ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है?

ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसों का पेड़ कैसे लगायें? : Option Trading Se Paiso Ka Ped Kaise Lagaye
आप ऑप्शन पर हजारों पुस्तके पढ़ लेवें पर ऐसा ज्ञान किसी पुस्तक में नहीं मिलेगा। सभी पुस्तक लेखक आपको ऑप्शन क्या है व ऑप्शन के ग्रीक आदि का विवरणात्मक ज्ञान देने में लगे हुये हैं। कोई भी पुस्तक आपको ऑप्शन का ऐसा व्यवहारिक ज्ञान नहीं देगी जिस ज्ञान से एक कम पढ़ा लिखा साधारण वेटर भी ऑप्शन ट्रेडिंग से अमीर बन सकता है। पुस्तक भारतीय शेयर बाजार के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले रिसर्च एनालिस्ट महेश कौशिक की ऐसी दुलर्भ कृति है जिसमें ऑप्शन के कखग से लेकर ग्रीक तक का आधुनिकतम ज्ञान एकदम सरल भाषा में दिया गया है।
लेखक महेश चन्द्र कौशिक जटिल विषयो को सरलता से समझाना पसंद करते हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर यह पुस्तक भी उपन्यास की तरह कहानी के फार्मेट में लिखी गयी है ताकि आप इसको पढ़ते समय कहीं भी बोरियत महसूस नहीं करें। इसमें घीसू भाई नामक पात्र एक साधारण वेटर है जिसे महेश चन्द्र कौशिक ने ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखायी इस पुस्तक को इसमें उपन्यास या आत्मकथा की तरह लिखा गया है।
Option Trading Se Paiso Ka Ped Kaise Lagaye. Option trading Hindi ebook by SEBI Registered research analyst Mahesh Chander Kaushik
ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?
इसे सुनेंरोकेंजेरोधा ऑप्शन कमोडिटी के समान ही करेंसी के लिए शुल्क लेता है यानी 0.03% या ₹20 / निष्पादित ऑर्डर (जो भी कम हो). उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50,000 में 50 लॉट खरीदा है। तो अगर आप 50 का 0.03 प्रतिशत गणना करते है तो यह 1.5 होता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
इसे सुनेंरोकेंकमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। अगर पहले से ही फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा। इस अकाउंट के जरिए ही निवेशक कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।
ज़ेरोधा में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें?
जेरोधा काइट में ट्रेड कैसे करें?
- Zerodha Kite वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर लॉग इन करें
- अपने Zerodha अकाउंट में फंड जोड़ें
- अपनी मार्केट वॉच में अपनी इच्छा के अनुसार ऑप्शन जोड़ें
- ऑप्शन के लिए Buy Order दें
- ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को समझें
- ऑर्डर पूरा हो जाने के बाद वेरीफाई करें
पुट कॉल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।
ज़ेरोधा में विकल्प प्रीमियम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंआप किसी भी कीमत पर ऑप्शन एग्रीमेंट कर सकते हैं, बस आपको उससे जुड़ा प्रीमियम देना होगा। उदाहरण के तौर पर आप 340 के कॉल ऑप्शन को 4 रूपये 75 पैसे का प्रीमियम देकर ले सकते हैं। इसे ऊपर लाल रंग से दिखाया गया है। ये खरीदार को एक्सपायरी के अंत तक ITC का शेयर 340 रूपये पर खरीदने का विकल्प देगा।
ऑप्शन सेलिंग क्या है?
