शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके

जब शेयर मार्केट गिरता है

जब शेयर मार्केट गिरता है

Best Stocks: गिरते बाजार में अभी खरीद सकते हैं ये 5 शेयर, लखपति को करोड़पति बनाने की ताकत!

रिसर्च फर्म सीएनआई रिसर्च (CNI Research) के सीएमडी किशोर ओस्तवाल (Kishor Ostwal) का मानना है कि अभी आई गिरावट ने स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट का बढ़िया अवसर दिया है. ओस्तवाल ने ये दावा भी किया कि इंटेरेस्ट रेट बढ़ने के बाद भी अब बाजार ऊपर चढ़ेगा.

अभी शेयर खरीदने का बढ़िया मौका

सुभाष कुमार सुमन

  • नई दिल्ली,
  • 15 जून 2022,
  • (अपडेटेड 16 जून 2022, 8:59 AM IST)
  • इस साल करीब 2000 अंक टूट चुका है निफ्टी
  • अक्टूबर के बाद बिकवाली की चपेट में बाजार

दुनिया भर के शेयर बाजार (Share Market) अभी बिकवाली की चपेट में हैं. भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) भी इससे अछूते नहीं हैं. विदेशी निवेशकों (FPI) की भारी बिकवाली, बढ़ती महंगाई, मंदी की आशंका आदि जैसे फैक्टर्स बाजार को संभलने का कोई मौका नहीं दे रहे हैं. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों आज भी प्रेशर में कारोबार कर रहे हैं. पिछले पांच दिन में निफ्टी करीब 4 फीसदी टूटा है. इस साल अब तक निफ्टी करीब 2000 अंक यानी 11 फीसदी के नुकसान में है. लगातार आई गिरावट के चलते कई इन्वेस्टर्स घबराकर अपनी होल्डिंग्स बेच रहे हैं. हालांकि कई एक्सपर्ट बाजार में आए इस डिप को क्वालिटी स्टॉक्स खरीदने का बढ़िया मौका मान रहे हैं. उनका मानना है कि यह समय होल्ड करने और नया खरीदने का है.

रिसर्च फर्म सीएनआई रिसर्च (CNI Research) के सीएमडी किशोर ओस्तवाल (Kishor Ostwal) का मानना है कि अभी आई गिरावट ने स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट का बढ़िया अवसर दिया है. ओस्तवाल ने ये दावा भी किया कि इंटेरेस्ट रेट बढ़ने के बाद भी अब बाजार ऊपर चढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अभी कई ऐसे सेक्टर हैं, जिनके स्टॉक्स खरीदने से आने वाले समय में बढ़िया रिटर्न मिल सकता है. उन्होंने कहा कि चीनी और गेहूं से जुड़े स्टॉक्स को खरीदना फायदे का सौदा है. उन्होंने पांच ऐसे शेयरों के बारे में भी बताया, जिनमें अभी इन्वेस्ट करना सही साबित हो सकता है.

टाइटन (Titan): टाटा समूह की इस कंपनी का शेयर आज के कारोबार में मामूली मजूबती में रहा है. हालांकि यह पिछले पांच दिन, एक महीने, छह महीने और इस साल अब तक के हिसाब से गिरा हुआ है. पिछले छह महीने में यह स्टॉक करीब 10 फीसदी गिरा है. इस साल जनवरी से अब तक इसके भाव में 16 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है. इसका 52-वीक हाई 2,768 रुपये है, जबकि अभी यह 2,100 रुपये के आस-पास ट्रेड कर रहा है. इस तरह यह स्टॉक 'Buy The Dip' की लिस्ट में पसंदीदा बन जाता है.

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एशियन पेंट्स (Asian Paints): इस ब्लूचिप स्टॉक का भाव अभी ऑल टाइम हाई से करीब 1000 रुपये नीचे आया हुआ है. कभी यह स्टॉक 3,590 रुपये के हाई तक गया था, लेकिन अभी 2,650 रुपये के आस-पास ट्रेड कर रहा है. इस साल अब तक इसका भाव 22 फीसदी से ज्यादा गिरा है, जबकि बीते छह महीने में इसमें 19.50 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले एक महीने में ही इस स्टॉक में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.

