शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके

शेयर कब खरीदें?

शेयर कब खरीदें?

शेयर कब खरीदना चाहिए | Pro Investment Tips in Stock Market [2022]

आज हम जानेंगे शेयर कब खरीदना चाहिए? और शेयर खरीदने का सही समय क्या है? जिससे आप कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सके. जरूरी नही कि आपके पास निवेश करने के लिए बहुत सारा पैसा हो, इसलिए किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले कंपनी के पिछले प्रदर्शन की समीक्षा करनी बेहद जरूरी है.

साथ कंपनी का बिज़नेस भविष्य में कैसा प्रदर्शन दिखाने की क्षमता रखता है उस पर भी सही एनालिसिस करना जरूरी है. और भी बहुत सारी बातें होती हैं जिन्हें ध्यान में रखकर आपको किसी भी स्टॉक में निवेश करना चाहिए तो चलिए विस्तार से जानते हैं–

शेयर खरीदने का सही समय

मार्केट की गिरावट में शेयर खरीदे – शेयर मार्केट में शेयर खरीदने का सही समय या मौका उस टाइम होता है जब किसी बड़े कारण से शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट का माहौल बनता दिखाई पड़ता है, जैसे रूस /यूक्रेन/वार की शुरुआत से ही निवेशकों में हलचल मची पड़ी है. या महामारी संकट जैसी किसी खबर के चलते मार्केट में कंपनियों के शेयर डाउन होते देखे जाते है.

ऐसे समय में बड़ी बड़ी कंपनीयों के स्टॉक रेट भारी गिरावट पर आ जाते है. लेकिन यह नही की आप बिना किसी रिसर्च करे या कंपनी के बिज़नेस को जाने बिना निवेश शुरू करदे, बल्कि ऐसे समय में एक मजबूत कंपनी के स्टॉक में निवेश आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है.

आप अगर लांग टर्म की लिहाज से निवेश करने का प्लान बना रहे है तो जिस वक्त शेयर मार्केट में सुधार होता दिखे तभी आप अपने बजट अनुसार निवेश अमाउंट को बढ़ाने के लिए देखे, इससे आपको अच्छा रिटर्न अपने पोर्टफोलियो में देखने को मिल सकता है.

वास्तविक वैल्यू में शेयर खरीदे – किसी भी शेयर को खरीदने का सही समय वह कम समय के लिए हो या लम्बे समय के लिए, वो कंपनी का वास्तविक दाम होता है, आपको कभी भी ऊपर जाते हुए शेयर या ज्यादा कीमत वाले शेयर मे निवेश नही करना चाहिए.

ज्यादातर समय कई कारण से हर छोटी या बड़ी कंपनी का शेयर प्राइस उसके वास्तविक वैल्यू में जरूर आता है जैसे आप Paytm Share को ही देख लीजिए Paytm एक बड़ी कंपनी होने के बावजूद आज पेटीएम शेयर काफी निचले स्तर पर ट्रेड कर रहा है.

शेयर कब खरीदना चाहिए

लगातार अच्छा प्रदर्शन दिखा रही कंपनी के स्टॉक में आपको निवेश करना चाहिए यदि आपको लगता है की कंपनी का बिजनेस भविष्य के हिसाब से अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है तो आपको एसी कंपनी के शेयर में कुछ हिस्सा निवेश करना चाहिए.

कंपनी के बिजनेस विस्तार के समय – शेयर बाजार में लिस्टेड ज्यादातर कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए ज्यादा इन्वेस्टमेंट करती है, उस वक्त कंपनी की फाइनेंसियल स्थिति बेहतर नही रहती है, जिसके कारण इन्वेस्टर ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश करना पसंद नही करते, परन्तु शेयर खरीदने का सही समय निवेशकों के लिए इससे अच्छा नही हो सकता, इसके लिए आपको बाजार में चल रही खबरों को ध्यान में रखकर ऐसे स्टॉक में निवेश के लिए सोचना चाहिए.

समय के हिसाब से कंपनी की बढ़ती ग्रोथ के अनुसार स्टॉक प्राइस में भी तेजी होती नजर आएगी, अगर आप ऐसे स्टॉक को अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं तो जाहिर है आपको ऐसे शेयर से जबरदस्त रिटर्न कमाई देखने को मिलेगी.

