शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके

प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन

प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन
2018 में प्रारम्भ यह योजना एक एकीकृत योजना है, जिसमें प्री-स्कूल से लेकर 12वीं कक्षा तक की शिक्षा को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य समावेशी, न्यायसंगत और सुगम स्कूली शिक्षा प्रदान करना है। इस योजना में लगभग 11 लाख स्कूल, 15 करोड़ से अधिक छात्र और सरकारी तथा सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 60 लाख शिक्षक शामिल हैं। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसमे केंद्र सरकार व राज्य सरकार के बीच 60:40 के अनुपात में वित्तपोषण का प्रावधान है । ( पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 का होगा जबकि ऐसे केंद्रशासित प्रदेश जहाँ विधायिका नहीं है , यह 100% केंद्र सरकार द्वारा पोषित होगा )

निपुण भारत कार्यक्रम

नई शिक्षा प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन नीति -2020 के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए 5 जुलाई 2021 को भारत के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा “निपुण भारत कार्यक्रम” की शुरुआत की गई | निपुण (NIPUN) का अर्थ है National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy अर्थात ‘संख्यात्मक ज्ञान के साथ, पठन में निपुणता के लिये राष्ट्रीय पहल’ | यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को पूरा करना ।

इस योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (अंकगणित ) के ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाये जाने का लक्ष्य है | निपुण योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं बुनियादी अंकगणित (Basic Numeracy) को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी । इस योजना का कार्यान्वयन प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन योजना को केंद्र प्रायोजित योजना ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तत्वावधान में शुरू किया गया है | इस लेख में आप निपुण भारत कार्यक्रम की जानकारी पा सकते हैं |

निपुण भारत कार्यक्रम का कार्यान्वयन

  • निपुण भारत कार्यक्रम को स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा 5 चरणों में लागू किया जाएगा | ये 5 स्तर हैं – राष्ट्र, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर ।
  • चूँकि इस अभियान की सफलता मुख्यतः शिक्षकों पर निर्भर होगी अतः शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए इसमें विशेष प्रावधान किये गये हैं |
  • इस योजना में बच्चों के समग्र विकास पर जोर दिया जाएगा |
  • उन्हें प्रतियोगिता के लिए तैयार करना और उनमे सृजनात्मकता का पोषण करना इस योजना का लक्ष्य है |

शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार और शिक्षा को चारदीवारी से बाहर प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन निकाल कर बच्चों के समग्र विकास के उद्देश्य से 2020 में नई शिक्षा नीति लागू की गई है | इस योजना में बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने तथा शिक्षा को उनके लिए रुचिकर बनाने का लक्ष्य रखा गया है |

शुरू हुआ 7 दिवसीय जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक

गौरेला पेंड्रा मरवाही। फिजीकल कॉलेज मैदान पेंड्रा में आज से 7 दिवसीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ हुआ। विधायक डॉ. के.के ध्रुव शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर ग्राम स्तर से जिला स्तर तक उत्साह का महौल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आर्थिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत किए है। उन्होने खिलाडियों को कमियों प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन में सुधार लाने और खेल भावना से खेलते हुए जिले का नाम रोशन करने के साथ ही आगे की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं छत्तीसगढ़ महतारी की छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर राज गीत प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन के साथ हुआ। प्रतियोगिता के पहले दिन गेड़ी दौड़, लंगड़ी दौड़, 100 मीटर दौड़ और लंबी कूद का आयोजन हुआ। जिला स्तरीय प्रतियोगिता मंें तीनों ब्लॉक और दोनो नगर पंचायत से चयनित 892 प्रतिभागी भाग ले रहे है। इनमें 411 महिला और 481 पुरुष प्रतिभागी शामिल है। 18 नवंबर को संखली, बांटी (कंचा), भंवरा एवं गिल्ली-डंडा, 19 नवंबर को खो-खो, बिल्लस एवं पिट्ठुल, 21 एवं 22 नवंबर को कबड्डी, रस्साकसी एवं फुगडी प्रतियोगिता होगी। 23 नवंबर को समापन समारोह पर फुगडी एवं रस्साकसी का फाइनल प्रतियोगिता होगा।