इंफोसिस (Infosys): भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड इन्वेस्टर्स की पसंदीदा रही है. आज भी इस आईटी कंपनी का स्टॉक करीब 1.50 फीसदी तक की गिरावट में है और 1,420 रुपये के आस-पास है. एक समय इस स्टॉक का भाव 1,953.90 रुपये के हाई तक पहुंचा था. इस साल जनवरी से अब तक इंफोसिस का शेयर 25 फीसदी से ज्यादा गिरा है. इसी तरह बीते छह महीने में इसमें करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है.

रेणुका शूगर (Renuka Sugar): ग्लोबल फूड क्राइसिस के मौजूद दौर में गेहूं के बाद सबसे ज्यादा भाव चीनी के ही बढ़े हैं. इसी कारण भारत सरकार ने गेहूं के बाद चीनी के एक्सपोर्ट पर भी पाबंदियां लगा दी हैं. सरकार चाहती है कि घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे और कीमतें अधिक न बढ़ें. इसके अलावा इथेनॉल पर सरकार के फोकस से भी चीनी कंपनियों के स्टॉक आने जब शेयर मार्केट गिरता है वाले समय के लिए बेहतर संभावनाएं दिखा रहे हैं. आज इस स्टॉक का भाव करीब एक फीसदी मजबूती के साथ 50 रुपये के आस-पास है. यह भी अपने पीक से करीब 23 फीसदी नीचे है.

सेल (Sail): स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की गिनती नवरत्नों में होती है. बदली भू-राजनीतिक परिस्थितियों ने भी मेटल खासकर स्टील स्टॉक्स की अहमियत बढ़ा दी है. सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए एक्सपोर्ट पर शुल्क बढ़ाया है. आज के कारोबार में इसका भाव भी करीब एक फीसदी गिरा हुआ है. दूसरी ओर ऑल टाइम हाई से इसकी कीमत 50 फीसदी से ज्यादा टूटी हुई है. कभी 145.90 रुपये तक पहुंचा यह स्टॉक अभी 70 रुपये के आस-पास ट्रेड कर रहा है.

(Disclaimer: शेयर बाजार में पैसे लगाने पर कई तरह के रिस्क होते हैं. स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने से पहले आप खुद से रिसर्च जरूर करें या अपने पर्सनल फाइनेंस एडवाइजर की सलाह लें.)

शेयर मार्केट में अभी-अभी एंट्री की है, तो इन बेसिक शब्‍दों का मतलब जान लें, जो मार्केट में रोज बोले जाते हैं…

शेयर बाजार की मंदी, तेजी और तमाम गतिविधियों के लिए अलग शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया जाता है. अगर आप शेयर बाजार में नए-नए निवेशक बने हैं तो आपको शेयर मार्केट में इस्‍तेमाल किए जाने वाले कुछ बेसिक शब्‍दों के बारे में जरूर जानना चाहिए.

शेयर मार्केट में अभी-अभी एंट्री की है, तो इन बेसिक शब्‍दों का मतलब जान लें, जो मार्केट में रोज बोले जाते हैं…(Zee Biz)

पिछले कुछ समय से शेयर मार्केट में लोगों की दिलचस्‍पी तेजी से बढ़ी है. खासकर कोरोना काल के बाद तमाम डीमेट अकाउंट खोले गए हैं और शेयर मार्केट में नए निवेशक बढ़े हैं. अगर आप भी शेयर मार्केट में इंट्रेस्‍टेड हैं और जब शेयर मार्केट गिरता है इसमें पैसा लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको शेयर बाजार में अधिकतर इस्‍तेमाल होने वाले कुछ शब्‍दों को अच्‍छी तरह से समझना होगा. शेयर बाजार की मंदी, तेजी और तमाम गतिविधियों के लिए अलग शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया जाता है. यहां जानिए ऐसे ही कुछ बेसिक शब्‍दों का मतलब.