भविष्य में उत्पादन की मांग देखते हुए – यदि कंपनी भविष्य को ध्यान में रखकर किसी उत्पाद को बाजार में लाने पर काम कर रही है तो आपको ऐसे स्टॉक शेयर कब खरीदें? को भी अपने पोर्टफोलियो में रखना चाहिए पर उसके लिए आपको एनालिसिस करना होगा कि क्या भविष्य में उस उत्पाद की ज्यादा डिमांड होने की उम्मीद है.

ऐसे स्टॉक में आप कम समय के लिए निवेश न करके लंबे समय के निवेश का प्लान बनाएं, अगर कंपनी का उत्पाद भविष्य में बढ़ती डिमांड के साथ अच्छी ग्रोथ दिखाता है तो यकीनन आपको ऐसे स्टॉक से जबरदस्त कमाई की उम्मीद करनी चाहिए.

कौन से शेयर नही खरीदने चाहिए

यह तो आपने जान ही लिया शेयर कब खरीदना चाहिए पर आपको यह भी समझना जरूरी है कि कौन से शेयर नही खरीदने चाहिए, जिनकी वजह से आपको नुकसान उठाने के चांस हो.

ज्यादा तेजी दिखाते शेयर न खरीदे – अगर आप शेयर मार्केट से अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो कभी भी ज्यादा तेजी दिखाने वाले शेयर ना खरीदें क्योंकि ज्यादातर यह देखा गया है कि शेयर मार्केट में एक बड़ी कतार उसी प्रकार से ही गिरावट दिखानी शुरू कर देती है.

जो रिटेल निवेशक ज्यादा तेजी दिखाने वाले शेयर की खरीदारी करते है तो उनके शेयर भाव पर फंसने की संभावना काफी ज्यादा रहती है, ऐसे स्टॉक में छोटे निवेशक का निवेश करना जोखिम भरा होता है.

ज्यादा कम कीमत वाले शेयर न खरीदे – बहुत ज्यादा कम कीमत वाले शेयर या ऐसी कंपनी के शेयर न खरीदे जिनके बिजनेस का कोई अता पता न हो. ऐसे शेयर में निवेश करना भी बड़ा जोखिम से भरा होता है, अगर आपको कंपनी का बिजनेस भविष्य के लिहाज से सही लगता है तो आप अपने बजट का कुछ हिस्सा निवेश करने के लिए सोच सकते है.

Conclusion

शेयर मार्केट से पैसा कमाना बहुत आसान भी है और मुश्किल भी, अगर आप धैर्य और सही रणनीति के साथ किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश के लिए जाते हैं तो यकीनन आपको उस स्टॉक से फायदा होने की उम्मीद करनी चाहिए.

शेयर कब खरीदना चाहिए – खासकर यह राय रिटेल निवेशकों के लिए है कि वह शेयर मार्केट से अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा लंबे समय के लिहाज से निवेश का प्लान बनाएं. आपको कभी भी कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लालच में आकर ट्रेडिंग नही करनी चाहिए.

जितना आप दूसरों की गलतियों से सीखेंगे आपको उतना कम नुकसान होगा, बाकी आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की सोच के साथ शेयर मार्केट में अपना पोर्टफोलियो बनाते हैं. आशा है शेयर कब खरीदना चाहिए लेख से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा. शेयर मार्केट से जुड़ी ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे.

Station Guruji

Stock Market में P/E Ratio क्या है? शेयर खरीदने से पहले इसे जरूर जानें।

Stock Market में P/E Ratio क्या है?

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अच्छा शेयर कैसे चुनें? इसमें मैंने आपको बताया था कि अच्छे शेयर चुनने से पहले किन-किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।

यदि आपको स्टॉक मार्केट में सफल निवेशक बनना है तो आपको कई बातों पर ध्यान देना होगा। आप चाहे लंबी अवधि के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं या फिर Intraday Trading करते हैं।

हर परिस्थिति में अच्छी स्टॉक को चुनना आवश्यक है। आज मैं आपको एक ट्रिक बता रहा हूं जिसके द्वारा आप एक सेकंड में मालूम कर सकते हैं कि यह शेयर खरीदना चाहिए या नहीं।

दोस्तों एक अच्छा शेयर का चुनाव के जितने भी तरीके हैं हम सभी अपनाते हैं। शेयर को सेलेक्ट कर लेते हैं। जब उसे खरीदे लगते हैं तो मन में कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगती है। यह शेयर महंगा तो नहीं है। इसे लेने के बाद इसका दाम नीचे तो नहीं गिर जाएगा।

यदि आपके भी मन में भी यह आशंकाएं उत्पन्न हो रही है कि जो शेयर हम खरीदने जा रहे हैं वह सस्ता है या महंगा। यह कैसे पता करें। तो आपके लिए बड़ा ही अच्छा नॉलेज शेयर कर रहा हूं जिसका नाम है P/E Ratio.