शनिवार को हड़ताल पर रहेगें बैंककर्मी ,मांगों को लेकर करेगें प्रदर्शन

एसोसियेशन के जिलामंत्री आरके माहेश्वरी ने बताया कि बैंकों के बिगड़ते औद्योगिक संबंध, औद्योगिक विवाद अधिनियम का उल्लंघन, द्विपक्षीय समझौतों का स्पष्ट उल्लंघन, द्विपक्षीय समझौतों के लिए कम सम्मान, नेताओं का उत्पीड़न और प्रतिशोधी बर्खास्तगी, छंठनी, अनुचित श्रम व्यवहार आदि मांगें लेकर हड़ताल करेंगे।

उन्होंने बताया कि बैंक कर्मचारी सुबह साढ़े 9 बजे केनरा बैंक के बाहर एकत्रित होंगे और प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे।

नगरीय निकाय रिसाली स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का समापन

नगरीय निकाय रिसाली स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का समापन

RO No. 12200/36

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-जिला स्तर पर पहुंचने खिलाड़ियों ने दिखाया दम
रिसाली। नगर पालिक निगम स्तर पर रिसाली में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन छोटा दशहरा मैदान में किया गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन 100 मीटर रेस से किया गया। प्रदेश महामंत्री जितेंद्र साहू, महापौर शशि सिन्हा व शिक्षा खेलकूद एवं युवा कल्याण विभाग प्रभारी सनीर साहू ने खिलाड़ी परिचय लेकर दौड़ के लिए हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है जब परंपरागत खेलों को लेकर सरकार आयोजन करा रही है। प्रतिभाओं को तराशने रिसाली निगम क्षेत्र में पहले वार्ड स्तर पर, जोन स्तर पर और आज निगम स्तर पर आयोजन किया गया। खुशी है कि पहली बार इस क्षेत्र के खिलाड़ी जिला स्तर पर खेलेंगे वह भी परंपरागत खेल। खिलाड़ियों से परिचय लेते हुए महापौर शशि सिन्हा ने प्रतिभागियों को खेल भावना के साथ प्रतियोगिता में शामिल होने की बात कहते हुए बधाई दी। इस अवसर पर सभापति केशव बंछोर, महापौर परिषद के सदस्य विलास राव बोरकर, चंद्रभान ठाकुर, अनूप डे, गोविंद चतुर्वेदी, सोनिया देवांगन, ईश्वरी साहू, पार्षद डाॅ. सीमा साहू, जमुना ठाकुर, शीला नारखेड़े, सारिका साहू, जहीर अब्बास, अनिल देशमुख, रेखा देवी, सरिता देवांगन, एल्डरमेन संध्या वर्मा आदि उपस्थित थे।

New Delhi :

शोधकर्ताओं ने कहा कि 2019 में 33 सामान्य जीवाणु संक्रमणों से संबंधित 77 लाख मौत हुईं, जिनमें अकेले पांच जीवाणु आधे से अधिक मौतों से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि सबसे घातक जीवाणु रोगजनक और संक्रमण के प्रकार स्थान और उम्र के अनुसार भिन्न होते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक भारत में पांच जीवाणु – ई कोलाई, एस.निमोनिया, के.निमोनिया, एस. ऑरियस और ए. बाउमानी- सबसे घातक पाए गए जिनकी वजह से अकेले 2019 में 6,78,846 (करीब 6.8 लाख) लोगों की जान गई। अध्ययन के अनुसार, ई कोलाई सबसे घातक रोगजनक था जिसके चलते भारत में 2019 में 1,57,082 (1.57 लाख) लोगों की जान गई।

अध्ययन में पाया गया कि वैश्विक तौर पर जीवाणु संक्रमण 2019 में मृत्यु के प्रमुख कारण के रूप में इस्केमिक हृदय रोग के बाद दूसरे स्थान पर था। शोधकर्ताओं ने कहा कि अधिक नैदानिक प्रयोगशाला क्षमता के साथ मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों का निर्माण, नियंत्रक उपायों को लागू करना, और एंटीबायोटिक के उपयोग को अनुकूलित करना आम जीवाणु संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी के बोझ को कम करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवेलुएशन (आईएचएमई) के निदेशक और अध्ययन के सह-लेखक क्रिस्टोफर मुर्रे ने कहा, “ये नए आंकड़े पहली बार जीवाणु संक्रमण से उत्पन्न वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती की पूरी सीमा को प्रकट करते हैं।”

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