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वर्चुअल मनी

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में डिजिटल करेंसी लाने की शुरुआत कर दी है. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी नाम से आने वाली यह वर्चुअल मनी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे बैंकों के साथ रिटेल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जाने वाली है. भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों के लिए डिजिटल मनी उपलब्ध कराने के हिसाब से इन बैंकों को कामकाज के लिए चुना है. इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है.

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस समय इस बात पर विचार कर रहा है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी मौजूदा डिजिटल पेमेंट सिस्टम के साथ शुरू की जा सकती है या उसके लिए नया फ्रेमवर्क बनाना पड़ेगा. डिजिटल रूपी के खुदरा कारोबार के लिए पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू किया जा सकता है.

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आज Snap Inc. ने हमारे पहले निवेशक दिवस की मेजबानी की और हमारे उत्पाद, कारोबार, समुदाय और भविष्य के लिए अवसर के बारे में बात की. इवेंट में हमारा ज़ोर लोगों को खुद को अभिव्यक्त करने, लमहों को जीने, दुनिया के बारे में जानने और एक साथ मज़े करने के लिए लोगों को सशक्त बनाकर मानव प्रगति में योगदान करने के मिशन को दोहराने पर रहा.

इवान स्पीगेल, सह-संस्थापक और सीईओ ने वर्चुअल कार्यक्रम को शुरू किया, जिसमें वर्चुअल मनी वर्चुअल मनी हमारे उत्पाद, कारोबार, मार्केटिंग, इंजीनियरिंग, कंटेंट और फ़ाइनेंस इंजीनियरिंग के क्षेत्र के नौ लीडर्स द्वारा प्रेज़ेंटेशन शामिल था. प्रेज़ेंटेशन के दौरान हमने झलक देखी कि किस तरह हमारे मुख्य Snapchat उत्पाद बड़े प्लेटफ़ार्मों और कारोबारों के रूप में विकसित हो रहे हैं. परिचय में इवान ने कैमरे के लिए हमारे दृष्टिकोण को समझाया, जिसका उपयोग हर दिन 265 मिलियन लोगों द्वारा किया जाता है:

"कैमरा एक समय यादगार क्षणों को संज़ोने का एक साधन था और अब वह खुद की अभिव्यक्ति और दृश्य संचार के लिए एक सशक्त मंच बन गया है. आज रोज़ाना 5 अरब Snaps बनाए जाते हैं. और चूंकि Snapchat पीढ़ी के द्वारा शब्दों के बजाए तस्वीरों के माध्यम से बातचीत करने की 150% ज़्यादा संभावना है, कैमरा हमारे दोस्तों और परिवार के साथ बातचीत करने और रिश्तों को बनाने में और भी ज़्यादा प्रमुख भूमिका निभाएगा."

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भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों के लिए डिजिटल मनी उपलब्ध कराने के हिसाब से इन बैंकों को कामकाज के लिए चुना है.

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में डिजिटल करेंसी लाने की शुरुआत कर दी है. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी नाम से आने वाली यह वर्चुअल मनी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे बैंकों के साथ रिटेल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जाने वाली है. भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों के लिए डिजिटल मनी उपलब्ध कराने के हिसाब से इन बैंकों को कामकाज के लिए चुना है. इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है.

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस समय इस बात पर विचार कर रहा है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी मौजूदा डिजिटल पेमेंट सिस्टम के साथ शुरू की जा सकती है या उसके लिए नया फ्रेमवर्क बनाना पड़ेगा. डिजिटल रूपी के खुदरा कारोबार के लिए पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू किया जा सकता है.

भारतीय रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी सीबीडीसी एक वर्चुअल मनी लीगल टेंडर है. इसे डिजिटल फॉर्म में जारी किया जाने वाला है. यह अभी इस्तेमाल हो रहे रुपए की तरह ही है, फर्क सिर्फ यह है कि इसे डिजिटल फॉर्मेट में जारी किया जाएगा.

भारत समेत दुनिया भर में इन दिनों बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ रहा है. भारत सरकार यह चाहती है कि अवैध क्रिप्टो करेंसी से लोगों को होने वाले नुकसान को कम किया जाए. सरकार का मानना है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी से इकोनामी को फायदा हो सकता है. इससे डिजिटल इकोनामी को बढ़ावा मिलेगा.

सीबीडीसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल मनी है. सीबीडीसी के शुरुआत से डिजिटल इकोनामी के रूप में भारत की साख बढ़ेगी. केंद्रीय बैंक आरबीआई ने कहा है कि सीबीडीसी से इंटरबैंक वर्चुअल मनी मार्केट की क्षमता बढ़ेगी. सरकारी सिक्योरिटी से जुड़े ट्रांजैक्शन डिजिटल रूप में सेटल होने से ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी आएगी.

कुछ दिनों पहले ही सीबीडीसी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था और उसके अनुभव को ध्यान में रखकर अब खुदरा निवेशकों के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाने वाला है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि सीबीडीसी लोगों के लिए फिजिकल कैश का सुरक्षित, व्यापक और आसान विकल्प साबित हो सकता है. डिजाइन के चॉइस के हिसाब से यह फाइनल ट्रांजैक्शन के लिए एक कॉन्प्लेक्स फॉर्मेट बन सकता है.

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Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। आरबीआई ने बुधवार के दिन डिजिटल करेंसी सीबीडीसी की शुरुआत कर दी है। केन्द्रीय बैंक के द्वारा डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट जारी किया गया है। इसके जारी होने के पहले ही दिन कई बैंकों के द्वारा इस वर्चुअल मनी का इस्तेमाल कर ट्रांजेक्शन किए गए। बैंकों ने डिजिटल रूपी के साथ सरकारी बॉन्ड से संबंधित करीब 50 ट्रांजैक्शन किए, जिनकी कुल कीमत 275 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस प्रक्रिया में देश के 9 बैंक हिस्सा ले रहे हैं। तो चलिए जानते हैं डिजिटल रूपी के इस्तेमाल के बारे में।

कौनसे बैंक ले रहे है हिस्सा?

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी की गई वर्चुअल मनी से जुड़ी प्रक्रिया के लिए एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी का चयन किया गया है। इन बैंकों ने करीब वर्चुअल मनी 4 से 5 डील वर्चुअल करेंसी के माध्यम से की है।

कैसे काम करती है डिजिटल करेंसी?

इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले हर बैंक के लिए एक डिजिटल करेंसी अकाउंट बनाया गया है, जिसे सीबीडीसी अकाउंट कहा जाता है। पहले बैंक अपने अकाउंट से इस अकाउंट में पैसे भेजते हैं। जिसके बाद किसी और बैंक के बांड्स खरीदे जाने पर सीबीडीसी बैंक अकाउंट सक्रीय होंगे, और डेबिट और क्रेडिट भी उसी अकाउंट से होगा। यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो आरबीआई जल्द ही अन्य ट्रांजेक्शंस में भी सीबीडीसी के इस्तेमाल का दायरा बढ़ा सकता है।

गौरतलब है कि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा साल 2022-23 के बजट में भी यह घोषणा की गई थी कि वे रिज़र्व बैंक जल्द ही एक डिजिटल करेंसी लाने पर विचार कर रहा है।

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इसरो के वर्चुअल अंतरिक्ष संग्रहालय “स्पार्क” का विमोचन होम /इसरो के वर्चुअल अंतरिक्ष संग्रहालय “स्पार्क” का विमोचन

Launching of ISRO’s Virtual Space Museum “SPARK”

जैसा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव – आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है, इसरो ने संवादात्मक के माध्यम से विभिन्न इसरो मिशनों के संबंध में डिजिटल विषयवस्तु को प्रदर्शित करने के अभिनव विचार प्रकट किया है। सचिव, अं.वि./अध्यक्ष, इसरो ने दिनांक 10.08.2022 को वर्चुअल मनी जनता के उपयोग हेतु वर्चुअल संग्रहालय “स्पार्क” का विमोचन किया गया। इस प्लेटफार्म पर इसरो के प्रमोचक रॉकेटों, उपग्रहों एवं वैज्ञानिक मिशनों से संबंधित दस्तावेज, चित्र

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