंस है निर्दिष्ट कृषि उत्पादन को केवल मण्डी स्थल में ही क्रय करेगा। मण्डी स्थल के बाहर मण्डी क्षेत्र में निर्दिष्ट कृषि उत्पादनों के विक्रय, क्रय, संग्रह, तौलने या प्रक्रिया हेतु किसी स्थान व्यवस्था करने के लिए पृथक लाइसेंस लेना आवष्यक होगा।
- लाइसेंस धारी यदि वह फुटकर व्यापारी है किसी भी निर्दिष्ट कृषि उत्पादन को किसी एक समय में उपविधि की धारा 20 के अन्तर्गत से अधिक न तो क्रय करेगा न संग्रह करेगा।
- लाइसेंस धारी यदि ग्राम व्यापारी है निर्दिष्ट कृषि उत्पादन को मण्डी क्षेत्र में कहीं भी सिवाय मण्डी स्थल के विक्रय नहीं करेगा।
उद्देश्य
- मण्डी विनियमन का उद्देश्य व्यापार में असुविधा उत्पन्न करना नहीं बल्कि उससे उत्पादन कर्ता एवं व्यापारी तथा उपभोकता के हित में चलाना है।
- विनियमित मण्डी में उत्पादन की शुद्धता एवं सफाई पर विषेश ध्यान दिया जाता है, जिससे वह आकर्षक बनकर अधिक मूल्य ही प्राप्त नहीं करती वरन् मण्डी को दूर-दूर तक प्रतिष्ठित भी करती है।
- मण्डी में विक्रेता से आढ़त, धर्मादा, कर्दा, मण्डी शुल्क फालतू तौल या कोई अन्य कटौती लेना या आरोपित करना जुर्म है।
इस वेबसाइट पर सामग्री राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित और प्रबंधित की जाती है। इस वेबसाइट के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए, "वेब सूचना प्रबंधक" से संपर्क करें
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता वार्ता अंतिम चरण में गतिरोध का सामना: रिपोर्ट
By NEWS LAMP Last updated Oct 9, 2022 45 0
एफटीए के लिए दिवाली की समयसीमा की घोषणा पूर्व प्रधान मंत्री जॉनसन ने उत्साहपूर्वक की थी।
यूके की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डेटा स्थानीयकरण और यूके की कंपनियों को भारत सरकार के अनुबंधों के लिए बोली लगाने की अनुमति दी जा रही है, जो भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की बातचीत के अंतिम चरण में संभावित गतिरोध पैदा कर रहे हैं। रविवार को।
‘द डेली टेलीग्राफ’ ने वार्ता के करीबी एक चरण व्यापार सूत्र के हवाले से कहा कि डेटा स्थानीयकरण नियम जो विदेशी कंपनियों को भारत से डेटा लेने से रोकते हैं और यूके की फर्मों को सार्वजनिक क्षेत्र के अनुबंधों के लिए बोली लगाने की अनुमति देते हैं, एक व्यापक सौदे के लिए दो प्रमुख “चिपके हुए बिंदु” हैं।