शेयर की फेस वैल्‍यू

किसी भी स्‍टॉक की शुरुआती कीमत के लिए फेस वैल्‍यू शब्‍द का इस्‍तेमाल किया जाता है. शेयर की फेस वैल्‍यू कंपनी तय करती है. फेस वैल्‍यू को ही आधार बनाकर डिविडेंड देने या स्टॉक स्प्लिट किया जाता है.

52 हफ्तों का हाई/लो

किसी स्टॉक के भाव जब पिछले 52 हफ्तों में सबसे ऊंची कीमत होते हैं तो इसके लिए 52 हफ्ते हाई शब्‍द का इस्‍तेमाल किया जाता है. वहीं 52 हफ्तों में स्‍टॉक की सबसे जब शेयर मार्केट गिरता है निचली यानी कम कीमत को 52 हफ्ते का लो कहा जाता है. ये दोनों टर्म्स इसलिए जरूरी हैं क्योंकि इन दोनों की मदद से किसी शेयर की कीमत का दायरा पता चलता है.

ट्रेंड

इस शब्‍द को भी आपको अच्‍छे से समझ लेना चाहिए क्‍योंकि शेयर मार्केट में इसका बहुत ज्‍यादा इस्‍तेमाल किया जाता है. ये बाजार की दिशा की ओर इशारा करता है. अगर बाजार तेजी से नीचे जा रहा है तो कहा जाता है कि बाजार में गिरावट का ट्रेंड है. वहीं अगर बाजार न नीचे जाए और न ही ऊपर जाए, तो इसे साइडवेज ट्रेंड कहा जाता है.

बुल मार्केट और बेयर मार्केट

जब बाजार एक निश्चित समय में बहुत तेजी से ऊपर की ओर बढ़ता है तो इसे बुल मार्केट कहा जाता है. इसमें शेयर के रेट्स भी बढ़ते हैं. लेकिन जब बाजार तेजी से नीचे की ओर आता है तो कहा जाता है कि बाजार बेयर मार्केट में है.

स्‍टॉक मार्केट क्रैश

जब शेयर बाजार के ज्यादातर शेयर एक साथ बहुत ही कम समय में बहुत ज्यादा गिर जाते है, उस स्थिति को स्‍टॉक मार्केट क्रैश कहा जाता है. ये स्‍टॉक मार्केट में आयी मंदी है. ऐसे में ज्‍यादातर लोग शेयर ज्‍यादा जब शेयर मार्केट गिरता है गिरने के डर से इसे फटाफट बेचने लगते हैं.

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

महंगाई और केंद्रीय बैंकों के सख्त रूख से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. बाजार में दबाव के बीच छोटे निवेशक ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनका उन्हे हमेशा पछतावा रहता है. जानिये बाजार में गिरावट के जब शेयर मार्केट गिरता है समय किन गलतियों से दूर रहें

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Sep 17, 2022 | 11:53 AM

विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिल रही है. शुक्रवार को ही बाजार में निवेशकों ने 6 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये है. वहीं बाजार के जानकार आगे भी अनिश्चितता के बीच बाजार में दबाव बने रहने की बात कर रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के बीच डर और लालच दोनों ही बढ़ने की आशंका बन गई है. बाजार के अधिकांश जानकार आम निवेशकों से हर स्थिति में सोचसमझ कर फैसला लेने की बात करते हैं. लेकिन डर या लालच हावी होने पर आम निवेशक अक्सर ऐसा फैसला ले लेतें हैं जिससे उनका नुकसान होना तय हो जाता है. जानिए अगर बाजार में गिरावट हावी हो रही हो तो आपको किन गलतियों से दूर रहने की जरूरत है.

घबराहट में बिकवाली करना

शेयर बाजार में गिरावट आने पर बिना सोचे समझे शेयर बेचने से बड़ी गलती कोई नहीं है. हालांकि ये भी सही नहीं है कि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें. अगर आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें और तेजी के साथ फैसला लें . हालांकि अगर आपने किसी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर सोच समझकर निवेश किया है तो शांत रहें, मजबूत कंपनियों में संभावना होती है कि वो रिकवरी के संकेत दिखते ही न केवल अपने नुकसान की भरपाई करती हैं वहीं इस गति के साथ वो और बढ़त भी दर्ज करती हैं. सलाह दी जाती है कि निवेश सोचसमझ कर करें फिर अपने इस फैसले पर भरोसा बनाए रखें..

