ऑनलाइन अवैध विदेशी मुद्रा कारोबार का भंडाफोड़

पंजाब में अवैध लॉटरी गिरोह का भंडाफोड़
लुधियाना (आईएएनएस)। पंजाब पुलिस ने मंगलवार को लुधियाना में लॉटरी का अवैध कारोबार चलाने वाले एक अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफ़ोड़ करने का दावा है । पुलिस ने इस सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार कर मौके से 1.16 कऱोड़ रुपये बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक उनके कब्जे से लगभग 1.16 कऱोड़ रुपये, 34 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप बरामद किया गया। लुधियाना के पुलिस उपायुक्त पमोद बान ने आईएएनएस को बताया, ``खुफिया सूचना के आधार पर विशेष जांच दल ने पंजाब, हरियाणा और चण्डीगढ़ में सोमवार को दबिश देकर 13 लोगों को गिरफ्तार किया।'' बान ने बताया कि गिरफ्तार लोग उस गिरोह का एक हिस्सा हैं जिसमें करीब 350 लोग शामिल हैं। यह गिरोह उत्तरी राज्यों में फैला हुआ है। उन्होंने बताया, ``वे लॉटरी के अवैध कारोबार में शामिल थे और सरकार को किसी तरह का कर नहीं अदा कर रहे थे।
दिल्ली-जयपुर में हवाला डीलरों पर छापेमारी, ED ने बरामद किए 4.25 करोड़ रुपए
दिल्ली में मुखबिर से मिली सूचना के बाद ईडी ने जयपुर में जौहरी बाजार, हनुमान नगर और विद्याधर नगर में हवाला कारोबारियों के यहां छापेमारी की और 4.25 करोड़ रुपए नगद बरामद किए.
शरत कुमार
- नई दिल्ली,
- 13 सितंबर 2019,
- (अपडेटेड 13 सितंबर 2019, 9:31 PM IST)
- ईडी ने जयपुर और दिल्ली में हवाला कारोबारियों पर की छापेमारी
- 9 ठिकानों पर की गई छापेमारी में 4.25 करोड़ रुपये बरामद
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जयपुर और दिल्ली में छापा मारकर हवाला कारोबारियों से बड़ी राशि बरामद की है. इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाला कारोबार के रैकेट का भंडाफोड़ भी किया है. ईडी ने हवाला डीलरों पर छापेमारी में 4.25 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की है.
दिल्ली में मुखबिर से मिली सूचना के बाद ईडी ने जयपुर में जौहरी बाजार, हनुमान नगर और विद्याधर नगर में हवाला कारोबारियों के यहां छापेमारी की और 4.25 करोड़ रुपए बरामद किए.
सूचना के अनुसार विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत की गई छापेमारी में हवाला कारोबारी कैलाश खंडेलवाल और उनके भाई कमल खंडेलवाल समेत एमडी बांगड़ और कुणाल लढ़ा के हवाला कारोबार का खुलासा हुआ है. ईडी ने इन सब पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
ईडी को पता चला था कि दुबई और हांगकांग से कुछ हवाला कारोबारी जयपुर और दिल्ली में अवैध कारोबार कर रहे हैं. इसके बाद शुक्रवार की सुबह जयपुर और दिल्ली के 9 ठिकानों पर ईडी ऑनलाइन अवैध विदेशी मुद्रा कारोबार का भंडाफोड़ ने कार्रवाई की. ईडी के अनुसार कार्रवाई जारी है.
जानकारी के मुताबिक इन कारोबारियों के ठिकाने से बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियों के कागजात भी जबरामद हुए हैं, जिनकी जांच-पड़ताल की जा रही है. ईडी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इन हवाला डीलरों ने मुखौटा कंपनियां के जरिये करोड़ों रुपये विदेश भेजे. इन कागजातों से पता चलता है कि मुखौटा कंपनियों के जरिए भारत और हांगकांग में लेनदेन किया गया. ईडी का आरोप है कि दोनों भाई उन लोगों के लिए धन का प्रबंध करते थे जो पैसा देश से बाहर भेजना चाहते थे.
ईडी ने बयान में कहा कि दोनों खंडेलवाल भाई और उनके देश और दुबई में बैठे आपरेटर विदेशों में विभिन्न स्थानों पर भारतीय लोगों और देश में रह रहे लोगों की मांग पर विदेशी मुद्रा अमेरिकी डॉलर, पाउंड, आरएमबी और यूरो की व्यवस्था करते थे.