इसे सुनेंरोकेंआपशन बेचने को शॉर्टिंग आ कॉल ऑप्शन –’Shorting a call option’ कहते हैं या कभी कभी सिर्फ शार्ट कॉल –’Short Call’ भी कहते हैं। जब आप ऑप्शन बेचते हैं तो आपको प्रीमियम के तौर पर एक रकम मिलती है। ऑप्शन बेचने वाले का मुनाफा सीमित होता है- उतना ही जितना कि उसे प्रीमियम मिला है लेकिन उसका नुकसान असीमित हो सकता है।
शेयर मार्केट में कॉल ऑप्शन क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंएक call options एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खरीदार के पास एक मुख्य स्टॉक की एक विशेष मात्रा को बिना किसी बाध्यता के पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने का अधिकार है। जब ट्रेडर्स को यह उम्मीद होती है कि प्राइस ऊपर बढ़ सकती है तो वे call option में एक लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं।
future & option क्या होता हे ?
future & option kya hota he
future and option ट्रेडिंग ये एक डेरीवेटिव होते हे। और ये कॉन्ट्रैक्ट होता हे जिसकी एक्सपायरी होती हे। फ्यूचर और ऑप्शन को मार्किट में लानेका उदेश्य risk managment के लिए हे ,लेकिन दोनों में बहुत फरक हे ,फ्यूचर और ऑप्शन दोनों अलग अलग कॉन्ट्रैक्ट्स या derivetives हे। और ये सिर्फ ट्रेडिंग के लिए बनाये गए हे।
future market
फ्यूचर मार्किट एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट होता हे। जैसे की हमें लगता हे शेयर का प्राइज फ्यूचर में बढ़ेगा तो हम उस स्टॉक को खरीद लेते हे और फायदा होने पे बेच देते हे। लेकिन इसकी एक्सपायरी होती हे जोकि हमें हमारा शेयर एक्सपायरी के पहले बेचना होता हे। चलो अभी इसे एक उदाहरन लेके समजते हे –
example
जैसे की एक किसान ने अपने खेत में आलू लगाया हे। और आलू की कीमते घटती बढाती रहती हे तो उस किसान को चिंता रहती हे की मेरे आलू को बाजार में क्या भाव मिलेगा। क्युकी उसको आलू उगने में १० रु का खर्च्या आया हे. तो उसे लगता हे की मुझे २० या २५ रु मिल जाये तो बहुत बढ़िया रहेगा। यह सोचकर वो बाजार में चला जाता हे। और उसी बाजार में व्यापारी भी होते हे। उन्हें भी आलू लेने होते हे उनको लगता हे की कम से कम दाम में हमें आलू मिल जाये तो अच्छा रहेगा। क्युकी उन्हें भी आगे बाजार में उन आलू को ज्यादा भाव में बेचकर प्रॉफिट कमाना हे।
अब वह व्यापारी उस किसान से वो आलू ३० रु के भाव में खरीद लेता हे। अभी किसान का तो काम हो गया उसको उसके मुताबिक जितना चाहता था उतने से अच्छा भाव मिल गया। अभी वो बाजार से बहार हो गया। अभी बारी आती हे व्यापारी की अभी उसका जो प्रॉफिट हे वो तो अभी बाजार पैर निर्भर हे. जैसे बाजार में भाव बढ़ा उसको प्रॉफिट मिलेगा। और अगर बाजार का भाव गिरा तो उसको नुकसान होता , अब यही संकल्पना शेयर मार्किट में समझते हे।
शेयर मार्किट में जो खरीदने (buyers) वाले होते हे वो होते हे व्यापारी। इसका मतलब buyers ने अभी शेयर्स खरीद लिए अभी उनका प्रॉफिट मार्किट पे निर्भर रहता हे. जब मार्किट में शेयर का भाव ऊपर जायेगे तब उनको प्रॉफिट होगा। और अगर मार्किट निचे गिरा तो buyers को नुकसान होगा। और ये सिमित रहता हे एक्सपायरी दीन तक, इस पूरी संकल्पना को ही फ्यूचर मार्किट या फ्यूचर ट्रडिंग कहते हे।
फ्यूचर मार्किट ये eqity market एडवांस लेवल होता हे। फ्यूचर मार्किट एक standerlized कॉन्ट्रैक्ट होता हे। जो मार्किट के एक्सपायरी पे निर्भर होता हे और उसकी एक्सपायरी निच्छित होती हे। फ्यूचर मार्किट में हम स्टॉक की खरेदी और विक्री मार्जिन लेकर कर सकते हे इसके लिए हम पुरे पैसे देने की कोई जरुरत नहीं होती।
