ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव

दोस्तों आज भारतीय शेयर मार्केट विश्व का छठवां सबसे बड़ा शेयर मार्केट बन चुका है इसमें नए-नए इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स आ रहे हैं तथा भारतीय शेयर मार्केट के पहलू भी बदलते जा रहे हैं इसलिए भारतीय शेयर मार्केट के बदलते पहलुओं को देखकर margin rules बदलाव किया तथा
New margin rules क्या है ? SEBI new margin rules in Hindi – Share Market के नए नियम | Buy/Sell
SEBI new margin rules in ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव Hindi – New margin rules kya hai , Peak margin kya hai – Peak margin in Hindi – दोस्तों हाल ही में Share market के द्वारा निवेशकों को होने वाले नुकसान को देखते हुए ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव SEBI ने भारतीय शेयर मार्केट पर नए मार्जिन नियम लागू कर दिए हैं CB new merchant rules in Hindi , से भारतीय Share market में Investors और ट्रेडर्स पर व्यापक असर पड़ने वाला है
शेयर मार्केट में जितने भी नियम बनाया जाते हैं वह सभी निवेशक हो और ट्रेडर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए एक बनाए जाते हैं जिससे उनके अधिकारों की सुरक्षा हो और उन्हें भारतीय शेयर मार्केट में एक अच्छा माहौल मिल सके
दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हो कि Peak margin kya hai – Peak margin in Hindi , ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव SEBI new margin rules in Hindi , SEBI के द्वारा नए नियम लागू करने से भारतीय Share market पर क्या असर होने वाला है और इन्वेस्टर तथा ट्रेडर्स को क्या ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव लाभ होने वाले हैं और क्या नुकसान होने वाले हैं ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव तो इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक अवश्य पढ़ें
SEBI new margin rules in Hindi – New margin rules kya hai
SEBI new margin rules in Hindi – दोस्तों अब भारतीय शेयर मार्केट में थोड़ी बहुत बदलाव हो चुके हैं और SEBI new margin rules के द्वारा कुछ निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं चली जानते हैं
नए नियम अनुसार SEBI के द्वारा पीक मार्जिन के नियमों में बदलाव किए गए हैं 1 सितंबर से ट्रेडिंग के लिए 100 फ़ीसदी मार्जिन अपफ्रंट रखने की आवश्यकता होगी इससे पहले केवल 75% मार्जिन अपफ्रंट रखने की आवश्यकता थी
SEBI New Margin Rules List in Hindi – सेबी के नए मार्जिन नियम
- Share को खरीदने / बेचने में कम ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव लाभ
- स्टॉक एक्सचेंज का Shares पर नियंत्रण
- उसी दिन intraday trading के profit के लाभ का उपयोग नहीं कर सकते
- T+2 Settlement Time के ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव बाद ही Share खरीदें और बैच सकेंगे
- 20% पैसा निवेश का नकद Demat account में होना अनिवार्य है
इसका मतलब यह है कि पोजीशनल ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाली के लिए 100 फ़ीसदी मार्जिन की आवश्यकता होगी
फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करने वालों को भी 100 फ़ीसदी मार्जिन अपफ्रंट रखने की आवश्यकता होगी इससे पहले केवल 75% मार्जिन फ्रंट रखने की आवश्यकता होती थी
सामान्य शब्दों में कहा जाए तो भारतीय शेयर मार्केट में कोई भी ट्रेडर 2000000 रुपए के Nifty कॉन्ट्रैक्ट लेना चाहता ऑप्शन का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव है तो उसे 20% मार्जिन मनी जो कि लगभग ₹4 लाख रुपए अपने ट्रेडिंग अकाउंट में रखनी होगी जबकि उसे पहले सिर्फ 15% रखनी होती थी