अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ

Delhi Trade Fair 2021 : भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्य प्रदेश को कांस्य पदक
दिल्ली ट्रे़ड फेयर 2021 (Delhi Trade fair 2021) में मध्य प्रदेश के मंडप को कांस्य पदक मिला है. IITF 2021 में मध्य प्रदेश मंडप को 'आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश' थीम के तहत प्रदर्शित किया गया.
दिल्ली/भोपाल। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2021 (India International Trade Fair 2021) का शनिवार को समापन हो गया. भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्य प्रदेश को कांस्य पदक मिला (MP received Bronze medal in IITF 2021 ).
भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का 40वां संस्करण संपन्न
व्यापार मेला दिल्ली 2021 (Vyapar mela Delhi 2021) का आयोजन भारत व्यापार संवर्धन संगठन द्वारा 'आत्म-निर्भर भारत' थीम पर किया गया. अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मध्य प्रदेश को कांस्य पदक प्रदान किया. प्रदेश सरकार की ओर से लघु उद्योग निगम के उप मुख्य महाप्रबंधक बीएन तिवारी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के प्रभारी आइटी पार्क अजय मलिक ने पदक प्राप्त किया.
यह मेला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से प्रेरित 14 से 27 नवंबर, 2021 तक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) के नव-निर्मित हॉल तथा नई दिल्ली के प्रगति मैदान के वर्तमान हॉल में भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के समारोह 'आजादी का अमृत महोत्सव' के एक हिस्से के रूप में भी आयोजित किया गया.
एमपी मंडप में "आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश थीम" पर किया गया प्रदेश की विकास यात्रा का प्रदर्शन
IITF 2021 में मध्य प्रदेश मंडप भी 'आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश' थीम के तहत प्रदर्शित किया गया. मंडप में पहुंचने वाले आगंतुकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 'आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश' के दृष्टिकोण का स्पष्ट अनुभव करने का अवसर मिला. आगंतुकों ने मंडप में मिले अनुभवों को अपने फेसबुक पेजों पर सेल्फी के साथ पोस्ट कर यादगार बनाया.
मध्य प्रदेश के मंडप में आगंतुकों को यह जानने का अवसर भी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ मिला कि आत्म-निर्भर बनता मध्य प्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में किस तरह प्रगति कर रहा है. इसमें भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य और शिक्षा, अर्थ-व्यवस्था, रोजगार, पर्यटन, कला और शिल्प, महिला अधिकारिता, कौशल विकास, एमएसएमई, स्मार्ट सिटी, कृषि-क्षेत्र और बागवानी आदि विषय शामिल थे. इसके अलावा आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में भोपाल का 'शौर्य स्मारक' भी है, जो मध्य प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि है. मंडप में आगंतुकों अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ को प्रदेश के भोजन, संस्कृति, संगीत और विरासत का स्वाद भी मिला, जिसके लिए मध्य प्रदेश प्रसिद्ध है.
'एक जिला-एक उत्पाद' की तर्ज पर प्रस्तुति
दिल्ली ट्रे़ड फेयर 2021 (Delhi Trade fair 2021) एमपी मंडप में अतीत को भविष्य की शानदार क्षमता के साथ भी जोड़ा गया. मंडप उस तस्वीर को भी प्रस्तुत कर रहा था कि कैसे प्रौद्योगिकी और आईटीईईएस, सिंगापुर के सहयोग से भोपाल में स्थापित हो रहे मेगा स्किल डेवलपमेंट पार्क से मध्य प्रदेश में बदलाव आएगा. मंडप में मध्य प्रदेश के सभी जिलों के प्रमुख उत्पादों को 'एक जिला-एक उत्पाद' के तहत प्रस्तुत किया गया. महिला स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार कोदो-कुटकी संसाधित भोजन प्रस्तुत किए गए. आगंतुकों को गोंड कला के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पद्मश्री सम्मानित भूरी देवी से बातचीत करने का भी अवसर मिला.
आइटी पार्कों में निवेश की जानकारी दी गयी
मध्य प्रदेश शासन के विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग के माध्यम से मप्र इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा व्यापारियों और निवेशकों को प्रदेश में स्थापित आइटी पार्कों में निवेश के संबंध में ऑडियो-वीडियो फिल्मों के माध्यम से जानकारी दी.