ऑनलाइन ऋण धोखाधड़ी मामले में दो चीनी नागरिक, 100 से अधिक नेपाली नागरिक गिरफ्तार
काठमांडू, 23 फरवरी (भाषा) नेपाल में भारतीयों को निशाना बनाने वाली एक ऑनलाइन ऋण धोखाधड़ी योजना संचालित करने में संलिप्तता को लेकर चीन के दो नागरिकों और 100 से अधिक नेपाली नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नेपाल पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि उन्होंने काठमांडू घाटी के काठमांडू और भक्तपुर जिलों में सोमवार और मंगलवार को दो अलग-अलग जगहों पर छापे मारे। उन्होंने बताया कि इस दौरान चीन के दो नागरिकों और 115 नेपाली नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया।
काठमांडू मेट्रोपॉलिटन पुलिस रेंज ने एक खुफिया जानकारी के आधार पर सबसे पहले ओल्ड बनेश्वर से सोमवार रात 37 लोगों के एक समूह को हिरासत में लिया, जिसमें एक चीन का नागिरक भी शामिल था। चीन के नागरिक की पहचान चांग हू बाऊ के तौर पर हुई है, जो नेपाली युवकों की मदद से भारतीयों को निशाना बनाकर अवैध कारोबारी गतिविधियां करता था।
पुलिस ने कहा, ‘‘ उन्होंने ‘लेवान ग्रुप’ नाम की एक कम्पनी का औपचारिक रूप से पंजीकरण भी करा रखा था, जो राजधानी में व्यावसायिक घरानों को प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करती थी।’’
उन्होंने बताया कि काठमांडू से गिरफ्तार किए गए नेपाल के नागरिकों में 23 युवक और 13 युवतियां शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस ने भक्तपुर जिले के सानो थिमी नगर पालिका में एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया, जहां से उन्होंने 80 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें भी एक चीनी नागरिक है, जिसका नाम वांग जिनाओ है।
पुलिस ने बताया कि भक्तपुर में तीन मंजिला कार्यालय में छापेमारी के बाद गिरफ्तार किए गए नेपाल के नागरिकों में 47 युवतियां और 32 युवक शामिल हैं। कार्यालय से कुल 48 लैपटॉप और 14 डेस्कटॉप कंप्यूटर भी जब्त किए गए हैं।
चीन के नागरिक, भारतीयों को 2.5 से 3.5 प्रतिशत ब्याज दरों के साथ ऑनलाइन अल्पकालिक ऋण देते थे। उन्होंने कथित तौर पर काठमांडू और भक्तपुर में डेढ़ महीने पहले अपना यह कारोबार शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को अदालत में पेश किया जाएगा। उन्हें सेंट्रल बैंक (केंद्रीय बैंक) तथा वित्तीय लेनदेन अधिनियम के तहत आरोपित किया जाएगा।
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.93 रुपये तक गिरा
डॉलर इंडेक्स 20 साल के उच्च स्तर पर पिछले सप्ताह के दौरान भारतीय रुपये में तेज गिरावट का कारण बना था। इसके बावजूद, रुपये ने अन्य वैश्विक मुद्राओं से बेहतर प्रदर्शन किया है, क्योंकि आरबीआई सक्रिय रूप से अमेरिकी डॉलर बेचकर घरेलू मुद्रा का समर्थन कर रहा है।
डॉलर इंडेक्स में उछाल के बाद भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे निचले स्तर 81.93 पर पहुंच गया है। बुधवार को डीलरों ने बताया कि
इंटरबैंक विदेशी मुद्रा में, रुपया डॉलर के मुकाबले 81.90 पर खुला, फिर पिछले कारोबारी सत्र के 81.58 के मुकाबले गिरकर 81.93 पर आ गया।
एंबिट एसेट मैनेजमेंट की फंड मैनेजर ऐश्वर्या दधीच ने कहा, "डॉलर इंडेक्स 20 साल के उच्च स्तर पर पिछले सप्ताह के दौरान भारतीय रुपये में तेज गिरावट का कारण बना था। इसके बावजूद, रुपये ने अन्य वैश्विक मुद्राओं से बेहतर प्रदर्शन किया है, क्योंकि आरबीआई सक्रिय रूप से अमेरिकी डॉलर बेचकर घरेलू मुद्रा का समर्थन कर ऑनलाइन अवैध विदेशी मुद्रा कारोबार का भंडाफोड़ रहा है।"