P/E Ratio का मतलब क्या है?

P/E Ratio का अर्थ Price Earning Ratio है।

साधारण भाषा में इसका मतलब यह होता है कि हमें कितने रुपए लगाने पर कितने रुपए मिलेगा।

उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं। रिलायंस कंपनी के 1 शेयर का दाम अभी ₹ 2000 हैं। इस कंपनी ने पिछले 1 साल में ₹ 200 लाभ दिया है। यदि मुझे इसका P/E Ratio निकालना है तो 2000 ÷ 200 = 10 निकलेगा।

इस P/E Ratio का मतलब यह हुआ कि आपको ₹ 1 कमाने के लिए रिलायंस कंपनी में ₹10 लगाना पड़ेगा। या दूसरे भाषा में ₹ 2000 केेेेेेे निवेश पर शेयर कब खरीदें? हमें ₹ 200 प्राप्त होगा।

इस प्रकार P/E Ratio उसे कहते हैं जिसे प्रति शेयर बाजार मूल्य में उसके द्वारा दी गई आय के द्वारा भाग देने पर जो प्राप्त होता है वही P/E Ratio है।

शेयर खरीदने हेतु P/E Ratio क्या होने चाहिए

अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शेयर खरीदने वक्त हमें कितना P/E Ratio का शेयर खरीदना चाहिए और कितना P/E Ratio शेयर नहीं खरीदना चाहिए।

आमतौर पर वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि जिसका P/E Ratio 30 से ज्यादा है उसे हमें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यदि मुझे ₹30 लगाकर सालाना ₹1 प्राप्त हो यहां तक तो ठीक माना जा सकता है। पर उससे ज्यादा लगाकर यदि मुझे ₹1 प्राप्त हो तो यह कभी भी ठीक नहीं माना जा सकता।

वैसे जैसे जैसे कंपनी मुनाफा कमाता रहता है उसका P/E Ratio बढ़ता रहता है। इसलिए आप कंपनी के पिछले कुछ सालों का मुनाफा देख सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि P/E Ratio ज्यादा होने से उस शेयर में निवेश ना करें।

क्या केवल P/E Ratio द्वारा ही अच्छे शेयर का चुनाव सही है?

यदि आप सोच रहे हैं कि मुझे P/E Ratio निकालना आ गया और इसे देखकर मैं अच्छे से शेेेयर खरीद कर एक सफल निवेशक बन जाऊंगा तो यह आप गलत सोच रहे हैं। कई बार हम भ्रम में भी आ जाते हैंं। गलत P/E Ratio दौरा भी हम गलत शेयर खरीद कर नुकसान उठा लेते हैं।

कई ऐसे भी कंपनी होती हैं जिसकी P/E Ratio में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है। यानी किसी वर्ष यह बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और किसी बात बहुत कम हो जाता हैै।

उदाहरण रियल स्टेट कंपनी का लेते हैं। किसी वर्ष 50 घर भी नहीं बिकता तो किसी वर्ष 500 घर बिक जाता है। जिस वर्ष इस कंपनी का 500 घर बिका है उस वर्ष का P/E Ratio 20 मान लेते हैं। हम यह सोच कर शेयर खरीद लेते हैं कि P/E Ratio उसका कम है।

अगले वर्ष 50 घर भी नहीं बिका और वह हमें नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए आप केवल P/E Ratio पर निर्भर ना रहे।

P/E Ratio और क्या बताता है?

P/E Ratio द्वारा किसी कंपनी के शेयर सस्ते या महंगे का अनुमान लगा सकते हैंं। इसके अलावा आप यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि वर्तमान में शेयर बाजार महंगा है या सस्ता हैै।

मेरा कहने का अर्थ यह है कि कई बार नये निवेशक सोचते हैं कि जब बाजार सस्ता होगा तब निवेश की शुरुआत करूंगा। यह पता कैसे चलेगा कि मार्केट अभी सस्ता है या महंगा है। उसके लिए आप मार्केट का P/E Ratio देख सकते हैं।

