शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके

ट्रेडिंग शैली

ट्रेडिंग शैली

एक बॉक्स से बाहर ड्रेपर: सिल्क ट्रेडिंग कंपनी की तत्काल शैली

हम पर अपने विशाल क्रश के बारे में शर्मिंदा नहीं हैं सिल्क ट्रेडिंग कंपनी . हम स्टोर के रेशम और ब्रोकेड के आश्चर्यजनक बोल्ट के चारों ओर घंटों घूम सकते हैं। ड्रेपर आउट ऑफ़ द बॉक्स कलेक्शन ने हमें हमेशा से ही आकर्षित किया है।
इन मेसिना ड्रेप्स की कीमत $ 350.00 प्रति पैनल हो सकती है, लेकिन वे इंपीरियल कॉटन में पंक्तिबद्ध हैं, साइड सीम पर सिल्क ऑर्गेना फ्लैंग से मेल खाते हैं और वे जगह में चिलमन हुक के साथ आते हैं, इसलिए आप बस उन्हें लटका दें और बेम! तत्काल सौंदर्य।

थोड़े बेहतर दामों पर अन्य विकल्प हैं (बेहतर हमारा मतलब अभी भी वास्तव में महंगा है) लेकिन फिर भी उन्हें देखें, अगर किसी अन्य कारण से अपना नया क्रश शुरू करने के अलावा कोई अन्य कारण नहीं है।

Option Trading- ऑप्शन ट्रेडिंग

ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) एक कॉन्ट्रैक्ट है जो किसी विक्रेता द्वारा लिखा जाता है जो खरीदार को अधिकार देता है लेकिन भविष्य में विशिष्ट प्राइस (स्ट्राइक प्राइस/एक्सरसाइज प्राइस) पर किसी विशेष एसेट को खरीदने (एक कॉल ऑप्शन के लिए) या बेचने (एक पुट ऑप्शन के लिए) का दायित्व नहीं देता। ऑप्शन की मंजूरी देने के बदले में विक्रेता, खरीदार से एक भुगतान (एक प्रीमियम के रूप में) संग्रहित करता है।

एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस की उपयोगिता
एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस, ऑप्शंस के एक महत्वपूर्ण वर्ग हैं जिनके मानकीकृत कॉन्ट्रैक्ट फीचर्स होते हैं और पब्लिक एक्सचेंजों पर ट्रेड करते हैं जिससे निवेशकों को सुविधा होती है। ये इंस्ट्रूमेंट क्लियरिंग कॉरपोरेशन द्वारा गारंटीड निपटान प्रदान करते हैं जिससे काउंटरपार्टी जोखिम में कमी आती है। ऑप्शंस का उपयोग हेज के लिए, मार्केट के भविष्य की दिशा का अनुमान लगाने के लिए, आर्बिट्रेज के लिए या कार्यनीतियों को कार्यान्वित करने के लिए जिससे ट्रेडरों के लिए आय सृजित करने में मदद मिलती है, किया जा सकता है।

इंडेक्स ऑप्शंस क्या होते हैं?
ये ऐसे ऑप्शंस होते हैं, जिनमें अंडरलाइंग के रूप में इंडेक्स होता है। भारत में, रेगुलेटरों ने निपटान की यूरोपीय शैली को अधिकृत किया है। ऐसे ऑप्शंस के उदाहरणों में निफ्टी ऑप्शंस, बैंक निफ्टी ऑप्शंस आदि शामिल हैं ।

क्या होते हैं स्टॉक ऑप्शंस?
ये इंडीविजुअल स्टॉक पर ऑप्शंस होते हैं। कॉन्ट्रैक्ट धारक को विशिष्ट कीमत पर अंडरलाइंग शेयरों को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है। रेगुलेटरों ने ऐसे ऑप्शंस के लिए निपटान की अमेरिकी शैली को भी अधिकृत किया है।

शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग के १० महत्वपूर्ण रणनीतियाँ

शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग के लिए बहुत सी रणनीतियाँ (stock trading strategies) है बाजार में परन्तु यह आपको तय करना पड़ेगा की कौन सी रणनीति आपके लिए अच्छा काम करती है। ट्रेडिंग में कुछ भी सही या गलत नहीं होता, परन्तु यह जरुरी है की बात किस सन्दर्भ में हो रही है।

ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आपको अपने मानसिक स्थिरता और धैर्य बनाये रखने की काफी आवशकता है।

