क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है

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डिजिटल मुद्रा के नुकसान
ई-रुपी जैसी डिजिटल मुद्रा का एक नुकसान यह हो सकता है कि इससे लोगों की प्राइवेसी खत्म हो सकती है। नकदी के ट्रांजेक्शन में लोगों की पहचान गुप्त रहती है। कहीं से खरीदारी करने पर कैश पेमेंट में कोई पहचान नहीं रहती। सरकार अगर डिजिटल ट्रांजेक्शन को ट्रैक कर सके, तो इससे बहुत से लोगों को परेशानी हो सकती है। किसी संकट की स्थिति में RBI की डिजिटल क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है करेंसी ठप पड़ सकती है। जब किसी बैंक के साथ ऐसी स्थिति होती है तो लोग सबसे पहले अपने पैसे की चिंता करते हैं और बैंक में भीड़ लग जाती है। इस तरह उस बैंक के कामकाज पर काफी असर पड़ सकता है।
क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान
Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।
इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।
क्रिप्टो करेंसी के प्रकार
प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।
- डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
- इसे खरीदना-बेचना तथा क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
- इसकी क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान
- इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
- इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।
कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।
Digital Currency: RBI देश में लाने जा रहा डिजिटल करेंसी! इसे लाने के क्या हैं नफा-नुकसान, समझिए यहां
RBI का मानना है कि ई-रुपी डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देगा
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी डिजिटल रुपया जारी करने की बात कही है
- डिजिटल करेंसी की वैल्यू भी क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी
- ई-रूपी से लोगों को अपनी जेब में नगदी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी
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जेब में रखने की नहीं पड़ेगी जरूरत
ई-रूपी से जेब में नगदी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह भी मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी। इसे रखने के लिए बैंक खाते की अनिवार्यता नहीं होगी। इससे कैशलेस पेमेंट कर सकेंगे। अनजान व्यक्ति को जानकारी शेयर क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निजता बरकरार रहेगी। सबसे पहले नगदी पर निर्भरता घटेगी। फिजिकल रुपये को छापने की लागत घटेगी। नगद अर्थव्यवस्था घटाने का लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी। लेनदेन की लागत घटाने में भी मदद मिलेगी।
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RBI का कामकाज
RBI के गवर्नर की कोशिश यह रहती है वह लोगों की परचेजिंग पावर को ठीक स्तर पर बनाए रखे और महंगाई को काबू में रखने की कोशिश करे। ई-रुपी के संदर्भ में RBI अपने वादे पर कैसे अमल कर सकता है? दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा को डिजिटल फॉर्म में लाने क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है से जुड़े मसले पर काम करने में जुटे हैं।
डिजिटल करेंसी से जुड़ा डर
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक को यह आशंका है कि उनकी डिजिटल करेंसी को निजी क्रिप्टोकरेंसी रिप्लेस कर क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है सकती है। दुनिया भर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ रहा है और बावजूद इसके क्रिप्टो अब तक परंपरागत मुद्रा को रिप्लेस करने में सफल नहीं हो पा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह क्रिप्टो के भाव में होने वाला भारी उतार-चढ़ाव है। इसके बाद जब सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक ने अपनी क्रिप्टो डिएम लाने और उसे डॉलर से बैकअप देने की बात की तो केंद्रीय बैंक के माथे पर बल पर गया।
डिजिटल मुद्रा के नुकसान
ई-रुपी जैसी डिजिटल मुद्रा का एक नुकसान यह हो सकता है कि इससे लोगों की प्राइवेसी खत्म हो सकती है। नकदी के ट्रांजेक्शन में लोगों की पहचान गुप्त रहती है। कहीं से खरीदारी करने पर कैश पेमेंट में कोई पहचान नहीं रहती। सरकार अगर डिजिटल ट्रांजेक्शन को ट्रैक कर सके, तो इससे बहुत से लोगों को परेशानी हो सकती है।
क्रिप्टो करेंसी के फायदे , क्रिप्टो करेंसी के नुकसान ओर क्रिप्टो का भविष्य क्या है बताइए
आप इस पोस्ट में जानेंगे क्रिप्टो करेंसी के फायदे ,क्रिप्टो करेंसी के नुकसान । कई लोग का यह भी प्रश्न रहता है कि कृपया करेंसी का भविष्य क्या है। आपको बता दूं मैं, क्रिप्टो करेंसी आने वाले समय का सबसे बड़ा जायदाद होगा। लोग आज क्रिप्टोकरंसी को छोटी नजर से देख रहे हैं लेकिन आने वाले समय में भविष्य की बात करें तो क्रिप्टो से बड़ा बाजार दूसरा कुछ नहीं हो सकता।
वैसे तो भारत ने भी यह स्वीकार किया है क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है कि क्रिप्टो करेंसी आने वाला भविष्य है तभी भारत ने भी क्रिप्टो करेंसी को बैन नहीं किया और क्रिप्टो करेंसी को चालू रखा और उसके ऊपर बड़ी रकम की टैक्स वसूली कर रहा है..
