शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके

जब शेयर मार्केट गिरता है

जब शेयर मार्केट गिरता है

लगातार दूसरे महीने चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात एक से कम

बीएसई पर जिन शेयरों की ट्रेडिंग होती है उनमें चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात लगातार दूसरे महीने (10 जून तक) एक से नीचे बना रहा। अगर बाजार के रुख में सुधार नहीं होता है तो मार्च 2020 के बाद यह पहला मौका होगा जब चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात लगातार दूसरे महीने एक से नीचे रहा। चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात बाजार के विस्तार का संकेत देता है। यह अनुपात एक से कम होता है तो संकेत मिलता है कि माह के दौरान जितने शेयर चढ़े उससे ज्यादा शेयरों में गिरावट दर्ज हुई। इस महीने अब तक चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात 0.93 है और 1,777 शेयर चढ़े जबकि 1,912 में गिरावट दर्ज हुई। यह जानकारी बीएसई के आंकड़ों से मिली।

मई में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात 0.84 था और 1,718 शेयर चढ़े जबकि 2,037 में गिरावट आई​। अप्रैल 2020 से यह पाचवां महीना है जब चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात एक से नीचे रहा है।

बाजार के विशेषज्ञों ने कहा, महामारी के बाद खुदरा निवेशकों की तरफ से मजबूत निवेश को बाजार के सकारात्मक रुख से सहारा मिला है। उन्होंने कहा, चढ़ने-गिरने वाले शेयरों के अनुपात में गिरावट से संकेत मिलता है कि खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी कम हो रही है।

Stock Market Investment Tips: शेयर बाजार में निवेश करते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना डूब जाएगा पूरा पैसा

निवेश

कोरोना महामारी के बाद से जब शेयर मार्केट गिरता है जब शेयर मार्केट गिरता है भारत में बड़े पैमाने पर लोग अपने पैसों को शेयर मार्कट में इन्वेस्ट कर रहे हैं। शेयर मार्केट में निवेश करना बाजार जोखिमों के आधीन आता है। ऐसे में इस क्षेत्र में निवेश करते समय कई सावधानियों को बरतना जरूरी है। स्टॉक मार्केट में निवेश के समय आपकी जरा सी गलती एक बड़े नुकसान की वजह बन सकती है। अगर आप भी शेयर मार्केट में अपने पैसों को निवेश करने की प्लानिंग बना रहे हैं, तो आपको कुछ गलतियों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। शेयर बाजार में पैसों का इन्वेस्ट करते समय अगर आप इन गलतियों को करते हैं, तो ज्यादा संभावना है कि आपके पैसे डूब सकते हैं। ऐसे में आपको एक बड़े वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ेगा। इसी कड़ी में आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में, जिन्हें भूलकर भी शेयर मार्केट में निवेश करते समय आपको नहीं करनी चाहिए।

निवेश

बिना जानकारी के न करें निवेश

अक्सर कई लोग अपना डिमैट अकाउंट खुलवा कर बिना जानकारी के शेयर मार्केट में पैसों को निवेश करते हैं। बिना जानकारी के शेयर मार्केट में निवेश करना एक बहुत बड़ी गलती है। ऐसा करने पर आपके सारे पैसे डूब सकते हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय आपको ये गलती कभी नहीं करनी चाहिए। स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।

जानिए 30 साल में कब-कब लोअर सर्किट की वजह से बंद हुआ शेयर बाजार में कारोबार?

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नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना के कहर से बाजार में हाहाकार की स्थिति है। शेयर बाजार में गुरुवार को लोअर सर्किट लगते-लगते बचा। बाजार बार-बार लोअर सर्किट यानी 10 फीसदी की गिरावट के करीब पहुंच रहा था, लेकिन गनीमत रही कि हर बार वह रिकवर होता गया। लेकिन शुक्रवार को कारोबार शुरू होने के कुछ ही मिनटों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई और निफ्टी का कारोबार 45 मिनट के लिए बंद कर दिया गया। जब शेयर बाजार दोबारा खुला तो निफ्टी में धीरे-धीरे मजबूती दिखी। लेकिन कारोबार फिर डाउन हो गया। तब से बाजार में कारोबार का उतार-चढ़ाव जारी है।