फ्यूचर मार्किट में और भी सकल्पनाये होती हे जैसे की स्टॉक की लॉट साइज,कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी ,mark to market . फ्यूचर मार्किट में हर एक स्टॉक की एक फिक्स लॉट साइज (lot size) होती है.मतलब जितना किसी स्टॉक की लॉट साइज होती हे उतनी ही हमें लेनी पड़ती हे। और कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी में कॉन्ट्रैक्ट के तीन तरह के प्रकार होते हे पहला near month ,दूसरा mid month ,तीसरा far month . और near month की एक्सपायरी महिले महीने के आखरी गुरुवार को होती हे। mid month की एक्सपायरी दूसरे महीने के आखरी गुरुवार को होती हे और far month की एक्सपायरी तीसरे महीने के आखरी गुरुवार को होती हे।
option market
option market
future and option दोनों अलग अलग हे। ऑप्शन फ्यूचर से बना हे लेकिन वो प्रीमियम बेस पर काम करता हे जैसे की हमें शेयर की चालू कीमत को खरीदने की कोई जरुरत नहीं। हम उसका एक छोटासा premium amount देकर उसे खरीद सकते हे. और प्रॉफिट होने पर उसे बेच दे सकते हे। और इसकी एक फिक्स एक्सपायरी होती हे।
जैसे हमने आज कोई स्टॉक का प्रीमियम खरीद लिए और फ्यूचर में स्टॉक की मैन प्राइज (strike prize ) बढ़ गयी तो हमारा प्रीमियम भी बढ़ेगा। और अगर स्ट्राइक प्राइज निचे गिरती हे तो हमारा प्रीमियम भी निचे गिरता हे मतलब स्टॉक की मेन प्राइज अगर बढ़ेगी तो हमें प्रॉफिट होता क्युकी उसके साथ साथ हमारा प्रीमियम भी बढ़ेगा। और अगर स्टॉक प्राइज निचे गिरता हे तो हमारा प्रीमियम एक्सपायरी तक जीरो हो जायेगा ये बात ध्यान में रख लीजिये।
call & put options
option में प्रकार होते हे एक होता हे call option और एक होता हे put option . पहला call option में call के अंदर खरीदना मतलब आप तेजी की ओर हे और कॉल के अंदर बेचना मतलब आप मंदी की ओर हे। और वैसे हे दूसरा put option में put के अंदर खरीदना मतलब आप मंदी की ओर हे ,और अगर आप put के अंदर कोई स्टॉज बेचते हो तो इसका मतलब आप तेजी की तरफ हे.और इन दोनों की भी एक्सपायरी निच्छित होती हे।
फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करके के लिए आपको technical analysis को समझने की बाहर जरुरत होती हे ,इससे आपको ट्रेडिंग में मदत होगी की चार्ट को कैसे देखते हे ट्रेंड लाइन क्या होती हे जो की ट्रेडिंग के लिए बहुत महत्व पूर्ण में अगर आपको technical analysis kya hota he समझना हे तो आप मेरी पिछली पोस्ट में जाकर पढ़ सकते हे उसमे मैंने पुरे डिटेल्स में समझाया हे की टेक्निकल एनालिसिस क्या होता हे और कैसे किया जाता हे वो सभी बाटे उस पोस्ट में लिखी हे .
आपने सुना होगा की ऑप्शन ट्रेडिंग से लोग लाखो रु कमाते हे , सही हे लेकिन में आपसे विनती करूँगा की आप बिना नॉलेज के इसमें न पड़े. मैंने लोगो लाखो रु गवाते भी देखा हे इस ऑप्शन ट्रेडिंग में। तो कृपया आप इसका आप पहले नॉलेज (ज्ञान )ले। और धीरे धीरे इसे सीखे और सिखने के बाद छोटे छोटे अमाउंट से इसमें ट्रेडिंग करे। और जब आप इसमें एक्सपर्ट हो जायेंगे तब आप इसमें लाखो क्या करोडो कमा सकते हे।
यकीं हे आजकी हमारी ये पोस्ट आपको पसंद आयी होगी ,अगर आपको कुछ समज न आया हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज सकते हे.और आपका future and option की संकल्पना समज में आ गयी होती।
और ऐसेही शेयर मार्किट पर ब्लॉग आप पढ़ना चाहते हो तो हमें आप subscribe कर सकते हो. और नयी पोस्ट आने के बाद आपको नोटिफिकेशन मिल जायेगा। और अगर आज की ये पोस्ट अच्छी लगे तो कृपया उसे शेयर जरूर कीजियेगा। धन्यवाद !