बाजार में निवेश बंद करना

छोटे निवेशकों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो बाजार में गिरावट आते ही उसको लेकर नकारात्मक छवि गढ़ लेते हैं. ध्यान रखें की बाजार एक ऐसी जगह है जहां कई लोग तब भी कमा रहे होते हैं जब बाजार गिर रहा होता है…हालांकि इसके लिए बाजार की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. छोटे निवेशकों को चाहिए कि वो किसी भरोसे के मार्केट एक्सपर्ट के संपर्क में बने रहें. और गिरावट के बीच उनसे निवेशक के विकल्प के बारे में सलाह ले सकते हैं. सलाह है कि बाजार को लेकर सकारात्मक या नकारात्मक कोई राय न बनाएं. बेहतर है कि बाजार को समझने की कोशिश करें, जानकारों से बात करें उनसे सलाह लें और निवेश के विकल्प हमेशा खुले रखें

एसआईपी को बंद करना

बाजार में गिरावट के बीच ये एक और बड़ी गलती है जिसे छोटे निवेशक करते है. बाजार अगर गिरता है तो कई स्कीम के रिटर्न निगेटिव दिखने लगते हैं. ऐसे में कई लोग एसआईपी बंद करा देते हैं. हालांकि वो नहीं समझ पाते कि उन्होने दोगुना नुकसान उठाया है. पहला वो निवेश का चक्र तोड़ देते हैं वहीं निचले स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स की खरीद का फायदा गंवा देते हैं. साल 2008 में आए क्रैश के दौरान कई लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी थी. हालांकि जिन लोगो ने निवेश जारी रखा उन्हें बाजार में रिकवरी के साथ तगड़ा मुनाफा मिला. बाजार में एसआईपी के जरिए निवेश किसी भी छोटे निवेशक के लिए सबसे कारगर तरीका होता है हर महीने छोटी रकम के साथ निवेशक बाजार के एक्सपर्ट्स की रणनीतियों का फायदा उठाते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि आप स्कीम पर नजर रखना ही छोड़ दें. आपको अपने निवेश की जानकारी होनी जरूरी है. ध्यान रखें कि एसआईपी समय से पहले बंद करने के नुकसान होते हैं इसलिए सोचसमझ कर ही इस पर निर्णय लिया जाना जरूरी है.

बड़ी मात्रा में निवेश करना

शेयर बाजार के लुढ़कने के दौरान एक शब्द काफी चलन में आ जाता है. वो है buying at dip यानि गिरावट पर खरीदारी. अधिकांश छोटे निवेशक भी इसके फेर में आ जाते हैं क्योंकि उन्हें भी ये गणित काफी सीधा लगता है जिसमें कम कीमत पर खरीदना और ज्यादा कीमत पर बेचने की सोच होती है. लेकिन ये उतना सीधा नहीं है जितना ये लगता है.

पहला छोटे निवेशक नहीं जानते कि किसी स्टॉक में आई गिरावट के मायने क्या हैं. क्या वो अपने सही कीमत से गिर कर नीचे आया है या फिर वो गिरावट के बाद अपनी सही कीमत पर पहुंचा है. दूसरा छोटे निवेशकों को पता नहीं होता कि स्टॉक कितना गिरेगा और इसमें रिकवरी कब तक आएगी. इन सभी सवालों के बीच बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश करना गलत कदम साबित हो सकता है.