भारतीय बाजार में मुख्य रूप से दो जगह शेयर की खरीद बिक्री की जाती है। एक सेंसेक्स और दूसरा है निफ्टी। सेंसेक्स 30 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है और निफ्टी भारत के 50 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है।

सेंसेक्स और निफ्टी यह बताती है कि अभी भारतीय बाजार का क्या हाल है। यदि आप नये निवेशक हैं या शेयर मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सेंसेक्स और निफ्टी का P/E Ratio जाकर जरूर देख लें। आपको पता लग जाएगा कि अभी भारतीय शेयर बाजार सस्ता है या महंगा है।

सस्ता है तो फिर आप निवेश की शुरुआत कर दीजिए और यदि महंगा है तो कुछ समय इंतजार कर सकते हैं। वैसे एकमुश्त निवेश में यह देखा जाता है। जब आप एसआईपी शुरू करने की सोच रहे हैं तो शेयर कब खरीदें? आप कभी भी शुरू कर सकते हैं।

P/E Ratio बदलता रहता है

P/E Ratio हमेशा बदलता रहता है। यह नहीं कि आपने एक बार जो P/E Ratio देख लिया वह हमेशा के लिए रहेगा। मान लीजिए किसी कंपनी का P/E Ratio अभी 25 है।

कुछ दिनों बाद कंपनी ने अच्छा मुनाफा कमाया और उसके शेयर का दाम बढ़ गया। क्योंकि सभी लोग उसके शेयर को खरीदने लगे। हम उस कंपनी का P/E Ratio बढ़ जाएगा।

इसलिए आप जिस वक्त शेयर खरीदते हैं उस वक्त उस शेयर का भी P/E Ratio देख ले।

जाते जाते एक बात आपको बता कर जा रहा हूं शेयर बाजार जितना ही लाभदायक है उतना ही नुकसानदायक। इसमें हम 1 दिन में लाखों कमा भी सकते हैं और लाखों गंवा भी सकते हैं।

आप तभी इसमें निवेश करने की सोचे जब आप लाखों कमाने और गंवाने के लिए तैयार हो। किसी के भी कहने पर कहीं भी निवेश ना करें। सोच समझ कर फैसला ले। आपके मेहनत की कमाई पर पहला अधिकार आपका ही है।

किसी के कहने पर किसी भी शेयर में निवेश ना करें। निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले। आप शेयर कब खरीदें? चाहे कितने बड़े खिलाड़ी हो लेकिन कर्ज लेकर कभी भी स्टॉक मार्केट में निवेश ना करें इससे आप ज्यादा कठिनाई में पड़ सकते हैं।

मल्टीबेगर शेयर के अलावा Penny Stocks जिसका मूल्य ₹10 से कम है आप चाहे तो उसमे निवेश कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन शेयर जो मार्केट में बिल्कुल नया है उसमें भी निवेश कर सकते हैं। लेकिन निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च जरूर कर ले।

Amazon Layoffs: बिल्‍कुल न खरीदें फ्रिज, कार से भी बनाएं दूरी, तीसरे सबसे अमीर आदमी की इस बात से लोग हैं हैरान

Jeff Bezos Layoffs Tips: पहले ट्विटर, फिर फेसबुक और इसके बाद अमेजन ने बड़े पैमाने पर अपने यहां से कर्मचारियों की छंटनी की है. बताया जा रहा है कि दुनिया में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट की वजह से कई और बड़ी कंपनियां अपने यहां से स्टाफ को निकाल सकती है.

Amazon Layoffs and Jeff Bezos Tips: पहले ट्विटर, फिर फेसबुक और इसके बाद अमेजन ने बड़े पैमाने पर अपने यहां से कर्मचारियों की छंटनी की है. बताया जा रहा है कि दुनिया में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट की वजह से शेयर कब खरीदें? कई और बड़ी कंपनियां अपने यहां से स्टाफ को निकाल सकती है. इस तरह के मामलों ने आम लोगों को आगे की योजना को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया है. हाल ही में दुनिया के शेयर कब खरीदें? तीसरे सबसे अमीर शख्स और अमेजन के मालिक जेफ बेजोस ने भी आने वाले खतरे को लेकर लोगों को आगाह किया है. उन्होंने आने वाले खराब समय से बचने के लिए कुछ उपाय भी बताए हैं.

जेफ बेजोस ने दी ये सलाह

बेजोस ने सलाह दी है कि पैसे को बचाकर रखें. अभी नकदी को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है. बात चाहे छुट्टियों की हो या किसी खास मौके की, अनावश्यक व गैर जरूरी खर्चों से अभी बचें.