Table of Contents
क्रिप्टो करेंसी के फायदे
● ये एक ऑनलाइन Currency होने के कारण है, धोखाधड़ी और इसकी नकली करेंसी बनने के चांस कम है।
● क्रि प्टो करेंसी एक स्ट्रांग एंड अन्य सामान्य digital payment से ज्यादा सुरक्षि त माना जाता है।
● क्रि प्टो करेंसी की कीमत बहुत तेजी से दि न ब दि न बढ़ रही है, इसलि ए इन्वेस्ट करने के लि ए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जो फ्यूचर में काफी फायदेमंद साबि त हो सकता है।
● Cryptocurrency की ट्रांसफर और लेन देन बहुत सुरक्षि त है, यह सामान्य लेन देन से बिल्कुल भिन्नऔर ज्यादा सुरक्षित है।
● कोई मेडि एटर नहीं होता है।
● यह ग्लोबल में नहीं है।
● ट्रांजैक्शन फीस बहुत ही है और ट्रांजैक्शन जल्दी और क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है आसानी से होता है। क्रिप्टो करेंसी का गेर-लाभ
● इसमें रि वर्स ट्रांजैक्शन का ऑप्शन नहीं होने के, अगर गलती ट्रांजैक्शन हो जाता है तो आप को बहुत
Cryptocurrency: 30 फीसदी टैक्स के प्रावधान के अमल में आने के बाद, क्या घट रहा क्रिप्टोकरेंसी के प्रति निवेशकों का रुझान?
By: ABP Live | Updated at : 10 May 2022 12:48 PM (IST)
Cryptocurrency: एक अप्रैल 2022 से शुरु हुए नए वित्त वर्ष से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स ( Tax) का प्रावधान लागू हो चुका है. लेकिन निवेशकों की मुश्किल ये है कि क्रिप्टोकरेंसी में हाल के दिनों में बड़ी गिरावट आई है. अगर आपने एक साल पहले एक लाख रुपये बिट्कॉइन में लगाया हुआ होता तो उसका वैल्यू घटकर आज की तारीख में 56,000 रुपये केवल रह गया है. निवेशकों को 44,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. लेकिन उनकी मुश्किल ये है कि दूसरे इनकम के सोर्स से इस नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है.
क्रिप्टो नुकसान के बावजूद देना होगा TDS
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी कैपिटल गेस टैक्स ( Capital Gain Tax) लगाने का ऐलान किया था. लेकिन आपको बता दें जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा. ऐसे क्रिप्टो में निवेश करने वाले निवेशकों को एक फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा जिससे सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वालों के ठौर ठिकानों का पता लगा सके. क्रिप्टो को लाभ में बेचने पर 30 प्रतिशत का टैक्स देना होगा. लेकिन लाभ में नहीं बेचने पर भी एक प्रतिशत का टीडीएस देना होगा जिससे ये पता चलेगा कि कहां-कहां क्रिप्टो का लेनदेन हुआ है. क्रिप्टोकरेंसी पर एक फीसदी टीडीएस लगाये जाने का प्रावधान एक जुलाई 2022 से लागू होने जा रहा है.