Market : बाजार में गिरावट, आगे भी जारी रहेंगे उतार-चढ़ाव, निवेशकों के लिए यह सतर्कता के साथ खरीदारी का सही समय

शेयर बाजारों में पूरे साल उतार-चढ़ाव जारी रहने का अनुमान है। निवेशकों के लिए यह सतर्कता के साथ खरीदारी करने का सही समय है। मौजूदा हालात में उन्हें अपनी गाढ़ी कमाई को ऐसे साधनों में लगाना चाहिए, जिनमें ठीक-ठाक रिटर्न मिलने की गुंजाइश हो। सुरक्षित निवेश के साथ बेहतर मुनाफे का पूरा गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-

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केआर चौकसी के प्रबंध निदेशक देवेन चौकसी कहते हैं कि हमें निकट समय में बाजार की वापसी के बारे में बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं लग रही है। जिस तरह से पूरी दुनिया में ब्याज दरों के बढ़ने और महंगाई की वजह से बाजारों में गिरावट है, ऐसे में सुरक्षित निवेश ही समझदारी हो सकती है। निवेशक चाहें तो इस समय अगर शेयर बाजार में मुनाफे जब शेयर मार्केट गिरता है में हैं तो उसमें से निकासी कर लें। इसे फिर ऐसी जगह निवेश करें जहां डेट और इक्विटी दोनों का मिला-जुला साधन हो।

यानी डेट में ज्यादा हिस्सा हो और इक्विटी में कम हो। इसके लिए आप अगले कुछ समय तक के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कर सकते हैं या फिर चाहें तो शॉर्ट टर्म ड्यूरेशन फंड को चुन सकते हैं। इस तरह के कोई भी निवेश आप 6 महीने से ज्यादा के लिए न चुनें क्योंकि जब भी बाजार गिरता है तो वह वापसी जरूर करता है। इस समय काफी सारे अच्छी क्वालिटी वाले ऐसे शेयर हैं, जो 50 फीसदी सस्ते भाव पर हैं।

अच्छे शेयरों में करें निवेश
सीए विजय मंत्री ने कहा कि बाजारों में इस समय बहुत ज्यादा अस्थिरता है। यह केवल एक देश की बात नहीं जब शेयर मार्केट गिरता है है। सारे बाजार इसकी चपेट में हैं। इसके कई सारे कारण भी हैं, जिनका निकट समय में कोई हल नहीं है।
n निवेशकाें को इस समय मुनाफा वसूली भी करनी चाहिए। वे चाहें तो अच्छे शेयरों में निवेश कर सकते हैं, खासकर जो गिरावट में हैं। ऐसे काफी सारे शेयर हैं जो इस समय सस्ते भाव पर हैं।

सतर्कता बरतें निवेशक
डॉलर की मजबूती और बॉन्ड की ब्याज दरों के बढ़ने से विदेशी निवेशक बिकवाल बने हुए हैं। अमेरिका के फेडरल रिजर्व और कई देशों के केंद्रीय बैंकों की ब्याज दर में बढ़ोतरी करने की रणनीति से वैश्विक जब शेयर मार्केट गिरता है स्तर पर ब्याज दरें ऊपर जा रही हैं। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रुख अपनाना चाहिए। -वीके विजय कुमार, मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेस

विदेशी निवेशक लगातार कर रहे निकासी
आंकड़े बताते हैं कि विदेशी निवेशक केवल भारतीय बाजार से ही पैसे नहीं निकाल रहे हैं, बल्कि वे बहुत सारे उभरते हुए बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं। खासतौर पर ताइवान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन और थाईलैंड के साथ भारत जैसे बाजारों से।

  • भारतीय बाजार से इस साल अब तक 2 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई है। विदेशी निवेशकों ने जून में 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे हैं। आगे भी यही रुझान जारी रहेगा।
  • इनके बेचने का प्रमुख कारण यह है कि दुनियाभर में ब्याज दरें बढ़ रही हैं। इसलिए वे शेयर बाजारों से पैसा निकालकर अब बैक एफडी में डाल रहे हैं, जहां ज्यादा मुनाफा मिल रहा है।

स्मॉल कैप भी बेहतर
निवेश को लेकर कभी भी यह धारणा गलत साबित हो सकती है कि केवल बड़े शेयर ही मुनाफा दे सकते हैं। आंकड़े बताते हैं कि लार्ज और मिडकैप की तरह स्मॉलकैप ने भी अच्छा रिटर्न दिया है।