Table of Contents
बाज़ार के दिशा में ही ट्रेड करे
कम जोखिम वाले एंट्री को पहचाने अनुकूल रिस्क रिवॉर्ड के परिस्तिथि को देखते हुए
एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी होना काफी जरुरी है
एक बार ट्रेडिंग सेटअप बनाने के पश्चात, उसका पालन करे
अपनी ट्रेड्स की समीक्षा करने के लिए एक ट्रेडिंग जर्नल बनाये
कभी भी अपनी ट्रेडिंग के पूंजी के १-२ प्रतिशत से ज्यादा एक ट्रेड में जोखिम न डाले
ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए, अपनी स्टॉपलॉस को ट्रेल करे
हमेशा दो विभन्न्न टाइम फ्रेम में काम करे
स्टॉपलॉस को दिमाग में न रखकर कर उसी एक सही ऑर्डर ने रखे
ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स चुने जो बाज़ार के ट्रेंड के बिना ही चले

आज अपने शेयर बाजार में ट्रेडिंग के 10 महत्वपूर्ण रणनीतियाँ (stock trading strategies) पर चर्चा करेंगे जिससे आप अपनी ट्रेडिंग के अनुभव को सुधार सकते है-

१. बाज़ार के दिशा में ही ट्रेड करे

समय की अवधी बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार अदा करती बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए। मान लीजिये यदि आप लम्बे समय के निवेश का सोच रहे हो तो आपको लम्बी अवधी की चार्ट में विश्लेषण करने की जरुरत है जैसे की मासिक चार्ट।

वही दूसरी ओर यदि आप छोटे अवधी में ट्रेडिंग या निवेश का सोच रहे हो तो छोटी अवधी के चार्ट का विश्लेषण करे। इसलिए ट्रेंड को पहचानने के पहले आप अपने ट्रेडिंग की शैली को परखे की आपको इंट्राडे, स्विंग या पोसिशनल सौदे करने है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण stock trading strategies का हिस्सा है|

२. कम जोखिम वाले एंट्री को पहचाने अनुकूल रिस्क रिवॉर्ड के परिस्तिथि को देखते हुए

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलु है जोखिम प्रबंधन (रिस्क मैनेजमेंट) की और यदि आपको बाजार में बने रहना हो तो रिस्क रिवॉर्ड के बिच अच्छे संतुलन बनाये रखने की आवशयता है पुरे अनुशासन के साथ। इससे यह फायदा होगा की यदि आपके कुछ ट्रेड्स में नुकसान होता है तो आपके बाकी फायदे वाले ट्रेड्स उसको ढकने में सक्षम होंगे। उदहारण के तौर पर मन लीजिये आप यदि १:२ रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो में काम कर रहे है, तो यदि आपके ४ ट्रेड में नुकसान हो जाये, तो भी आप ८ रुपये कमाकर घर ही जायेंगे।

३. एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी होना काफी जरुरी है

विभिन्न इंडीकेटर्स के माध्यम से एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी को तैयार करे और उसे बैक टेस्ट करे किसी एल्गो या केवल अपनी आँखों से एक लम्बे समय के लिए।

शेयर बाजार में कुछ भी सही या गलत नहीं होता, बल्कि आपको ट्रायल एंड एरर करते रहना होगा जिससे आप नए ट्रेडिंग मेथोडोलोग्य बनाये और जो आपके स्टाइल को सूट करे और उसे अपने ट्रेडिंग में इस्तेमाल करने में सफल हो।

मार्केट एक्सपर्ट्स से स्टॉक ट्रेडिंग सीखें सरल भाषा में

४. एक बार ट्रेडिंग सेटअप बनाने के पश्चात, उसका पालन करे

ट्रेडिंग सेटअप बनने के बाद उसे एकदम निष्ठा से पालन करे और ३-४ असफलता के कारण हिम्मत न हारे। आपको अपने बनाये ट्रेडिंग सेटअप पर भरोसा होने अति आवशयक है और हार मैंने के वजाये आपको विश्लेषण करना चाहिए की कहा आखिर आप गलत जा रहे हो और उसे सुधरने का प्रयास करे।

ट्रेडिंग ट्रेडिंग शैली की 10 महत्वपूर्ण रणनीतियों (stock trading strategies) के बारे में और जानने के लिए नीचे वीडियो देखें;

५. अपनी ट्रेड्स की समीक्षा करने के लिए एक ट्रेडिंग जर्नल बनाये

आपकी ट्रेड्स का विश्लेषण करने के लिए, ट्रेडिंग जर्नल एक अहम भूमिका निभाती है। इससे आप अपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग रहस्य का विश्लेषण कर सकते है कि कहा आप गलती कर रहे है ताकि अगली बार वह गलती ना दोहराये।

