निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं

प्राकृतिक पूंजी या प्रकृति आधारित समाधान (NbS) के लिए 56.3 बिलियन डॉलर की घोषणा की गई – पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्जनन की पहल और जंगलों को फिर से बढ़ाना । 2 /5 हिस्से को सार्वजनिक पार्कों और प्रदूषण रोकने और कम करने के उपायों की ओर निर्देशित किया गया विशेष रूप से अमेरिका और चीन में, जीवन की गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण संबंधी सुधार करने के लिए।
निवेश आकर्षित करने के लिए ओडिशा ने सात नीतियों को मंजूरी दी
भुवनेश्वर, 30 नवंबर (भाषा) ओड़िशा की नवीन पटनायक सरकार ने राज्य में निवेश आकर्षित करने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये कम से कम सात नीतियों को मंजूरी दी है। ‘मेक इन ओडिशा’ सम्मेलन से पहले यह कदम उठाया गया है।
सात नीतियों और अन्य फैसलों को मंजूरी देने के राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय की घोषणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री प्रमिला मलिक निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं ने बुधवार को विधानसभा में की। मंत्रिमंडल ने सात नीतियों समेत 17 प्रस्तावों को मंजूर निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं किया है।
जिन नीतियों को मंजूरी दी गई है उनमें पंजीकृत वाहन को कबाड़ में बदलने संबंधी नीति, औद्योगिक नीति समाधान, ओडिशा लॉजिस्टिक्स नीति, ओडिशा परिधान एवं तकनीकी कपड़ा नीति, निर्यात संवर्धन नीति, ओडिशा नागर विमानन नीति तथा ओडिशा पर्यटन नीति शामिल हैं।
निवेश आकर्षित करने के लिए ओडिशा ने सात नीतियों को मंजूरी दी
नवभारत टाइम्स 4 घंटे पहले
भुवनेश्वर, 30 नवंबर (भाषा) ओड़िशा की नवीन पटनायक सरकार ने राज्य में निवेश आकर्षित करने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये कम से कम सात नीतियों को मंजूरी दी है। ‘मेक इन ओडिशा’ सम्मेलन से पहले निवेश और उच्च आय के साथ इंटरनेट सेवाएं यह कदम उठाया गया है।
सात नीतियों और अन्य फैसलों को मंजूरी देने के राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय की घोषणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री प्रमिला मलिक ने बुधवार को विधानसभा में की। मंत्रिमंडल ने सात नीतियों समेत 17 प्रस्तावों को मंजूर किया है।
जिन नीतियों को मंजूरी दी गई है उनमें पंजीकृत वाहन को कबाड़ में बदलने संबंधी नीति, औद्योगिक नीति समाधान, ओडिशा लॉजिस्टिक्स नीति, ओडिशा परिधान एवं तकनीकी कपड़ा नीति, निर्यात संवर्धन नीति, ओडिशा नागर विमानन नीति तथा ओडिशा पर्यटन नीति शामिल हैं।
ग्रीन रिकवरी के नाम पर किये वादे का सिर्फ़ 18 फ़ीसद हुआ खर्च : संयुक्त राष्ट्र
कोविड महामारी की शुरुआत हुए एक वर्ष से अधिक हो चुका है और आज अगर तमाम देशों की ग्रीन रिकवरी की प्रतिबद्धताओं के सापेक्ष उनके द्वारा किये गये खर्च का आंकलन करें तो हम पाते हैं कि वो खर्च किये वादों से काफ़ी कम है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और ऑक्सफोर्ड युनिवेर्सिटी की आर्थिक सुधार परियोजना और के एक साझा आंकलन, ग्लोबल रिकवरी ऑब्जर्वेटरी रिपोर्ट, के अनुसार दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं द्वारा ग्रीन रिकवरी के नाम पर किये गये खर्चों में से कुल 18 फ़ीसद को ही वाक़ई ग्रीन, या हरित अर्थव्यवस्था निर्माण को समर्पित खर्च, माना जा सकता है।
यह रिपोर्ट, जिसका शीर्षक है आर वी बिल्डिंग बैक बेटर? एविडेंस फ्रॉम 2020 एंड पाथ्वेज़ फॉर इन्क्लुज़िव ग्रीन रिकवरी स्पेंडिंग, तमाम सरकारों का समावेशी ग्रीन रिकवरी खर्च के लिए आह्वाहन करती है जिससे महामारी से हुई तबाही के मद्देनजर हरित या पर्यावरण अनुकूल विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।