अगर शुक्रवार को सेंसेक्स में गिरावट की बात करें तो यह विगत 12 सालों में सबसे बड़ी गिरावट साबित हुई। इससे पहले 2008 में इतनी ही बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। गुरुवार के कारोबार में तो लोअर सर्किट नहीं लगा, लेकिन सेंसेक्स में शुक्रवार को 9.43 फीसदी की गिरावट के बाद ही लोअर सर्किट लगा दिया गया और 45 मिनट के लिए कारोबार बंद कर दिया गया। जब शेयर बाजार दोबारा खुला तो सेंसेक्स में मजबूती देखने को मिली। आइए हम आपको बताते हैं कि पिछले तीन दशक में शेयर बाजार के इतिहास में इससे पहले ऐसे चार और मौके आ चुके हैं, जब सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगा और शेयर बाजार ठप हो गया था।

कब-कब लगा शेयर बाजार में लगा लोअर सर्किट

- पहला मौका 21 दिसंबर, 1990 में आया था जब सेंसेक्स में 16.19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। इस गिरावट के बाद शेयर बाजार 1034.96 के स्तर पर पहुंच गया था।

- शेयर बाजार के इतिहास में दूसरी बड़ी गिरावट 28 अप्रैल, 1992 में आई थी। तब सेंसेक्स में 12.77 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 3896.90 के स्तर पर बंद हुआ था।

- तीसरा मौका 17 मई, 2004 का था जब शेयर बाजार में 11.14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। तब शेयर बाजार 4505.16 के स्तर पर जाकर बंद हुआ था।

- शेयर बाजार के इतिहास में चैथी बार बड़ी गिरावट 24 अक्टूबर, 2008 में आई थी। तब सेंसेक्स में 10.96 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 8701.07 के स्तर पर बंद हुआ था।

- आज पांचवी बार शेयर बाजार के इतिहास में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। 13 मार्च, 2020 को 10 फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। आज शेयर बाजार 3600 के स्तर पर बंद हुआ।

इसके अलावा गुरुवार को सेंसेक्स 8.18 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ था। लेकिन इससे पहले सेंसेक्स कई बार इससे अधिक गिरावट के साथ भी बंद हुआ है। चार बार लोअर सर्किट के अलावा 12 मई, 1992 को सेंसेक्स में 9.76 फीसदी की गिरावट आई, 19 जनवरी, 1990 को 8.92 फीसदी, 6 मई, 1992 को 8.14 फीसदी, 30 नवंबर, 1990 को 8.30 फीसदी और 31 मार्च, 1997 को 8.26 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।

क्या होता है लोअर सर्किट ?
शेयर बाजार में अगर 10 फीसदी या उससे अधिक का फेरबदल हो जाता है तो कारोबार एक निश्चित समय के लिए रोक दिया जाता है। अगर ये बदलाव गिरावट की वजह से आता है तो उसे लोअर सर्किट कहते हैं और अगर ये बदलाव बढ़ोत्तरी के चलते आता है तो उसे अपर सर्किट कहते हैं। दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग अवधि के लिए बाजार बंद होते हैं। साथ ही गिरावट के हिसाब से भी ये तय किया जाता है कि कितनी देर के लिए बाजार बंद होगा या फिर पूरे दिन के लिए बाजार बंद किया जाएगा।

Stock market cruel truth-शेयर बाजार का सबसे कड़वा सच -in Hindi

Stock market एक ऐसी जगह है जहाँ कोई भी व्यक्ति धन-संपत्ति अर्जित कर सकता है। दुनिया में ऐसे बहुत से व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने शेयर बाजार से अपार धन कमाया है,इसके साथ ही बहुत से लोगों ने इसमें अपना धन गंवाया भी है। शेयर बाजार से कोई कितना भी धन कमाले। लेकिन इसकी कड़वी सच्चाई भी है,जिसके बारे में कोई भी निवेशक तथा विश्लेषक बात नहीं करना चाहता। आज की पोस्ट इसी बारे में है कि stock market cruel truth-शेयर बाजार का सबसे कड़वा सच क्या है?