भविष्य में आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने के खतरों को देखते हुए अमेरिकी परिवारों को फ्रिज, नई कार और दूसरी बड़ी चीजों को खरीदने से बचना चाहिए.

उन्होंने ये भी कहा कि इस समय अगर आप बड़ी स्क्रीन वाले टीवी को खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो उसे भी रोक दें.

उन्होंने कहा कि अभी जिसके पास जितने पैसे जम हैं, उसे संभालकर रखें. आने वाले समय में ये पैसा आपके बहुत काम आएगा.

उन्होंने छोटे व्यवसायियों को सलाह देते हुए कहा कि अभी नए प्रोडक्ट खरीदकर स्टॉक भरने से बचें.

हाल ही में अमेजन ने की है बड़ी छंटनी

बता दें कि अमेजन ने अभी हाल ही में कॉर्पोरेट और IT क्षेत्र में काम करने वाले अपने करीब 10,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट की मानें तो कंपनी अभी और भी कई बड़े कदम उठा सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Amazon.com इंक अपने ऐसे कई बिजनेस की समीक्षा कर रहा है, जहां से उसे कमाई नहीं हो रही है. इसमें डिवाइस यूनिट और वॉयस असिस्टेंट एलेक्सा जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं. हो सकता है कि भविष्य में कंपनी इन्हें बंद भी कर दे. दरअसल, कंपनी यहां काम करे वाले कई कर्मचारियों को दूसरे विकल्प तलाशने को कह चुकी है.

रबी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए - जानें, उर्वरक देने का तरीका

रबी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए - जानें, उर्वरक देने का तरीका

जानें, रबी फसलों में खाद व उर्वरक देने का तरीका और इसके लाभ

देश में खरीफ की फसल की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका हैं। किसान रबी सीजन की शेयर कब खरीदें? फसलों की बुवाई का काम शुरू कर चुके हैं व बहुत से क्षेत्रों में रबी फसलों की बुवाई का काम पूरा भी हो चुका हैं। रबी फसलों का अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसानों को शेयर कब खरीदें? खाद और उर्वरक के प्रयोग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। किसानों को इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि कौन सी फसल में कौन सी खाद का उपयोग करना है और कब करना हैं। विभिन्न फसलों के लिए अलग-अलग प्रकार की खाद का उपयोग होता हैं। इसलिए किसानों को फसल का अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए ध्यान रखने की जरुरत है की कब और किस फसल के लिए कौन सी खाद का उपयोग करें। गलत तरीके से खाद का उपयोग करने से कभी-कभी किसानों की फसल खराब हो जाती हैं व खर्च भी बढ़ जाता हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से आपको रबी सीजन की प्रमुख फसलों में खाद के प्रयोग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ साझा करेंगे।

रबी सीजन में बोई जाने वाली प्रमुख फसलें

रबी सीजन की फसल भारत में अक्टूबर और नवंबर माह के दौरान बोई जाती है और फसल की कटाई फरवरी और मार्च महीने में की जाती है। आलू, मसूर, गेहूं, जौ, तोरिया (लाही), मसूर, चना, मटर व सरसों रबी सीजन की प्रमुख फसलें हैं। वहीं बात करें रबी सीजन की प्रमुख सब्जी फसलों में टमाटर, बैगन, भिन्डी, आलू, तोरई, लौकी, करेला, सेम, बण्डा, फूलगोभी, पत्ता-गोभी, शकरकंद, गाठ-गोभी, मूली, गाजर, शलजम, मटर, चुकंदर, पालक, मेंथी, प्याज, आलू, आदि सब्जियां इस सीजन में उगाई जाती हैं।

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भारत में उपयोग की जाने वाली प्रमुख उर्वरक हमारे देश में प्रमुख रूप से 3 प्रकार की खाद का उपयोग फसलों के अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं। वो है डीएपी, एनपीके और यूरिया हैं।

1. डीएपी (DAP)