६. कभी भी अपनी ट्रेडिंग के ट्रेडिंग शैली पूंजी के १-२ प्रतिशत से ज्यादा एक ट्रेड में जोखिम न डाले

यदि आपको बाज़ार में बने रहना है, तो १-२ प्रतिशत नुकशान से ज्यादा ना खोये एक ट्रेड में। यदि आपके ट्रेडिंग सेटअप में सफलता की दर ६०-७० प्रतिशत है, तो भी यह कोई बड़ी बात नहीं है की ८-९ लूसिंग ट्रेड नहीं होगी।

trading in stock market

७. ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए, अपनी स्टॉपलॉस को ट्रेल करे

यदि आपका अकाउंट अनुमति देता है तो ज्यादा लॉट्स में ट्रेड करे ताकि आप बड़ा मुनाफा निकाल सके यदि ट्रेड आपके अनुसार हो। अच्छा मुनाफा कमाने के लिए आपको अपनी स्टॉपलॉस को ट्रेल करना काफी आवशयक है। इससे यह फायदा होगा की यदि आप सही हुए तो अच्छा मुनाफा घर ले जाओगे परन्तु गलत पड़ने पर ज्यादा नुकसान नहीं सहना पड़ेगा।

८. हमेशा दो विभन्न्न टाइम फ्रेम में काम करे

चाहे आप इंट्राडे, स्विंग या पोसिशनल ट्रेडर हो, थोड़ी बड़ी टाइम फ्रेम को साथ रखकर विश्लेषण करने से अधिक स्पष्टता हासिल होती है। जैसे की यदि आप इंट्राडे ट्रेडर हो और आप १५ मिनट के ट्रेडर में काम करते हो, तो आप साथ में १ घंटे या ४ घंटे को साथ रखकर विश्लेषण कर सकते है। उसी प्रकार, यदि आप स्विंग ट्रेडर हो तो आप डेली और वीकली चार्ट के हिसाब से काम कर सकते है।

९. स्टॉपलॉस को दिमाग में न रखकर कर उसी एक सही ऑर्डर ने रखे

शेयर बाजार में अनुशासन एक अहम भूमिका अदा करती है और इसी कारणवश ज्यादातर ट्रेडर पैसे बनाने में सफल नहीं होता शेयर बाज़ार में। लोग स्टॉपलॉस को न लगा कर उसे दिमाग में ही रखते है और जैसे ही विपरीत चाल शुरू होने लगता है, वे काटने में सफल नहीं हो पाते और इसी आशा में रहते है की जैसे ही उनके भाव तक आएगा तोह वह निकल जायेंगेऔर ज्यादातर समय लोग इससे लोस के तले दबे रहते है। इसी कारण से stock market analysis बहुत महत्तपूर्ण भूमिका निभाता है |

१०. ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स चुने जो बाज़ार के ट्रेंड के बिना ही चले

ज्यादातर शेयर्स, बाज़ार के चाल के अनुसार ही काम करते है तो ऐसे शेयर्स या इन्वेस्टमेंट क्लास चुने जिनका खुद का अपना चाल हो। इससे आप का किया गया विश्लेषण अच्छा काम करता है और यह बाज़ार के चल से प्रभाभित नहीं होता।

Option Trading- ऑप्शन ट्रेडिंग

ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) एक कॉन्ट्रैक्ट है जो किसी विक्रेता द्वारा लिखा जाता है जो खरीदार को अधिकार देता है लेकिन भविष्य में विशिष्ट प्राइस (स्ट्राइक प्राइस/एक्सरसाइज प्राइस) पर किसी विशेष एसेट को खरीदने (एक कॉल ऑप्शन के लिए) या बेचने (एक पुट ऑप्शन के लिए) का दायित्व नहीं देता। ऑप्शन की मंजूरी देने के बदले में विक्रेता, खरीदार से एक भुगतान (एक प्रीमियम के रूप में) संग्रहित करता है।

एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस की उपयोगिता
एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस, ऑप्शंस के एक महत्वपूर्ण वर्ग हैं जिनके मानकीकृत कॉन्ट्रैक्ट फीचर्स होते हैं और पब्लिक एक्सचेंजों पर ट्रेड करते हैं जिससे निवेशकों को सुविधा होती है। ये इंस्ट्रूमेंट क्लियरिंग कॉरपोरेशन द्वारा गारंटीड निपटान प्रदान करते हैं जिससे काउंटरपार्टी जोखिम में कमी आती है। ऑप्शंस का उपयोग हेज के लिए, मार्केट के भविष्य की दिशा का अनुमान लगाने के लिए, आर्बिट्रेज के लिए या कार्यनीतियों को कार्यान्वित करने के लिए जिससे ट्रेडरों के लिए आय सृजित करने में मदद मिलती है, किया जा सकता है।