दधीच ने यह भी कहा कि शॉर्ट टर्म में ग्लोबल रिस्क-ऑफ सेंटिमेंट के चलते हम भारतीय रुपये पर और दबाव की उम्मीद कर सकते हैं। ऑनलाइन अवैध विदेशी मुद्रा कारोबार का भंडाफोड़ आरबीआई के लिए आगे भी आक्रामक रूप से अमेरिकी डॉलर की बिक्री जारी रखना मुश्किल होगा, क्योंकि शेष विदेशी मुद्रा भंडार केवल 9-10 महीने के आयात कवर के आसपास है। सबसे अधिक संभावना है, भारतीय रिजर्व बैंक को भारतीय रुपये पर और दबाव से बचाव के लिए रेपो दरों में वृद्धि करनी होगी। फिर भी, मध्यम अवधि में, भारतीय रुपये के बेहतर प्रदर्शन को कम विदेशी ऋण (मार्च 2022 तक 20 प्रतिशत से नीचे), मजबूत अंतर्वाह और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार (540 अरब डॉलर) द्वारा समर्थित किया जाएगा।
डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं की एक बास्केट के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 0.16 प्रतिशत बढ़कर 114.235 हो गया। ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 85.26 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रही थी। निवेशक शुक्रवार को निर्धारित आरबीआई की मौद्रिक नीति और अल्पकालिक दिशात्मक प्रवृत्ति के लिए डॉलर इंडेक्स पर नजर गड़ाए हुए हैं।
इस बीच, दोपहर के कारोबार के दौरान बेंचमार्क इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं, जिसमें सेंसेक्स 112.02 अंक और निफ्टी 38.30 अंक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। दोपहर 2.00 बजे सेंसेक्स 56,987.85 पर कारोबार कर रहा था, जो 119.67 अंक या 0.21 प्रतिशत नीचे था, जबकि निफ्टी 64.35 अंक या 0.38 प्रतिशत नीचे 16,943.05 पर था।
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हरियाणा पुलिस ने कई राज्यों में फैले बड़े ऑनलाइन फ्रॉड का किया पर्दाफाश, एक खाते से हुआ 300 करोड़ का लेनदेन
हरियाणा पुलिस ने हिसार के एक व्यक्ति की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बड़े ऑनलाइन गेमिंग स्कैम (online gaming scam) का भंडाफोड़ किया है. हिसार पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एक व्यक्ति को जयपुर से और दो को गुजरात से अरेस्ट किया गया है.
हिसार: हरियाणा पुलिस ने हिसार के शख्स की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन गेमिंग स्कैम (online gaming scam) का भंडाफोड़ किया है. कुछ दिन पहले हिसार के पटेल नगर निवासी चंद्रशेखर ने पुलिस को अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत दी थी. चंदरशेखर के मुताबिक उसने विन मनी नाम की एक मोबाइल गेमिंग ऐप में लाखों रुपए का निवेश किया, लेकिन उसे वो पैसा वापस नहीं मिला. चंद्रशेखर के मुताबिक इस कंपनी ने हजारों करोड़ रुपये का फ्रॉड किया है. पुलिस जांच में सामने आया है कि एक व्यक्ति के खाते से करीब 300 करोड़ रुपये का फ्रॉड ऑनलाइन अवैध विदेशी मुद्रा कारोबार का भंडाफोड़ लेनदेन हुआ है.
इस तरह बिछाया जाता है जाल: लोकेंद्र सिंह पुलिस अधीक्षक हिसार ने बताया कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां इन दिनों बहुत चल रही हैं. ऐसी कंपनियां अपने निवेशक को उच्च ब्याज दर जैसी योजनाओं का वादा करके आकर्षक करती हैं. जिन्हें आम तौर पर चिट फंड योजनाएं कहा जाता है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ये लोग टेलीग्राम, वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. पॉपअप नोटिफिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन गेम खेलने के लिए ये लोग किसी भी शख्स से संपर्क करते हैं, फिर वो शख्स को अपना नाम और कंपनी के बारे में बताकर ऐप को डाउनलोड करने का लालच देते हैं. मोबाइल ऐप डाउलोड करने का काम एक एंड्रॉयड लिंक चेन एप्लीकेशन के जरिेए होता है.