इस खाद का उपयोग हमारे देश में 1960 से शुरू हुआ। इसका पूरा नाम diammonium phosphate (DAP) है। डीएपी एक रासायनिक खाद है तथा अमोनिया आधारित खाद है। डीएपी खाद में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन, 46 प्रतिशत फास्फोरस रहता है। इसमें 18 प्रतिशत नाइट्रोजन में से 15.5 प्रतिशत अमोनियम नाइट्रेट होता है तथा 46 प्रतिशत फास्फोरस में से 39.5 प्रतिशत फास्फोरस होता है। फास्फोरस के उपयोग से पौधों की जड़ें मजबूत होती है इसलिए डीएपी खाद का उपयोग दो तरह के पौधों के लिए किया जाता है। जड़ आधारित पौधों तथा फूल आधारित पौधों के लिए। जैसे– आलू, गाजर, मूली, सकरकंद, प्याज आदि। इसके आलावा फूल या फल वाले पौधों के लिए फास्फोरस का उपयोग करते है।

2. एनपीके (NPK)

एनपीके खाद में 12 प्रतिशत नाइट्रोजन, 32 प्रतिशत फास्फोरस तथा 16 प्रतिशत पोटैशियम होता है। अगर जिंक कोटेड खाद है तो 0.5 प्रतिशत जिंक की मात्रा रहती है। इस खाद में 12 प्रतिशत नाइट्रोजन रहने के कारण पौधों के विकास के लिए उपयोग कर सकते हैं। एनपीके में 16 प्रतिशत पोटैशियम होने के कारण इस खाद को किसी भी पौधों के लिए उपयोग कर सकते हैं जो की फूल से फल देता है। इस खाद का उपयोग पौधा से फूल आने की अवस्था में करना उपयुक्त होता है। पोटैशियम की कमी से पौधों की नई पत्तियां पीली पढ़ने लग जाती है।

3. यूरिया

यूरिया खाद में केवल नाइट्रोजन होता है। नाइट्रोजन की कमी होने के कारण पौधे का विकास कम होता है तथा पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती है। यूरिया पौधे का विकास करने के साथ-साथ पत्तियों को हरा रखती है। जिससे पौधों को प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया करने में आसानी होती है। यूरिया सभी तरह की फसल तथा पौधों के लिए उपयोगी होती हैं। यूरिया का प्रयोग करते समय ध्यान देने की जरूरत है की यूरिया खाद के ज्यादा प्रयोग से पौधा की पत्तियां भी मुरझा सकती है।

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खाद और उर्वरक का प्रयोग कैसे करें

फसल में अधिक उपज व पौधे के अच्छे विकास के लिए खाद की सही मात्रा और सही समय पर प्रयोग करना आवश्यक होता हैं। खाद का सही तरीके से इस्तेमाल करके किसान अपनी फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उर्वरकों का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान है, लेकिन उर्वरक के उपयोग का पूरा लाभ तभी मिल सकता है जब मिट्टी की जाँच करने के बाद खेत के आधार पर संतुलित उर्वरक का प्रयोग किया जाए। नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के अधिक प्रयोग से पैदावार एवं मिट्टी के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। निर्धारित मात्रा से आधी मात्रा में खाद डालने से फसलों का उत्पादन काफी कम होता है। तय मात्रा से अधिक खाद डालने पर उत्पादकता में वृद्धि नहीं होती साथ-ही-साथ यह खेत की मिट्टी के लिए लाभकारी नहीं होता। जैविक खाद या कम्पोस्ट के साथ-साथ संतुलित उर्वरकों के प्रयोग करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे मिट्टी स्वास्थ्य बनी रहे एवं वर्षों तक फसल की अच्छी उपज भी प्राप्त की जा सके। आप खाद का इस्तेमाल निम्नलिखित तरीके से करके अपनी फसल का सही उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं

  • खाद का प्रयोग फसल के अनुसार करना चाहिए।
  • जिन क्षेत्रों में सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था हैं, वहां की खाद्य फसलें, तिलहनी-दलहनी फसलों में सही मात्रा में फास्फेट, पोटाश, जस्ता बुआई के समय बीज के साथ ही देना चाहिए।
  • दलहनी फसलों में नाइट्रोजन की पूरी मात्रा बुआई के समय फास्फोरस, पोटाश शेयर कब खरीदें? के साथ देना उपयुक्त होता हैं।
  • तिलहनी फसलों में नाइट्रोजन की आधी मात्रा, सलफर, पोटाश को बीज के साथ देना चाहिए बचे हुए नाईट्रोजन को फसल में फूल आने की अवस्था में देना अधिक लाभकारी होता है।
  • गन्ने में नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा बुआई के समय एक तिहाई बुआई के 21 दिनों बाद तथा बची हुई मात्रा बुआई के 35-40 दिनों बाद डालना उपयुक्त होता हैं।

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