इंडेक्स ऑप्शंस क्या होते हैं?
ये ऐसे ऑप्शंस होते हैं, जिनमें अंडरलाइंग के रूप में इंडेक्स होता है। भारत में, रेगुलेटरों ने निपटान की यूरोपीय शैली को अधिकृत किया है। ऐसे ऑप्शंस के उदाहरणों में निफ्टी ऑप्शंस, बैंक निफ्टी ऑप्शंस आदि शामिल हैं ।

क्या होते हैं स्टॉक ऑप्शंस?
ये इंडीविजुअल स्टॉक पर ऑप्शंस होते हैं। कॉन्ट्रैक्ट धारक को विशिष्ट कीमत पर अंडरलाइंग शेयरों को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है। रेगुलेटरों ने ऐसे ऑप्शंस के लिए निपटान की अमेरिकी शैली को भी अधिकृत किया है।

शेयर बाजार में चाहते हैं पैसा कमाना तो इन 5 पसंदीदा ट्रेडिंग रणनीतियों के बारे में आपको होगा जानना

शेयर बाजार में ट्रेडिंग की कई रणनीतियां हैं लेकिन यहां पर हम सबसे ज्यादा लोकप्रिय रणनीतियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं

ट्रेडर्स चाहें तो हर प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत को समझकर ट्रेडिंग में रणनीतियों के संयोजन का उपयोग भी कर सकते हैं

ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां (trading strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं।

यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

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इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं।

निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड, घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां शेयर्स को महीनों या सालों के लंबे समय तक रखा जाता है। ऐसे शेयरों में समय के साथ भाव में बड़ी बढ़त की अपेक्षा के साथ मुनाफा कमाने की उम्मीद की जाती है। निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कंपनी का टेक्निकल ग्राउंड देखकर इस शैली को अपनाते हैं।

इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति में आमतौर पर बाजार के रुझान और उतार-चढ़ाव जैसी अल्पकालिक जटिलताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग आमतौर पर एक ऐसी रणनीति है जहां निवेशक शेयरों के भाव में और तेजी की उम्मीद में एक दिन से अधिक समय तक शेयरों को अपने पास रखते हैं। स्विंग ट्रेडर्स आने वाले दिनों में बाजार की गतिविधियों और रुझानों की भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाते हैं।

इंट्राडे ट्रेडर्स और स्विंग ट्रेडर्स के बीच स्टॉक को अपने पास रखने की समय सीमा में महत्वपूर्ण अंतर होता है। इसलिए कहा जाता है कि ज्यादातर टेक्निकल ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडिंग की कैटेगरी में आते हैं।

टेक्निकल ट्रे़डिंग (Technical Trading)

टेक्निकल ट्रेडिंग में ऐसे निवेशक शामिल हैं जो शेयर बाजार में प्राइस चेंज की भविष्यवाणी करने के लिए अपने तकनीकी विश्लेषण ज्ञान का उपयोग करते हैं। इस ट्रेडिंग शैली में कोई विशेष समय-सीमा नहीं ट्रेडिंग शैली होती है क्योंकि यह एक दिन से लेकर महीनों तक के लिए भी हो सकती है।

बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकांश ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल्स का उपयोग करते हैं। हालांकि स्टॉक की कीमतों का निर्धारण करते समय सबसे महत्वपूर्ण टेक्निकल एनालिसिस बाजार की परिस्थिति होती है।

फंडामेंटल ट्रेडिंग (Fundamental Trading)

फंडामेंटल ट्रेडिंग का मतलब स्टॉक में निवेश करना होता है जहां ट्रेडर्स समय के साथ भाव में तेजी की उम्मीद के साथ कंपनी के स्टॉक को खरीदता है। इस तरह की ट्रेडिंग में 'बाय एंड होल्ड' रणनीति में विश्वास किया जाता है।

इस प्रकार की ट्रेडिंग आमतौर पर कंपनी के फोकस्ड इंवेंट्स में किया जाता है। इसके लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स, नतीजों, ग्रोध और मैनेजमेंट क्वालिटी का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जाता है।

मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ बहुत काम की होती हैं और निवेशक को उस ट्रेडिंग शैली पर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिसे वे अपनाना चाहते हैं। प्रत्येक प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत की गहन समझ के साथ ट्रेडर्स चाहें तो रणनीतियों के संयोजन का उपयोग करके भी शेयरों में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

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