Stock market cruel truth

1.नब्बे प्रतिशत से ज्यादा लोग शेयर बाजार में पैसा गवांते हैं:

Stock market की यह सबसे जब शेयर मार्केट गिरता है कड़वी है कि यहाँ 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को नुकसान उठना पड़ता है। इसका मुख्य कारण यह है कि ज्यादातर लोग ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च अथवा विश्लेषण नहीं करते,किसी अन्य की सलाह से ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग करते हैं।

2.Stocks को उनके मूल्य से अधिक पर खरीदना:

ज्यादातर इन्वेस्टर ये गलती करते हैं कि वे ऐसे शेयर में निवेश कर देते है जो अपने मूल्य से कई गुना बढ़ चुका होता है,उसके बाद वह शेयर नीचे आने लगता है और इन्वेस्टर को हानि होने लगती है। किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले उसके बारे में रिसर्च तथा विश्लेषण करना चाहिए।
3. भेड़-चाल वाली मानसिकता से निवेश करना:

Stock market`scruel truth यह भी है कि ज्यादातर लोग किसी भी शेयर के वॉल्यूम को देखकर buy & sell करते हैं। जैसे ही किसी शेयर के बारे में न्यूज़ आती है ट्रेडर उसके हिसाब stocks को खरीदने या बेचने लग जाते हैं तथा कभी -कभी वह न्यूज़ झूठी भी होती है। इस वजह से भी कई निवेशकों को नुकसान हो जाता है।
4. कोई भी स्टॉक निश्चित लाभ नहीं दे सकता:

कितनी भी अच्छी से अच्छी कम्पनी के शेयर में पैसा इन्वेस्ट करें,उसमे भी खतरा रहता ही है क्योंकि शेयरों के मूल्य के गिरने के बहुत से कारण होते हैं जैसे-कम्पनी के सम्बन्ध में कोई बुरी खबर आना,टेक्स के नए नियम,सामाजिक और आर्थिक खतरे इत्यादि,जैसेकि आजकल कोरोना वायरस की वजह से सारे विश्व के शेयर बाजार गिर रहे हैं। Opening and closing time of stock market in India
5. Stock market लालच तथा डर की वजह से चलता है:

यह भी शेयर बाजार का एक बड़ा कड़वा सच है कि जब अर्थव्यवस्था अच्छी चल रही होती है,गवर्नमेंट अच्छे निर्णय ले रही होती है तब लोग बहुत ज्यादा आशावादी हो जाते हैं और वह ऐसे stocks में भी निवेश कर देते हैं जो अपनी बुक वेल्यू से बहुत ज्यादा बढ़ चुके होते हैं। जब शेयर अपनी बुक वेल्यू से बहुत ज्यादा बढ़ चुके होते हैं तब स्मार्ट इन्वेस्टर अपना प्रॉफिट बुक करके शेयर से बाहर हो जाते जब शेयर मार्केट गिरता है हैं और रिटेल इन्वेस्टर को नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि जब शेयर गिरने लगता है तो वह घबराकर अपने शेयर बेच देते हैं क्योंकि वह महगें stocks में भी शार्ट टर्म के लिए निवेश करते है। What is Stock Broker and Brokrage fee-in Hindi
6.Stock market जितना पैसा देती है उतना उसे लेना भी आता है:

Stock market cruel truth यह भी है कि वह अपने हिसाब से ही चलती है कोई भी बड़े से बड़ा इन्वेस्टर उसे अपने हिसाब से नहीं चला सकता। इंट्राडे में ज्यादातर ट्रेडर के स्टॉप लॉस हिट हो जाते है और उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है, इसीलिए कहा भी गया है कि-Trend is our friend. इस नीति का प्रयोग करने वाले ही ट्रेडर शेयर बाजार में ज्यादातर पैसा बना पाते हैं। शेयर बाजार में लगातार उतार-चढाव जारी रहता है इसलिए शार्ट टर्म में जयादातर निवेशकों को नुकसान होता है। हमेशा लॉन्ग-टर्म के लिए शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए। Stock Market Me invest Krke Wealth Kaise Create Kren- जब शेयर मार्केट गिरता है In Hindi
7. किसी भी कम्पनी के मालिक उसके लाभ हानि को छुपा सकते हैं:

सभी इन्वेस्टर चाहते हैं कि उनकी कंपनी लगातार अच्छी ग्रोथ करे तथा जब ऐसा नहीं होता तब कंपनी के शेयर की कीमत गिरने लगाती है। इससे कंपनी के प्रमोटर दबाव में आ जाते हैं तथा वह कम्पनी के तिमाही रिजल्ट में उसके नतीजे बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने लगते हैं कि कम्पनी अच्छे फायदे में है। जब इसका भंडा फूटता तब उस कम्पनी के शेयर की कीमत कुछ भी नहीं रहती तथा उसमे इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर बर्बाद हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ Satyam Computers नाम की कंपनी के केस में भी हुआ था। What is Demat Account and how to open Demat Account -in Hindi
8. भविष्य कोई नहीं जनता: शेयर बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है इसलिए भविष्य में शेयर बाजार कैसा रहने वाला है, इसका अनुमान लगाना बहुत ही मुश्किल है। अतः यह जरूरी नहीं है कि आप अपने इन्वेस्टमेंट पर मुनाफा ही कमा पाए आपको नुकसान भी हो सकता है
उम्मीद है कि अब आप अच्छी तरह Stock market cruel truth के बारे में समझ गये होंगे। यह शेयर बाजार की कड़वी सच्चाई है अतः निवेश करने से पहले इसके बारे में जान लेना बहुत जरुरी है। उम्मीद है आज की प्रेरणादायी पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी, ऐसी ही प्रेरणादायी पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर कीजिये। इस पोस्ट से सम्बन्धित कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर भेजें तथा यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

गिरते शेयर बाजार में आप भी कर सकते है इन्वेस्ट? जानिए Bear Market में पैसे कमाने का तरीका

How to Invest in Bear Market?: शेयर मार्केट में अधिकांश निवेशकों के लिए गिरते बाजारों को अक्सर सबसे खराब स्थिति के रूप में देखा जाता है। हालांकि सही ज्ञान के साथ Bear Market में भी पैसा बना सकते है। यहां जानिए Bear Market में पैसे कमाने का तरीका।

How to earn money in Bear Market: शेयर मार्केट में निवेश करना केवल डीमैट एकाउंट खोलने और ट्रेडिंग एकाउंट खोलने से कहीं अधिक है। शेयर मार्केट जब शेयर मार्केट गिरता है से जुड़ा एक सामान्य कारक अस्थिरता है, जहां शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, कभी ऊपर की ओर तो कभी नीचे की ओर। इसलिए, शेयर मार्केट में निवेशकों को गिरते बाजार के लिए तैयार रहना चाहिए। एक गिरते बाजार जिसे एक Bear Market के रूप में भी जाना जाता है, का उपयोग उस वित्तीय बाजार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो वर्तमान में नीचे की ओर है।

शेयर मार्केट में अधिकांश निवेशकों के लिए गिरते बाजारों को अक्सर सबसे खराब स्थिति के रूप में देखा जाता है। हालांकि, गिरते बाजारों के लिए एक और परिप्रेक्ष्य है जिससे उन्हें नए निवेश के लिए एक आदर्श अवसर भी माना जाता है। एक Bear Market में व्यापार के लिए धैर्य, रिसर्च और सबसे महत्वपूर्ण बात, मार्केट नॉलेज की सही मात्रा की आवश्यकता होती है। गिरते बाजार के दौरान सही निवेश करने में आपकी सहायता करने के लिए, यहां कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।

1) पूरी तरह से रिसर्च करें जब शेयर मार्केट गिरता है

जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं, उसके फंडामेंटल पर रिसर्च करना हमेशा जरूरी होता है। लेकिन जब बाजार विशेष रूप से मंदी की प्रवृत्ति में होता है, तो यह रिसर्च और जरूरी हो जाता है। एक बार जब आप स्टॉक की अपनी पसंद को कम कर लेते हैं, तो इसके मैनेजमेंट, बिजनेस आउटलुक और समग्र वित्तीय प्रदर्शन पर पर्याप्त समय और प्रयास खर्च करना बुद्धिमानी है।