स्टॉक मार्केट में Out of the Money ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें ?
दूर के ऑप्शन्स (Out Of The Money Options)
दूर का ऑप्शन, जी हाँ दोस्तों, जो की हमेशा एक्ट्रॅक्टिव्ह दिखता है। हमें ललचाता भी है अपने परफॉर्मन्स से! यह हो जाता है 5 रूपये से 50 का 100 का या उससे भी ज्यादा। है ना?
दूर का छोटा ऑप्शन याने की ऐसा ऑप्शन जो अंडरलेयिंग असेट (शेअर,इंडेक्स) के "चालू कीमत से काफी दूर होता है।" यह हम सभी को मालूम है। कीमत के उतार-चढ़ाव से ऑप्शन में हलचल होती है। "तेज और बड़े बदलाव से" ही दूर के ऑप्शन में बड़ी बढ़त या गिरावट आती है। इस पर हमारा एकमत हो सकता है।
और इस पर भी की बड़े मुव्ह किसी बड़े फंडामेंटल या टेक्निकल के कारण ही आतें है। इसलिए स्ट्रॉन्ग फंडामेंटल न्यूज़ या टेक्निकल सेट अप को बनते हुए देखकर ही Out Of The Money ऑप्शन्स में B.T.S.T. का ट्रेड लिया जाता है।
दूर का कॉल ऑप्शन ( Out Of The Money Call Option)
उदाहरण
1 ) कंपनी के शेअर की कीमत Rs. 500 है। ऑप्शन के लिए स्ट्राइक प्राइस 5 रूपये के फर्क से है। तो Rs. 500 से ज्यादा की स्ट्राइक प्राइसेस जैसे की 505, 510, 515, . कॉल ऑप्शन आउट ऑफ़ द मनी कहलातीं है। यहाँ दूर का छोटा कॉल ऑप्शन Rs. 550 स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
2 ) बॅंक निफ़्टी अगर 36,000 पर है तो 36,100, 36,200, 36,300, . यह कीमतें कॉल ऑप्शन के लिए आउट ऑफ़ मनी कहलातीं है। इसमें दूर का छोटा कॉल ऑप्शन 37,000 के स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
दूर का पुट ऑप्शन ( Out Of The Money Put Option)
उदाहरण
1 ) कंपनी के शेअर की कीमत Rs. 500 है। Rs. 500 से कम की स्ट्राइक प्राइसेस जैसे की 495, 490, 485, . यह आउट ऑफ़ द मनी पुट ऑप्शन कहलातीं है। यहाँ दूर का छोटा पुट ऑप्शन Rs. 450 स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
2 ) बॅंक निफ़्टी अगर 36,000 पर है तो 35,900, 35,800, 35,700, . यह कीमतें पुट ऑप्शन के लिए आउट ऑफ़ मनी होतीं है। इसमें दूर का छोटा पुट ऑप्शन 35,000 तक के स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
सुचना
स्टॉक मार्केट इंडेक्स का दूर का ऑप्शन
अब आतें है स्टॉक मार्केट में। और अपना अकाउंट खोलकर उसमें थोडासा पैसा डालतें है। और अपने अकाउंट पर "F&O Trading की सुविधा" चालू करतें है। हमने यह किया है तो चलिये आगे बढ़ते है। फंडामेंटल एनालिसिस अच्छे से करके हम आसानी से इंडेक्स के दूर के छोटे ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करके बड़ा मुनाफा कमा सकतें है।
1 ) इंडेक्स जैसे की "निफ़्टी, बॅंक निफ़्टी" इनमें दूर के ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करना अच्छा होता है। इसमें आवश्यक " व्होल्युम होता है।" इंडेक्स के ऑप्शन्स में बायिंग, सेलिंग आसानी से कर सकतें है।