केंद्र सरकार ने भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सेटलमेंट की अनुमति दी
केंद्र सरकार ने भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ निपटानों अर्थात चालान, भुगतान और भारतीय रुपये में निर्यात/आयात के निपटान के लिए विदेश व्यापार नीति तथा प्रक्रियाओं की पुस्तिका में उपयुक्त संशोधन किए हैं। इसी के अनुरूप, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने पहले ही दिनांक 11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक (डीआईआर) की परिपत्र संख्या 10 के अनुरूप चालान, भुगतान और भारतीय रुपये में निर्यात/आयात के निपटान की अनुमति देने के लिए दिनांक 16.09.2022 की अधिसूचना संख्या 33/2015-20 का पैरा 2.52(डी) लागू कर दिया।
उपरोक्त अधिसूचना की निरंतरता में, 11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार भारतीय रुपये में निर्यात प्राप्तियों के लिए विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात लाभों/छूटों/ निर्यात बाध्यताओं की पूर्ति की मंजूरी के लिए विदेश व्यापार नीति के पैरा 2.53 के तहत परिवर्तन लागू किए गए हैं।
भारतीय रुपये में निर्यात प्राप्ति के लिए अद्यतन प्रावधानों को निर्यातों के लिए आयातों (एफटीपी का पैरा 2.46), स्थिति धारकों के रूप में मान्यता के लिए निर्यात निष्पादन (एफटीपीका पैरा 3.20), अग्रिम प्राधिकरण (एए) तथा शुल्क मुक्त आयात प्राधिकरण (डीएफआईए) (एफटीपी का पैरा 4.21) के तहत निर्यात आय की प्राप्ति और निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तुओं (ईपीसीजी) स्कीम (एचबीपी का पैरा 5.11) के तहत निर्यात आय की प्राप्ति के लिए अधिसूचित किया गया है।
इसी के अनुसार, विदेश व्यापार नीति के तहत, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ लाभों/छूटों/निर्यात बाध्यताओं की पूर्ति को दिनांक 11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार भारतीय रुपये में प्राप्ति के लिए विस्तारित कर दिया गया है। भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए, भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेनों को सुगम बनाने तथा उसमें सरलता लाने के लिए ये नीतिगत संशोधन आरंभ किए गए हैं।
आर्थिक विकास में विदेशी व्यापार की भूमिका | Role of Foreign Trade in Economic Development | Hindi
आर्थिक विकास में विदेशी व्यापार की भूमिका | Read this article in Hindi to learn about the role of foreign trade in economic development.
आर्थिक विकास में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की भूमिका विचारणीय है । इसने विकास के इंजन के रूप में कार्य किया है, जैसा कि उन्नीसवीं शताब्दी में ग्रेट ब्रिटेन में और बीसवीं शताब्दी में जापान में देखा गया है ।
यहां तक कि आजकल भी एशिया की नई उद्योगीकृत अर्थव्यवस्थाओं जैसे हांगकांग, सिंगापुर, ताइवान और दक्षिणी कोरिया आदि द्वारा अपनायी गयी बाह्य-प्रवृतिक विकास नीति ने निर्धन अल्प विकसित देशों को कम साधनों से निपटने के योग्य बनाया है ।
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार अनेक प्रकार से आर्थिक विकास में योगदान करता है:
1. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पूंजीगत वस्तुओं के आयात के साधन खोजने में सहायता करता है जिनके बिना आर्थिक विकास की कोई प्रक्रिया आरम्भ नहीं हो सकती ।
2. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कीमत स्थायित्व को सुविधाजनक बनाता है । मांग और पूर्ति का असन्तुलन जो विकास को आरम्भिक सोपानों में रोकता है उसे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के यन्त्र द्वारा समाप्त किया जा सकता है ।
3. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार, आयातों अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ से प्रतिस्पर्द्धी दबावों द्वारा गतिशील परिवर्तन के लिये दबाव, निर्यात बाजारों के लिये प्रतिस्पर्द्धा का दबाव और साधनों के बेहतर निर्धारण उत्पन्न करता है ।
4. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार क्षमता के पूर्ण उपभोग और परिमाप की मितव्ययताओं की पूर्ण उपयुक्तता की इजाजत देता है ।
तथापि, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की कुछ विशेष कठिनाइयां हैं जिनका वर्णन नीचे किया गया है:
1. आरम्भिक वस्तुओं की धीमी गति (Slow Pace of Primary Commodities):
