न्यूनतम लॉट

तुईरियल जल-विद्युत परियोजना की अधिष्ठापित क्षमता 60 मेगावाट (2X30 मेगावाट) है तथा इसे मिडियम हेड स्टोरेज योजना के तहत बनाया जा रहा है। यह परियोजना तुईरियल नदी श्रृखला के निम्नतम साध्य स्टेज पर बनाई जा रही है न्यूनतम लॉट तथा यह असम के कछार जिला से सटे मिजोरम जिला के आईजल में स्थित है। इस परियोजना तक सिलचर वाया बाधबाजार-नाटाचेरा-सैफे-सैपुर के रास्ते पहुंचा जा सकता है। सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन सिलचर तथा नागरिक हवाई अड्डा आईजल है। इस परियोजना न्यूनतम लॉट से 90 प्रतिशत वार्षिक निर्भरता के साथ 250.63 मिलियन यूनिट वार्षिक ऊर्जा उत्पादन आंकलित की गई है।
परियोजना की सीसीईए स्वीकृति 16 जुलाई, 1998 को प्राप्त हुई। परियोजना के संपूर्ण कार्य को पॉंच पैकेजों अर्थात लॉट-I (विपथन सुरंग), लॉट-II (बांध व स्पीलवे), लॉट- III (विद्युत गृह), लॉट- IV (एचएम कार्य) और लॉट-V (ईएम कार्य) में श्रेणीवार बॉंटा गया। लॉट- IV को छोड़कर परियोजना के सभी प्रमुख कार्यों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक विडिंग (आईसीबी) के आधार पर चुने गये न्यूनतम सफल बिडर/बिडरों को आबंटित किया गया। बिडर/बिडरों को प्रमुख कार्यों के आबंटन के साथ ही 2001 से निर्धारित योजना अनुसार परियोजना का कार्य प्रगति पर है। तथापि 09 जून 2004 से आरक्षित वन नदीतट में स्थायी फसलों के लिए क्रॉप मुआवजा का भुगतान के लिए तुईरियल क्रॉप कंपेन्सेसन क्लेमेंट एसोसिएशन द्वारा चलाए गए आंदोलन की वजह से परियोजना कार्यों को स्थगित रखना पड़ा। परियोजना के कार्यों को स्थगित करने से पहले जून 2004 तक परियोजना का 30 प्रतिशत तथा डिजाइन व इंजिनियरिंग का 95 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया था।
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार, नीपको तथा न्यूनतम लॉट मिजोरम सरकार द्वारा इस परियोजना को पूनररूत्थान करने हेतु अनेकों उपाय किए गए। मार्च 2010 के मूल्य स्तर पर तैयार किए गए आरसीई के आधार पर पीआईबी ने अपनी बैठक में इस परियोजना के पुनरूत्थान और सीसीईए के समक्ष निवेश निर्णय हेतु प्रस्तुत करने की संस्तुति दी। इस आरसीई पर 14 जनवरी 2011 को सीसीईए की स्वीकृति प्राप्त हुई। परियोजना को भारत सरकार से इक्विटी, घरेलू वित्तीय संस्थानों से ऋण, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत अधीनस्थ ऋण तथा डीओएनईआर के निधि के नॉन लेप्सवेल पूल के अनुदान के तहत वित्त पोषित होगी जिसमें 85:15 की इक्विटी अनुपात होगी। परियोजना को संपूरित करने की निर्धारित समय-सीमा दिसम्बर 2015 की गई है।
LIC IPO : भारत के सबसे बड़े इश्यू को सब्सक्राइब करने के न्यूनतम लॉट लिए मिलेगा एक अतिरिक्त दिन, जानिए डिटेल
एलआईसी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए शनिवार को भी खुला रहेगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक नोटिफिकेशन के जरिये यह जानकारी दी है
LIC IPO : भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corp) यानी एलआईसी शनिवार को भी सब्सक्रिप्शन स्वीकार करेगी। यह देश की सबसे बड़ी शेयर सेल के लिए निवेशकों को लुभाने की एक अच्छी पहल है।
एलआईसी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए शनिवार सहित 9 मई तक खुला रहेगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक नोटिफिकेशन के जरिये यह जानकारी दी है। भारत सरकार 902-949 रुपये की प्राइस रेंज पर LIC के 22.14 करोड़ शेयर बेच रही है। प्राइस रेंज के टॉप एंड पर सरकार इस IPO से 21 हजार करोड़ रुपये जुटा सकती है।
शनिवार को बिडिंग की सुविधा मिलने से जोश में बाजार
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मुंबई में वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट क्रांति बैठिनी ने कहा, “एक शेयर सेल (share sale) के लिए यह काफी असामान्य है। हालांकि, LIC IPO के बड़े साइज को देखते हुए यह अपवाद है। इससे सिस्टम पर कुछ अतिरिक्त प्रेशर पड़ सकता है। हालांकि, शनिवार को भी बिडिंग की सुविधा मिलने से कैपिटल मार्केट खासा उत्साहित है।”
कितने की आ रही एक लॉट
खुदरा निवेशकों न्यूनतम लॉट को कुल ऑफर का 35 फीसदी हिस्सा अलॉट किया जाएगा और साथ में आईपीओ प्राइस पर 45 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा। लगभग 10 फीसदी हिस्सा LIC के पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रखा गया है, जिनको प्रति शेयर 60 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। न्यूनतम लॉट साइज 15 शेयर तय की गई है, जिसका मतलब है कि एक खुदरा निवेशक को एक लॉट के लिए 13,560 रुपये खर्च करने होंगे। पॉलिसीहोल्डर को कम से कम 13,335 रुपये खर्च करने होंगे।
1950 के दशक में स्थापित, LIC देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है और 2000 में सेक्टर को खोलने के बाद उसे निजी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा मिलने लगी। 140 करोड़ लोगों के देश में एलआईसी अभी भी सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है।
सिर्फ ₹50,000 से REIT में कर सकेंगे निवेश, सेबी ने बदला नियम
रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश के लिए REIT के माध्यम से पैसा जुटाया जाता है, यह पैसा निवेशकों से जुटाया जाता है
रीट को शुरुआती और अनुवर्ती निर्गमों में निवेश की न्यूनतम राशि 50,000 रुपये रखनी होगी. इसका मतलब है कि कोई निवेशक न्यूनतम 50,000 के साथ REIT में निवेश कर सकता है. इसी प्रकार इनविट के मामले में एक लॉट का न्यूनतम मूल्य एक लाख न्यूनतम लॉट रुपये रखने को कहा गया है. सेबी ने मंगलवार को इस संबंध में न्यूनतम लॉट नये दिशानिर्देश जारी किये हैं.