2 ) इंडेक्स के ऑप्शन्स का लॉट साइज छोटा है। जैसे की निफ़्टी का एक लॉट 50 और बॅंक निफ़्टी का तो सिर्फ 25 क्वान्टिटी का एक लॉट आता है। कम कॅपिटल में हम "ज्यादा लॉट लें सकतें है।" एवरेज कर सकतें है। और थोड़ा-थोड़ा बेच सकतें है।
3 ) इंडेक्स के ऑप्शन्स में बहुत बड़े मात्रा में ट्रेडिंग होती है। इस लिए "कोई व्यक्तिगत मनमानी नहीं कर सकता।" कोई तय करके अपने हिसाब से भाव बढ़ा या गिरा नहीं सकता।
कंपनी के शेअर का दूर का छोटा ऑप्शन
1 ) कंपनी का शेअर "F&O लिस्ट में होना आवश्यक है।" हमें इसपर ध्यान देना चाहिये की जिन शेअर्स के दूर वाले ऑप्शन्स में व्होल्युम नहीं है। उन में ट्रेडिंग ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? करने से हमें बचना चाहिये।
2 ) कंपनी से जुड़ा कोई "विशेष कारण होना चाहिये" जैसे की न्यूज़। न्यूज़ अच्छी हो या बुरी, उसका हमें शीघ्र पता लगाके दूर का ऑप्शन लेना होता है। अच्छी खबर के चलते कॉल लेना है। बुरी खबर हो तो पुट ऑप्शन लेना चाहिये। इस तरह की सारी न्यूज़ हम इन्व्हेस्टिंग इंडिया पर पढ़ सकतें है।
3 ) "ओपन इंटरेस्ट और चेंज इन ओपन इंटरेस्ट" को हम N.S.E.India पर कंपनी का नाम सर्च करके, डेरीव्हेटिव्हज में, ऑप्शन चेन में देख सकतें है। उनका जिक्र Change IN OI और OI ऐसा किया गया है।
4 ) टेक्निकल एनालिसिस का महत्व ध्यान में लेतें हुए ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? ट्रेड के लिए टेक्निकली राइट एन्ट्री पॉइन्ट तय करना है। टेक्निकल एनालिसिस शेअर के चार्ट का करना होता है। सपोर्ट,रेजिस्टन्स और ट्रेन्ड लाइन तो शेअर के चार्ट पर ही लगानी है। दूर के छोटे ऑप्शन का चार्ट "मुव्ह की तुलना करने के लिये" देखा जा सकता है।
D ) "दोन स्टॉप लॉस की कीमतों में जो छोटी है, वह स्टॉप लॉस चुनें।" और जाहिर सी बात है की इससे लॉस कम होगा।
स्मॉल ऑप्शन स्टॉक्स इन इंडिया
लॉट साइज के बड़े होने से एकदम छोटा ऑप्शन लेने जायें तो भी बहुत कॅपिटल की जरूरत होती है। हमें ट्रेडिंग करने के लिए कम क्वांटिटी वाला अच्छा शेअर चुनना होता है। "जिस शेअर का प्राइस ज्यादा है उसका लॉट साइज कम होता है।" समय-समय पर लॉट साइज में बदलाव होतें रहतें है।
छोटे ऑप्शन का स्टडी
इसमें क्या-क्या स्टडी करना है। कौन-कौन से टॉपिक समज़ने ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? है। यह समझ लें तो बहुत आसान है। तो आइये मिलकर शुरू करतें है।
1 ) पहला कदम यह है की Stock Market क्या है यह प्राथमिक जानकारी लेना। यह हमें मालूम है तो आगे बढ़ते है।
2 ) फिर हमें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के बारें में जानना है। इससे हमें ऑप्शन्स ट्रेडिंग करते वक्त आसानी होतीं है। लगातार बनते चार्ट पर सही तरीके से "टेक्निकल सेट-अप" लगाना फायदेमंद होता है।
3 ) चार्ट्स के अलग अलग प्रकार होतें है। इनका स्टडी करके अपने हिसाब से चार्ट सिलेक्ट करना है। ज्यादातर ट्रेडर्स "कॅंडल स्टिक चार्ट" का इस्तेमाल करतें है। शेअर के चार्ट में व्होलॅटिलिटी कम होनी चाहिये। शेअर में रिव्हर्सल में ट्रेड लेना और नयी पोजीशन के लिये ट्रेड लेना मुमकिन होना चाहिये। याने की जिन चार्ट पर एक तरफा के अच्छे मुव्ह दिखतें है। उनमें छोटा ऑप्शन ट्रेड लें सकतें है।