  • पिछले 10 वर्षों में 6 बार स्मॉलकैप के शेयरों ने दो अंकों से ज्यादा फायदा दिया है, जबकि चार बार घाटा दिया है।
वर्ष रिटर्न
2014 43%
2015 10%
2016 26%
2017 40%
2018 -25%
2019 -2%
2020 20%
2021 41%
2022 -22%

विस्तार

केआर चौकसी के प्रबंध निदेशक देवेन चौकसी कहते हैं कि हमें निकट समय में बाजार की वापसी के बारे में बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं लग रही है। जिस तरह से पूरी दुनिया में ब्याज दरों के बढ़ने और महंगाई की वजह से बाजारों में गिरावट है, ऐसे में सुरक्षित निवेश ही समझदारी हो सकती है। निवेशक चाहें तो इस समय अगर शेयर बाजार में मुनाफे में हैं तो उसमें से निकासी कर लें। इसे फिर ऐसी जगह निवेश करें जहां डेट और इक्विटी दोनों का मिला-जुला साधन हो।

यानी डेट में ज्यादा हिस्सा हो और इक्विटी में कम हो। इसके लिए आप अगले कुछ समय तक के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कर सकते हैं या फिर चाहें तो शॉर्ट टर्म ड्यूरेशन फंड को चुन सकते हैं। इस तरह के कोई भी निवेश आप 6 महीने से ज्यादा के लिए न चुनें क्योंकि जब भी बाजार गिरता है तो वह वापसी जरूर करता है। इस समय काफी सारे अच्छी क्वालिटी वाले ऐसे शेयर हैं, जो 50 फीसदी सस्ते भाव पर हैं।

अच्छे शेयरों में करें निवेश
सीए विजय मंत्री ने कहा कि बाजारों में इस समय बहुत ज्यादा अस्थिरता है। यह केवल एक देश की बात नहीं है। सारे बाजार इसकी चपेट में हैं। इसके कई सारे कारण भी हैं, जिनका निकट समय में कोई हल नहीं है।
n निवेशकाें को इस समय मुनाफा वसूली भी करनी चाहिए। वे चाहें तो अच्छे शेयरों में निवेश कर सकते हैं, खासकर जो गिरावट में हैं। ऐसे काफी सारे शेयर हैं जो इस समय सस्ते भाव पर हैं।

सतर्कता बरतें निवेशक
डॉलर की मजबूती और बॉन्ड की ब्याज दरों के बढ़ने से विदेशी निवेशक बिकवाल बने हुए हैं। अमेरिका के फेडरल रिजर्व और कई देशों के केंद्रीय बैंकों की ब्याज दर में बढ़ोतरी करने की रणनीति से वैश्विक स्तर पर ब्याज दरें ऊपर जा रही हैं। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रुख अपनाना चाहिए। -वीके विजय कुमार, मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेस

विदेशी निवेशक लगातार कर रहे निकासी
आंकड़े बताते हैं कि विदेशी निवेशक केवल भारतीय बाजार से ही पैसे नहीं निकाल रहे हैं, बल्कि वे बहुत सारे उभरते हुए जब शेयर मार्केट गिरता है बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं। खासतौर पर ताइवान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन और थाईलैंड के साथ भारत जैसे बाजारों से।

  • भारतीय बाजार से इस साल अब तक 2 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई है। विदेशी निवेशकों ने जून में 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे हैं। आगे भी यही रुझान जारी रहेगा।
  • इनके बेचने का प्रमुख कारण यह है कि दुनियाभर में ब्याज दरें बढ़ रही हैं। इसलिए वे शेयर बाजारों से पैसा निकालकर अब बैक एफडी में डाल रहे हैं, जहां ज्यादा मुनाफा मिल रहा है।

स्मॉल कैप भी बेहतर
निवेश को लेकर कभी भी यह धारणा गलत साबित हो सकती है कि केवल बड़े शेयर ही मुनाफा दे सकते हैं। आंकड़े बताते हैं कि लार्ज और मिडकैप की तरह स्मॉलकैप ने भी अच्छा रिटर्न दिया है।

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