ऐप का प्रचार टेलीग्राम और अलग-अलग वेबसाइट पर दिखाई देने वाले पॉपअप नोटिफिकेशन के माध्यम से किया जाता है.
ऐसे करते हैं फ्रॉड: हिसार पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इस मोबाइल गेमिंग ऐप से जुड़ने के बाद लोगों को गेम खेलने के लिए उकसाया जाता है. ये लालच दिया जाता है कि अगर आप जीतो तो दोगुना पैसा मिलेगा. मान लीजिए आपने दस रुपये लगाकर लूडो गेम खेला है. गेमिंग ऐप वाले आपको इसमें जीता देंगे. क्योंकि सारा कंट्रोल उनके पास होता है. इससे आपका विश्वास ऐप में बढ़ेगा. इसके बाद आप किसी दूसरी गेम के लिए 50 रुपये अपनी जेब से लगाओगे. तो ऐप को संचालित करने वाले आपको फिर जीता देंगे. इस तरह से जैसे ही आप कोई बड़ी रकम लगाकर गेम खेलोगे. तो वो हार जाओगे और सारा पैसा ऐप संचालकों के पास चला जाएगा.
कमीशन का दिया जाता है ऑनलाइन अवैध विदेशी मुद्रा कारोबार का भंडाफोड़ लालच: हिसार पुलिस के मुताबिक इस तरह की ऐप को रेफरल कोड के माध्यम से जोड़ा जाता है. अगर आप किसी को ये ऐप रेफर करोगे तो आपको कमीशन मिलेगा. इससे बाकी लोग भी ऐप के जरिए जुड़ जाते हैं. इसके बाद मोबाइल ऐप से जुड़े लोगों को ऐप के वॉलेट में पैसे रखने पर 8% प्रति महीने के हिसाब से कमीशन दिया जाता है. जिसके लालच में आकर लोग वॉलेट में अपनी जमा पूंजी रख देते हैं.
लोगों को ऑफर दिया जाता है कि अगर लिंक के माध्यम से आप 1000 रुपए जमा करवाते हैं, तो तीन महीने तक 80 रुपये आपके खाते में आएंगे. ये लालच लोगों को विश्वास दिलाने के लिए दिया जाता है. इसके बाद लोगों को ज्यादा मुनाफे का लालच देकर कंपनी की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के लिए यूजर को आईडी और पासवर्ड दिया जाता है. जिसके बाद कंपनी की मोबाइल ऐप में VPA (Virtual Payment Address) और UPI (Unified Payment Interface) के माध्यम से रुपये डलवाते हैं. जिसका समय-2 पर कमीशन यूजर को मिलता रहता है. पैसा ज्यादा होने पर आईडी को ब्लॉक कर दिया जाता है.
इस तरह करते हैं प्रमोशन: देश में विन मनी जैसे ऐप का प्रचार टेलीग्राम और अलग-अलग वेबसाइट पर दिखाई देने वाले पॉपअप नोटिफिकेशन के माध्यम से किया जाता है. ये कंपनी यू-ट्यूब चैनल्स को पैसे देकर विज्ञापन जारी करवाती हैं. उन विज्ञापनों के माध्यम से ये कंपनियां अपनी ऐप का प्रमोशन करती हैं. विन मनी ऐप के जैसे ही RXCE, Mantrimaal, Ullumaal, WinzoPro, ColourPredicition जैसे भी अनको ऐप हैं. जो भारी लालच देकर धोखाधड़ी करते हैं. इस सभी ऐप्स को इनके एडिम्न द्वारा कंट्रोल ऑनलाइन अवैध विदेशी मुद्रा कारोबार का भंडाफोड़ किया जाता है और आखरी 30 सेकेंड रहने पर ऐप में हेरा फेरी कर देते हैं.