आमतौर पर, हाई ग्रोथ वाली कंपनियों को अनुकूल निवेश माना जाता है। हालांकि एक Bear Market जब शेयर मार्केट गिरता है के दौरान, आमतौर पर लो ग्रोथ वाली कई कंपनियां अपने अच्छे तिमाही प्रदर्शन के आधार पर वृद्धि देख सकती हैं। फंडामेंटल एनालिसिस के साथ-साथ रिसर्च करने से इक्विटी के नए अवसर सामने आ सकते हैं।

2) 'Buy Low Sell High' सलाह पर ध्यान दें

शेयर की कीमत गिरने पर शेयर खरीदने और कीमत बढ़ने पर उन्हें बेचने का शेयर बाजार सिद्धांत एक Bear Market के लिए भी सही है। सामान्य परिस्थितियों में, स्टॉक की कीमतों में गिरावट का मतलब कई चीजें हो सकता जब शेयर मार्केट गिरता है जब शेयर मार्केट गिरता है है, जैसे कि कंपनी के फंडामेंटल में गिरावट या बाजार की भावना खराब होना।

हालांकि, मंदी की प्रवृत्ति के दौरान निवेशक औसत खरीद मूल्य से नीचे अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों के साथ उच्च मूल्यांकन वाली कंपनियों को भी खरीद सकते हैं। यह अंडरवैल्यूड स्टॉक खरीदने और महत्वपूर्ण लाभ अर्जित करने के अनूठे अवसर प्रदान कर सकता है।

3) Margin of Safety को महत्व दें

जो निवेशक अपने बाजार जोखिम को कम करने के लिए महत्व रखते हैं, वे Margin of Safety या MOS की अवधारणा पर बहुत महत्व रखते हैं। Margin of Safety अनिवार्य रूप से एक शेयर के बाजार मूल्य और उसके वास्तविक, आंतरिक मूल्य के निवेशक के अनुमान के जब शेयर मार्केट गिरता है बीच का अंतर है।

आप अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार अपनी Margin of Safety निर्धारित कर सकते हैं। विशेष रूप से MOS गिरते बाजार के दौरान एक स्टॉक और दूसरे के बीच अंतर के बिंदु के रूप में काम कर सकता है। यह आपको यह जानने के लिए कुछ सहजता प्रदान कर सकता है कि आप मंदी की प्रवृत्ति के दौरान भी अपने निवेश के लिए सुरक्षा का एक आरामदायक मार्जिन बनाए रख रहे हैं। जिससे भारी नुकसान की संभावना को भारी अंतर से कम किया जा सके।

4.धैर्य रखें और अपनी प्रवृत्ति का पालन करें

एक Bear Market के दौरान शेयरों की कीमतों में तेजी से गिरावट आ सकती है और निवेशक घबरा सकते हैं और अपने शेयरों को अपने नुकसान को और कम करने के लिए बेच सकते हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि आपके दोस्त और रिश्तेदार आपको बेचैन कर रहे हों और आपको ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हों। हालांकि, ध्यान रखें कि हर निवेश पोर्टफोलियो अलग होता है।

इसके बजाय, धैर्य रखने की सलाह दी जाती है, अपने निवेश के मूल सिद्धांतों पर गहरी नजर रखें और आवश्यकतानुसार कार्य करें। अगर आप अपने निवेश को लंबी अवधि के लिए रखने की योजना बना रहे हैं, तो डाउनट्रेंड के कम होने तक उन पर पकड़ बनाए रखना अधिक विवेकपूर्ण हो सकता है। यह एक सामान्य सिद्धांत है कि लंबे समय में अच्छे स्टॉक अक्सर मंदी के बाजार से निकलते हैं, और धैर्य रखने से आप लंबी अवधि में लाभदायक बने रह सकते हैं।

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