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के मार्ग में आने वाली मुख्य कठिनाई आरम्भिक वस्तुओं की वृद्धि विश्व बाजार की तुलना में धीमी है जो अल्प विकसित देशों के निर्यात का मुख्य भाग है । सन् 1955 में प्राथमिक वस्तुएं कुल निर्यात का 50 प्रतिशत भाग थी जो सन् 1977 में 35 प्रतिशत तक नीचे आ गई तथा पुन: 1990 में घट कर 28 प्रतिशत रह गई ।
इसके लिये उत्तरदायी कारण है बाजार मितव्ययताओं की अपनी कृषि की सुरक्षा की बढ़ती हुई प्रवृत्ति, प्राथमिक वस्तुओं की मांग में अपर्याप्त वृद्धि, कृत्रिम प्रतिस्थापनों का विकास आदि ।
2. विश्व व्यापार में कम भाग (Less Share in World Trade):
देखा गया है कि विकासशील देशों के निर्यात धीमे हैं । फलत: कुल विश्व व्यापार में विकासशील देशों का भाग निम्न प्रवृत्ति का रहा है । इसका भाग जो सन् 1950 में 31 प्रतिशत था, सन् 1960 में 13.9 प्रतिशत तक आ गया और 1990 में 5 प्रतिशत रह गया ।
गिरावट का कारण है व्यापार ब्लॉकों की उत्पत्ति, प्रतिबंधक व्यापारिक नीतियां और एकाधिकारों की वृद्धि आदि । यह प्रवृत्तियां इस तथ्य को दर्शाती हैं कि विकासशील देशों को विकास के मार्ग में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का एक बाधा के रूप में सामना करना पड़ता है ।
3. व्यापार की बुरी शर्तें (Worse Terms of Trade):
विकसित बाजारों में, प्राथमिक उत्पादों की कम मांग ने विकासशील देशों में भुगतानों के सन्तुलन की स्थिति को बिगाड़ दिया है । निर्मित वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं जबकि प्रारम्भिक वस्तुओं की कीमतें धीरे-धीरे कम हो रही हैं ।
संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के अनुसार, पहले विकासशील देश दो टन चीनी निर्यात करके एक ट्रैक्टर खरीद लेते थे अब उन्हें वही ट्रैक्टर प्राप्त करने के लिये सात टन चीनी निर्यात करनी पड़ती है । एक अन्य अनुमान के अनुसार, सन् 1980 के दशक में विकासशील देशों ने तेल को छोड़ कर अन्य कच्चे माल की कीमतों में गिरावट के करण 1 से 3 प्रतिशत तक कुल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) खो दिया ।
4. प्रतिबन्धक व्यापार नीतियां (Restrictive Trade Policies):
औद्योगिक देशों द्वारा अपनाई गई प्रतिबन्धक व्यापार नीतियां विकासशील देशों के निर्मित वस्तुओं के निर्यात की सम्भावनाओं को प्रभावित करती हैं । यह इस तथ्य के कारण है कि विकासशील देशों के लिये औद्योगिक देशों के बाजार अधिक महत्त्वपूर्ण हो गये हैं ।
उदाहरण के रूप में, सन् 1965 में, औद्योगिक देशों ने विकासशील अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ देशों की निर्मित वस्तुओं के निर्यात का 41 प्रतिशत लिया । सन् 1990 में यह 75% तक बढ़ गया । सन् 1990 में निर्मित वस्तुओं के विश्व व्यापार का केवल 3 प्रतिशत विकासशील देशों के बीच था ।
संक्षेप में हम निष्कर्ष प्राप्त कर सकते हैं कि विकासशील अर्थव्यवस्थाएं विदेशी व्यापार के मार्ग में अनेक कठिनाइयों का सामना करती है । इन समस्याओं के समाधान के अनेक बहुराष्ट्रीय प्रयत्न असफल रहे हैं ।
इसलिये, विद्यमान परिस्थितियों में, विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक प्रासंगिक मिश्रित व्यापार नीति तैयार करनी पड़ी है जो निर्यातों की रचना कर सकती है ओर आवश्यक आयातों की पूर्ति सुनिश्चित कर सकती है ।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वित्तीय संस्था से जुड़े सवाल और उनके जवाब
आज इस आर्टिकल में हम आपको अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वित्तीय संस्था से जुड़े सवाल और उनके जवाब के बारे में बताने जा रहे है.
किसी देश के अनुकूल व्यापार शेष का आशय है
आयत की अपेक्षा निर्यात अधिक है
विश्व व्यापार संगठन को पहले क्या कहते थे?
व्यापार चक्र में होते हैं
देशों के समूह के साथ व्यापार करार करने की औपचारिक पद्धति को क्या कहा जाता है?
ट्रिप्स और ट्रिम्स पद संबंधित है
दो देशों के बीच वस्तु विनियम को क्या कहा जाता है?
डब्ल्यूटीओ मुख्यतः किस को बढ़ावा देता है?
IMF की पूंजी किस के योगदान पर बनती है?
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना हुई थी?
कौन सा संगठन सबसे पुराना है?
मुक्त व्यापार का अभिप्राय है?
माल और सेवाओं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ का अनियंत्रित आदान प्रदान
विश्व बैंक का एक अन्य नाम है?
अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण तथा विकास बैंक
यदि कोई देश उपभोक्ता वस्तुओं को छोड़कर और कोई उत्पादन नहीं करता है, तो
वह शीघ्र ही गरीब बन जाएगा यदि उसका विदेश व्यापार नहीं होगा
विदेशी मुद्रा अदरक का अर्थ वह दर है, जिस पर एक देश की मुद्रा का व्यापार किया जाता है.
मुद्राओं के एक नियत समूह के लिए जिसमें डॉलर, डॉलर येन, यूरो और पाउंड शामिल है