हिसार पुलिस की जांच के सामने आया कि शिकायतकर्ता द्वारा विन मनी ऐप में लगाए गए पैसे एक महाराष्ट्र स्थित बैंक अकाउंट में गए, फिर वहां से वो पैसे उड़ीसा स्थित बैंक अकाउंट में गए और अंत में धनराशि कोलकाता स्थित बैंक में एक संदिग्ध व्यक्ति के खाते में गई. संदिग्ध शख्स उस पैसे को 5-5 लाख रुपए करके जयपुर निवासी आकाश शर्मा के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करता है. फिर आकाश शर्मा उस धनराशि से Binance ऐप खरीद कर उस संदिग्ध के अकाउंट में वापस पैसे डाल देता है. जांच में सामने आया है कि आकाश शर्मा के जयपुर में अलग-अलग बैंकों में 13 अकाउंट हैं. आरोपी आकाश ने Binance ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपये की ट्रांजेक्शन ऑनलाइन अवैध विदेशी मुद्रा कारोबार का भंडाफोड़ इधर-उधर की हैं. आकाश शर्मा ने हाल में 10 लाख रुपये के USDT Coin संदिग्ध के अकाउंट में डाले थे. जिसके एवज में उसे 2500 रुपये का कमीशन मिला था.
हिसार पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक को जयपुर और दो को गुजरात से अरेस्ट किया गया है. इस पूरे फ्रॉड का कनेक्शन चीन और दुबई से भी जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. जनवरी 2022 से जून 2022 तक एक ही अकाउंट से 300 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं. शक है कि ये ट्रांजेक्शन टेरर फंडिंग से भी जुड़े हो सकते हैं.
क्या है Binance? ये एक क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज है. जो क्रिप्टो क्यूरेंक्स के दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है. Binance ऐप आपको कहीं भी, कभी भी अपनी क्रिप्टो संपत्तियों को आसानी से नियंत्रित, प्रबंधित और व्यापार करने की अनुमति देता है. इसके जरिए आप अवैध तरीके से USDT Coin (विदेशी मुद्रा) खरीद सकते हैं.
क्या है USDT Coin? ये एक डिजिटल स्थिर मुद्रा है. जो संयुक्त राज्य डॉलर के लिए आंकी गई है. यूएसडी क्वाइन का प्रबंधन सेंटर नामक एक कंसोर्टियम द्वारा किया जाता है. इसमें क्रिप्टोकरेंसी, एक्सचेंज क्वाइनबेस और बिटक्वाइन जैसी कंपनी के निवेशक सदस्य शामिल हैं.
तीन आरोपी गिरफ्तार: मामले में हिसार पुलिस ने आकाश शर्मा समेत तीन को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आकाश से 3 लाख से ज्यादा रुपये का कैश बरामद किया है. साथ ही तीनों के अकाउंट में 1 करोड़ 38 लाख रुपये फ्रीज करवाए हैं. पुलिस के मुताबिक आकाश शर्मा USDT को ऑनलाइन खरीदता और बेचता है. जांच में पता चला है कि कुछ और लोग हैं, जो ये काम करते हैं अभी उनकी पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस जांच में सामने आया है कि इस पूरी प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले बैंक अकाउंट अक्सर किसी साधारण व्यक्ति को थोड़े पैसे का लालच देकर खुलवाए गए हैं. ये लोग उनके एटीएम, चेकबुक और इंटरनेट बैंकिंग सम्बंधित दस्तावेज ले लेते हैं. इसके अलावा बड़ी अमाउंट के बैंक खाते फर्म के नाम होते हैं. जिन्हें कुछ संदिग्ध दुबई और अलग-अलग देशों में बैठ संचालित करते हैं. इस पूरे घोटाले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
- पहला आरोपी जयपुर निवासी आकाश शर्मा
- दूसरा आरोपी गुजरात का रहने वाला सचिन गुड़ालिया
- तीसरा आरोपी अहमदाबाद की गजराज सोसाइटी का रहने वाला पिंटू राजपूत
पुलिस को जांच में पता चला है कि सचिन गुड़ालिया के बैंक अकाउंट से लगभग 300 करोड़ रुपए से अधिक का लेन देन हुआ है. ये पैसे अलग अलग राज्यों के बैंक खातों से घूम कर इसके खाते में आए हैं. सचिन गुड़ालिया एक साधारण व्यक्ति है. इसके बैंक का चेक किसी दूसरे व्यक्ति के पास है. जो चेक पिंटू राजपूत को देता है. पिंटू राजपूत उस चेक से कैश निकालता है. फिर उस कैश को तीसरे व्यक्ति के कहे अनुसार चिन्हित जगह पर रख देता है. वहां से चौथा शख्स कैश को उठाकर ले जाता है.