दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं

नई दिल्ली में स्वीडन के दूतावास के विज्ञान और नवाचार कार्यालय की प्रमुख डॉ. पेर-आर्ने विकस्ट्रॉम ने कहा, ‘महिलाएं और लड़कियां जब पुरुषों और लड़कों के साथ बराबरी करते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनी प्रतिभा, अपना ज्ञान और अपनी क्षमताएं प्रदान करती हैं, तो हम जानते हैं कि दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं समाज समृद्ध होता है, और नवाचार क्षमता वास्तव में बढ़ती है। इसलिए हमारे लिए महिला-पुरुष समानता एक दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं एकीकृत हिस्सा है और हम जो कुछ भी करते हैं उसमें एक महत्वपूर्ण पहलू है। हम इस महत्वपूर्ण पहल को आवश्यक समर्थन देने के लिए दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं अपने भारतीय भागीदारों का धन्यवाद करना चाहते हैं।’
स्वीडन भारत नोबेल स्मृति सप्ताह के तहत आयोजित ‘शी स्टेम 2022’ के दौरान विद्यार्थियों से कहा गया, ‘वे अपनी कल्पना को उड़ान भरने दें’
स्वीडन भारत नोबेल दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं स्मृति सप्ताह के तहत ‘शी स्टेम’ को लगातार तीसरे वर्ष सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। ‘शी स्टेम’ का आयोजन हर साल विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित (स्टेम) और निरंतरता के क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं की सराहना करने के लिए किया जाता है।
भारत में स्वीडन के राजदूत माननीय जेन थेस्लेफ, जिन्होंने एक वीडियो संदेश के माध्यम से विद्यार्थियों को संबोधित भी किया, ने कहा, ‘‘हम ‘शी स्टेम’ की परंपरा को जारी रखते हुए अत्यंत खुश हैं, जो कि स्वीडन-भारत नोबेल स्मृति सप्ताह का एक प्रमुख आयोजन है। इस साल के ‘शी स्टेम’ वीडियो चैलेंज के सभी विजेताओं को बधाई।’’
अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने कहा, ‘‘आज स्टेम में महिलाओं की भागीदारी का स्वरूप बदल रहा दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं है, और उनकी भागीदारी की दर बढ़ गई है। यह बढ़ती भागीदारी एटीएल मैराथन 2021 में नजर आई थी, जिसमें महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़कर 49% हो गई थी। एक प्रभावकारी स्टेम शिक्षा ऐसे महत्वपूर्ण विचारकों को विकसित करने में काफी मददगार साबित होगी।’’
यौन-हिंसा नहीं, न्यायरत थे मा. जज। लिपिस्टिक भी चाटा था
लखनऊ : जब कोई डॉक्टर अपने अस्पताल में है तो वह केवल डॉक्टर ही होता है, इसी तरह कोई पत्रकार अपने दफ्तर में होता है, तो केवल पत्रकार होता है, ठीक उसी तरह कोई मुख्य सचिव अपने दफ्तर में होता है, तो वह सरकारी काम ही निपटाता है। लेकिन दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में जज जितेंद्र मिश्र दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं थोड़ा अलग निकले। वे अपने चैम्बर में न्यायिक काम पूरी निष्ठा के साथ किया करते थे। लेकिन खुदा कसम, गारत करे एडवांस्ड मोबाइल सेट का, उनका सारा न्यायिक कामधाम अचानक ही दक्खिन हो गया। पता चल गया कि एक दिन वे न्यायिक कामधाम के नाम पर अपने चैम्बर का इस्तेमाल अपनी स्टेनो के साथ करने को आमादा था। बहरहाल, ताजा खबर है कि दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्माने राउज एवेन्यू कोर्ट के एक न्यायिक अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उस घटना का यह वीडियो फुटेज जब वायरल हुआ तो पता चला कि अपर दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं जिला एवं सत्र न्यायाधीश जी के चैम्बर में गयी उनकी स्टेनो साहब से डिक्टेशन लेने गयी थी, लेकिन जितेंद्र मिश्रा अपनी स्टेनो को अपना कोई दीगर कुत्सित डिक्टेशन करने पर आमादा दिख पड़े। बकरी-मेमना की तरह छटपटाती इस महिला स्टेनो को जज साहब ने किसी खूंख्वार भेडि़ये की तरह दबोच लिया और यौन-हिंसा का अधिकांश काम लपक कर, झटक दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं कर और दबोच कर कर डाला। स्टेनो के साथ मिश्रा जी ने तो दो-बैलों की जोड़ी की शैली में होंठ जोड़ लिया। जाहिर है कि स्टेनो के होटों पर लगे लाल लाल निशान जज साहब के होठों पर भी चस्पां हो गये। किसी तरह वह स्टेना उनके चंगुल से निकली, तो हताश जज साहब ने पहले तो अपना मुंह दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं पोंछा और उसके बाद यह वीडियो ही स्टॉप हो गया। काम खत्तम।
एक सूत्र ने बताया है कि यह महिला इस जज से बहुत आजिज आ चुकी थी। वजह यह कि जज साहब को न्यायिक कर्म के बजाय कुकर्म की ख्वाहिश थी, जिसके लिए वह स्टेना तैयार नहीं थी। इसीलिए एक दिन उसने तय किया कि वह जज साहब यानी जितेंद्र मिश्र को रंगेहाथों सरेआम नंगा करेगी। फिर क्या था, उस महिला ने जज साहब के कमरे में पर्दे के पीछे एक वीडियो-रिकार्डिंग करने लायक मोबाइल को सेट किया और फिर क्या था। दिल्ली हाईकोर्ट ने जितेंद्र मिश्र को भी ठीक से सेट कर दिया है।
दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं
नई दिल्ली: गुजरात में पहले चरण की 89 विधानसभा सीटों पर मतदान खत्म हो चुका है। 19 जिलों में पड़ने वाली इन 89 विधानसभा सीटों पर कुल 788 पत्याशियों की किस्मत दांव पर है। इनमें कई बड़े नाम भी शामिल है। उधर, दूसरे चरण के मतदान के लिए भी चुनाव प्रचार का आखिरी दौर चल दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं रहा है।
ऐसे में आज भी कई जिलों में दिग्गज नेताओं की चुनावी रैलियां होती है।बता दें कि, चुनाव आयोग के अनुसार, शाम पांच बजे तक 57.08% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। सबसे ज्यादा निजार विधानसभा सीट पर 77.87% और सबसे कम गांधीधाम में 39.89% लोगों ने वोट डाला। वहीं अब बात करें दोपहर की तो चुनाव आयोग के अनुसार, गुजरात में दोपहर तीन बजे तक 48.48% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। सबसे ज्यादा तापी में 64.27 प्रतिशत वोटिंग हुई है। सबसे कम जामनगर में 42.26 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला है।