4 ) चार्ट सिलेक्ट करने के बाद चार्ट पर "सपोर्ट, रेजिस्टेन्स और ट्रेन्ड लाइन" का इस्तेमाल करना, सीखना चाहिये। हमें यह सही से करना आता है। तो अब यहाँ से आगे बढ़ते है।
5 ) कंपनी के शेअर का छोटा ऑप्शन लेने के लिये उस "कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस" करना चाहिये। ताकि उभरते हुए ट्रेन्ड के साथ तालमेल बनाके काम किया जाये।
इन बातों का स्टडी करके हम आत्मविश्वास के साथ छोटा ऑप्शन लें सकतें है। मन में सवाल यह उठेगा की थोड़ा पैसा ही तो लगाना है इसके लिये इतना स्टडी क्यों करना है। जवाब में कहते है की स्टडी, "थोड़ा पैसा लगाने के लिये और बड़ा पैसा कमाने के लिये करना है।" यह स्टडी करके हम छोटा ही क्या बड़े से बड़ा ऑप्शन लें सकेंगे। है की नहीं? और मुझे पूरी उम्मीद है की हम मिलकर यह कर सकतें है। कुछ डिफिकल्टी आये तो कमेंट में लिखना। अभी पूरा नहीं हुआ है। आगे हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है। तो चलिये आगे बढ़ते है।
छोटे ऑप्शन्स ट्रेडिंग की स्टाइल
स्टाइल याने की "काम करने का तरीका।" अपनी चाहत के अनुसार हम शेअर या इंडेक्स का चुनाव करतें है। उसके बारें में सारा स्टडी करतें है। और अपनी एक खास स्टाइल बनातें है। यहाँ पर एक स्टाइल दी गयी है। जिसके जरिए हम, फियर और ग्रीड को कंट्रोल करके ट्रेडिंग कर सकतें है।
कभी ट्यूशन पढ़ा कर करना पड़ता था गुजारा, आज शेयर बाजार में कर रही हैं लाखों की कमाई
कविता ने बहुत कम उम्र में पैसे कमाने की कीमत और उसे बचाने की कला दोनों सीख ली थी. कविता बचपन से पढ़ने-लिखने में काफी तेज थी. उन्होंने आई सेक्टर नें फुल टाइम जॉब करते हुए शेयर बाजार को समझा. और आज वो ऑप्शन ट्रेड करती है. पॉजिटिव माइंड सेट के साथ वो निरंतर आगे बढ़ रही हैं.
कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होते, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो. शेयर बाजार की दिग्गज कविता पर यह पंक्ति पूरी तरह फिट बैठती है. आज से करीब 11 साल पहले कविता ने शेयर बाजार में एंट्री की थी, और देखते ही देखते वो बाजार की माहिर खिलाड़ी बन गई. आज कविता का पोर्टफोलियो 2 करोड़ से अधिक का है. पेश से आईटी सेक्टर से ताल्लुक रखने वाली कविता आज कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं.
मिंट में आयी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कविता पश्चिम बंगाल के बर्दवान की रहने वाली है. वो फिलहाल एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी में आईटी पेशेवर के रूप में काम कर रही हैं, लेकिन इसके बाद भी वो एक सफल ट्रेडर हैं. उन्होंने ऑप्शन और फ्यूचर ट्रेड में कई झंडे गाड़े हैं. जिस ऑप्शन ट्रेड में कई दिग्गजों के भी पसीने छूट जाते हैं कविता के लिए वो लाल हरे कैंडल सफलता की सीढ़ी हैं.