रीट और इनविट से जुड़े सेबी के नियमों में 22 अप्रैल को संशोधन किया गया है. सेबी ने जारी सर्कुलर में कहा है कि निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखकर निवेश की न्यूनतम रकम में बदलाव किया गया है. इसके साथ ही कारोबारी लॉट के लिए यूनिटों की संख्या को परिभाषित किया गया है. इसमें कहा गया है कि इनविट और रीट के मामले में शुरुआती सार्वजनिक पेशकश और अनुवर्ति पेशकश के लिये इनविट के मामले में न्यूनतम आवेदन एक लाख रुपये और रीट के मामले में 50 हजार रुपये से कम नहीं होना चाहिये.
सेबी के निर्देश के मुताबिक, REIT के निवेशक को इसी न्यूनतम लॉट के गुणक में आवंटन किया जाना चाहिये. सर्कुलर के मुताबिक शुरुआती सूचीबद्धता होने पर सौदे का लॉट 100 यूनिट होना चाहिये जबकि अनुवर्ति पेशकश में प्रत्येक लॉट में उसी संख्या में यूनिट होने चाहिये जो उसके प्रारम्भिक पेशकश के समय रखा गया था. वर्तमान में रीट इश्यू में प्रारम्भिक पेशकश उसके बाद की अनुवर्ति पेशकश में किसी निवेशक से न्यूनतम आवेदन दो लाख रुपये से कम का नहीं होता है. इनविट के मामले में यह 10 लाख रुपये रखा गया है.
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एसजीएक्स ने निफ्टी वायदा में एनएसई को पछाड़ा
सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज (एसजीएक्स) ने इस वर्ष निफ्टी वायदा में कुल कारोबार में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को पीछे छोड़ दिया है। इस वर्ष एसजीएक्स पर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अनुबंधों का कारोबार हुआ है। यह एनएसई पर रोजाना होने वाले निफ्टी वायदा कारोबार का लगभग दोगुना है। एसजीएक्स पर निफ्टी वायदा के औसत ओपन इंटरेस्ट एनएसई की तुलना में 3 गुना से अधिक हैं।
निफ्टी वायदा में कारोबार पूरे बाजार में कारोबार करने के बराबर है क्योंकि निफ्टी विशेष कर बाजार और मोटे तौर पर अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व न्यूनतम लॉट करता है। निफ्टी वायदा निफ्टी पर वायदा अनुबंध ही होते हैं। निफ्टी का न्यूनतम लॉट आकर 75 यूनिट या लॉट का होता है। एसजीएक्स निफ्टी निफ्टी सूचकांक का डेरिवेटिव है और एसजीएक्स पर कारोबार करता है। एसजीएक्स एशिया का एक न्यूनतम लॉट अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। एसजीएक्स में निफ्टी वायदा के आधार पर कारोबार होता है और इसमें घटक शेयर नहीं होते हैं। एनएसई निफ्टी का अनुबंध आकार 75 है और प्रत्येक निफ्टी वायदा अनुबंध 75 शेयरों के बने होते हैं।
एसजीएक्स पर कारोबार एनएसई से ढाई घंटे पहले शुरू होता है। इससे विदेशी फंड भारतीय बाजारों की दिशा तय कर देते हैं। शेयर बाजार से जुड़े एक व्यक्ति ने न्यूनतम लॉट नाम सार्वजनिक नहीं करने
की शर्त पर बताया, 'ऐसा पिछले कई वर्षों से होता आ रहा है। हम विदेशी फंडों को भारतीय बाजार की दिशा तय करने का मौका देते हैं जबकि यह काम घरेलू निवेशकों को करना चाहिए। इस स्थ्थिति से निपटने के लिए जितनी जल्दी कदम उठाया जाए उतना अच्छा होगा।' एसजीएक्स पर रोजाना 16 घंटे जबकि घरेलू बाजार में छह से आठ घंटे कारोबार होता है।