कम उम्र में समझी पैसे की कीमत: मिंट के मुताबिक, कविता ने बहुत कम उम्र में पैसे कमाने की कीमत और उसे बचाने की कला दोनों सीख ली थी. कविता बचपन से पढ़ने-लिखने में काफी तेज थी.महज 14 साल की उम्र में उन्होंने ट्यूशन सत्र चलाना शुरू कर दिया था. मिंट से बात करते हुए खुद कविता ने कहा कि जब मैं छोटी थी, मेरे दादा-दादी और रिश्तेदार मुझे प्यार की निशानी के रूप में पैसे देते थे तो उसे वो अपनी मां को दे देती थी, कविता ने कहा कि इसके बदले मां उन्हें कुछ ब्याज राशि देती थी.
पैसे बचाने की सीखनी चाहिए कला-कविता: कविता कहती है कि जीवन की शुरुआत से ही हमे पैसे के महत्व को समझना चाहिए. उन्होंने अपने माता-पिता के प्रति आभार जताते हुए कहा कि माता-पिता का समर्थन सफलता का निर्णायक कारक है. वह कहती हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें सिखाया कि कोई भी अपनी खर्च करने की आदतों पर नियंत्रण रखकर पैसे बचा सकता है. अपने स्ट्रगल के बारे में उन्होंने कहा कि एक समय था कि उनके पिता के पास हॉस्टल फी भरने के पैसे नहीं थे इस कारण हर दिन वो 3 घंटे बस में बैठकर कॉलेज आना-जाना करती थी.
नौकरी के बाद शुरू हुआ ट्रेडिंग का सफर: पढ़ाई पूरी करने के बाद कविता को पुणे स्थित एक आईटी कंपनी नौकरी मिली. यहीं पर पहली बार कविता को ट्रेडिंग की जानकारी मिली. दरअसल, उसके कुछ साथी ट्रेड किया करते थे. इसके बाद कविता की भी दिलचस्पी शेयर बाजार में बढ़ती गई. शुरूआत में कविता ने शेयर बाजार को अतिरिक्त आय के लिए माध्यम के रूप में चुना. लेकिन जल्द ही समझ गई कि बाजार कितना पैसा दे सकता है. बस क्या था कविता मेधावी छात्रा तो थी ही जल्द ही वो ट्रेड की बारीकियों को समझती चली गई.
लोन लेकर बढ़ाया पोर्टफोलियो: शेयर बाजार समझने के बाद कविता का रुझान इंट्राडे ट्रेडिंग की ओर हो गया. शुरुआत में उन्होंने ऑप्शन ट्रेड के जरिए 4 से 5 सौ रुपये का मुनाफा कमाया. इसके बाद उन्होंने लोन लेकर पोर्टफोलियो बढ़ाने का विचार किया. कविता ने 3 लाख का लोन भी ले लिया. लोन लेने का फैसला उनके जीवन का बड़ा और सही फैसला साबित हुआ. हालांकि जब लोन की जानकारी उनके माता-पिता को हुई तो उन्होंने चिंता भी जाहिर किया. लेकिन तब तक कविता के 20 लाख रुपये के हो चुके पोर्टफोलियो ने सारी चिंता दूर कर दी.
इंट्राडे ट्रेन ने दिलाई खासी कमाई: कविता ने ऑप्शन ट्रेड की हर बारिकियों को बेहतर तरीके से समझा है. वो सफल ट्रेडर हैं. पॉजिटिव माइंड सेट के साथ वो निरंतर आगे बढ़ रही हैं. कविता ने खुद को पोजीशनल ट्रेडर बताते हुए साप्ताहिक और मासिक ऑप्शन पर ट्रेड करती है.
जॉब के अलावा करना चाहते हैं अतिरिक्त कमाई, एक्सपर्ट बता रहे हैं आसान उपाये
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